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राहुल गांधी के स्वागत को लेकर संगठन और जोगी गुट में हुआ विवाद

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रायपुर(एजेंसी):कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरु घासीदास बाबा की जन्मभूमि पर लगने वाले वार्षिक गुरु दर्शन मेला में शामिल होने के लिए सोमवार को गिरौदपुरी पहुंचे। राहुल से मिलने को लेकर हैलीपैड में जोगी और संगठन गुट के नेताओं में विवाद हो गया।

पूर्व सीएम अजीत जोगी को हैलीपैड जाने से एसपीजी ने रोक दिया। बहस के बाद एसपीजी ने उन्हें जाने दिया। इसी बात को लेकर संगठन नेताओं और जोगी गुट के बीच विवाद हो गया। इसी बीच एसपीजी ने जोगी खेमा के कांग्रेस नेता योगेश तिवारी को हैलीपैड से बाहर कर दिया।राहुल यहां से करीब डेढ़ किमी पदयात्रा कर मेला स्थल तक गए, जहां मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना किया। राहुल के साथ पार्टी कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, महामंत्री व छत्तीसगढ़ प्रभारी बीके हरिप्रसाद, मोहसिना किदवई, ताम्रध्वज साहू भी मौजूद हैं।इससे पहले राहुल दोपहर दो बजे रायपुर के माना एयरपोर्ट पहुंचे। माना एयरपोर्ट पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल व विधायक दल नेता टीएस सिंहदेव ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।पार्टी ने पहले ही स्पष्ट किया था कि राहुल का दौरा पूरी से धार्मिक और आध्यात्मिक है। फिर भी जोगी और संगठन गुट ने शक्ति प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। राहुल के सामने ही जोगी और भूपेश के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। इसे देखते हुए संगठन खेमा काफी सतर्कता बरत रहा है।

दलित की हत्या, लड़की के पिता का समर्पण, हमले का वीडियो वायरल

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चेन्नई(एजेंसी):तमिलनाडु के तीरपुर जिले में उस लड़की के पिता ने संदिग्ध ऑनर किलिंग के मामले में आज समर्पण कर दिया जिसके पति की निर्मम हत्या की गई है। इस दलित युवक की हत्या के इस मामले से जुड़ा वीडियो भी वायरल हो चुका है और इसको लेकर आक्रोश पैदा हो गया है।

लड़की के पिता चिन्नास्वामी ने डिंडीगल जिले के निलाकोटाई की एक अदालत के समक्ष समर्पण किया। इस लड़की का नाम कौशल्या है और उसने अपने पति की हत्या के लिये पिता को जिम्मेदार ठहराया है।

चैनलों पर जो वीडियो प्रसारित हुआ है उसमें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि 22 साल के दलित युवक शंकर पर उस वक्त हमला किया गया जब वह अपनी पत्नी कौशल्या के साथ था। यह घटना कल तीरपुर के उदमलपेट में घटी। हमलावरों ने चाकू ले रखा था।

वीडियो में दिख रहा है कि वे इस दंपति पर बर्बरता से हमला कर रहे हैं। जब बीच सड़क पर यह निर्मम हमला हो रहा था तब वहां से गुजर रहे राहगीर डर की वजह से तमाशबीन बने रहे।

खून से लथपथ शंकर को सड़क पर छोड़कर तीनों हमलावर बाइक से भाग निकलने में सफल रहे क्योंकि वहां किसी ने उनका प्रतिरोध नहीं किया।

मामले के तूल पकड़ने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ईवीकेएस इलनगोवन, वाम दल, एमडीएमके, वीसीके और डीके ने इस घटना की निंदा करते हुए हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

दिल दहला देने वाली यह घटना उस वक्त सामने आई जब हाल ही में इंजीनियरिंग के छात्र गोकुलराज की भी ऐसे ही एक मामले में हत्या की गई। नामक्कल के गोकुलराज की हत्या को भी ऑनर किलिंग का मामला माना जा रहा है।

उदुमलपेट के सरकारी अस्पताल में तनाव की स्थिति बनी हुई है क्योंकि शंकर के रिश्तेदारों ने उसका शव लेने से मना कर दिया और और हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

