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खेती का ख्याल…

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नई दिल्ली(एजेंसी):वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह तीसरा बजट है और यह पिछले दोनों बजट से अलग है। पिछले दोनों बजट से यह शिकायत सभी को रही कि वे अत्यंत सुरक्षित अंदाज में बनाए गए थे, जिनमें कोई बड़ा विचार या दिशा नहीं दिखी थी। इस बजट से यह शिकायत नहीं होती।

इसकी प्राथमिकताएं बहुत साफ हैं। इसमें सबसे ज्यादा तरजीह ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को दी गई है। इसके बाद बुनियादी ढांचे को महत्व दिया गया है, साथ ही वित्तीय प्रशासन और प्रबंधन के उपाय हैं। ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को तरजीह देना जरूरी भी था, बल्कि यह काम काफी देर से किया गया है। पिछले दो साल से खराब मानसून की वजह से लगभग आधे देश में सूखे जैसी स्थिति है। खेती की विकास दर ठहर-सी गई है। अब भी खेती पर लगभग 60 प्रतिशत जनता पूरी तरह या आंशिक रूप से निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसी बदहाली का असर पूरे देश पर पड़ा है। बाकी वक्त से भारत के उद्योगों को सबसे बड़ा सहारा ग्रामीण उपभोग में लगातार बढ़ोतरी का था। खेती की बदहाली से गांवों में मांग घटी है, जिसका सीधा असर कई उद्योगों पर पड़ा है।

इस साल मानसून के बेहतर रहने की काफी संभावना है। ऐसा हुआ, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी तेजी से विकास कर सकती है। आंकड़े यह बताते हैं कि गरीबी को कम करने और लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाने में सबसे ज्यादा प्रभावशाली खेती की विकास दर का बढ़ना है। अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में सन 2022 तक खेती पर निर्भर परिवारों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य सचमुच हासिल किया जा सका, तो शायद ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी नाममात्र को ही रह जाएगी। लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए खेती में सुधार जारी रखने होंगे। मनरेगा को इस बजट में महत्व मिला है, यह उल्लेखनीय है।

राजग सरकार के बड़े नेता मनरेगा के मुखर आलोचक रहे हैं और इसे संप्रग का पैसा बरबाद करने वाला कार्यक्रम बताते रहे हैं, लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने व्यावहारिक समझदारी दिखाते हुए इस कार्यक्रम के महत्व को समझा है। ग्रामीणों को आर्थिक सहारा देने में इस कार्यक्रम की बड़ी भूमिका है। इसमें सुधार की बहुत जरूरत है, इसमें शक नहीं और यह उम्मीद की जानी चाहिए कि सुधार भी जरूर किए जाएंगे। खेती के लिए कर्ज का प्रावधान बढ़ाना अच्छा कदम है। साथ ही, एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार बनाने की पहल भी कृषि उत्पादों के थोक और खुदरा बाजार में मौजूद विकृतियों को दूर कर पाएगी। लेकिन यह क्षेत्र राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए इसे प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए काफी राजनीतिक समझदारी और लचीलेपन की जरूरत होगी। इसके अलावा भी कई सारी योजनाओं पर अमल राजनीतिक समन्वय और सहयोग पर निर्भर होगा, और आज के राजनीतिक माहौल में इसका काफी अभाव दिखता है।

बजट घाटे को 3.5 प्रतिशत पर सीमित रखने की बात पर टिके रहना अच्छा कहा जाएगा, क्योंकि इससे सरकार की विश्वसनीयता बढ़ती है। हालांकि कई लोग मान रहे थे कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कुछ ज्यादा खर्च करने में कोई हर्ज नहीं है। इस संदर्भ में एक सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि वित्त मंत्री ने काफी सारे खचार्ें की घोषणा तो कर दी है, लेकिन क्या इतना पैसा वह जुटा पाएंगे? अर्थव्यवस्था की जो स्थिति है, उसमें आय बढ़ाना बहुत मुश्किल है। जीडीपी के मुकाबले टैक्स का अनुपात बढ़ाने की कुछ ज्यादा कोशिशें जरूरी हैं। जो उम्मीदें अगले वित्त वर्ष के लिए इस बजट ने बंधाई हैं, उनमें से सभी नहीं, तो ज्यादातर भी पूरी हो जाएं, तो इसे बहुत कामयाब बजट कहा जाएगा।

