कोरबा@M4S:वन मंडल कोरबा में हाथियों की संख्या 79 हो गई है। धरमजयगढ़ वन मंडल से पहुंचे 21 हाथियों ने कलमीटिकरा में 7 किसानों की फसल को चौपट कर दिया। लेमरू रेंज में घूम रहे 39 हाथियों ने अरेतरा में भी फसल को नुकसान पहुंचाया है। एक दिन पहले ही 13 किसानों की फसल को चौपट किया था। हाथी अब 4 झुंड में बंट गए हैं। कुदमुरा रेंज में पहले तीन हाथी घूम रहे थे। अब इनकी संख्या 21 हो गई है। धरमजयगढ़ वन मंडल कुदमुरा रेंज से लगा हुआ है। इसकी वजह से वहां से खदेडऩे पर हाथी मांड नदी पार कर कुदमुरा पहुंच जाते हैं। हाथियों का झुंड कलमीटिकरा से होकर ही आते हैं। इसके आगे कोइलार परिसर धरमजयगढ़ वन मंडल का हिस्सा है। बालको रेंज में 13 हाथी अभी भी फुटका पहाड़ के आसपास ही घूम रहे हैं। लेमरू रेंज में घूम रहे 45 हाथी दूसरे दिन भी अरेतरा में धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
एक वर्ष में 4 हजार से अधिक उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की हुई जाँच बुधवार को प्राथमिक और माह के 9 व 24 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हैं जांच व उपचार की सुविधा
कोरबा@M4S: जिले में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक कुल 4060 उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की जांच की गई है, जिसमें करतला ब्लॉक में 441, कटघोरा में 779, कोरबा में 594,पाली में 607,पोड़ी उपरोड़ा में 671 और शहरी क्षेत्र में 977 की जांच की गई है।
जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच और उपचार की व्यवस्था है। यहां महिला चिकित्सक व गायनकोलॉजिस्ट द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। उन्हें प्रसव से संबंधित जानकारी प्रदान करने के साथ जन्म से पहले आवश्यक देखरेख और सावधानी के विषय में बताया जाता है। किसी प्रकार की समस्या आने पर गायनकोलॉजिस्ट द्वारा उपचार किया जाता है। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुधवार और माह के प्रति 9 तथा 24 तारीख को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गायनकोलॉजिस्ट उपचार एवं परामर्श के लिए निर्धारित समय पर उपस्थित होती है। जिसमें कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्यांग में माह के प्रथम बुधवार को, लेमरू में चौथे बुधवार को, पाली के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सपलवा में माह के प्रथम बुधवार को, हरदीबाजार में चौथे बुधवार को, पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत पसान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में माह के प्रथम बुधवार को, जटगा में चौथे बुधवार को, करतला के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरगबुंदिया में माह के प्रथम बुधवार को, कोथारी में द्वितीय बुधवार को, फरसवानी में तृतीय बुधवार को और चिकनीपाली में चौथे बुधवार को, कटघोरा ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीपका में प्रथम बुधवार को तथा चाकाबुड़ा में चौथे बुधवार को गायनकोलॉजिस्ट महिला चिकित्सक द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच तथा उपचार की जाती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना के अंतर्गत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी माह के 9 और 24 तारीख को गायनकोलॉजिस्ट द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच तथा उपचार किया जाता है। यहां गर्भवती महिलाओं की जांच कर जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर आवश्यक जांच, सलाह तथा उपचार प्रदान किया जाता है। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को निगरानी में रखने के साथ आवश्यकता पडऩे पर उपचार के लिए बुलाया जाता है, ताकि वे प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य रहे। उन्हें आवश्यक लैब जांच की सुविधा भी प्रदान की जाती है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में कोई भी गर्भवती महिला निशुल्क जांच करा सकती है और उपचार प्राप्त कर सकती है।
गाइडलाइन के अनुसार समय पर जांच के निर्देश
