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नागपुर रेल मंडल के दुर्ग-कलमना रेलवे स्टेशनो के बीच मेंगा ब्लोक

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नागपुर रेल मंडल के दुर्ग-कलमना रेलवे स्टेशनो के बीच मेंगा ब्लोक

बिलासपुर@M4S:दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के नागपुर-दुर्ग रेल खंड के दुर्ग-कलमना रेलवे स्टेशनों के बीच अप लाईन में 04 मार्च, 2016 (शुक्रवार) को 20.40 बजे से दिनांक 05 मार्च, 2016 (शनिवार) को 00.04बजे तक अर्थात 04.00 घंटे का आवश्यक रख रखाव का कार्य करने लिए मेगा ब्लॅाक लिया जायेगा। मेगा ब्लॅाक लिए जाने के कारण कुछ गाडि़यों का परिचालन प्रभावित रहेगा।

 ब्लाॅक के कारण नियंत्रित की जाने वाली गाडि़यांः-

(1) दुर्ग से 23.45 बजे छुटने वाली गाड़ी 18239 गेवरा-नागपुर शिवनाथ एक्सप्रेस को 01 घंटे दुर्ग में नियंत्रित किया जायेगा।
(2) दुर्ग से 00.45 बजे छुटने वाली गाड़ी 58111 टाटानगर-इतवारी पैसेंजर को 30 मिनट दुर्ग में नियंत्रित किया जायेगा।

 ब्लाॅक के कारण रद्द की गई गाडि़यांः-

(1) 68721 रायपुर-डोगरगढ़-गोंदिया पैसेंजर 04 मार्च, 2016 (शुक्रवार) को रद्द रहेगी।
(2) 68724 गोंदिया-रायपुर मेमू 05मार्च, 2016 (शनिवार) को रद्द रहेगी।
(3) 68729 रायपुर-डोगरगढ़ मेमू 04मार्च, 2016 (शुक्रवार) को रद्द रहेगी।
(4) 68730 डोगरगढ़-रायपुर मेमू 05 मार्च, 2016 (शनिवार) को रद्द रहेगी।
(5) 68723 डोगरगढ़-गोंदिया मेमू 04 फरवरी, 2016 (शुक्रवार) को रद्द रहेगी।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं ने बालको संयंत्र देखा

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कोरबा@M4S:नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर के छात्र-छात्राओं ने बालको संयंत्र का अवलोकन किया। बालको अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को एल्यूमिना पाउडर से एल्यूमिनियम एवं विभिन्न उत्पादों के बनने की प्रक्रिया, बालको विस्तार परियोजना और सामुदायिक विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। आगंतुकों ने बालको का अवलोकन कर प्रसन्नता जताई।plant visit-NIT (1)

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज अपरान्ह राजिम में सन्त कवि और पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री पवन दीवान को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की

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रायपुर@M4S:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज अपरान्ह राजिम में सन्त कवि और पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री पवन दीवान को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। सन्त परम्परा के अनुसार स्वर्गीय श्री दीवान को राजिम स्थित उनके ब्रम्हचर्य आश्रम परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ समाधि दी गयी। ज्ञातव्य है कि श्री दीवान का कल सवेरे गुड़गांव के मेदान्ता अस्पताल में निधन हो गया था।

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार तिहाड़ जेल से रिहा

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नई दिल्ली(एजेंसी):दिल्ली हाईकोर्ट से देशद्रोह के मामले में छह महीने के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को आज रिहा कर दिया गया। बुधवार को कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने के साथ कन्हैया से कहा था कि वह ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं लेंगे, जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए। कोर्ट ने उनके जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष होने के नाते आदेश दिया कि वह कैंपस में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए अपने सभी अधिकार के तहत प्रयास करेंगे।

इससे पहले, बुधवार को न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा, तथ्य और हालात को देखते हुए मैं याचिकाकर्ता को छह महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देती हूं। साथ ही स्पष्ट किया कि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा और जरूरत होने पर जांचकर्ताओं के सामने खुद पेश होना पड़ेगा।

