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एशिया कप टी-20: श्रीलंका पर धमाकेदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचा भारत

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मीरपुर(एजेंसी):पहले गेंदबाजों ने कमाल दिखाया तो बाद में विराट कोहली और युवराज सिंह ने विपरीत अंदाज में खूबसूरत पारियां खेलीं। इससे भारत ने मंगलवार को श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर लगातार तीसरी जीत दर्ज करके एशिया कप टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की।

गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन : श्रीलंका टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। युवा हार्दिक पांड्या (दो विकेट) और जसप्रीत बुमराह (दो विकेट) ने उसका शीर्ष क्रम झकझोर दिया। चमारा कापुगेदारा ने सर्वाधिक 30 रन बनाए लेकिन यदि श्रीलंका नौ विकेट पर 138 रन तक पहुंच पाया तो उसका श्रेय निचले क्रम के बल्लेबाजों मिलिंडा श्रीवर्धना (22 रन), तिसारा परेरा (17 रन) और नुवान कुलशेखरा (13 रन) को जाता है।

भारत की खराब शुरुआत : भारत का स्कोर भी एक समय दो विकेट पर 16 रन था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के नायक कोहली (47 गेंद पर नाबाद 56 रन) ने अपनी सूझबूझ भरी बल्लेबाजी का फिर से अच्छा नजारा पेश किया। युवराज (18 गेंदों पर 35 रन) ने भी सिक्सर किंग की अपनी पुरानी छवि की जीवंत झलक दिखाई। भारत ने आखिर में 19.2 ओवर में पांच विकेट पर 142 रन बनाकर शान से फाइनल में कदम रखा।

आठवीं जीत :भारत की यह इस साल नौ टी-20 मैचों में आठवीं जीत है। दूसरी तरफ श्रीलंका को तीन मैच में दूसरी हार का सामना करना पड़ा जिससे उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना धूमिल पड़ गई है।

भारत की भी शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने शिखर धवन का विकेट जल्दी गंवा दिया। उन्होंने कुलशेखरा की गेंद पर पुश करने के प्रयास में विकेटकीपर को कैच दिया। रोहित शर्मा भी अगले ओवर में पवेलियन लौट गए। कापुगेदारा ने दूसरी स्लिप में उनका कैच लिया।

कोहली-रैना ने संभाला : कोहली और सुरेश रैना (25) ने हालांकि किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और सहजता से पारी आगे बढ़ाई। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 7.5 ओवर में 54 रन की साझेदारी की। रैना ने दासुन शनाका की गेंद हवा में लहराकर मिड ऑफ पर कैच थमाया जिससे यह साझेदारी टूटी।

श्रीलंका को हालांकि इससे राहत नहीं मिली। युवराज ने आते ही गेंदबाजों को निशाना बनाया। उन्होंने शनाका पर चौका जड़कर खाता खोला और फिर हेराथ के अगले ओवर में लांग ऑन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जमाए। उन्होंने परेरा की गेंद भी कवर प्वाइंट की उपर से छह रन के लिए भेजी।

अहम अर्धशतकीय साझेदारी :कोहली और युवराज ने भी अर्धशतकीय साझेदारी (51 रन) निभाई। युवराज ने परेरा की गेंद पर हुक करके मिड ऑन पर कैच दिया। पांड्या को हेराथ ने बोल्ड किया लेकिन भारत लक्ष्य के करीब पहुंच गया था।

भारत को जब आखिरी दो ओवर में 14 रन चाहिए थे तब एंजेलो मैथ्यूज को श्रीवर्धना को गेंद थमाने का फैसला अजीबोगरीब रहा। धौनी ने उनकी गेंद पर छक्का जमाया जबकि कोहली ने अपनी पारी का छठा चौका लगाकर टी-20 में अपना 13वां अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने हेराथ के अगले ओवर में विजयी चौका भी जड़ा।

शेर ए बांग्ला स्टेडियम की पिच पर घास थी और महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायी। श्रीलंका के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को फिर से परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हुई और उसने स्पिन आक्रमण शुरू होने से पहले अपने चार विकेट 31 रन पर गंवा दिये थे।

आशीष नेहरा फिर से शुरू में भारत को सफलता दिलाने में सफल रहे। बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज की अपने दूसरे ओवर में की गयी गुडलेंथ गेंद दिनेश चांदीमल (चार) के बल्ले को चूमती हुई धोनी के दस्तानों में समा गयी। बुमराह ने अगले ओवर में नये बल्लेबाज शेहान जयसूर्या (तीन) को खूबसूरत गेंद पर विकेट के पीछे कैच कराया।

