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हाथियों ने भटगांव में डाला डेरा, चिंघाड़ से गूंज रहे जंगल 39 हाथियों के झुंड ने रौंदी मूंगफली की फसल हाथियों ने भटगांव जंगल में डाला डेरा

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कोरबा@M4S:हाथियों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। बालको वन परिक्षेत्र में सक्रिय 39 हाथियों का दल अब भटगांव क्षेत्र में पहुंच गया है। हाथियों के इस दल को यहां के जंगल में ग्रामीणों ने विचरण करते हुए देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। जिस पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गए। हाथियों के दल ने यहां पहुंचने से पहले रास्ते में चुइया गांव में कई ग्रामीणों के खेतों में उत्पात मचाते हुए वहां लगे मूंगफली के फसल को तहस-नहस कर दिया, जिससे संंबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पीडि़त ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गई जिस पर आज सुबह विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांव पहुंचे और रात में हाथियों द्वारा किए गए नुकसानी का आंकलन करने के साथ अपनी रिपोर्ट तैयार की, जिसे क्षतिपूर्ति स्वीकृति के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पेश किया जाएगा। जहां से स्वीकृति मिलने के बाद पीडि़त ग्रामीणों को आर्थिक मदद वन विभाग की ओर से दी जाएगी। बताया जाता है कि बालको वन परिक्षेत्र में 13 हाथियों का एक अन्य दल भी विचरण कर रहा है, जो माखुरपानी गांव के जंगल में विगत एक पखवाड़े से डेरा जमाए हुए है। हाथियों का यह दल दिन भर विश्राम करनेे के बाद रात में निकलता है और जंगल ही जंगल विचरण करने के बाद वापस लौटकर इसी स्थान पर डेरा जमा देता है। हाथियों के क्षेत्र में लंबे समय से जमे रहने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है। हालांकि वन विभाग की समझाइश व चेतावनी के बाद ग्रामीण हाथियों तथा उसके मौजूदगी वाले जंगल से दूरी बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में चूंकि तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होना है। ऐसे में ग्रामीण चेतावनी को नजरअंदाज कर बड़ी संख्या में जंगल की ओर निकल सकते हैं जिससे खतरा और भी बढ़ जाएगा। उधर कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज के बनिया जंगल में 33 हाथियों का दल पहुंच गया है। हाथियों का यह दल इससे पहले केंदई रेंज के कोरबी सर्किल में लगातार विचरण कर रहा था, लेकिन बीती रात हाथियों का दल आगे बढ़ा और बनिया पहुंच गया।

भीषण गर्मी में रहेगी बच्चों की छुट्टी, शिक्षक को राहत नहीं  जिले के स्कूलों में 25 से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित

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कोरबा@M4S:जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है। इसका बच्चों को विपरित प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए शिक्षा विभाग ने पांच दिन पहले ही स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है। 25 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है। विद्यार्थियों की कक्षाएं 15 जून से प्रारंभ होगी। इससे विद्यार्थी और अभिभावकों को राहत मिली है।
जिले का तापमान में 44 डिग्री पर पहुंच गया है। शहर गर्म हवा के थपेड़े में है। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने मंगलवार स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है।स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल बंद करने के संबंध में आदेश जारी किया है। यह आदेश विद्यार्थियों के लिए रहेगा। स्कूला में अध्ययन कार्य नहीं होंगे। लेकिन शिक्षकों के लिए यह आदेश लागू नहीं होगा। शिक्षकों को अपने निर्धारित समय स्कूल आना होगा और कार्यालयीन संबंधी कार्य करने होंगे। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। जिले के शासकीय व निजी विद्यालयों में अध्ययन कार्य 25 जून से बंद करने के लिए कहा है। लेकिन तपति धूप के बीच विद्यार्थियों को दो दिन स्कूल पहुंचना होगा। स्कूल बंद होने की सूचना के बाद से अभिभावकों को राहत मिली है। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी में कक्षा में अध्ययन से विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं। विद्यार्थियों को तेज धूप के बीच में आवाजाही करना पड़ रहा है। इसकी वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है और अभिभावकों को बच्चो को लेकर अस्पताल तक दौड़ लगानी पड़ रही है। गौरतलब है कि पूर्व में शासन ने 30 अप्रैल तक स्कूलों पढ़ाई का निर्णय लिया था।

