प्रदेश में जिस तरीके से बिजली की मांग बढ़ रही है उससे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का पूर्वानुमान कमजोर पडऩे लगा है। अप्रैल के महीने में जब तापमान 42 डिग्री को पार कर रहा है तब बिजली की खपत भी बढ़ गई है। अप्रैल के महीने में बिजली की अधिकतम मांग 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। यह स्थिति तब है जब मई का महीना बाकी है और जेठ की गर्मी आने वाली है। प्रदेश में बिजली की मांग बढऩे का बड़ा कारण औद्योगीकरण के साथ-साथ रबी फसल में धान की बोआई प्रमुख है। छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में किसानों ने गर्मी में धान की फसल लगाई है। इसके लिए पानी की आपूर्ति के लिए किसान बिजली के पंप पर निर्भर हैं। इसका असर बिजली की मांग पर भी देखा जा रहा है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का अनुमान है कि वर्ष 2026-27 तक राज्य सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना 7661 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी। विद्युत प्राधिकरण का यह अनुमान आने वाले दो साल की मौजूदा मांग पर आधारित है। लेकिन इसी साल पीकऑवर में बिजली की खपत जब 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। तब अगले साल के लिए अभी से बिजली विभाग यह आकलन कर रहा है कि 2025-26 तक प्रदेश सरकार की जरूरत कितनी होगी और इसकी पूर्ति कैसे की जाएगी। जो अनुमान निकलकर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार प्रदेश सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 7500 मेगावॉट के आसपास बिजली की जरूरत होगी।अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में बिजली की खपत अप्रैल में अधिकतम 6800 मेगावॉट तक पहुंची है। इसकी वजह गर्मी में बढ़ोतरी और इस सीजन में लगने वाली धान की सिंचाई के लिए इलेक्ट्रिक पंप का चालू होना है। वितरण कंपनी ने आपूर्ति बनाए रखने के लिए कंपनियों से जो अनुबंध किया है उसके तहत बिजली मिल रही है और इसकी आपूर्ति प्रदेश में की जा रही है। वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ को अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए 3875 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता पड़ी थी जो पांच साल बाद 2021-22 तक बढक़र 5019 मेगावॉट हो गई। पांच वर्षों में बिजली की खपत में 1144 मेगावॉट की बढ़ोतरी पहुंच गई है जबकि 2021 से 2026 तक यानि पांच वर्षों के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ को 7661 मेगावॉट की जरूरत होगी। यानि 2022 से 2027 तक 2642 मेगावॉट की खपत बढ़ जाएगी।
रिकॉर्ड तोड़ हो रही बिजली की खपत, मांग 6800 मेगावॉट पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत थी 6300 मेगावॉट
प्रदेश में जिस तरीके से बिजली की मांग बढ़ रही है उससे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का पूर्वानुमान कमजोर पडऩे लगा है। अप्रैल के महीने में जब तापमान 42 डिग्री को पार कर रहा है तब बिजली की खपत भी बढ़ गई है। अप्रैल के महीने में बिजली की अधिकतम मांग 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। यह स्थिति तब है जब मई का महीना बाकी है और जेठ की गर्मी आने वाली है। प्रदेश में बिजली की मांग बढऩे का बड़ा कारण औद्योगीकरण के साथ-साथ रबी फसल में धान की बोआई प्रमुख है। छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में किसानों ने गर्मी में धान की फसल लगाई है। इसके लिए पानी की आपूर्ति के लिए किसान बिजली के पंप पर निर्भर हैं। इसका असर बिजली की मांग पर भी देखा जा रहा है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का अनुमान है कि वर्ष 2026-27 तक राज्य सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना 7661 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी। विद्युत प्राधिकरण का यह अनुमान आने वाले दो साल की मौजूदा मांग पर आधारित है। लेकिन इसी साल पीकऑवर में बिजली की खपत जब 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। तब अगले साल के लिए अभी से बिजली विभाग यह आकलन कर रहा है कि 2025-26 तक प्रदेश सरकार की जरूरत कितनी होगी और इसकी पूर्ति कैसे की जाएगी। जो अनुमान निकलकर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार प्रदेश सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 7500 मेगावॉट के आसपास बिजली की जरूरत होगी।अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में बिजली की खपत अप्रैल में अधिकतम 6800 मेगावॉट तक पहुंची है। इसकी वजह गर्मी में बढ़ोतरी और इस सीजन में लगने वाली धान की सिंचाई के लिए इलेक्ट्रिक पंप का चालू होना है। वितरण कंपनी ने आपूर्ति बनाए रखने के लिए कंपनियों से जो अनुबंध किया है उसके तहत बिजली मिल रही है और इसकी आपूर्ति प्रदेश में की जा रही है। वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ को अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए 3875 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता पड़ी थी जो पांच साल बाद 2021-22 तक बढक़र 5019 मेगावॉट हो गई। पांच वर्षों में बिजली की खपत में 1144 मेगावॉट की बढ़ोतरी पहुंच गई है जबकि 2021 से 2026 तक यानि पांच वर्षों के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ को 7661 मेगावॉट की जरूरत होगी। यानि 2022 से 2027 तक 2642 मेगावॉट की खपत बढ़ जाएगी।
चढ़ा पारा, इन्वर्टर एसी, लो पावर कूलर व स्मार्ट कूलिंग सिस्टम की बढ़ी मांग मरम्मत और इंस्टॉलेशन के ऑर्डर में वृद्धि
कोरबा@M4S:बढ़ते तापमान के साथ ही शहर में एसी और कूलर की मांग तेजी से बढ़ गई है। 44 डिग्री के पार पहुंचे तापमान ने लोगों को गर्मी से राहत पाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों और शोरूम का रुख करने पर मजबूर कर दिया है। दुकानदारों और मैकेनिकों के लिए यह सीजन कमाई का सुनहरा मौका बन गया है।
शहर के इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम संचालकों ने बताया कि पिछले सप्ताह की तुलना में एसी और कूलर की बिक्री में 25 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। शादी-विाह के सीजन के चलते भी इन्वर्टर एसी, लो पावर कूलर, और स्मार्ट कूलिंग सिस्टम जैसे उत्पादों की मांग अधिक है। दुकानदारों ने संभावित बढ़ी मांग को देखते हुए स्टॉक पहले ही तैयार कर लिया है। इलेक्ट्रिशियन और युवा तकनीशियन डिजिटल बुकिंग और यूपीआई पेमेंट जैसे आधुनिक साधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। कई युवा अपने कार्यक्षेत्र में नई टीम बनाकर काम कर रहे हैं। बढ़ी मांग के बीच सर्विसिंग चार्ज 300 से 600 रूपए तक है। इंस्टॉलेशन चार्ज 1000 रूपए तक ली जा रही है। शहर की दुकानों में प्रति दिन 5 से 10 एसी के आर्डर आ रहे हैं।
इनकी है डिमांड
एक टन और 1.5 टन के इन्वर्टर एसी
लो पावर कंजंप्शन वाले डेजर्ट कूलर
वॉल-माउंटेड स्मार्ट कूलिंग सिस्टम
साइलेंट ऑपरेशन वाले कूलर
कोसाबाड़ी मण्डल ने दी श्रद्धांजलि, किया आतंकवाद का पुतला दहन
कोरबा@M4S:जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना हरकत में कई निर्दोष पर्यटकों की मृत्यु हो गई, जबकि अनेक लोग घायल हो गए।हृदयविदारक घटना के विरोध में कोसाबाड़ी मण्डल के नेतृत्व में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, युवाजन एवं स्थानीय जन ने भारी संख्या में उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा के दौरान दीप प्रज्वलित कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई। लोगों की आंखों में आक्रोश और पीड़ा साफ दिखाई दे रही थी।
इस अवसर पर आतंकवाद के प्रतीक स्वरूप पुतले का दहन कर आतंकवाद और उसके समर्थकों के प्रति तीव्र विरोध प्रकट किया गया। उपस्थित लोगों ने भारत सरकार से मांग की कि दोषियों को शीघ्र चिन्हित कर सख्त से सख्त सजा दी जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कठोर कदम उठाए जाएं। कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कोसाबाड़ी मण्डल द्वारा इस प्रकार की घटनाओं के प्रति समाज को जागरूक करने का संकल्प भी लिया गया।
श्रद्धांजलि सभा न केवल एक संवेदनात्मक पहल थी, बल्कि यह संदेश भी था कि आतंक के खिलाफ देश एकजुट है, और हम सब मिलकर इस नासूर को जड़ से समाप्त करने के लिए कटिबद्ध हैं।
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शादियां 14 अप्रैल से मांगलिक-वैवाहिक कार्यों की हो चुकी है शुरुआत