कौशल्या का अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसने कहा कि उसके पिता चिन्नास्वामी इस रिश्ते के पूरी तरह खिलाफ थे और कुछ समय पहले शंकर को निशाना बनाने की धमकी भी दी थी।

इस लड़की का दावा है कि उसके पिता ने कहा था कि अगर वह अकेले घर लौट आती है तो वह शंकर को कुछ नहीं करेगा। कौशल्या ने यह भी कहा कि वह हमलावरों को पहचान लेगी।

शंकर के पुश्तैनी इलाके कुमारलिंगम में पथराव, दुकाने बंद कराए जाने और पुलिस बलों की तैनाती की खबर मिली है।  पुलिस का कहना है कि स्थिति को काबू में कर लिया गया है।

राबड़ी के बयान पर संघ को बदलनी पड़ी वर्दी: लालू

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पटना(एजेंसी):राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वर्दी बदले जाने पर कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के ‘तर्कपूर्ण बयान’ का असर है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, राबड़ी देवी जी के एक ‘तर्कपूर्ण आक्रामक बयान’ ने मात्र दो महीने में आरएसएस को ‘हाफ  पैंट’ से ‘फुल पैंट’ करने पर मजबूर कर दिया।

दरअसल, लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जनवरी में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह कैसा संगठन है, जहां उम्रदराज लोगों को भी हाफ पैंट पहननी पड़ती है। क्या उन्हें सार्वजनिक जगहों पर जाने में शर्म नहीं महसूस होती?

गौरतलब है कि आरएसएस ने अपनी वर्दी में बदलाव लाने का फैसला किया है। खाकी निकर पहनने वाले आरएसएस कार्यकर्ता अब भूरे रंग की फुलपैंट पहने नजर आएंगे।

अफरीदी के ‘भारत प्रेम’ बयान पर भड़के मियांदाद, कहा- शर्म करो

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करांची(एजेंसी):शाहिद अफरीदी की टिप्पणी से आहत और हैरान पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने कहा कि इस तरह के बयान देने वाले खिलाडि़यों को खुद पर शर्म आनी चाहिए। अफरीदी ने कहा था कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों को यहां से कहीं ज्यादा भारतीय दर्शकों से प्यार मिलता है।

मियांदाद ने कहा, इन क्रिकेटरों को इस तरह की चीज कहने से पहले खुद पर शर्म करनी चाहिए। शर्म करो।

अफरीदी और सीनियर खिलाड़ी शोएब मलिक ने विश्व टवेंटी20 के लिये कोलकाता पहुंचने के बाद भारत की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें भारत में कभी भी डर नहीं लगता हालांकि सुरक्षा चिंताओं के कारण उनकी रवानगी काफी दिनों तक टलती रही।

अफरीदी ने कहा था, हमने हमेशा भारत में खेलने का लुत्फ उठाया है और भारतीय दर्शकों ने हमें पाकिस्तानी दर्शकों से कहीं ज्यादा प्यार दिया है।

मियांदाद ने कहा कि पाकिस्तान विश्व टी20 में भारत खेलने के लिये गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खिलाडि़यों को मेजबानों की बढ़ाई करनी चाहिए।

मियांदाद ने कहा, हमें भारतीयों ने क्या दिया है सच बोलो भले ही आप भारत में हो। पिछले पांच वर्षों में उन्होंने हमें क्या दिया है या पाकिस्तानी क्रिकेट के लिये क्या किया है। पाकिस्तानी क्रिकेट की इतने वर्षों सेवा करने के बाद मैं हैरत में हूं और हमारे खिलाडि़यों से इस तरह की टिप्पणी सुनकर आहत हूं।

मियांदाद ने कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेट अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और जब खिलाड़ी विदेश जाते हैं तो उनके लिये उचित मीडिया क्लास होनी चाहिए।

124 टेस्ट मैच खेल चुके इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, इस टीम का काम भारत में जाकर अच्छा खेलना है न कि इस तरह की गैरजरूरी टिप्पणियां करना।

पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज और मुख्य कोच मोहसिन खान ने भी अफरीदी और मलिक की टिप्पणी पर हैरानी व्यक्त की। खान ने कहा, वे सीनियर खिलाड़ी हैं और उन्हें मीडिया में बोलते हुए सतर्क रहना चाहिए और वो भी भारत के दौरे पर।

कुछ छात्रों ने किया जेएनयू के नियमों का उल्लघंन: JNU जांच समिति रिपोर्ट

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नई दिल्ली(एजेंसी):जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय की उच्च स्तरीय जांच समिति  ने 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ छात्रों को जेएनयू के नियमों का उल्लघंन करने का दोषी पाया गया है। विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक इस तरह के मामलों में कार्रवाई का प्रावधान है।

चीफ प्रॉक्टर ऑफिस संबंधित छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने बीते नौ फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में अफजल गुरू की फांसी के विरोध में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में निलंबित किए गए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ छात्रों का शैक्षणिक निलंबन वापस ले लिया था।

मामले की जांच के लिए गठित विश्वविद्यालय की एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा जेएनयू के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद निलंबन वापस लेने का फैसला किया गया।

बहरहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि निलंबन करने का मतलब यह नहीं है कि उसने छात्रों को क्लीन चिट दे दी है। प्रशासन ने कहा था  कि कुलपति एम जगदीश कुमार की ओर से रिपोर्ट के परीक्षण के बाद ही इस बाबत अंतिम फैसला किया जाएगा।

संसद पर हमले के दोषी अफजल की फांसी के विरोध में नौ फरवरी को आयोजित विवादित कार्यक्रम के एक दिन बाद यानी 10 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्च-स्तरीय समिति गठित कर उसे मामले की जांच करने के लिए कहा था। विश्वविद्यालय ने 12 फरवरी को आठ छात्रों को निलंबित कर दिया था ।

नाच रही सरकार झमाझम होली में

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उर्मिल कुमार थपलियाल

होली का राजनीतिक रंग यही है कि संसद में जिसे देखो, अंखियों में रेशमी डोरे डाले निर्दलीयों को रिझा रहा है। इंद्रधनुषी सरकार भी होली के बाद बदरंगी हो जाती है। होली की आग ठंडी पड़ते ही बुआ होलिका कपड़े झाड़कर आग के कुंड से बाहर निकलकर तब की फायर प्रूफ लेडी सिद्ध हो जाती है। प्रह्लाद पूरे साल सच का कटोरा लिए भटकता है, पर उसे राम मंदिर नहीं मिलता। अत: उसे राजनीतिक शरण लेनी पड़ती है।

होली के मौसम में सरकारी स्वांग न हो, तो कोई भी प्रक्रिया सांविधानिक बुराई जैसी लगने लगती है। यही दिन हैं, जब संसद या विधानसभाओं में राष्ट्रपति या राज्यपालों के अभिभाषण पूरे नहीं पढ़े जाते। अंतिम पृष्ठ पढ़ने के साथ ही उन्हें पढ़ा हुआ मान लिया जाता है। मिली-जुली सरकार अगर देखनी हो, तो किसी बड़ी नांद में अबीर, गुलाल, पीले-काले-नीले रंग, अबरक, तारकोल, कीचड़, गोबर, सफेद  पेंट और काली स्याही मिलाकर गंदे पानी में फेंट दो। लो, मिली-जुली सरकार बन जाती है। रंग में भी और तासीर में भी।

अपने लड़कपन में पूरी होली तक मेरा मन फाग सुनते ही बिरजू महाराज होने लगता था। हम निठल्ले औघड़ भी राग-सारंग चिंघाड़ने लगते थे। हमे मिर्गी तो कई बार आई, लेकिन आंगन में मृग नहीं आए। कामचोरों और निठल्लों के भीतर इन्हीं दिनों लखनऊ  में कई वाजिद अली शाह अंगड़ाई लेने लगते हैं। लखनवी भंडै़त कमर में घुंघरू बांधकर नाचते हैं कि- ऐसी होली खेलें जनाब अली। कैसरबाग में रंग बन्यो है, भीगे चौक की गली-गली।