सेना भर्तीः उम्मीदवारों को अंडरवियर में देनी पड़ी परीक्षा, पर्रिकर ने मांगा जवाब

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नई दिल्ली(एजेंसी):रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बिहार के मुजफ्फरपुर में सेना में क्लर्क की भर्ती के लिए उम्मीदवारों से अंडरवियर में लिखित परीक्षा कराने पर सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह से जवाब मांगा है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरपुर में उम्मीदवारों को अंडरवियर में परीक्षा देने के लिए बाध्य करने का मामला मीडिया में आने के बाद पर्रिकर ने सेना प्रमुख से इस मामले में जवाब देने को कहा है।

मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार, सेना ने क्लर्क की भर्ती के लिए मुजफ्फरपुर में गत रविवार को लिखित परीक्षा का आयोजन किया था लेकिन परीक्षा देने गए उम्मीदवारों को उस समय झटका लगा जब सेना ने उन्हें केवल अंडरवियर पहनकर परीक्षा देने को कहा।

यहां तक कि उम्मीदवारों को बनियान भी नहीं पहनने दी गई। नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने मैदान में बैठकर केवल अंडरवियर में ही परीक्षा दी।

इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने भी रक्षा सचिव को जवाब देने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में विभिन्न परीक्षाओं में नकल को लेकर समय-समय पर मीडिया में खबरें आती रही हैं। सूत्रों के अनुसार सेना ने यह देखते हुए ही यह लिखित परीक्षा केवल अंडरवियर में कराने का निर्णय लिया था, जिससे कि उम्मीदवार नकल नहीं कर सकें।

चीन में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर 1.2 करोड़ डॉलर का जुर्माना

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बीजिंग(एजेंसी):चीन के झेजियांग प्रांत की एक कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने के लिए तीन कंपनियों पर जुर्माना लगाने के फैसले को बरकरार रखा है।

कोर्ट ने नदियों में 26,000 टन अपशिष्ट पदार्थ विसर्जित करने के लिए झेजियांग की तीन कंपनियों पर 7.8 करोड़ युआन (1.2 करोड़ डॉलर) का जुर्माना लगाने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।

हांगझू इंटरमीडिएट अदालत ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उसने जिएंडे शहर के दूसरे रासायनिक संयंत्र, होंगान कार्गो कंपनी और रोंगशेंग केमिकल कंपनी पर जुर्माना लगाने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।

कोका कोला ने भारत में तीन प्लांटों को किया बंद

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नई दिल्ली(एजेंसी):कोका कोला इंडिया की बॉटलिंग (बोतलबंद करने वाली) इकाई हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज ने दीर्घकालिक आर्थिक व्यवहार्यता के अभाव का हवाला देते हुए भारत में तीन स्थानों पर विनिर्माण स्थगित कर दिया है जिससे करीब 300 कर्मचारी प्रभावित होंगे। कंपनी ने जयपुर (राजस्थान) के पास कालाडेरा, विशाखापटटनम (आंध्र प्रदेश) और ब्रिनिहाट (मेघालय) में विनिर्माण स्थगित किया है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया, संयंत्र बंद करने का फैसला कारोबारी निर्णय है जो दीर्घकालिक आर्थिक व्यवहार्यता और संयंत्र विशेष में विनिर्मित उत्पादों की बाजार मंाग को ध्यान में रखकर लिया गया है। सूत्रों ने कहा, कालाडेरा समेत इन स्थानों पर विनिर्माण स्थगित करने का फैसला लिया गया है। इन स्थानों पर विनिर्माण छोड़कर अन्य परिचालन जारी रहेंगे।

हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज (एचसीसीबीपीएल) के प्रवक्ता ने कहा, किसी अन्य विनिर्माण संगठन की तरह हम पुनर्गठन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं जहां आधुनिकतम सुविधाएं विकसित की जा रही हैं और मौजूदा उत्पादन सुविधाओं का अधिकतम इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ये फैसले संयंत्र की क्षमता उपयोग को ध्यान में रखकर लिए जा रहे हैं जो बाजार मांग और अनुमान पर आधारित हैं।