कापुगेदारा भाग्यशाली रहे क्योंकि नेहरा की उनके खिलाफ की गयी पगबाधा की विश्वसनीय अपील अंपायर ने ठुकरा दी थी जबकि रीप्ले से लग रहा था कि वह आउट थे।

तिलकरत्ने दिलशान (18) पावरप्ले समाप्त होने के तुरंत बाद पहले बदलाव के रूप में आये पांड्या की पहली गेंद पर ही पवेलियन लौट गये। पांडया ने बाउंसर किया जिसे दिलशान ने पुल कर दिया लेकिन वह सीधे फाइन लेग पर खड़े अश्विन के पास चला गया।

पांड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच की अपनी आखिर दो गेंद पर विकेट लिये थे। इस तरह से वह तीन गेंदों पर तीन विकेट लेने में सफल रहे लेकिन इसे हैट्रिक नहीं माना जाएगा क्योंकि उन्होंने दो मैचों में तीन विकेट लिये। पांडया ने इसके बाद भी अपनी अच्छी गेंदबाजी जारी रखी और दिलशान के बाद कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (19 गेंद पर 18 रन) का कीमती विकेट हासिल किया जिन्होंने गेंद अपने ही विकेट पर खेल दी थी।

जब भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से हावी थे तब श्रीवर्धना ने रविंद्र जडेजा पर गेंदबाज के सिर के उपर से लंबा छक्का और फिर फाइन लेग पर चौका जड़कर दबाव कम करने की कोशिश की। अश्विन ने श्रीवर्धना के तेवरों पर विराम लगाया और इस तरह से कापुगेदारा के साथ उनकी 43 रन की साझेदारी का अंत भी किया।

बुमराह ने इसके तुरंत बाद कापुगेदारा को पवेलियन भेजा जिन्होंने 32 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके लगाये। पांडया ने कवर पर उनका खूबसूरत कैच लपका। तिसारा परेरा ने बुमराह पर दो चौके और अश्विन पर छक्का जड़ा लेकिन धोनी ने वाइड गेंद पर उन्हें स्टंप आउट कर दिया। नुवान कुलशेखरा ने नेहरा के आखिरी ओवर में दो चौके लगाये।

RS विपक्ष का हंगामा, विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सभापति करेंगे फैसला

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नई दिल्ली(एजेंसी):केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मानव संसाधन राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया राज्य सभा में विपक्ष के निशाने पर हैं। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी है। विपक्षी सदस्य कठेरिया को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले राज्यसभा में मंगलवार को अन्नाद्रमुक सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण राज्यसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक शारू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्यों ने चिदंबरम के पुत्र का मुद्दा उठाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। इन सदस्यों ने पर्चे और एक अंग्रेजी अखबार की प्रतियां भी लहराई। उप सभापति पी जे कुरियन ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से सदन में पर्चे और अखबार न दिखाने और अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती और जदयू नेता के सी त्यागी ने कुछ कहना चाहा लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनाई नहीं दी। कुरियन ने कहा कि सदस्य इस बारे में अपनी मांग सरकार के समक्ष रखें। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने को कहा। हंगामा थमते न देख कुरियन ने 11 बज कर दस मिनट पर बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद बैठक जब 11 बज कर बीस मिनट पर दोबारा शुरू हुई, तो अन्नाद्रमुक सदस्य चिदंबरम के पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए फिर आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी करने लगे। कुरियन ने शून्यकाल के तहत सदस्यों से अपने अपने मुद्दे उठाने को कहा। कुछ सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे भी उठाए। इसी दौरान अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समक्ष धरने पर बैठ गए। कुरियन ने उनसे कहा कि इस मुद्दे पर आसन कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सदस्य अपनी मांग सरकार के सामने रखें। उप सभापति कुरियन ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक सदस्यों से कहा आप मेरे लिए परेशानी नहीं खड़ी करें। मैं सरकार नहीं हूं। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने को कहा। अपनी बात का असर नहीं होते देख उन्होंने करीब साढ़े ग्यारह बजे बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नहीं थमा हंगामा दोपहर बारह बजे प्रश्नकाल शुरू होने पर भी अन्नाद्रमुक सदस्यों का हंगामा नहीं थमा और बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी। बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समक्ष आकर चिदंबरम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे वहीं कांग्रेस के कुछ सदस्य विशेषाधिकार हनन संबंधी अपने नोटिस का मुद्दा उठाने लगे। सदन में शोरगुल जारी रहने के बीच ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने दो पूरक सवालों के जवाब दिए। सभापति हामिद अंसारी ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने और समाचार पत्र की प्रति नहीं लहराने की अपील की। सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति अंसारी ने 12 बजकर 17 मिनट पर पहले 15 मिनट के लिए और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