कलेक्टर अजीत वसंत ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सभी ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में निर्धारित दिवस में गायनकोलॉजिस्ट महिला चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं और कोई भी गर्भवती महिला जांच तथा समय पर उपचार से वंचित न हो। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का गाइडलाइन के अनुसार समय पर जांच करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की स्थिति का पता शुरूआती जांच में पता लग जाएं और उनका उपचार समय पर हो, ताकि प्रसव सुरक्षित हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के उपचार से संबंधित जानकारी और गायनकोलाजिस्ट की उपस्थिति की जानकारी प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए।
दिनेश सोनी ने बीएसएनएल सेवाओं को बेहतर बनाने दिए सुझाव दूरसंचार सलाहकार समिति की बैठक में हुए शामिल कोरबा सांसद की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रखी बात
कोरबा@M4S:बीएसएनएल दूरसंचार सलाहकार समिति की बैठक बिलासपुर में आयोजित हुई। बैठक में सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत की ओर से दिनेश सोनी सम्मिलित हुए।
श्री सोनी ने सांसद द्वारा दिए गए प्रस्ताव को बैठक में रखा और शीघ्र उस पर क्रियान्वयन किए जाने बात रखी। इसके अतिरिक्त बीएसएनएल उपभोक्ताओं की सुविधा को अधिक से अधिक बढ़ाए जाने पर विशेष जोर दिया। श्री सोनी ने कहा कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के शहर इलाकों में जहां बीएसएनल का नेटवर्क कई बार कमजोर हो जाता है तो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी सुविधा अपेक्षाकृत उपलब्ध नहीं होने के कारण संचार सुविधा का लाभ ग्रामवासियों को नहीं मिल पाता है। बीएसएनल को अपने नेटवर्क के साथ-साथ टैरिफ के मामले में भी राहत देने की जरूरत है। श्री सोनी ने सुझाव दिया कि बीएसएनएल अपनी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करे ताकि जनता के बीच विश्वास को और मजबूत किया जा सके व बीएसएनएल कंपनी को लाभ हो। सांसद ने महाप्रबंधक बीएसएनएल से विभिन्न बिंदुओं को इस बैठक में शामिल करने पत्र लिखा, जिसे दिनेश सोनी ने प्रस्तुत किया। सांसद के द्वारा पत्र के जरिये बात रखी कि पाली-तानाखार विधानसभा के हाथी प्रभावित गांव एवं रामपुर विधानसभा क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांव चोटिया, सिरमिना, दमऊकुंडा, सलिहाभाठा, एतमानगर, सरभोका, बंजारी, आमाटिकरा, अमझर, परला, पसान, मोरगा, केंदई, गुरसियां आदि गांव एवं रामपुर विधानसभा के पसरखेत, जिल्गा, कुदमुरा, बरपाली, लेमरू आदि में बी.एस.एन.एल. का टावर लगवाया जाए। जिले के पर्यटन स्थल सतरेंगा, केंदई, बुका, चैतुरगढ़, देवपहरी जैसे स्थलों में नेटवर्क न होने के समान है, यहाँ बी.एस.एन.एल. टावर की सुविधा प्रदान की जाए। जिले के धार्मिक स्थल मड़वारानी पहाड़ के ऊपर पहाडग़ांव, मातिन दाई मंदिर आदि स्थलों में बी.एस.एन.एल. टावर की सुविधा प्रदान की जाए। कोरबा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राय: देखा गया है कि जहां बी. एस.एन.एल. को टावर लगा है, वहां पर नेटवर्क बहुत कम होने के कारण ग्रामीण परेशान है। सही नेटवर्क की व्यवस्था की जाए। पूर्व की मीटिंग में दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो में नए 4जी बी टी एस स्थापित किन गांवों में की गई है सूची उपलब्ध करायें एवं अन्य गांवों में भी 4जी बी टी एस सुविधा उपलब्ध कराया जाए।
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अच्छे विचारों से करें दिन की शुरुआत
सुबह उठते ही अपने दिमाग में अच्छे और सकारात्मक विचार भर दें। आप चाहें तो कोई ऐसी किताबें पढ़ें जो आपको माेटिवेट करे। या फिर कोई मोटिवेशनल कोट्स सुन सकते हैं। दिन की अच्छी शुरुआत पूरे दिन पर असर डालती है। ऐसे में आपको अंदर से खुशी मिलेगी।
खुद से अच्छी बातें करें
खुद से बात करना और खुद को मोटिवेट करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जब भी लगे कि सब कुछ गलत हो रहा है, तो खुद से कहिए- “मैं कर सकता हूं”, “सब ठीक होगा”। खुद पर भरोसा रखने से पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
आभार व्यक्त करें
आपके पास जो भी कुछ है उसके लिए ग्रेटफुल रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। इससे आपको जिंदगी में मिली चीजों का महत्व समझ में आएगा। आपका ध्यान भी उन चीजों पर रहेगा जो आपके पास है। जब भी आप रात में सोने जाएं तो भगवान और यूनिवर्स को धन्यवाद करें।
मुस्कुराना न भूलें
ध्यान रहे आपकी एक छाेटी सी मुस्कान कई परेशानियों का हल हो सकती है। जब आप मुस्कुराते हैं तो अपने आप दिमाग में सकारात्मक विचार आने लगते हैं। ये आपको तनाव से मुक्त रखने में मददगार साबित हो सकते हैं।
डांस करना न भूलें