न्यायाधीश ने कन्हैया की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी विचार किया। उनकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर महज 3000 रुपए कमाती हैं और परिवार में अकेली कमाने वाली हैं। कन्हैया को राहत देते हुए उन्हें 10,000 रुपए की जमानत राशि और इतनी राशि का ही मुचलका भरने को कहा गया।

न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि आरोपी का जमानतदार संकाय के सदस्य या उनसे जुड़े हुए ऐसे व्यक्ति होने चाहिए जो उन पर न सिर्फ अदालत में पेशी के मामले में नियंत्रण रखता हो बल्कि यह भी सुनिश्चित करने वाला होना चाहिए जो उनकी सोच और ऊर्जा सकारात्मक चीजों में लगाना सुनिश्चित करे।

जमानत के लिए राशि जमा करने में वित्तीय छूट देते हुए कोर्ट ने कहा कि कन्हैया को इस संबंध में एक शपथ पत्र देना होगा कि वह ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय या निक्रिय रूप से ऐसी किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे, जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए।

न्यायाधीश ने 23 पन्ने के आदेश में कहा कि बिना निचली अदालत की अनुमति के कन्हैया देश से बाहर नहीं जा सकते और उनके जमानतदार को भी आरोपी की तरह का शपथपत्र देना होगा।

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि न्यायिक हिरासत में याचिकाकर्ता के गुजारे हुए वक्त में उसे घटनाक्रमों के बारे में आत्मनिरीक्षण का मौका मिला होगा। उसे मुख्यधारा में बने रहने के लिए उपचार का रूढि़वादी तरीका प्रदान करने के लिए मैं तैयार हूं।

न्यायाधीश ने कहा, अंतरिम जमानत पर याचिकाकर्ता को रिहा करने का फैसला हो जाने पर अब सवाल उठता है कि जमानत की राशि कितनी होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने 11 फरवरी 2016 के अपने भाषण में दावा किया था कि उसकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और 3,000 रुपए कमाती हैं और परिवार का गुजारा उन्हीं से होता है।

न्यायाधीश ने कहा, अगर इस पहलू पर विचार किया जाए तो जमानत राशि और मुचलका इतना नहीं होना चाहिए कि उसे जमानत ही नहीं मिल पाए।

उन्होंने कहा, वक्त की मांग है कि जमानत देने के मकसद से याचिकाकर्ता को वित्तीय पहलू में कुछ ढील देने के लिए उसे शपथपत्र देना होगा कि वह ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय या निक्रिय रूप से हिस्सा नहीं लेगा जो कि राष्ट्रविरोधी हो सकता है।

न्यायाधीश ने कहा, इसके अलावा जेएनयूएसयू अध्यक्ष होने के नाते उन्हें कैंपस में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को काबू में करने की पूरी कोशिश करनी होगी।

कन्हैया की अंतरिम जमानत के लिए शर्तें निर्धारित करते हुए कोर्ट ने कहा कि 10,000 रुपए की जमानत राशि और जमानतदार जो कि जेएनयू के संकाय के सदस्य हो सकते है, उन्हें संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट या लिंक मजिस्ट्रेट को इस शर्त से संतुष्ट करना होगा कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।

यह तो सिर्फ शुरूआत है, मुझे दुनिया जीतनी है: प्रियंका

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नई दिल्ली(एजेंसी):बॉलीवुड से हॉलीवुड तक में अपने अभिनय का जलवा बिखरने वाली अदाकारा प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि उनकी ख्वाहिश पूरी दुनिया भर की फिल्मों में काम कर सभी का दिल जीतना है।इस शुक्रवार को प्रियंका की फिल्म ‘जय गंगाजल’ रिलीज हो रही है और इन दिनों अमेरिका के मियामी में ‘बेवॉच’ की शूटिंग में व्यस्त प्रियंका वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नई दिल्ली के पत्रकारों से बुधवार देर रात रूबरू हो रही थी।   अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी हालिया सफलता पर पूछे गए सवाल पर प्रियंका ने कहा की वह अपनी पहचान बॉलीवुड और हॉलीवुड तक सीमित नहीं रखना चाहती बल्कि पूरी दुनिया के सिनेमा में अपनी पहचान बनाना चाहती है।उन्होंने कहा, ‘अपने अभिनय के जरिये एक या दो देश में काम करके मैं संतुष्ट नहीं होने वाली हूं, मुझे पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनानी है। दुनिया को जीतने के लिए जिस मेहनत की जरूरत है वह मैं कर रही हूं इसीलिए काफी समय में मैंने ब्रेक नहीं लिया है और कई बार ऐसा भी हुआ कि थकावट के कारण शरीर साथ नहीं देता लेकिन फिर अगर काम है तो उसे करना होता है।’