प्रवक्ता ने कहा, जहां तक राजस्थान के कालाडेरा संयंत्र का सवाल है, हम फिलहाल विनिर्माण स्थगित कर रहे हैं जबकि अन्य परिचालन जारी रहेंगे। हम इस संयंत्र में उत्पादन के लिए लाइसेंस बनाए रखेंगे जो इस बात का सबूत है कि यदि मांग और आकार में बदलाव होता है तो हम कालाडेरा संयंत्र में इस गुप्त क्षमता का उपयोग कर सकते हैं।

इंटरव्यू में असफलता आगे क्या!

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नई दिल्ली(एजेंसी):नौकरी के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया के बाद वह समय काफी हताश करता है, जब  पता चलता है कि चयन नहीं हुआ। अधिकतर लोग इसकेकारणों पर विचार किये बगैर आधे-अधूरे मन से दोबारा आवेदन की प्रक्रिया में जुट जाते हैं। किसी भी इंटरव्यू में असफलता के बाद आपकी तैयारी कैसी होनी चाहिए, बता रहे हैं करियर एक्सपर्ट अरबिंद मिश्र

आपने हाल में ही एक ऐसे पद के लिए  इंटरव्यू दिया था, जिसे आप सचमुच पाना चाहते थे। आप जानते हैं कि आपने इंटरव्यू के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब आपको पता चलता है कि वह जॉब किसी और को मिल गई तो आप बहुत हतोत्साहित हो जाते हैं। परन्तु एक खराब इंटरव्यू का अर्थ यह नहीं होता कि आप बिल्कुल ही असफल हो गए और आपके लिए नौकरी के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं। यहां आत्ममंथन करते हुए अपनी सोच और कार्य प्रणाली में सुधार लाया जाना बेहद जरूरी है।

बनाएं रखें आत्मविश्वास
आपको कितनी ही बार इंटरव्यू में असफलता क्यों न मिली हो, कोशिश करनी होगी कि इसका असर आपके आत्मविश्वास पर नहीं पड़े, अन्यथा आपको खुद ही अपनी काबिलियत पर शक होने लगेगा। अगर नौकरी की तलाश में निकले हैं और इंटरव्यू दे रहे हैं तो इस सत्य को हमेशा ध्यान में रख कर चलें कि कभी भी असफलता का सामना करना पड़ सकता है। आपका इंटरव्यू चाहे जितना अच्छा रहा हो, लेकिन यह आशंका हमेशा रहती है कि कोई और प्रत्याशी आपसे बाजी मार ले जाये, आवश्यक नहीं है कि वह आपसे बेहतर हो। इंटरव्यू भी एक वनडे क्रिकेट मैच की तरह होता है। आपका प्रदर्शन काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका वह दिन कैसा रहा।

असफलता के कारण
कई बार तो आपके इंटरव्यू में असफल होने के ऐसे कारण भी होते हैं, जिनसे आपका या आपके व्यक्तित्व का कोई संबंध ही नहीं होता। जैसे आप जिस पद के लिए इंटरव्यू देने गए हैं, उसके लिए पहले से ही किसी उम्मीदवार को तय कर लिया गया हो या नियोक्ता को ऐसा महसूस हो जाये कि आप इस नौकरी को एक सीढ़ी की तरह उपयोग करने वाले हैं या आप इस पद में ज्यादा दिनों तक काम नहीं करेंगे। बहरहाल, कारण कोई भी हो इससे पहले कि इंटरव्यू की कोई असफलता आपके आत्मविश्वास को बुरी तरह से हिला कर रख दे, जरूरी है कि भविष्य के लिए आप कुछ ऐसी तैयारी कर लें, जो आगे आपके सफल होने की संभावना बढ़ा दे।

