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नकाब पहन कर बिग बी कर रहे हैं दिल्ली की सैर, देखें PHOTOS

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दिल्ली(एजेंसी):बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन इन दिनों राजधानी दिल्ली की सड़कों पर बेफिक्र घूम रहे हैं। हैरत की बात यह है कि अमिताभ को कोई पहचान नहीं पाता है, क्योंकि वह बाहर निकलने से पहले एक नकाब पहन लेते हैं।

अमिताभ शूजित सरकार की फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली आए हैं।

अमिताभ ने एक ब्लॉग में यह अनुभव और कुछ तस्वीरे शेयर की हैं, जिसमें वह खाकी रंग की पतलून, ढीली कमीज और अपना आधा चेहरा ढके हुए दिखाई दे रहे हैं।

अमिताभ ने लिखा, ‘‘इस नकाब का कमाल है कि भीड़भाड़ वाली दिल्ली में मुझे किसी ने आंख उठाकर देखा भी नहीं। कोई मुझे पहचान नहीं पाया। यही जिंदगी है। यह समानता कहलाती है। कभी-कभी एक मशहूर व्यक्ति भी मशहूर होने में दिलचस्पी नहीं लेता।’’

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बांग्ला फिल्मों के निर्देशक अनिरुद्ध राय चौधरी की यह हिंदी फिल्म सामाजिक थ्रिलर है। फिलहाल इस फिल्म का नाम तय नहीं हुआ है।

देखें तस्वीरें:

मूंगफली खाने से शिशुओं में कम होता है एलर्जी का खतरा

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लंदन(एजेंसी):बच्चों के आहार में कम उम्र में मूंगफली को शामिल करके उसमें एलर्जी का खतरा काफी कम किया जा सकता है, भले ही बच्चे पांच साल की उम्र के आसपास इन्हें खाना छोड़ दें।

‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है। शोध के मुताबिक, कम उम्र में मूंगफली के सेवन से इससे संबंधित एलर्जी का खतरा कम हो जाता है।

किंग कॉलेज लंदन के प्रमुख शोधकर्ता गिडियोन लैक के मुताबिक, ‘मूंगफली से एलर्जी के जोखिम वाले अधिकांश शिशु इससे बचे रहते हैं, अगर वे अपनी उम्र के शुरुआती 11 महीनों के भीतर ही इसे खाना शुरू कर देते हैं।’

शोध में 550 बच्चों को शामिल किया गया था। इनमें से 280 को मूंगफली से दूर रखा गया और 270 ने इसका सेवन किया। सभी प्रतिभागियों को उसके बाद 12 महीनों तक मूंगफली के सेवन से दूर रखा गया।

कई परीक्षणों के माध्यम से प्रतिभागियों के रक्त में मूंगफली की एलर्जी का मापन किया गया। शोध में पाया गया कि एक साल तक मूंगफली का सेवन न करने पर भी छह वर्ष की उम्र में उनमें एलर्जी में कोई खास वृद्धि नहीं हुई।

कुल मिलाकर शोध में पाया गया कि जिन बच्चों ने मूंगफली का सेवन किया, उनमें इससे संबंधित एलर्जी का खतरा उन बच्चों की तुलना में 74 प्रतिशत कम पाया गया, जिन्होंने इसका सेवन नहीं किया।

देर से मिलने वाला न्याय, न्याय न मिलने के बराबर: प्रणब

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इलाहबाद(एजेंसी):संगमनगरी मेंं रविवार को एशिया के सबसे बड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ का समारोह शुरू हो गया। उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देर से मिलने वाला न्याय, न्याय न मिलने के बराबर है।

राष्ट्रपति ने देश की अदालतों में लाखों मुकदमे लंबित होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अदालतों में जजों के रिक्त पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए। मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए वैकल्पिक न्याय प्रणाली को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा, छोटे केस सुलह-समझौते के आधार पर केस निपटाए जाएं तो अदालतों पर बोझ नहीं बढ़ेगा। साथ ही अधिवक्ताओं का आह्वान किया कि जनता को न्याय जल्दी दिलाने के लिए बेंच का सहयोग करें।