EPF से मिलने वाले ब्याज के 60% पर ही लगेगा टैक्स, ऐसे बचाएं

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नई दिल्ली(एजेंसी):वित्त मंत्री अरुण जेटली की बजट 2016 घोषणाओं में भविष्य निधि निकासी पर टैक्स की बात सबसे ज्यादा चर्चा में आ गई है। तमाम विरोधों और विवाद के बाद राजस्व सचिव को खुद स्पष्टीकरण देना पड़ा। उन्होंने घोषणा की कि पीपीएफ निकासी पर किसी तरह का कर नहीं लगेगा। पर ईपीएफ से अगर आप पैसे निकालते हैं तो टैक्स लगेगा लेकिन वो भी मूलधन पर मिलने वाले ब्याज की राशि के 60% पर।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि ईपीएफ निकासी के समय उसके 60 प्रतिशत हिस्से को कर के दायरे में लाने के प्रस्ताव से केवल 20 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी ही कर के दबाव में आएंगे जो उच्च वेतन पाते हैं। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 के बाद भविष्य निधि में किए गए योगदान पर जो ब्याज जमा होगा, उस पर ही कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

अधिया ने कहा मूल राशि पर कर नहीं लगेगा और इसकी निकासी पर कर छूट बकरार रहेगी। हमने यह कहा है कि एक अप्रैल के बाद योजना पर जो ब्याज अर्जित होगा उसके 40 प्रतिशत पर कर नहीं लगेगा, शेष 60 प्रतिशत पर ही कर लगेगा। यदि इस 60 प्रतिशत का निवेश भी पेंशन एन्विटी योजनाओं में कर दिया गया तो इस पर कर छूट होगी। सचिव ने कहा, यह कोई राजस्व संग्रह का उपाय नहीं है।

अधिया ने कहा, कि पीपीएफ के किसी हिस्से पर कर नहीं लगाया गया है और 1.5 लाख रुपए तक की मौजूदा निवेश योजना पर कर छूट बरकरार रहेगी। पीपीएफ की निकासी कर दायरे से बाहर होगी।

क्या सिर्फ 70 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
अधिया के अनुसार ईपीएफ में पैसा जमा करने वाले कुल 3.7 करोड़ कर्मचारियों में से सिर्फ 70 लाख ही कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी हैं जिन पर इस नए टैक्स की मार पड़ेगी। सरकार के मुताबिक ये उच्च सैलरी पर काम करते हैं। उनके मुताबिक 3 करोड़ ऐसे कर्मचारी हैं जिनका वेतन 15000 हजार प्रतिमाह या उससे भी कम है।

बचा भी सकते हैं इस टैक्स को
अधिया ने बताया कि जबभी कोई कर्मचारी ईपीएफ खाते से अपने पैसे निकालेगा तो अगर वह अपने टैक्स योग्य राशि को दोबारा किसी वार्षिकी पेंशन स्कीम में निवेश कर देते हैं तो वह कर को बचा सकते हैं। इसके पीछे सरकार तर्क दे रही है कि वह इस माध्यम से पेंशन स्कीम या योजनाओं को बढ़ावा देना चाहती है।

फॉरेंसिक अकाउंटिंग: आर्थिक अपराधों की जड़ें तलाशने का पेशा

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देश में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सत्यम (अब महिंद्रा सत्यम) में हुए बड़े वित्तीय घोटाले का मामला हो या फिर आए दिन सामने आने वाले आर्थिक साइबर अपराधों, मनी लॉन्डरिंग, बीमा, बैंकिंग और निवेश से संबंधित घोटालों आदि के खुलासे की बात, इनकी प्रभावी जांच के लिए फॉरेंसिक अकाउंटिंग की जरूरत होती है। बढ़ते आर्थिक अपराधों के इस दौर में फॉरेंसिक अकाउंटिंग के पेशेवरों का महत्व और उनकी मांग काफी बढ़ गई है। इस कारण इसे भविष्य के लिहाज से रोजगार का एक बेहतरीन विकल्प माना जा सकता है।

क्या है फॉरेंसिक अकाउंटिंग
यह अकाउंटिंग की ही एक शाखा है, जिसमें कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए अकाउंटिंग के सिद्धांतों के साथ ऑडिटिंग और जांच-पड़ताल के हुनर का इस्तेमाल किया जाता है। यह काम करने वाले पेशेवरों को फॉरेंसिक अकाउंटेंट कहा जाता है। वह अनुभवी ऑडिटर होते हैं और वित्तीय घपलों का पता लगाने के लिए किसी व्यावसायिक संस्थान (कंपनी, फर्म) के खातों (अकाउंट्स) पर निगरानी रखने का कार्य करते हैं। फॉरेंसिक अकाउंटिंग के लिए सबसे जरूरी होती है अकाउंटिंग की अच्छी जानकारी। इसके बाद ऑडिटिंग, रिस्क असेसमेंट और फ्रॉड डिटेक्शन (घपलों को पहचानना) आदि की व्यावहारिक समझ को इस पेशे में आवश्यक माना जाता है।