आपको जब भी लगे आप मानसिक रूप से थक चुके हैं तो डांस करें। डांस करने से मूड बहुत अच्छा रहता है। इसके अलावा ये एक्सरसाइज की तरह काम करता है। इससे बॉडी में लचीलापन बढ़ता है। आपके मसल्स भी मजबूत बनते हैं। हड्डियां तो स्ट्रॉन्ग होती ही हैं। इसके अलावा हार्ट भी हेल्दी रहता है।
अच्छी संगत में रहें
आप किन लोगों के साथ समय बिताते हैं, यह आपकी सोच पर गहरा असर डालता है। इसलिए हमेशा ऐसे लोगों के साथ रहें जो आपको आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करें। सकारात्मक सोच रखते हों।
खुद को माफ करना सीखें
गलतियां हर किसी से होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद को माफ करना सीखें। गलती से ही सीख कर इंसान आगे बढ़ता है। बीती बातों में उलझे रहना केवल दुख देता है। सकारात्मक सोच के साथ नई शुरुआत करें।
मेडिटेशन जरूर करें
दिन में 5 से 10 मिनट का ध्यान आपके मन को शांत कर सकता है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और सोचने की शक्ति बढ़ती है। ध्यान करने से आप खुद को बेहतर तरीके से समझने लगते हैं।
5G नेटवर्क बार-बार हो रहा ‘गायब’? तो इस ट्रिक से मिनटों में करें फिक्स
नई दिल्ली(एजेंसी):देश के कई इलाकों में अब बेहतर 5G नेटवर्क की रेंज मिलने लगी है लेकिन अभी भी कई बार 5G नेटवर्क 4G में शिफ्ट हो जाता है, जिसकी वजह से कई बार तो बहुत ज्यादा गुस्सा भी आता है। ऐसे में अगर हम आपको कहें कि एक सेटिंग को बदल कर आप 4G को 5G नेटवर्क में लॉक कर सकते हैं। जी हां, एक सेटिंग को बदल कर ऐसा करना संभव है। इससे न सिर्फ इंटरनेट स्पीड बेहतर मिलेगी, बल्कि कॉल ड्रॉप जैसी समस्या भी काफी हद तक फिक्स हो जाएगी। नेटवर्क की बार-बार होने वाली शिफ्टिंग से अगर आप भी परेशान हैं, तो इस ट्रिक को जरूर ट्राई करें।
पहले करना होगा ये कोड एंटर
- इसके लिए सबसे पहले अपने डिवाइस पर ##4636## कोड डायल करें।
- कोड डालने के बाद फोन की हिडन सेटिंग ओपन हो जाएगी।
- इसके बाद ‘Phone Information’ सेक्शन में जाएं।
- इधर से ‘Set Preferred Network Type’ ऑप्शन सेलेक्ट करें।
- यहां से अब ‘NR only’ यानी सिर्फ 5G नेटवर्क वाला ऑप्शन सेलेक्ट करें।
- बस इतना इतना करते ही आपका Android फोन सिर्फ 5G नेटवर्क पर काम करेगा।
iPhone में ऐसे करें 5G नेटवर्क सेट
आईफोन में 5G नेटवर्क सेट करने का तरीका थोड़ा अलग है। इसके लिए आपको कोई कोड नहीं डालना बल्कि आप सीधे सेटिंग में जाकर इसे सेट कर सकते हैं। चलिए इसके बारे में भी स्टेप बाय स्टेप जानते हैं…
- इसके लिए सबसे पहले आईफोन की सेटिंग में जाएं।
- अब मोबाइल सर्विस पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपको वॉयस और डेटा वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इधर से आपको अब 5G ऑन वाले ऑप्शन को सेलेक्ट कर लें है।
- इतना करते ही अब आपके आईफोन में सिर्फ 5G नेटवर्क ही काम करेगा।
- ध्यान दें कि इस सेटिंग को ऑन करने के बाद आपको एक समस्या भी आ सकती है। अगर आप ऐसी जगह है जहां 5G नेटवर्क नहीं है, वहां इस सेटिंग को बदलना जरूरी है नहीं तो जब तक फिर से 5G नेटवर्क नहीं मिल जाता सिम कार्ड के नेटवर्क गायब हो जाएंगे।
‘मेरे पास जीने की कोई तो वजह हो…’, पहलगाम हमले की पीड़िता ने पति के लिए मांगा शहीद का दर्जा
आशान्या ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आशान्या का कहना है कि शुभम ने गर्व के साथ खुद को हिन्दू बताया और कई लोगों की जान बचाई थी। पहली गोली मेरे पति को ही लगी। आतंकी उनसे उनका धर्म पूछ रहे थे। इस बहसबाजी में थोड़ा समय लगा, जिससे लोगों को वहां से बचकर भाग निकलने में मदद मिली।
12 फरवरी को हुई थी शादी
आतंकियों ने मुझे नहीं मारा: आशान्या
आशान्या अभी तक इस हादसे से पूरी तरह उबर नहीं सकी हैं। घटना को याद करते हुए आशान्या बताती हैं कि हम बैसरन घाटी में बैठकर मैगी खा रहे थे। तभी पीछे सेना की वर्दी में एक शख्स आया और उसने हमसे पूछा हिन्दू हो या मुस्लिम? हमें लगा शायद कोई मजाक कर रहा है। मैंने कहा क्यों भइया क्या हो गया? इस पर उसने फिर वही बात दोहराई, हिन्दू हो या मुस्लिम? हमने कहा हिन्दू और उसने शुभम के सिर में गोली मार दी। यह सबकुछ इतना जल्दी हुआ कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आया।
1 घंटे बाद पहुंची सेना
पति की मौत के बाद आशान्या ने आतंकियों से गुजारिश की कि मेरे पति को मार दिया तो मुझे भी मार दो। मगर, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। आतंकियों ने कहा कि तुमको नहीं मारेंगे। तुम्हें जिंदा छोड़ रहे हैं ताकि तुम जाकर सरकार को बता सको कि हमने क्या किया है।