दिल्ली से सेना के विशेष विमान से इलाहाबाद पहुंचे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड ने गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। इस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा, राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जज, कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, जज और रिटायर जज भी समारोह में मौजूद रहे।

दो डाक टिकट, 10 रुपये का सिक्का जारी
कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डाक विभाग के फिलेटलिक ब्यूरो की ओर हाईकोर्ट पर बनाए गए दो डाक टिकट जारी किए। एक टिकट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और दूसरे पर इसकी लखनऊ खंडपीठ का चित्र है। इसके बाद राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट पर 10 रुपये का वह सिक्का भी जारी किया। इसके अलावा शताब्दी पत्रिका का विमोचन भी किया।

45 जिलों की फोर्स, ड्रोन कैमरे से निगहबानी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समारोह की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो, क्यूआरटी के अलावा 45 जिलों की पुलिस फोर्स लगाई गई है। परिसर के चारों ओर निगहबानी के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस मानिटरिंग करती रही। हाईकोर्ट के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे। सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस अफसर कंट्रोल रूम से पल-पल की जानकारी लेते रहे।

मछुआरों ने चुनाव के बहिष्कार की धमकी दी

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विशाखापटनम(एजेंसी):तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के मछुआरों ने धमकी दी है कि अगर केंद्र श्रीलंका द्वारा गिरफ्तार मछुआरों और नौकाओं की रिहाई के लिए कदम नहीं उठाया तो, वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। यहां 16 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं।

मछुआरा संघ के अध्यक्ष राजेंद्रन ने बताया कि द्वीपीय देश के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में श्रीलंका की नौसेना ने सिर्फ 2015 में तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के विभिन्न हिस्सों से तकरीबन 70 मछुआरों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल श्रीलंका के अफसरों ने मछुआरों की मछली पकड़ने की 90 नौकाओं को भी जब्त किया है। इन नौकाओं की कीमत पांच लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये के बीच बताई जाती है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र 15 अप्रैल से पहले मछुआरों और नौकाओं की रिहाई के लिए कदम नहीं उठाता है तो तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के मछुआरे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। साथ ही आंदोलन भी शुरू करेंगे।

श्रीलंका ने 28 मछुआरों को  पकड़ा
अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में श्रीलंकाई नौसेना ने रविवार को 28 भारतीय मछुआरों को  गिरफ्तार कर लिया। मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक गोपीनाथ ने बताया कि पुडुकोट्टई, पंबन और तूतीकोरिन से ताल्लुक रखने वाले इन मछुआरों को कंगेसंतुरई तट ले जाया गया। मछुआरों की तीन नौकाओं को भी श्रीलंकाई नौसेना ने जब्त कर लिया। सीमा पार करके मछली पकड़ने के आरोप में श्रीलंकाई नौसेना ने इस महीने यह चौथी गिरफ्तारी की है।

9000 करोड़ चुकाना चाहते हैं माल्या, पढ़ें क्या लिखा ईमेल में…

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दिल्ली(एजेंसी):9000 करोड़ का लोन लेकर देश छोड़कर जा चुके राज्यसभा सांसद विजय माल्या ने ब्रिटेन के अंग्रेजी अखबार गार्जियन को ईमेल भेजकर कई अहम बातें बताईं। माल्या भारत लौटना चाहते हैं। लेकिन उन्हें वक्त से डर लग रहा है। वह 9000 करोड़ का उधार भी चुकाना चाहते हैं पर डरते हैं कि उनकी अच्छी भावनाओं को मीडिया तोड़मरोड़ कर पेश करेगी।