अपनी कमियों को सुधारें
आप एक बार मन ही मन पूरे इंटरव्यू के दौरान की सारी छोटी-बड़ी घटनाओं का स्मरण करने की कोशिश करें और अंदाजा लगाएं कि क्या कुछ गलती हुई या क्या-क्या समस्याएं आईं, जिनका हल नहीं निकल पाया। एक-एक करके सारे प्रश्नों के उत्तर देने के तरीके और इंटरव्यूअर के साथ आपकी बातचीत की समीक्षा करें। अपनी कमियों की पहचान करने के बाद सोचें कि अगले इंटरव्यू में आप इन्हें कैसे सुधार पाएंगे या बातों को बेहतर ढंग से कैसे प्रस्तुत कर पाएंगे। अगर आपका उत्तर बहुत संक्षिप्त था तो आप उसे कैसे कुछ उपयोगी जानकारियों के साथ थोड़ा विस्तार के साथ समझा सकेंगे। अगर आप उत्तर देते वक्त ज्यादा लापरवाह थे तो आपको ज्यादा प्रोफेशनल ढंग से और ज्यादा संजीदगी से उत्तर देने का अभ्यास करना चाहिये।

फीडबैक करेगा मदद
अगर संभव हो तो इंटरव्यू के बाद किसी और दिन इंटरव्यूअर से मुलाकात करने की कोशिश करें। उनसे सलाह लें कि आप कैसे स्वयं के प्रदर्शन को भविष्य के साक्षात्कारों के लिए पहले से बेहतर कर सकते हैं। हालांकि यह थोड़ा मुश्किल काम है, फिर भी आप पहले इंटरव्यूअर को विश्वास दिलाइए कि उनका फीडबैक आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप इसके लिए ईमेल के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं। इंटरव्यूअर की सलाहें आपके अंदर की ऐसी कमियों की पहचान करने में काफी सहायक होंगी, जो आपको ज्ञात नहीं हैं। आप उनकीसलाह को उदाहरण के साथ पूछ कर समझने की कोशिश करें और प्राप्त जानकारी को अगले इंटरव्यू के लिए अपने दृष्टिकोण में शामिल करने की कोशिश  करें। सलाह लेते वक्त ध्यान रखें कि इंटरव्यूअर को ऐसा बिल्कुल न लगे कि आप अपनी असफलता का दोष उस के ऊपर मढ़ रहे हैं। मान लीजिए वह आपकी कोई ऐसी कमी बता रहा हो जो आपके अंदर हो ही नहीं तो आप सफाई देने के बजाय चुपचाप सुन लें, उसे ये एहसास होना चाहिए कि आप उससे कुछ सीखने आए हैं। योग्यता के साथ-साथ      व्यक्ति का रवैया या उसकी प्रवृत्ति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए स्वयं की कमी जानने और उसे सुधार करने की आपकी इच्छा कभी-कभी नियोक्ता को आपको नौकरी देने के लिए भी प्रेरित कर सकती है।

वर्कशॉप में भाग लें
कई कोचिंग संस्थान और कॉलेज जॉब ट्रेनिंग के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर के बताते हैं कि इंटरव्यू में कैसे सफलता पाई जाए। अपने क्षेत्र में ऐसे संस्थानों का पता लगा कर उनकी वर्कशॉप में भाग लेना चाहिए। किसी अपने से ज्यादा अनुभवी दोस्त या मेंटर के साथ इंटरव्यू के लिए प्रैक्टिस करें इससे आपको अपने जवाबों को मजबूत बनाने, स्वयं को अधिक पेशेवर दिखाने, ज्यादा प्रभावशाली उम्मीदवार के रूप में स्वयं को पेश करने सहायता मिलेगी। आप किसी एचआर प्रोफेशनल की भी सलाह ले सकते हैं।

भविष्य की तैयारी
भविष्य में होने वाले साक्षात्कारों की प्रभावी रूप से तैयारी करें। शायद आपका पहला इंटरव्यू इसलिए अच्छा नहीं हुआ हो कि आपने जिस कंपनी के लिए इंटरव्यू दिया था, उसके बारे में आपने कोई रिसर्च नहीं की थी या उससे संबंधित कोई उत्तर उचित तरीके से नहीं दे पाए थे। यह भी हो सकता है कि इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले कुछ स्टैंडर्ड प्रश्नों के उत्तर के बारे में आपने तैयारी नहीं की होगी। प्रश्नों के उत्तर देते वक्त आपके उत्तर से भी कुछ प्रश्न निकल सकते हैं। आप को उस के लिए भी तैयार रहना होगा। इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले कुछ स्टैंडर्ड प्रश्न होते ही हैं। इनकी तैयारी आपको पहले से कर लेनी चहिये। कुछ ऐसे ही प्रश्न :