26 लोगों की गई थी जान
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने बताया कि बैसरन घाटी में सुरक्षाबल तैनात नहीं थे। घटना के 1 घंटे बाद सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे हैं। इस बीच आतंकियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतारा और मौके से फरार हो गए।
छत्तीसगढ़ को शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनाने का संकल्प : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
देश के टॉप-100 शैक्षणिक संस्थानों में स्थान दिलाने के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता सुधार पर विशेष जोर
कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ में विकसित होंगे राष्ट्रीय मॉडल कॉलेज, खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को मिलेगा वैश्विक आयाम
मुख्यमंत्री श्री साय ने उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की
रायपुर@M4S:मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर देश के टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ को वरीयता देंगे, जिससे प्रदेश की शैक्षणिक छवि राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त डीएमएफ (जिला खनिज निधि) की राशि उपलब्ध है, वहां कुछ महाविद्यालयों को चिन्हित कर, विषय विशेष के राष्ट्रीय स्तर के मॉडल महाविद्यालयों के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे महाविद्यालय न केवल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि देश-विदेश के विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन का केंद्र बन सकते हैं।
श्री साय ने नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ की नीति को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध विषय विशेषज्ञों को शिक्षण से जोड़ने से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और समसामयिक जानकारियों का सीधा लाभ मिलेगा। इसी क्रम में उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को और अधिक उन्नत बनाने हेतु विशेष रणनीति और प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना (बहु विषयक शिक्षा एवं शोध विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने अवगत कराया कि शिक्षा सत्र 2024-25 से प्रदेश के 7 शासकीय तथा 17 निजी विश्वविद्यालयों, 335 शासकीय और 321 निजी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। उन्होंने इस नीति के विभिन्न प्रावधानों तथा चल रही प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी दी। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत हुए कार्यों की प्रगति, प्राध्यापकों की विभागीय पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं द्वारा विभिन्न पदों पर भर्तियों की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। आगामी कार्ययोजनाओं में ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’, कौशल उन्नयन, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना तथा कौशल आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना प्रमुख हैं।
इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को नई रफ्तार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवेशकों को दी बड़ी सौगात
रायपुर@M4S:छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। निवेशकों को विभिन्न आवश्यक स्वीकृतियां और सेवाएं अब तय समय-सीमा में प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, कई नई सेवाओं को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत अधिसूचित भी कर दिया गया है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे। हमारी सरकार निवेशकों को त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है।
राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, खतरनाक तथा अन्य अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अनुमति प्रदान करने के लिए 60 दिन, बायो-मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए 60 दिन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु स्वीकृति के लिए 30 दिन और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए भी 30 दिन की समय-सीमा तय की गई है। इसी तरह नदी या सार्वजनिक जलाशयों से जल दोहन हेतु अनुमति 300 दिनों में प्रदान की जाएगी, जबकि जल आपूर्ति एजेंसी से जल की अनुपलब्धता का प्रमाण पत्र 90 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा।