HIGH SECURITY NUMBER PLATE:आधार-मोबाइल ‘मिसमैच’ बन रहा रोड़ा  मोबाइल नंबर व आधार मैच नहीं होने से हजारों वाहन मालिक भटक रहे

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कोरबा@M4S: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बदलवाने में दस्तावेजों मेें आधारकार्ड और मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने पर वाहन मालिकों को परेशान होना पड़ रहा है। क्योंकि 2019 से पहले वाहन रजिस्ट्रेशन का काम मैनुअल रूप से होता है। ऐसे में अधिकांश आरसीबुक में मोबाइल नंबर और आधार नंबर अपेडट नहीं है। कई मोबाइल नंबर बदल चुके हैं तो कईयों में आधार और आरसीबुक में नाम-सरनेम अलग-अलग अंकित है। ऐसे में ऑनलाइन प्रोसेस के दौरान मिलान नहीं हो रहा है। इसके चलते वाहन मालिक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं बदलवा पा रहे हैं और आरटीओ विभाग का चक्कर लगाने मजबूर हो रहे हैं। यही वजह है कि दो माह बाद भी अब तक जिले में काफी कम वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग पाया है। जबकि जिले में 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या काफी अधिक है। दरअसल वाहन खरीदते समय लोगों ने जिस मोबाइल नंबर से पंजीयन करवाया था, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में वो मोबाइल नंबर नहीं है। इसकी वजह से आरसी और आधार कार्ड के नंबरों में भिन्नता है। ऐसे में पहले वाहन मालिकों को मोबाइल नंबर अपडेट कराना पड़ेगा। इसके बाद ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जनरेट हो पाएगा।

ऑनलाइन भी अपडेट की सुविधा
अफसरों के मुताबिक, परिवहन विभाग की वेबसाइट परिवहन डाट गवर्नमेंट डाट इन में वाहन स्वामी स्वयं से भी मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए आधार नंबर की जरूरत पड़ती है। अगर आधार नंबर और गाड़ी के कागजात में नाम-सरनेम में स्पेलिंग मिस्टेक है तो अपडेट की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में वाहन मालिकों को आरटीओ दफ्तर में जाकर सुधार करना ही पड़ेगा।

भीषण गर्मी के दौरान रद्द ट्रेनों ने यात्रियों की बढ़ाई मुश्किलें 

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कोरबा@M4S: रेलवे द्वारा अधोसंरचना कार्य के चलते 14 से 24 अप्रैल तक 36 ट्रेनों को अलग-अलग दिन रद्द कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप बिलासपुर व उसलापुर स्टेशन से गुजरने वाली अन्य ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ हो गई है। इन ट्रेनों में जनरल और रिजर्वेशन बोगी में यात्रा कर रहे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन ट्रेनों में बड़ी संख्या में कोरबा के यात्री भी यात्रा करते है। इन यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।
स्थिति ऐसी है कि कुछ ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। गर्मी का मौसम होने के कारण यात्रियों को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तेज धूप और अपर्याप्त वेंटिलेशन के कारण कई यात्रियों को यात्रा के दौरान शारीरिक परेशानी भी हो रही है। सीटों की कमी और बोगियों में जगह न होने के कारण यात्री खड़े होकर या गैलरी में यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। रेलवे प्रशासन को इस भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। यात्रियों के लिए अतिरिक्त कोच लगाने और ट्रेन संचालन को सही तरीके से सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है ताकि यात्री सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कर सकें।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के यात्रियों को भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्टेट हॉकी एल्यूमिनियम कप पर रायगढ़ ने जमाया कब्जा, बिलासपुर उप विजेता, हॉकी का आयोजन सराहनीय पहल : संजुदेवी

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कोरबा@M4S:नगर पालिक निगम के महापौर संजुदेवी राजपूत ने स्टेट हॉकी टूर्नामेंट के समापन व पारितोषक वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि खिलाड़ियों के अनुशासित प्रदर्शन, उत्साह और समर्पण ने सभी का मन मोह लिया, हॉकी का यह प्रतियोगिता न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच देने वाला अवसर था, बल्कि खेल भावना को बढ़ावा देने वाला एक प्रेरणादायी आयोजन भी सिद्ध हुआ कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला भाजयुमो उपाध्यक्ष व पार्षद नरेन्द्र देवांगन ने प्रदेश भर से आये खिलाड़ियों का कोरबा में स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कोरबा में राष्ट्रीय आयोजन किये जायेंगे जिससे खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा !


डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम, बालको नगर, कोरबा में  राज्य हॉकी संघ के मार्गदर्शन में जिला हॉकी संघ कोरबा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय हॉकी एल्यूमिनियम कप में रायगढ़ लैलूंगा की टीम ने कब्जा जमा लिया, जबकि उप विजेता का खिताब बिलासपुर ने जीता, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला ओलंपिक संघ के सचिव सुरेश क्रिस्टोफर,मंडल अध्यक्ष दिलेन्द्र यादव,पार्षद महेंद्र बांधे, रुनिझा मैडम,पूर्व पार्षद दीपक यादब, व किक बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष तारकेश मिश्रा ने भी संबोधित किया,आयोजन में वरिष्ठ खिलाड़ी अरविंद दासाज व रविन्द्र साहू को सम्मानित किया गया ,
इस अवसर पर  तारिक क़ुरैशी, कोमल प्रसाद, श्री अतीक क़ुरैशी, गोपाल दास महंत, प्रताप दास, चंदन मौर्या,धनराज निर्मलकर, नैतिक दास, प्रभात सिंह, ,दुर्गेश नेताम, महेंद्र चंद्रा,उदित खूंटे, गौरव खुसरो,अकाश जांगड़े,हेमचरन,धनी राम यादव, अमित सूर्यवंशी, गगन, तनीष, टोपेश, देवेंद्र, रेशमी, चाँदनी मनीषा, बिंदु, तपस्या आदि शामिल थे !  तीन दिवस तंक चलने वाले स्पर्धा में हॉकी के कुल 16 टीमो में राजनादगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद, कोरबा, जांजगीर चांपा, रायगढ़, लैलूंगा, एनटीपीसी, सीएसईबी, शामिल रहे !

लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण,बसावट,जमीन वापसी की मांगों को लेकर 12 घंटे खदान बंद किया भू विस्थापितों ने

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कुसमुंडा में 12 घंटा पूर्ण और गेवरा में 5 घंटे उत्पादन और परिवहन बंद रहा

बिलासपुर मुख्यालय में चर्चा के साथ 10 दिनों में लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ

15 दिनों में निराकरण नहीं हुआ तो 7 मई को फिर होगा खदान बंद

कोरबा@M4S:छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट, खमहरिया की जमीन किसानों को वापस करने एवं प्रभावित गांव में मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 10 सूत्रीय मांग को लेकर सीएमडी को सभी खदान में महाबंद की चेतावनी दी गई थी घोषणा अनुसार सुबह 6 बजे से कुसमुंडा और गेवरा खदान में कोयले के सभी गाड़ियों को रोक दिया गया आंदोलन में बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे। बिलासपुर मुख्यालय में चर्चा के साथ 10 दिनों में समस्याओं का निराकरण के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त हुआ ।

किसान सभा के नेता प्रशांत झा ने कहा की भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को लेने के लिए रोजगार समेत भू विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण के लिए एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है जिससे भू विस्थापितों के सब्र का बांध टूट चुका है। एसईसीएल के अधिकारियों का ध्यान केवल भू विस्थापितों के अधिकारों को छीन कर आपस में लडवाकर केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने और उच्च अधिकारियों को खुश करने की है जिसमें जिला प्रशासन भी एसईसीएल के साथ खड़ी है लेकिन भू विस्थापित किसानों की एकजुटता के सामने कोई प्रबंधन टिकने वाली नहीं है।

किसान सभा के नेता दीपक साहू, सुमेंद्र सिंह कंवर ने कहा कि विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों का जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है। विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। सरकार की कॉरपोरेटपरस्त नीतियां गरीबों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों को उनसे छीन रही है।यही कारण है कि कुछ लोग मालामाल हो रहे है और अधिकांश जिंदा रहने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 1269 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है।

किसान सभा के कटघोरा ब्लॉक अध्यक्ष जय कौशिक ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है। खमहरिया के किसान जिस जमीन पर कई पीढ़ियों से खेती किसानी कर रहे है उसे प्रबंधन प्रशासन का सहारा लेकर किसानों से जबरन छीन रही है जिसका किसान सभा विरोध करती है और उन जमीनों को किसानों को वापस करने की मांग करती है। किसान सभा भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर उग्र आंदोलन की तैयारी कर रही है।

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,रघु यादव ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और भू विस्थापित संघ से जुड़े भू विस्थापितों ने कहा कि सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोया है लेकिन सरकार गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है। गरीबों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