प्रियंका ने कहा कि उनके लिए यह सिर्फ शुरूआत है और अभी उन्हें दुनिया जीतनी है काफी लंबा सफर तय करना है।

उन्होंने कहा, ‘मैं हॉलीवुड को भी बॉलीवुड बनाने मे लगी हुई हूं, ‘क्वांटिको’ की शूटिंग से सिर्फ तीन दिन का समय मिला है जिसमें मुझे ‘बेवॉच’ की शूटिंग को पूरा करना है। हम यहां 16 से 18 घंटे तक काम कर रहे ताकि फिल्म में मेरे किरदार का जल्दी से शूट किया जा सके।’

प्रियंका ने कहा कि बॉलीवुड को लेकर हॉलीवुड कलाकारों का भी नजरिया बदल रहा है खास कर मेरे को स्टार्स मेरी अपकमिंग फिल्म ‘जय गंगाजल’ को लेकर काफी उत्सुक है।

उन्होंने कहा, ‘बेवॉच और क्वांटिको से जुड़े मेरे को-स्टार्स ने ‘जय गांगाजल’ का ट्रेलर देखा है और सबने उसकी तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें पता ही नहीं था कि हिन्दी फिल्में ऐसी भी होती है। पहले ‘बाजीराव-मस्तानी’ और अब ‘जय गंगाजल’ जैसी मेरी फिल्मों के कारण कम से कम मेरे को-स्टार्स का नजरिया बॉलीवुड को लेकर बदला है। मै खुश हूं कि मेरी वजह से हॉलीवुड और बॉलीवुड के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो रहा है।’

पिता के हत्यारों को छोड़ने पर बोले राहुल गांधी, सरकार करे फैसला

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नई दिल्ली(एजेंसी):राजीव गांधी हत्या मामले में सभी सात दोषियों की उम्रकैद की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि इस मामले में सरकार को निर्णय लेना है। वह इस मसले पर अपना व्यक्तिगत विचार जाहिर नहीं करेंगे।गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को कहा था कि उसने राजीव गांधी हत्या मामले में सभी सात दोषियों की उम्र कैद की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने का फैसला किया है। साथ ही, इस कदम पर केंद्र का विचार मांगा है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि को भेजे एक पत्र में तमिलनाडु के मुख्य सचिव के ज्ञानदेसीकन ने कहा है कि राज्य सरकार ने सात दोषियों से याचिकाएं प्राप्त की हैं जिनमें उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया गया है क्योंकि उन्होंने जेल में 20 साल से भी अधिक समय बिताया है। दोषियों में वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन, टी सतेंद्रराजा उर्फ संतन, एजी पेरिवलन उर्फ अरीवु, जयकुमार, राबर्ट पयास, रविचंद्रन और नलिनी शामिल हैं।

उन्होंने बताया, नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर कर सरकार से खुद को रिहा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने सातों दोषियों की याचिकाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उनकी उम्र कैद की सजा को माफ करने और उन्हें रिहा करने का फैसला किया है क्योंकि उनमें से सभी 24 साल की कैद की सजा काट चुके हैं। सात दोषियों में वी श्रीहरन, टी सतेंद्रराजा, जयकुमार और राबर्ट पयास श्रीलंकाई हैं।
ज्ञानदेसिकन ने यह याद किया कि 19 फरवरी 2014 को उन्हें तमिलनाडु सरकार द्वारा माफी मिलने के बाद किस तरह से केंद्र सुप्रीम कोर्ट चला गया था और फिलहाल अदालत में लंबित विषय का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने उम्रकैद की माफी पर अपने विचार जाहिर करने की बजाय तमिलनाडु के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर करने में जल्दबाजी की थी।उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों के मद्देनजर हमारे लिए यह जरूरी हो गया है कि सीआरपीसी की धारा 435 के तहत तमिलनाडु सरकार के फैसले पर आपके विचार से अवगत होने के लिए आपसे अनुरोध करें।