‘    अपने बारे में हमें बताएं?
‘    आपकी कमजोरी/ताकत क्या है ?
‘    आप अपनी मौजूदा नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं?
‘    अपनी मौजूदा नौकरी के बारे में बताएं, आपका काम क्या है?
‘    आप ये कंपनी क्यों ज्वॉइन करना चाहते हैं?
‘    हम आपका चयन क्यों करें?
‘    अब तक की आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही है?
‘    क्या आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं?

      असफलता से सीख
‘    नियोक्ता जैसा उम्मीदवार ढूंढ रहा होता है, हम वैसा बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमारी बनावट वे पहचान जाते हैं। हमें स्वयं को हमेशा जैसे हैं उसी रूप में पेश करना चाहिए।
‘    आत्मविश्वास सारे एम्प्लॉयर्स को आकर्षित करता है। कोई भी कंपनी आप पर तभी विश्वास कर सकती है, जब आप स्वयं पर विश्वास करें।
‘    इंटरव्यूअर से प्रश्न पूछने में न हिचकें। इससे आप की कंपनी में कितनी रुचि है यह तो पता चलता ही है, साथ ही आपको इंटरव्यू को मनचाही दिशा में ले जाने का मौका मिलता है।
‘    कभी-कभी असफलता आपकी भलाई के लिए भी होती है। कुछ बेहतर मौके आपके इंतजार में
होते हैं।

शाहरुख की ‘फैन’ का NEW POSTER जारी, देखें तस्वीर

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नई दिल्ली(एजेंसी):बॉलीवुड किंग शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘फैन’ का नया पोस्टर जारी किया गया है। यह पोस्टर फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरम आदर्श ने ट्विटर पर शेयर किया है।फोटो के साथ ही बताया गया है कि 29 फरवरी शाम को ही फिल्म का ट्रेलर जारी किया जाएगा।

 शाहरुख की ‘फैन’ का ‘फैन एंथम’ 6 भाषाओं में हुआ रिलीज

फिल्म ‘फैन’ में शाहरुख खान मेन रोल में हैं। फैन के रोल में शाहरुख बहुत कम उम्र के नजर आ रहे हैं। इसमें किंग खान को ‘आर्यन खन्ना’ नाम दिया गया है जिसका फैन ‘गौरव’ है।

यश राज फिल्मस के बैनर तले बन रही ‘फैन’ के डायरेक्टर मनीश शर्मा और प्रोड्यूसर अदित्य चोपड़ा हैं

इन चीजों का इस्तेमाल कर पाएं मुहांसों से छुटकारा

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नई दिल्ली(एजेंसी):अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए नींबू बेहद कारगर है। डॉक्टर ने नींबू के रस के इस्तेमाल से मुहांसों को दूर करने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं।

नींबू का रस-एक कटोरी में नींबू का रस लें। उसमें रूई का फोहा डुबोकर अतिरक्त रस निचोड़ लें और इसे मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगाएं। इसे त्वचा पर 10 मिनट लगा रहने दें। उसके बाद इसे पानी से धो लें और साफ तौलिए से थपथपा कर पोछें। इस प्रक्रिया को हर रोज दिन में दो बार दोहराएं।

नींबू का रस और शहद –एक कटोरी में नींबू का रस और शहद लें और अच्छी तरह मिलाएं। इस मिश्रण को मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगाएं और पांच मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से साफ करके तौलिए से थपथपा कर पोंछें। इस उपचार को दिन में एक बार करें।

नींबू और अंडे का सफेद भाग – एक अंडा लें और उसका सफेद हिस्सा अलग कर लें। इसमें दो चम्मच नींबू का रस मिलाएं और अच्छी तरह फेंटें।