लगभग 12 घंटे तक खदान के बंद के दौरान कुसमुंडा और गेवरा खदान में कोल परिवहन पूर्ण रूप से बंद होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया बिलासपुर मुख्यालय से वार्ता कर अधिकारियों ने सीएमडी कार्यालय में 10 दिनों में बैठक कर तत्काल रोजगार प्रकरणों के निराकरण का आश्वासन दिया जिसके बाद हड़ताल समाप्त हुआ किसान सभा ने एलान करते हुए कहा है कि भू विस्थापितों के समस्याओं पर सकारात्मक पहलकदमी नहीं होने पर कोल परिवहन को 15 दिनों में बार बार बंद किया जाएगा।

हड़ताल में प्रमुख रूप से देव कुंवर,राजकुमारी,सूरज बाई, सुनीला ,दीना नाथ,हरिहर,अनिल बिंझवार,चंद्रशेखर,होरी,रघुनंदन,मुनीराम, डुमन,राजकुमार,गणेश,विजय कंवर,मिलन,नरेंद्र,हेमलाल,नारायण, जितेन्द्र,उत्तम के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे ।

 

अंबेडकर स्टेडियम मरम्मत कार्य के कारण अस्थायी रूप से रहेगा बंद

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कोरबा@M4S:बालको प्रबंधन द्वारा बालकोनगर में स्थित अंबेडकर स्टेडियम के मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण कार्य आरंभ किया जा रहा है। यह कार्य स्टेडियम को और अधिक आकर्षक, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने हेतु किया जा रहा है। मरम्मत कार्य की अनुमानित अवधि फरवरी 2026 तक होगी। इस दौरान स्टेडियम में किसी भी प्रकार की खेलकूद गतिविधियाँ स्थगित रहेंगी। अंबेडकर स्टेडियम, बालकोनगर के खिलाड़ियों के लिए एक प्रमुख अभ्यास स्थल है। बालको प्रबंधन इस स्थल को और बेहतर बनाने के लिए पूर्ण रूप से कटिबद्ध है। कार्य की गुणवत्ता समयसीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवधि में स्टेडियम पूर्णतः बंद रहेगा।

खरीदने से पहले ही पहचानें खीरा कड़वा है या नहीं? आपकी मदद करेंगी 5 सिंपल ट्रिक्स

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नई दिल्ली(एजेंसी): गर्मियों में ठंडा-ठंडा खीरा खाने का मजा ही कुछ और होता है। सलाद हो या रायता, खीरा हर प्लेट में ताजगी भर देता है, लेकिन अगर वही खीरा कड़वा निकल जाए, तो सारा स्वाद बिगड़ जाता है और कई बार पाचन पर भी बुरा असर पड़ सकता है।क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि अगर खीरे के कड़वेपन को खरीदने से पहले ही पहचाना जा सके, तो कितना अच्छा हो? तो लीजिए, हम लाए हैं आपके लिए 5 आसान ट्रिक्स (Simple tricks to avoid bitter cucumber), जिनसे आप बाजार में ही पहचान सकते हैं कि खीरा मीठा और फ्रेश है या कड़वा और खराब।

रंग और बनावट से पहचानें
जब भी खीरा खरीदें, उसका रंग ध्यान से देखें।
अगर खीरा बहुत गहरे हरे रंग का और चमकदार है, तो वो फ्रेश होता है।
अगर उसका रंग हल्का पीला, सफेद या धब्बेदार हो रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पका या खराब हो सकता है और अक्सर ऐसा खीरा कड़वा भी होता है।
खीरे के सिरों पर ध्यान दें
खीरे का अगला और पिछला सिरा, यानी दोनों किनारे देखने बहुत जरूरी हैं।
अगर सिरा बहुत सख्त या सूखा लग रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पुराना हो सकता है।
ताजे खीरे के सिरे हल्के नम और नरम होते हैं।
याद रखें, कई बार खीरे का कड़वापन सिरों में ही ज्यादा होता है।
उंगलियों से दबाकर देखें
खीरा खरीदते समय हल्के से उसे उंगलियों से दबाएं।
अगर खीरा बहुत सख्त या बहुत मुलायम लग रहा है, तो समझ जाइए कि कुछ गड़बड़ है।
एक अच्छा खीरा हल्का सा टाइट और क्रिस्पी फील देगा।
बहुत सख्त खीरा भी कड़वा निकल सकता है क्योंकि वो ज्यादा पक चुका होता है।
छोटे और पतले खीरे चुनें
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बड़ा खीरा ज्यादा अच्छा होगा, लेकिन हकीकत इसके उलट है।
बड़े और मोटे खीरे अक्सर ज्यादा पके होते हैं और इनमें कड़वाहट होने की संभावना बढ़ जाती है।
हमेशा छोटे, पतले और एक जैसे आकार वाले खीरे चुनें – ये ताजगी और स्वाद में बेहतर होते हैं।
सूंघ कर भी लगाएं अंदाजा
जी हां, खीरे को सूंघना भी एक पुरानी लेकिन कारगर ट्रिक है।
एक फ्रेश खीरे से हल्की सी मिट्टी जैसी खुशबू आती है।
अगर खीरे से कोई तीखी या अजीब गंध आ रही हो, तो हो सकता है वो कड़वा या खराब हो।
अगर घर आ जाए कड़वा खीरा तो…
अगर फिर भी कड़वे खीरे से बच नहीं पाए, तो इन्हें छीलने के बाद सिरों को काटकर हल्का सा रगड़ें। इससे कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। ध्यान रहे, कभी भी बहुत कड़वा खीरा न खाएं, इससे पेट में जलन, उल्टी या गैस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