गौरतलब है कि सभी सातों लोगों को एक विशेष टाडा अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की श्रीपेरम्बदूर के पास 21 मई 1991 में एक चुनाव रैली के दौरान हत्या मामले में दोषी ठहराया था।

एशिया कप टी-20 IND VS UAE: UAE का टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला

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मीरपुर (ढाका),(एजेंसी):एशिया कप टी-20 में गुरुवार को भारत की यूएई से मुकाबले में UAE ने टॉस जीतकर पहले बल्लीबाजी का फैसला किया। भारत का यह चौथा और अंतिम राउंड रोबिन लीग मैच है। भारत अपने पहले के तीनों मैच जीतकर फाइनल में जगह बना चुका है। फाइनल में उसका सामना 6 मार्च को मेजबान बांग्लादेश से होगा। भारत ने अभी तक एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया है। उसने अपने पहले मैच में बांग्लादेश को दूसरे मैच में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को और तीसरे मैच में श्रीलंका को हराकर फाइनल का टिकट ले लिया है। टीम इस समय हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रही है।

वहीं अब तक अपने तीनों मैच गंवाकर फाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी यूएई की टीम काफी हद तक अपने कप्तान अमजद जावेद पर निर्भर रहेगी जिन्होंने क्वालीफाइंग मैचों को मिलाकर इस टूर्नामेंट के छह मैचों में 12 विकेट लिए हैं।

नील गाय में “गाय” शब्द से परेशान सरकार, नाम बदलने की तैयारी

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नई दिल्ली(एजेंसी):पिछले कई दशकों तक नील गाय को मारने की इजाजत थी। इसका कारण था कि वह खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। पर नील गाय में ‘गाय’ शब्द जिसका कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ाव है, इसके कारण पिछले 12 सालों में मप्र में सिर्फ एक किसान को नीलगाय को मारने की इजाजत दी गई है। इस दिक्कत से निकलने का मप्र सरकार ने नया तरीका निकाला है। सरकार अब नील गाय का नाम ही बदलने जा रही है।

मध्य प्रदेश सरकार अब नील गाय का नाम बदल कर ‘रोजड़’ करने की तैयारी कर रही है। कल मप्र प्रदेश विधानसभा में जंगली जानवरों की गणना के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सभी विधायकों के बीच इस बात पर सहमति बनती दिखी। इस बात पर सहमति बनी कि जल्द ही सभी आधिकारियों रूलबुक और दस्तावेजों में नील गाय का नाम बदल दिया जाएगा। इसकी जगह पर रोज या रोजड़ शब्द जोड़ा जाएगा।

पूर्ण सूर्यग्रहण 9 मार्च को, जानिए कहां रहेगा कितना असर

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इंदौर(एजेंसी):सूर्य, पथ्वी और चंद्रमा की खास स्थिति नौ मार्च को दुनिया के अलग़ अलग हिस्सों में खगोलप्रेमियों को पूर्ण सूर्यग्रहण का रोमांचक नजारा दिखायेगी। लेकिन भारत में इस खगोलीय त्रिमूर्ति की अदभुत लुकाछिपी पूर्वोतर में आंशिक तौर पर निहारी जा सकेगी।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ़ राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में किये गये विशेष अध्ययन के हवाले से गुरुवार को बताया कि नौ मार्च को लगने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण से इस साल ग्रहणों का सिलसिला शुरू होगा।
उन्होंने बताया, यह पूर्ण सूर्यग्रहण डिब्रूगढ़, इम्फाल, ईटानगर और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य स्थानों पर आंशिक रूप में देखा जा सकेगा जहां देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले सूर्योदय काफी जल्दी हो जाता है।
कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि यह पूर्ण सूर्यग्रहण थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा जा सकेगा। इंडोनेशिया का सुमात्रा द्वीप और प्रशांत महासागर का उत्तरी क्षेत्र उन जगहों में शामिल हैं, जहां इस खगोलीय घटना को शुरूआत से अंत तक अच्छी तरह निहारे जा सकने की उम्मीद है।
गुप्ता ने बताया कि भारतीय मानक समय (आईएसटी) के मुताबिक पूर्ण सूर्यग्रहण की शुरूआत नौ मार्च को तड़के चार बजकर 49 मिनट चार सेकंड पर होगी और यह सुबह 10 बजकर चार मिनट नौ सेकंड पर समाप्त हो जायेगा। इस तरह सूर्य, पथ्वी और चंद्रमा की दिलचस्प भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम करीब पांच घंटे चलेगा। उन्होंने बताया कि पूर्ण सूर्यग्रहण सुबह सात बजकर 27 मिनट एक सेकंड पर अपने चरम स्तर पर पहुंच जायेगा। इस वक्त पथ्वीवासियों को लगेगा कि चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह ढंक लिया है। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस तरह आ जाता है कि पथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।