इस पेशे से जुड़े लोगों को अपने अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और खोजबीन के हुनर से आर्थिक घोटालों से संबंधित साक्ष्यों का विश्लेषण करके उनका अर्थ निकालना होता है। किसी मामले की अदालती कार्यवाही में वह बतौर विशेषज्ञ गवाह के रूप में भी योगदान दे सकते हैं। किसी कानूनी विवाद में लिप्त लोगों या फर्मों के मामले में फॉरेंसिक अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका संबंधित वित्तीय रिकार्डों (दस्तावेज) की जांच और उनका विश्लेषण करना होता है। इस कार्य के दौरान वह उन सबूतों को भी जुटाते हैं, जो जांच एजेंसियों को कानूनी प्रक्रिया में मदद देते हैं। अपने पेशेवर जीवन में फॉरेंसिक अकाउंटेंट को अकाउंटेंट, डिटेक्टिव और लीगल एक्सपर्ट जैसी कई भूमिकाएं निभानी होती हैं। वह संदिग्ध लगने वाले वित्तीय दस्तावेजों की तलाश में रहते हैं, ताकि वह उन अपराधों का पर्दाफाश कर सकें, जिसमें कोई एक व्यक्ति या छोटे-बड़े व्यापारिक समूह संलिप्त हैं।

प्रमुख कार्य
– वित्तीय साक्ष्यों की जांच और उनका विश्लेषण करना।
– साक्ष्यों (वित्तीय) की प्रस्तुति और उनके विश्लेषण में मदद के लिए कंप्यूटर आधारित एप्लिकेशन तैयार करना।
– जांच में मिलने वाले तथ्यों को रिपोर्ट और दस्तावेजों के संग्रह के रूप में प्रस्तुत करना।
– अदालत की कार्यवाही में मदद करना यानी न्यायालय में विशेषज्ञ के रूप में गवाही देना और सबूतों को मजबूत करने के लिए दृश्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराना।

जरूरी हैं फॉरेंसिक अकाउंटेंट
आमतौर पर सभी बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में फॉरेंसिक अकाउंटेंट की जरूरत होती है। इन फर्मों में उनका कार्य कंपनियों के बीच होने वाले गठजोड़ों और अधिग्रहण समझौतों की जांच करना, विशेष ऑडिट करना, आर्थिक अपराधों तथा टैक्स की गड़बड़ी से संबंधित मामलों की जांच करना होता है। तलाक, व्यापार और दुर्घटनाओं से संबंधित क्लेम के मामलों की जांच में भी फॉरेंसिक अकाउंटेंट की जरूरत होती है। वह अपनी इच्छा के अनुसार नौकरी के लिए सरकारी या निजी क्षेत्र की कंपनियों का रुख कर सकते हैं।

प्रमुख रोजगारदाता क्षेत्र
– पब्लिक अकाउंटिंग फर्म
– प्राइवेट कॉर्पोरेशंस
– बैंक
– पुलिस एजेंसियां
– सरकारी एजेंसियां
– इंश्योरेंस कंपनियां
– लॉ फर्म

जरूरी गुण
– गहन विश्लेषणात्मक कौशल
– जांच-पड़ताल का हुनर
– तथ्यों को बारीकी से जानने की इच्छा
– किसी दबाव में न आते हुए काम को पूरा करने की दृढ़ता
– अपने काम के प्रति पूर्ण निष्ठा
– जिज्ञासा
– रचनात्मक सोच

उपलब्ध पाठ्यक्रम
– पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक अकाउंटिंग
– सर्टिफिकेट कोर्स इन फॉरेंसिक अकाउंटिंग प्रोफेशनल
– सर्टिफाइड एंटी-मनी लॉन्डरिंग एक्सपर्ट
– सर्टिफाइड बैंक फॉरेंसिक अकाउंटिंग
– सर्टिफाइड विजिलेंस एंड इंवेस्टिगेशन एक्सपर्ट

योग्यता
– किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री प्राप्त हो
– दो से चार साल का पेशेवर अनुभव हो
– इंडिया फॉरेंसिक द्वारा आयोजित सीएफएपी परीक्षा न्यूनतम 75 फीसदी अंकों के साथ पास हो (सीपीए एक प्रोफेशनल डिग्री है, जो भारत में सीए की तरह है, इसे अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स जारी करता है।)

संबंधित संस्थान
– द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली
– द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा
– इंडिया फॉरेंसिक, पुणे

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