होली में चूंकि हमारे यहां बत्तमीजी बुरी नहीं मानी जाती, इसलिए लंपटों और मनचलों का मन करता है कि कोई आए और वे उनके कपड़े फाड़ दें। उनका पूरा कस-बस निकाल दें। सारी नसें तोड़कर रख दें। लखनऊ  में तो मलिहाबाद से सारी कोयलें ठेके पर बुलवा ली गई हैं। सरकार खुद तबला लिए बैठी है। गधे और घोड़े सब बराबर फगुनिया दुलत्ती झाड़े हैं। कुछ तिरछे हैं, तो कुछ आड़े हैं। अब आगे-आगे देखिए होता है क्या? अभी तो भांग घोटी जा रही है।

iPhone SE 21 मार्च को होगा लांच, जानें ये 5 खूबियां

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नई दिल्ली(एजेंसी):21 मार्च को कैलिफोर्निया में एप्पल अपना नया फ़ोन iphone SE लांच कर सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि उस दिन कंपनी अपने कई नए डिवाइस को लांच करेगी।

4 इंच के इस फोन का नाम भी वैसे अभी तक अफवाहों के बाजार द्वारा दिया गया है लेकिन दुनिया भर के टेक प्रेमी इस साल के एपल के पहले उत्पाद की खासियत को जानने के लिए बेसब्र हैं।

1. नेम से नंबर गेम खत्म
आईफोन पहली बार आने के बाद से जितने भी फोन एपल ने उतारे सभी में एक नंबर हुआ करता था। 4,5,6 के सिरीज। लेकिन ये पहली बार होगा जब आईफोन बिना किसी नंबर के होगा। यानी नया फोन iPhone 5se नहीं बल्कि iPhone SE होगा।

2. iPhone 5s के रेट में ही मिलेगा ब्रैंड न्यू आईफोन
बताया जा रहा है कि नया आईफोन बिल्कुल iPhone 5s की तरह होगा। नए फोन का दाम भी iPhone 5s के वर्तमान रेट के बराबर ही होगा।

3. डिजाइन बिल्कुल iPhone 6 जैसा
एपल का नया फोन देखने में बिल्कुल iPhone 6 के मॉडल जैसा ही होगा। बस इसको 4 इंच के आकार में फिट का दिया जाएगा। इसमें भी पावर बटन साइड में ही होगा।

4. 12MP का होगा रियर कैमरा
एपल प्रोडक्ट के बारे में पहले से भविष्यवाणी करने के एक्सपर्ट KGI Securities के विशेषज्ञ मिंग ची क्यो के अनुसार नया फोन बिल्कुल 5s की तरह होगा। बस इसमें थोड़ा कर्व दिया जाएगा। फोन का मेन कैमरा यानी रियर कैमरा 12MP का होगा, जिसके बारे में अभी तक 8MP की अफवाह थी। बारी सभी तकनीकी संरचना iPhone 6 की तरह ही होगी। सिर्फ 3D टच जैसे फीचर अभी भी iPhone 6s के साथ एक्सक्लूसिव रहेंगे।

5. भारत के मध्यम वर्ग का ध्यान
एक्सपर्ट के मुताबिक नए आईफोन की कीमत 400 डॉलर से 500 डॉलर के बीच ही होगा यानी 30 से 35 हजार के बीच ही नए फोन की कीमत होनी चाहिए। भारत में मध्यम वर्ग को टारगेट करना एपल का उद्देश्य है इसी वजह से नए फोन की कीमत बहुत अधिक नहीं रखने का निर्णय लिया गया है।

एजुकेशन लोन: सच होंगे सपने..

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नई दिल्ली(एजेंसी):अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण होने के बाद कभी-कभी उच्च शिक्षा का सपना देखने वाले छात्रों के सामने पढ़ाई का खर्च सबसे बड़ी रुकावट बन जाता है। ऐसे में एजुकेशन लोन एक बड़ा सहारा होता है। एजुकेशन लोन पर विस्तार से बता रहे हैं प्रसन्न

अब कुछ ही दिन बाद कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पर संस्थानों की महंगी फीस को लेकर कई छात्र चिंतित होंगे। अगर आप भी कॉलेज की फीस को लेकर परेशान हैं तो चिंता छोड़िए, क्योंकि बैंकों द्वारा दिए जाने वाला एजुकेशन लोन आपकी इस चिंता का बेहतर समाधान है।