वैसे तो विजय माल्या ने ट्वीट कर खुद कहा है कि मैं किसी से बात नहीं करना चाहता हूं लेकिन ब्रिटेन के अखबार संडे गार्डियन को उन्होंने ईमेल के माध्यम से इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा, मैंने अपने मित्र के साथ निजी यात्रा के कारण देश छोड़ा मगर लोगों ने समझा कि मैंने इतने बड़े लोन से बचने के लिए देश छोड़ दिया। मेरे खिलाफ पिछले साल ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। लेकिन मैं नहीं भागा। मुझे एक अपराधी की तरह क्यों पेश किया गया।

उन्होंने आगे जवाब दिया कि लोन डिफाल्ट उनके कारोबार का मामला है। जब बैंक लोन देती है तो उसे रिस्क का पता होता है। उन्होंने मुझे लोन देने का निर्णय किया था मैंने नहीं। मेरा अपना बिजनेस अच्छा चल रहा था पर अचानक घाटा हो गया।

गार्जियन के मुताबिक माल्या ने मेल कर कहा, मुझे विलेन मत बनाओ। मेरी नीयत अच्छी है। मैं शांत हूं क्योंकि मुझे डर है कि मेरे शब्दों को तोड़मरोड़ कर पेश किया जाएगा। मैं दिल से भारतीय हूं। वापस देश जाना चाहता हूं। लेकिन मुझे ये भरोसा नहीं कि मैं वहां अपना पक्ष रखने का मौका पा पाऊंगा। मुझे पहले ही क्रिमिनल घोषित किया जा चुका है। मुझे नहीं लगता कि ये सही समय है। लेकिन मैं एक दिन जरूर लौटूंगा। भारत ने ही मुझे सबकुछ दिया है। उसी ने मुझे विजय माल्या बनाया है।

संघ का गणवेष बदला, खाकी निकर की जगह भूरे रंग की फुल पैंट

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नागौर(एजेंसी):पिछले 91 साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान रहे खाकी रंग के निकर अब इस संगठन के गणवेश से बाहर हो जाएंगे और समय के साथ बदलाव ला रहे संगठन की पहचान अब भूरे रंग की पतलून बनेगी।

संघ की नीति निर्धारक इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यहां आयोजित तीन दिवसीय सालाना बैठक में यह फैसला किया गया।

संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, हमने खाकी निकर की जगह भूरे रंग की पैंट को गणवेश में शामिल करने का निर्णय लिया है। हम अडि़यल रुख नहीं रखते और समय के अनुसार फैसले लेते हैं। साल 1925 में संघ की स्थापना के बाद से ढीला-ढाला खाकी निकर संगठन की पहचान रहा है।

शुरू में 1940 तक संघ के गणवेश में खाकी कमीज और निकर होते थे और बाद में सफेद कमीज इसमें शामिल हो गयी।

जोशी ने इसे बड़ा बदलाव बताते हुए कहा, आज के सामाजिक जीवन में पैंट नियमित रूप से शामिल है और इसी को देखते हुए हमने हमारा फैसला किया।

संघ पदाधिकारी ने प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, हमने भूरे रंग पर फैसला किया जिसकी कोई विशेष वजह नहीं है बल्कि यह आराम से उपलब्ध है और अच्छा दिखाई देता है।

क्या इससे संघ स्वयंसेवकों की पहचान पर कोई असर पड़ेगा, इस प्रश्न पर जोशी ने कहा कि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा और अगले चार-छह महीने में इसे सहजता से स्वीकार किया जाएगा।

शत-प्रतिशत बच्चों के इलाज की गारंटी का अभियान है ‘‘चिरायु’’ : डॉ. रमन सिंह

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मुख्यमंत्री द्वारा क्लब फुट प्रबंधन का कार्यक्रम का शुभारंभ और स्वास्थ्य विभाग के लोगो का विमोचन