कोरबा@M4S:30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। यह स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त है, इसमें खरीदारी से लेकर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकेगा। अबकी बार अक्षय तृतीया सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी है। पुराणों के मुताबिक इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस मुहूर्त में विवाह आदि सभी मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे ही किए जा सकते हैं।
खरमास समाप्त होने के बाद 14 अप्रैल से मांगलिक-वैवाहिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है।ज्योतिषियों की मानें तो इस विवाह सीजन में अब अप्रैल से जून तक विवाह के 15 से अधिक मुहूर्त हैं। वहीं कुछ लोग तेज गर्मी के चलते मई-जून में विवाह करने से बचते हैं और जुलाई में शादी करना पसंद करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा, क्योंकि देव शयन से लगभग एक माह पूर्व से ही विवाह मुहूर्तों पर रोक लग जाएगी। इस वजह से इस बार विवाह मुहूर्त भी कम हैं। वहीं इस बार विवाह मुहूर्त पर चार की जगह पांच माह रोक रहेगी। जुलाई में विवाह नहीं होने से जून के बाद सीधे नवंबर में ही विवाह शुरू होंगे।
शादी-विवाह जैसे मांगलिक कायक्रमों के लिए ग्रह-नक्षत्र और सितारों की स्थिति का बेहद ध्यान से अध्ययन किया जाता है। मांगलिक कार्यक्रमों में शुक्र और गुरु की स्थिति को देखकर ही मुहूर्त निश्चित किए जाते हैं, क्योंकि 12 राशियों के आधार पर अलग-अलग माह में विवाह के शुभमुहूर्त माने जाते हैं। अगर शुक्र और गुरु दोनों ही तारे अस्त होते हैं तो शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए मुहूर्त नहीं निकाला जाता। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि गुरु तारा अस्त होने के चलते इस बार आषाढ़ माह में शादियों के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। गुरु तारा 12 जून आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा गुरुवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो 6 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार यानी देवशयनी एकादशी के दिन ही पूर्व दिशा में उदय होगा। हर बार देखा जाता था कि भड़ली नवमी पर विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त रहता था, जो इस बार नहीं है, लेकिन परंपरा अनुसार भड़ली नवमीं पर भी शादियां होंगी। क्योंकि भड़ली नवमी, अक्षय तृतीया यह ऐसे मुहूर्त माने गए हैं, जिनके लिए किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं मानी जाती है। 8 जून को विवाह का आखिरी शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद देवउठनी एकादशी से शहनाइयां गूंजेंगी।
बाजार में जमकर रौनक
खरमास के समापन के बाद 14 अप्रैल से फिर शादियों का सीजन शुरू हो गया है। अप्रैल में ही विवाह के लिए 8 शुभ मुहूर्त में से 3 शेष हैं। अप्रैल से जून तक बड़ी संख्या में शादियां होगी। शादियों के सीजन से बाजार भी गुलजार हो गया है।सीजन में 500 करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान है।
शादियों के मुहूर्त
अप्रैल – 25, 29, 30
मई – 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून -2, 4, 5, 7, 8
नवंबर -2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30
दिसंबर -4, 5, 6
पुलिस की पहल सर्वमंगला के समीप प्याऊ का शुभारंभ
कोरबा@M4S:अप्रैल का महीना और दोपहर का समय आसमान से मानो आग की बारिश हो रही है। धरती तप रही है। सूनी सडक़ पर चल रहे राहगीरों का गला सूखा है।ऐसे में उसको ठंडा पानी मिल जाए तो यह उसके लिए अमृत से कम नहीं है।पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर ऊर्जानगरी में सामुदायिक पुलिसिंग का असर दिखने लगा है। कप्तान के निर्देश के बाद जिले के सभी थाना चौकियों में प्याऊ खोला जा रहा है। जिससे राहगीरों को तपती गर्मी से राहत मिल सके। इस कड़ी में बुधवार को सर्वमंगला के समीप प्याऊ का शुभारंभ कर दर्री सीएसपी विमल पाठक ने राहगीरों को पानी पिलाया और छायादार पौधे का वितरण किया।
सांसद ज्योत्सना महंत के नेतृत्व में जनता को देंगे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं:किरण चौरसिया

जनसंपर्क में उत्कृष्ट योगदान के लिए हस्तियों को मिला पीआरएसआई पुरस्कार