इस मिश्रण को तीन हिस्सों में बांटें। पहले भाग को त्वचा पर लगाएं और पांच से सात मिनट ऐसे ही रहने दें। उसके बाद दूसरा भाग उसके ऊपर लगाएं। पांच से सात मिनट के बाद त्वचा पर तीसरे हिस्से की परत लगाएं। पांच से सात मिनट के बाद इस हिस्से को गर्म पानी से धो लें और त्वचा को थपथपा कर पोंछें। इस उपचार को हर रोज करें।

नींबू और चना- एक कटोरी में चने का पाउडर लें और उसमें नींबू का रस मिलाएं। इन्हें अच्छी तरह मिला कर पेस्ट बना लें। इसे मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगा कर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद इस हिस्से को गुनगुने पानी से धो लें और त्वचा को साफ तौलिए से पोंछ लें। अगर इसके बाद त्वचा में रूखापन महसूस हो तो मॉयश्चराइजर लगाएं। इस उपचार को हर रोज एक बार करें।

नींबू और दही-एक कटोरी में नींबू का रस और दही लें और अच्छी तरह मिला लें। इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। कुछ मिनट ऐसे ही रहने दें और उसके बाद पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को हर रोज दोहराएं।

सियाचिन ग्लेशियर में हमने 4 साल में 41 जांबाज सैनिक खो दिए

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नई दिल्ली(एजेंसी):देश की सबसे ऊंची सीमा सियाचिन ग्लेशियर पर सबसे कठिन नौकरी करते हुए बीते चार सालों में 41 सैनिकों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दिया। इसमें सबसे ज्यादा इस साल 18 फरवरी तक 14 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा को बताया कि इस साल 18 फरवरी तक सियाचिन में 14 सैनिकों की जान गई जबकि वर्ष 2015 में नौ, 2014 में आठ और 2013 में 10 सैनिक इस ग्लेशियर में मारे गए थे। पर्रिकर ने बताया कि सियाचिन में निगरानी के लिए सेना मानव रहित एरियल व्हीकल, विभिन्न प्रकार के रडार सहित अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करती है।उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि युद्ध की आशंका, जमीनी हालात और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सियाचिन में केवल आवश्यक सेनाओं की तैनाती की जाती है। रक्षा मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सियाचिन में तैनात सैनिकों को अत्यधिक ठंडी जलवायु वाले वस्त्र सहित विशेष शीत वस्त्र मुहैया कराए जाते हैं ताकि वे अत्यधिक प्रतिकूल तापमान में रह सकें।रक्षा मंत्री ने बताया कि सियाचिन में कई जगह भूभाग की संरचना और ऊंचाई के कारण एकीकृत आश्रय बनाना संभव नहीं है। ऐसी जगहों को छोड़कर इस ग्लेशियर मेेंं तैनात सैनिकों को प्री फैब्रिकेटेड इन्सुलेटेड आश्रय (फाइबर रीन्फोर्स्ड प्लास्टिक) मुहैया कराए गए हैं।पर्रिकर ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि सियाचिन ग्लेशियर में चौकियां विधिवत मानचित्र बनाने के बाद ही स्थापित की जाती हैं ताकि हिमस्खलनों के खतरे से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसकी नियमित आधार पर समीक्षा की जाती है।रक्षा मंत्री ने बताया कि हिमस्खलन की घटना होने पर घटना की निगरानी करने और घटना स्थल तक बचाव दल तथा उपकरणों को पहुंचाने में समन्वय करने में बेसकैंप सियाचिन पर स्थापित कमान एवं नियंत्रण तंत्र की मुख्य भूमिका होती है। ऐवेलॉन्च विक्टिम डिटेक्टर्स, विशेष पर्वतारोहण उपकरण, बर्फ काटने की मशीन लगाने जैसे बचाव उपकरण लगाने के साथ साथ पीड़ितों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए ऐवेलॉन्च रेस्क्यू डॉग भी लगाए जाते हैं। हताहतों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है।रक्षा मंत्री ने बताया कि सियाचिन के बेस कैंप में एक युद्ध स्मारक है जिसमें राष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों की रक्षा करते हुए सियाचिन में प्राण देने वाले सैनिकों के नाम अंकित किए जाते हैं।