रायपुर@M4S:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार का चिरायु अभियान प्रदेश में इलाज की जरूरत वाले शत-प्रतिशत बच्चों के इलाज की गारंटी का अभियान है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से राज्य सरकार का यह प्रयास है कि इलाज के अभाव में बच्चों का बचपन न छिने और उनके परिवार की खुशियां बनीं रहें।
मुख्यमंत्री ने आज यहां न्यू सर्किट हाऊस में बच्चों में जन्मजात पैरों की विकृति (मुड़े पैरों) के इलाज के लिए चिरायु अभियान के अंतर्गत क्लब फुट प्रबंधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लोगो (विभागीय चिन्ह) का विमोचन भी किया। क्लब फुट प्रबंधन कार्यक्रम राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवी संस्था क्योर इंडिया इंटरनेशनल के सहयोग से प्रारंभ किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, विधायक श्रीचंद सुंदरानी और नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और क्योर इंडिया इंटरनेशनल संस्था के मध्य क्लब फुट की विकृति वाले शत-प्रतिशत बच्चों के इलाज के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए। एमओयू में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रदेश के प्रबंध संचालक डॉ. आयाज तंबोली और क्योर इंडिया इंटरनेशल के डॉ. संतोष जार्ज ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्लब फुट की विकृति के सफल इलाज वाले बच्चों शिवानी, पूजा रात्रे, गरिमा और अमित साहू को उपहार प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बहुत से बच्चों को जन्मजात हृदय रोग होता है, बहुत से बच्चों को कॉक्लियर इम्पलांट की जरूरत होती है। कई बच्चों के होंठ कटे फटे होते हैं। कई बच्चों को साधारण इलाज और कौंसलिंग की जरूरत होती है। चिरायु अभियान के तहत ऐेसे सभी बच्चों को चिन्हांकित कर उनका शत-प्रतिशत इलाज राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है। प्रदेश के स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में ऐसे बच्चों की पहचान के लिए अगस्त 2014 से चिरायु अभियान प्रारंभ किया गया। अभियान के दौरान लगभग 66 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इनमें से लगभग 2 लाख बच्चों चिन्हांकित किया जिन्हें इलाज की जरूरत थी इनमें से एक लाख 76 हजार बच्चों का उपचार हो चुका है। चिरायु अभियान का द्वितीय चरण एक नवम्बर 2015 से प्रारंभ हुआ है जिसके तहत इलाज की जरूरत वाले सभी बच्चों का उपचार आगामी जून माह तक कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अभियान में सभी लोगों से सक्रिय भागीदारी का आव्हान किया  है। उन्होंने बताया कि इस दौरान क्लब फु ट की विकृति वाले चिन्हांकित  सभी दो हजार 362 बच्चों का भी निरूशुल्क इलाज कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल आतंक से बड़ी चुनौती स्वस्थ्य पीढियों के निर्माण की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और बच्चों में कुपोषण की कमी के सूचकांक देश के सबसे विकसित राज्य केरल से भी बेहतर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा प्रदेश के नागरिकों के सहयोग और सक्रियता से हम यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त करने में सफल होंगे।  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने प्रदेश के नागरिकों से बच्चों के बचपन को सुरक्षित रखने के इस अभियान में  भागीदारी का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में पहला राज्य है जहां बच्चों में क्लब फुट की विकृति के इलाज के लिए समयबद्ध कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी परिवारों तक मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में बच्चों के  टीकाकरण का प्रतिशत विकसित देशों से बेहतर करने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव विकासशील ने चिरायु अभियान का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। क्योर इंडिया इंटरनेशनल के डॉ. संतोष जार्ज ने भी अपने विचार व्यक्त किये। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त श्री अविनाश चम्पावत ने स्वागत भाषण दिया और डॉ. आयाज ताम्बोली ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और प्रबुद्ध नागरिक भी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री आज करेंगे योजना का प्रदेश व्यापी शुभारंभ : प्रदेश के 54 लाख बिजली उपभोक्ता परिवारों को मिलेगी एल.ई.डी. लैम्प की सौगात