भवन निर्माण से संबंधित पांच चरणों जैसे भवन योजना स्वीकृति, परिवर्तन या पुनरीक्षण की अनुमति, ध्वस्तीकरण एवं पुनर्निर्माण की अनुमति, प्लिंथ स्तर स्वीकृति तथा अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए अधिकतम 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना हेतु पंजीकरण, नवीनीकरण और निरीक्षण के लिए 45 दिन का समय तय किया गया है। स्टार्टअप इकाइयों के पंजीकरण के लिए भी 45 दिन की समय-सीमा तय की गई है।
इसके अलावा, निवेशकों की सुविधा केंद्र और निवेश प्रोत्साहन एजेंसी द्वारा प्रश्नों का प्रत्युत्तर 7 दिनों में तथा प्रश्नों और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। सेवा क्षेत्र की इकाइयों के प्रश्नों का समाधान भी 7 दिनों में और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि निवेशकों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण और सेवाओं का समयबद्ध निपटारा छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। हमें विश्वास है कि इससे छत्तीसगढ़ देश के औद्योगिक नक्शे पर और अधिक तेजी से अपना स्थान बनाने में सफल होगा।
गौरतलब है कि अब तक जिन सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं किया गया था, उन्हें इस आदेश के माध्यम से अधिसूचित माना जाएगा। यह आदेश राज्य में लागू हो चुका है। छत्तीसगढ़ शासन का यह प्रयास औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाने की दिशा मे मददगार साबित होगा।
किशोर न्याय तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण कानूनों पर कार्यशाला सह परिचर्चा आयोजित
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े रहीं मुख्य अतिथि
रायपुर@M4S:रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में आज महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला-सह-परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती राजवाड़े ने कहा, बच्चों के अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। बाल संरक्षण से जुड़े प्रत्येक मामले में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई बेहद आवश्यक है। संबंधित विभाग समन्वय के साथ लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सभी मामलों को गंभीरता से लें ताकि जो बच्चे बाल सुधार गृह तथा अन्य स्थानों पर हैं वह पुनः अपराध न करें। श्रीमती राजवाड़े ने सभी को बाल विवाह रोकने शपथ भी दिलाई और बताया कि छत्तीसगढ़ में लगातार बाल विवाह में गिरावट आ रही है जिसे सबके सहयोग से हमें शून्य तक ले जाना है।
कार्यशाला की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि हम कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव मजबूत करें। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को बाल संरक्षण कानूनों, नियमों एवं संवेदनशील मामलों के कुशल प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी देना और उन्हें बाल अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाना था। तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षकों विपीन ठाकुर एवं शरवत हुसैन नकवी ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए कानूनों के व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। सचिव शम्मी आबिदी और संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी ने विभागीय योजनाओं एवं बाल संरक्षण संस्थाओं के कार्यों की जानकारी साझा की।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय कर्मचारी तथा बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लगभग 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत विधि से संघर्षरत बच्चों एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास और उनके सर्वाेत्तम हितों की रक्षा संबंधी प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत बालकों के प्रति अपराधों की रोकथाम और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बाल शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम जैसे विषयों पर भी अपने विचार साझा किए। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने बाल विवाह की रोकथाम, बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने तथा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।