स्मार्टफोन एप से मैनेज करें घर का बजट

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नई दिल्ली(एजेंसी):आम बजट पेश हो चुका है। कुछ चीजें सस्ती हुई हैं तो कुछ महंगी। ऐसे में कुछ खास स्मार्टफोन एप के जरिए सभी खर्चों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।  ये एप्लीकेशन न सिर्फ बजट तैयार करने में मदद करते हैं, बल्कि तय सीमा से अधिक खर्च होने पर एसएमएस भेजकर चेतावनी भी देते हैं।
Mint : Personal Finance & Money: इस एप के जरिए आप एक साथ अपने सभी बैंक खातों को जोड़ सकते हैं। इसकी मदद से खर्चों का वर्गीकरण, बिल का भुगतान, बैलेंस जांचने और खरीदारी से पहले बैलेंस दोबारा देखने जैसे काम आसानी से किए जा सकते हैं। समय-समय पर की जाने वाली देनदारी को याद रखने के लिए ‘मिंट : पर्सनल फाइनेंस एंड मनी’ में रिमाइंडर भी लगाया जा सकता है। जब भी आपका बैलेंस तय सीमा से कम होगा तो यह नोटिफिकेशन के जरिए आपको अलर्ट करेगा। बजट मैनेज करने वाला यह एप एंड्रॉयड, विंडोज और आईओएस, तीनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। बैंक खाते की जानकारी शामिल होने के बावजूद इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। एप की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गूगल प्ले पर 68,000 लोगों ने इसे पूरी 5 रेटिंग दी है।
Goodbudget : Budget & Finance : इस  एप्लीकेशन का नाम पहले ‘ईजी एनवेलप’ एप हुआ करता था। जिस तरह खर्च नियंत्रित करने के लिए कई बार हम पैसों को अलग-अलग लिफाफों में रख लेते हैं, यह एप भी उसी तरह आधुनिक तरीके के वर्चुअल एनवेलप तैयार करता है। जैसे मनोरंजन पर कितना पैसा खर्च करना है, फोन पर कितना और राशन पर कितना। एप में इस तरह के नियमित और अनियमित खर्चे को 20 खातों में रखा जा सकता है। ‘गुडबजट : बजट एंड फाइनेंस’ से बैंक खातों को जोड़ने की जरूरत भी नहीं है। इसके जरिए कमाई और खर्च की तुलना भी कर सकते हैं। साथ ही परिवार के दूसरे सदस्यों और मोबाइल में मौजूद कॉन्टेक्ट को वर्चुअल एनवेलप में शामिल करके उनका खर्च एक साथ नियंत्रित कर सकते है। यह एप गूगल प्ले और आईओएस पर उपलब्ध है।
Expense Manager : इसकी खासियत इसके स्मार्ट फीचर हैं। यह एप आपके सभी बैंक अकाउंट का सार बताएगा। अगर किसी बिल का समय पर भुगतान नहीं हुआ है तो यह उसकी भी जानकारी देगा। इतना ही नहीं, ‘एक्सपेंस मैनेजर’ पर पैसों के हर लेन-देने का स्क्रीन-शॉट भी सहेजा जा सकता है। इस एप्लीकेशन का डाटा माइक्रोएसडी कार्ड में सेव होता है। इसे 4 अंकों के पासवर्ड से लॉक भी किया जा सकता है। ‘एक्सपेंस मैनेजर’ 30 भाषाओं  में उपलब्ध है। इसे गूगल प्ले स्टोर पर 4.3 रेटिंग मिली है।

चुनाव आयोग के विज्ञापन में दिखेंगे रजनीकांत

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चेन्नई(एजेंसी):निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु के सुपरस्टार रजनीकांत की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं के बड़े वर्ग में जागरूकता पैदा करने के लिए उन्हें अपने एक विज्ञापन में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है।

तमिलनाडु में इस साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश लखोनी ने बताया कि इस बारे में सुपरस्टार रजनीकांत को आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अगले वीडियो विज्ञापन में लोकप्रिय अभिनेत्री नयनतारा मतदाताओं सेअपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील करते हुए दिखेंगी।

उन्होंने कहा कि क्रिकेटर अश्विन ने चुनाव आयोग के लिए मुफ्त विज्ञापन किया है। निर्वाचन आयोग के विज्ञापनों को एफएम रेडियो और सोशल मीडिया में प्रसारित किया जायेगा।

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