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रायपुर@M4S:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 13 मार्च को राज्य के लगभग 54 लाख बिजली उपभोक्ता परिवारों के लिए एल.ई.डी. लैम्प वितरण योजना का राजनांदगांव में प्रदेश व्यापी शुभारंभ करेंगे। शुभारंभ समारोह वहां कृषि उपज मण्डी प्रांगण में दोपहर 1.10 बजे आयोजित किया जाएगा। एक एल.ई.डी लैम्प की क्षमता 9 वाट की होगी, जो घरों में 100 वाट की रोशनी देगा। इस प्रकार घरों में बिजली की काफी बचत होगी। इससे बिजली की खपत कम करने में मदद मिलेगी। राजनांदगांव जिले में 85 हजार 672 बी.पी.एल. परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि यह योजना प्रदेश भर में मुख्यमंत्री एल.ई.डी. लैम्प वितरण योजना के नाम से संचालित की जाएगी। योजना के तहत गरीबी रेखा श्रेणी (बी.पी.एल.श्रेणी) के 16 लाख परिवारों को यह लैम्प निःशुल्क मिलेगा। प्रत्येक बी.पी.एल. परिवार को 3 लैम्प दिए जाएंगे। इनके अलावा गरीबी रेखा से ऊपर (ए.पी.एल.) श्रेणी के 38 लाख परिवारों को भी एल.ई.डी. लैम्प का वितरण किया जाएगा। ए.पी.एल. परिवार 10 बल्ब ले सकेंगे। उनके लिए प्रत्येक एल.ई.डी. लैम्प 100 रूपये का होगा। वे मासिक किश्त योजना (ई.एम.आई.) के तहत 4 बल्ब ले सकेंगे और 6 बल्ब नगद भुगतान कर प्राप्त कर सकेंगे। ए.पी.एल. श्रेणी के उपभोक्ता खरीदे गए बल्ब की राशि अपने बिजली के माध्यम से भी दे सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता अपने निकटतम अपने क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्द्र से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्हें अपना फोटो पहचान पत्र, पता और बिजली बिल पेश करना होगा। बिजली बिल बकाया होने पर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा केन्द्र सरकार के उपक्रम एनर्जी एफीसिंयेेंसी सर्विस लिमिटेड (ई.ए.एस.एल.) के सहयोग से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कल 13 मार्च को राजनांदगांव कृषि उपज मण्डी प्रांगण में  आयोजित समारोह में जिले के विकास के लिए लगभग 61 करोड़ रूपये के 67 निर्माण कार्यो का भूमि पूजन, शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे इस अवसर पर जिले के सूखा प्रभावित 75 किसान परिवारों के बेटियों के विवाह के लिए तीस-तीस हजार रूपये की धन राशि देंगे साथ ही वहां आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 125 जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री इस मौके पर जिले के 70 महिला स्वसहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष से विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण राशि के चेक देंगे और नोनी सुरक्षा योजना के तहत 634 बेटियों को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। डॉ. सिंह राजनांदगांव से हेलीकॉप्टर द्वारा अपरान्ह 3.30 बजे रायपुर लौट आएंगे।

एम.ई.एम.सी. वीक में बालको खदानों ने जीते पांच पुरस्कार

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मैनपाट बॉक्साइट खदान को एक और कवर्धा बॉक्साइट खदान को चार श्रेणियों में मिले पुरस्कार
 