संसद नहीं चलने से देश पीड़ित, बिल पास कराने में मदद करें: PM मोदी

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नई दिल्ली(एजेंसी):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि संसद के सुचारु रूप से नहीं चलने से देश को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि संसद नहीं चलने से देश पीडि़त है।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सदन में चर्चाएं होती हैं, लेकिन यदि संसदीय सत्र नहीं चलता है तो देश को जितनी क्षति होती है उससे कहीं अधिक क्षति सांसदों को होती है, क्योंकि वे मुद्दों पर चर्चा ही नहीं कर पाते।’’

उन्होंने कहा कि संसद एक ऐसा मंच है, जहां सरकार से प्रश्न पूछे जाते हैं और सरकार विभिन्न मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संसदीय सत्र तभी फलदायक होता है, जब चर्चा के दौरान मर्यादाओं का पालन किया जाता है।उन्होंने कहा कि हीनभावना के कारण संसद नहीं चलने दिया जा रहा है। विपक्ष के वरिष्ठ सांसदों को इस बात की चिंता है कि उनसे कम अनुभवी सांसद अगर बोलेंगे और उनकी वाहवाही हुई तो फिर उनका क्या होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष में भी कुछ ऐसे प्रतिभावान सांसद हैं, जिनको बोलने का अवसर मिलना चाहिए।उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल कांग्रेस सरकार की है, उसे भी रोका जा रहा है। उन्होंने सभी सांसदों से बिल पास कराने में सहयोग करने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कुछ अलग करने का सुझाव देते हुए कहा कि महिला दिवस पर सिर्फ महिलाओं को बोलने तथा किसी सत्र में कुछ समय सिर्फ पहली बार चुन कर आये सदस्यों को बोलने के लिये निर्धारित किया जाये।

मोदी ने कहा कि संसद में हमें कभी कभार कुछ हटकर करना चाहिये। यहां हमें कभी राजनीति को छोड़कर राष्ट्रनीति पर विचार करना चाहिये। देश से जुड़े अहम मसलों पर सामूहिक चिंतन करना चाहिये।

इस सिलसिले में उन्होंने सुझाव दिया कि महिला दिवस पर सिर्फ महिला सदस्य बोलें। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही उसी तरह चले और जो अन्य काम होता है वह किया जाये लेकिन सिर्फ महिला सदस्य को बोलने दिया जाये। इसी तरह किसी सत्र में कुछ समय सिर्फ पहली बार चुन कर आये सदस्यों को बोलने के लिये निर्धारित किया जाये। उन्होंने कहा कि वह यह सुझाव इसलिये नहीं दे रहे हैं कि वह खुद पहली बार चुन कर आये हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार आये सदस्यों को बोलने से सदन में ताजगी भरी हवा बहेगी। वे बहुत सी नयी चीजें हमारे सामने रख सकते हैं।

उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के स्तर को लेकर गहरी चिंता जताते हुये कहा कि बालकों को कैसी शिक्षा मिल रही है यह पीड़ा का विषय है। उन्होंने कहा कि अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित मुकदमे हैं। इस समस्या से कैसे निपटा जाये इस पर अलग से चर्चा की जा सकती है।

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