कोरबा@M4S: पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई), रायपुर चैप्टर द्वारा राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बालको के जनसंपर्क अधिकारी विजय वाजपेयी को रामशंकर अग्निहोत्री स्मृति जनसंपर्क पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जनसंपर्क और मीडिया क्षेत्र से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रशस्ति-पत्र और सम्मान प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर जनसंपर्क दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए पुरस्कृत पीआर पेशेवरों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको), कोरबा की पीआर हेड सुची मिश्रा ने कहा कि हमें आधुनिक तकनीकियों का उपयोग करते हुए सत्य और वस्तुनिष्ठ जानकारी जनता तक पहुँचानी चाहिए। पीआर में सच्चाई और वास्तविकता बहुत आवश्यक हैं। जब हम तथ्यों पर आधारित कार्य करते हैं तो कठिनाइयाँ स्वतः दूर हो जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के दौर में तकनीक की गहरी समझ और नवीनतम ट्रेंड्स से अपडेट रहना हर जनसंपर्क अधिकारी के लिए जरूरी है। सूचना में सत्यता और रिपोर्टिंग यथासंभव तथ्यात्मक होनी चाहिए।
पीआरएसआई रायपुर के चेयरमेन डॉ. शाहिद अली ने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क सोसाइटी के विभिन्न आयोजनों और पुरस्कृत व्यक्तियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। समारोह में पीआरएसआई रायपुर के सचिव डॉ. कुमार सिंह तोप्पा, कोषाध्यक्ष डॉ. दानेश्वरी संभाकर, अडानी ग्रुप के वाईस प्रेसिडेंट डॉ. प्रतीक पाण्डे, उप संचालक जनसंपर्क श्री नसीम अहमद खान एवं सौरभ शर्मा तथा डॉ. कीर्ति सिसोदिया संपादक, मुकेश एस सिंह वरिष्ठ पत्रकार, श्री सत्येश भट्ट जनसंपर्क अधिकारी सहित बड़ी संख्या में जनसंपर्क, पत्रकारिता एवं साहित्य जगत से जुड़ी हस्तियां मौजूद थे।
6 एयरबैग के साथ आने वाली सस्ती कारें, कीमत 6 लाख रुपये से कम
5. Hyundai Grand i10 Nios
Hyundai Grand i10 Nios | |
---|---|
वेरिएंट | कीमत (रुपये, लाख में) |
Era | 5.98 |
Magna | 6.84 |
Corporate | 7.09 |
Sportz* | 7.42 |
Magna AMT | 7.49 |
Sportz(O) | 7.72 |
Corporate AMT | 7.74 |
Magna Dual CNG | 7.84 |
Sportz AMT | 7.99 |
Asta | 8.06 |
Sportz(O) AMT | 8.29 |
Sportz CNG | 8.30 |
Sportz Dual CNG | 8.38 |
Asta AMT | 8.62 |
4. Maruti Suzuki Wagon R
मारुति सुजुकी अपने सभी मॉडलों को धीरे-धीरे 6 एयरबैग के साथ अपडेट कर रही है। हाल ही में कंपनी ने टॉल-बॉय हैच Maruti Suzuki Wagon R को 6 एयरबैग से लैस किया है। इसे 1.0-लीटर और 1.2-लीटर इंजन के साथ पेश किया जाता है। इसमें मैनुअल और AMT गियरबॉक्स का ऑप्शन मिलता है। मारुति के बाकी मॉडलों की तरह ही इसे भी CNG वर्जन में पेश किया जाता है। Maruti Suzuki Wagon R को भारत में 5.79 लाख रुपये से 7.62 लाख रुपये की कीमत में बेचा जाता है।
Maruti Suzuki Wagon R | |
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वेरिएंट | कीमत (रुपये, लाख में) |
LXI | 5.79 |
VXI | 6.24 |
ZXI | 6.52 |
LXI CNG | 6.69 |
VXI AMT | 6.74 |
ZXI+* | 7.00 |
ZXI AMT | 7.02 |
VXI CNG | 7.14 |
ZXI+ AMT* | 7.50 |
3. Maruti Suzuki Celerio
Maruti Suzuki Celerio | |
---|---|
वेरिएंट | कीमत (रुपये, लाख में) |
LXI | 5.64 |
VXI | 6.00 |
ZXI | 6.39 |
VXI AMT | 6.50 |
ZXI+ | 6.87 |
ZXI AMT | 6.89 |
VXI CNG | 6.90 |
ZXI+ AMT | 7.37 |
2. Maruti Suzuki Eeco
इसे भी हाल ही में 6 एयरबैग के साथ अपडेट किया गया है। यह कार अब 6-सीट फॉर्म में भी उपलब्ध है। इसमें 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जो अब E20 ईंधन-अनुरूप है। इसे CNG पावरट्रेन के साथ भी ऑफर किया जाता है। Maruti Suzuki Eeco को भारत में 5.69 लाख रुपये से लेकर 6.95 लाख रुपये तक की एक्स-शोरूम कीमत में आती है।
Maruti Suzuki Eeco | |
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वेरिएंट | कीमत (रुपये, लाख में) |
5-seater STD | 5.69 |
6-seater STD | 5.98 |
5-seater AC | 6.05 |
5-seater AC CNG | 6.95 |
1. Maruti Suzuki Alto K10
Maruti Suzuki Alto K10 | |
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वेरिएंट | कीमत (रुपये, लाख में) |
STD | 4.23 |
LXI | 5.00 |
VXI | 5.31 |
VXI+ | 5.60 |
VXI AMT | 5.81 |
LXI CNG | 5.90 |
VXI+ AMT | 6.10 |
VXI CNG | 6.21 |