 कोरबा@M4S:भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के सरगुजा जिला स्थित मैनपाट और कबीरधाम जिला स्थित बोदई-दलदली खदानों ने खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह (एम.ई.एम.सी. वीक) – 2015-16 के दौरान सेमी मैकेनाइज्ड खान वर्ग में पांच पुरस्कार जीते। रायपुर में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बालको के खान सह महाप्रबंधक  मनोज मोदी ने इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, नागपुर के रीजनल कंट्रोलर ऑफ माइंस अरूण प्रसाद के हाथों पुरस्कार ग्रहण किए। इस अवसर पर बालको अधिकारी  अजय तिवारी,  पंकज महंता,  सुशील सेनापति, सुरेश साव, अमित कुमार,  मजहर अली औरप्रवास रंजन मौजूद थे।
बोदई-दलदली खदान ने ‘एयर क्वालिटी मैनेजमेंट’ व ‘नॉइस एंड वाइब्रेशन कंट्रोल में प्रथम तथा ‘वाटर क्वालिटी मैनेजमेंट’ श्रेण्ीा में द्वितीय पुरस्कार जीता। सेमीमैकेनाइज्ड वर्ग में ‘ओव्हरऑल परफॅारमेंस’ के लिए तृतीय पुरस्कार दिया गया। मैनपाट बॉक्साइट खदान ने ‘वाटर क्वालिटी’ श्रेणी में पहला पुरस्कार प्राप्त किया।
कार्यक्रम खान मंत्रालय, भारत सरकार के इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, नागपुर प्रक्षेत्र के तत्वावधान में आयोजित हुआ। नागपुर प्रक्षेत्र की 45 कंपनियों ने आयोजन में भागीदारी की।

सरकार जो चाहे कर ले “भैया” हेल्पलाइन को नहीं रोक सकती- अमित जोगी

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सरकार अपनी पूरी ताकत बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने में लगाये न कि “भैया” हेल्पलाइन को रोकने में।

 रायपुर@M4S: विधायक अमित जोगी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के माध्यम से “भैया” हेल्पलाइन को दी गयी नोटिस से ये प्रमाणित होता  है कि सरकार प्रदेश के छात्रावासों में रह रही छात्राओं की सुरक्षा के प्रति कतई गंभीर नहीं है। छात्राओं की सुरक्षा के लिए शुरी की गयी एक सामाजिक पहल “भैया” हेल्पलाइन को प्रोत्साहित करने की जगह उसे अपने निष्क्रिय आयोगों के माध्यम से रोकने का प्रयास सरकार की संकुचित मानसिकता को  दर्शाता है। अमित जोगी ने कहा कि उनके संरक्षण में 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के छात्रावासों में रह रही छात्राओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी सामाजिक पहल “भैया” (7722821000) हेल्पलाइन चालू रहेगी और सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, “भैया” सेवा बंद नहीं होगी। अमित जोगी ने प्रदेश के सभी छात्रावासों में रह रही हर वर्ग की छात्रा को आश्वस्त किया कि वो चिंता न करे, “भैया” हेल्पलाइन उनका सुरक्षा कवच है जिसे वो सरकार को छीनने नहीं देंगे।   2 (12)

पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश के छात्रावासों में रह रही बच्चियों के साथ उत्पीड़न की घटनाएँ लगातार बढ़ी  हैं । झलियामारी काण्ड, कोरिया की घटना, बग़ीचा का मामला, हाल ही में हुई बीजापुर की घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ को देश के सामने शर्मसार होने मजबूर कर दिया है। एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में महिला अत्याचार की घटनाओं में 340% की बढ़ोतरी हुई है। इन घटनाओं को रोकने “भैया” हेल्पलाइन एक सामाजिक प्रयास है।

अमित जोगी ने कहा कि राज्य सरकार अगर अपना दायित्व ठीक से निभाती, झलियामारी कांड से सबक लेती तो प्रदेश में छत्तीसगढ़ में छात्राओं के साथ बार बार बलात्कार और उत्पीड़न की घटनाएं नहीं होती। समाज को “भैया” हेल्पलाइन लाने की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि सरकार अपना दायित्व निभाने में विफल साबित हुई है। अमित जोगी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि सरकार अपनी पूरी ताकत महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने में लगाने बजाय “भैया” हेल्पलाइन को रोकने में लगा रही है। अमित जोगी ने कहा कि न हम रुकेंगे, न हम थकेंगे, न झुकेंगे, बस आगे बढ़ेंगे।

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