यूपी में बुजुर्गों को अब नहीं मिलेगी Pension! 15 मई तक पूरा करा लें ये काम; वरना आपका भी कट जाएगा पैसा

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लखीमपुर(एजेंसी): जिले में वृद्धरवस्था पेंशन ले रहे बुजुर्गों का सत्यापन कराया जाएगा, जिससे यह पता चल सके कि पेंशन पात्र व्यक्ति तक पहुंच रही है। सत्यापन में अगर कोई अपात्र या मृतम पाया जाता है तो उसकी पेंशन रोक दी जाएगी। जिले में 69,619 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है।   इन लाभार्थियों का सत्यापन 15 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।योजना के तहत बुजुर्गों को एक-एक हजार रुपये की पेंशन मिलती है। इस हिसाब से तीन माह की पेंशन तीन हजार रुपये बैंक खाते में भेजे जाते हैं। एक वर्ष में लाभार्थियों को तीन-तीन हजार रुपये की चार किस्ते बैंक खातों में भेजी जाती है, ताकि बुजुर्ग भी अपने हिसाब से जरूर खर्चे निकाल सकें।

सत्यापर की क्यों पड़ी जरूरत? 

कभी-कभी अपात्र लोग भी योजना का लाभ लेने लगते हैं, तो कभी पेंशन लेने वाले बुजुर्गों की मौत हो जाती है, लेकिन उनकी पेंशन जारी रहती है। इसके लिए विभाग समय-समय पर सत्यापन करता है, ताकि ऐसे लोगों की पेंशन रोक दी जाए और नए लाभार्थियों को उसमें शामिल किया जाए।

सत्यापन के लिए खंड विकास अधिकारी और तहसीलस्तर पर सूचियां उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। लाभार्थियों का डोर टू डोर सघन सत्यापन कराया जाना है, जिसको लेकर पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी तेजस्वी मिश्रा ने बताया कि डोर टू डोर लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाना है। सत्यापन के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी।

UPSC RESULT: दूसरे अटेम्प्ट में 12वीं रैंक, आशी शर्मी ने बताया सफलता का राज; मेट्रो को लेकर क्या बोलीं?

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गाजियाबाद(एजेंसी): संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी, UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित कर दिया। वहीं, गाजियाबाद आशी शर्मा ने 12वीं रैंक हासिल की है।
वहीं, परिणाम आने के बाद आशी शर्मा का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में आशी ने बताया कि यह उनका दूसरा अटेम्प्ट था। उन्होंने बताया कि फर्स्ट अटेम्प्ट में मुझे बहुत सारी बातें नहीं पता थीं, लेकिन दूसरे अटेम्प्ट में मुझे कई नई बातों का पता चला और मैंने ऑनलाइन क्लासिस ली।
आशी शर्मा ने बताया गया कि मैंने ऑनलाइन क्लासिस लेकर मेट्रो के हर दो घंटे बचाए और उन दो घंटों में घर पर पढ़ाई की। बताया कि इससे उन्हें दूसरे अटेम्प्ट में काफी मदद मिली और आखिर में उन्होंने 12वीं रैंक हासिल की है।

बता दें कि आशी शर्मा की सफलता के बाद उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनका परिवार काफी खुश है और परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की है।

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