कोर्स और लोन
सामान्य बैचलर व मास्टर डिग्री कोर्सेज से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, लॉ, फैशन टेक्नोलॉजी समेत तमाम तरह के टेक्निकल, प्रोफेशनल व ट्रेडिशनल मान्य कोर्सेज के लिए आसानी से बैंक लोन मिल जाता है। दरअसल बैंकों ने देश में और विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन देने के लिए कुछ मापदंड तय हैं, जिनके अंतर्गत आने वाले कोर्सेज में ही लोन मिल पाता है।

लोन लेने की योग्यता
अधिकांश बैंकों द्वारा बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन दिया जाता है। एजुकेशन लोन के लिए देश में भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ यह जरूरी है कि छात्र का एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, मेरिट या फिर कट ऑफ मार्क्स के आधार पर देश या विदेश के किसी मान्यताप्राप्त संस्थान के टेक्निकल, प्रोफेशनल या किसी अन्य मान्यताप्राप्त कोर्स में हुआ हो। कट ऑफ मार्क्स के आधार पर एडमिशन होने की स्थिति में क्वालिफाइंग एग्जाम में सामान्य छात्रों के न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक और एससी, एसटी छात्रों के न्यूनतम 50 फीसदी अंक होने जरूरी हैं।

लोन की राशि
अधिकांश बैंकों द्वारा देश में पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। कुछ बैंकों द्वारा आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में नामांकन होने की स्थिति में इससे ज्यादा का लोन भी मिल सकता है। देश में बिना किसी मार्जिन के चार लाख रुपए तक का लोन आसानी से मिल जाता है, जबकि चार लाख से ज्यादा लोन 5 प्रतिशत मार्जिन पर दिया जाता है। विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन लेने पर चार लाख से ज्यादा की राशि होने पर 15 प्रतिशत मार्जिन पर लोन दिया जाता है। मतलब कि लोन के लिए सेंक्शन हुई राशि में से 5 प्रतिशत या 15 प्रतिशत जो भी मार्जिन हो, उसे बैंक अपने पास बतौर सिक्योरिटी रख कर बची हुई राशि छात्रों को देते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 30 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन देता है।

ब्याज दरें
सामान्य तौर पर अधिकांश बैंक 11 से 15 प्रतिशत सालाना दर से बैंक लोन देते हैं। प्राइवेट बैंकों में यह दर कुछ अधिक हो सकती है। अधिकांश बैंक लड़कियों को एजुकेशनल लोन में 0.5 प्रतिशत की छूट भी देते हैं।

इनके लिए भी लोन
एजुकेशन लोन के तहत कॉलेज फीस के साथ-साथ हॉस्टल फीस, एग्जाम फीस, लाइब्रेरी फीस, लेबोरेट्री फीस, बुक, इक्विपमेंट्स, इंस्ट्रूमेंट्स, यूनिफॉर्म, कॉशन डिपॉजिट, बिल्डिंग फंड, रिफंडेबल डिपॉजिट, ट्रेवल एक्सपेंस, पैसेज मनी आदि के लिए भी लोन मिल जाता है। यदि कोर्स के लिए अनिवार्य व अति आवश्यक हो तो कम कीमत पर मिलने वाले कंप्यूटर खरीदने के लिए भी राशि मिल सकती है। इसके अलावा स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस जैसे अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी राशि मिल सकती है।

क्या लोन के लिए गारंटर चाहिए?
सामान्य तौर पर चार लाख रुपए तक का लोन लेने पर किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती, सिर्फ पेरेंट्स या गार्जियन के सिग्नेचर और उनकी आर्थिक स्थिति को देख कर ही लोन सेंक्शन हो जाता है। चार लाख से साढ़े सात लाख का लोन लेने पर किसी सक्षम रिश्तेदार या जानकार व्यक्ति का गारंटर बनना जरूरी है, वहीं साढ़े सात लाख से ज्यादा का एजुकेशन लोन होने पर कोलेटरल सिक्योरिटी अर्थात जितनी राशि लोन ली जा रही है, उतनी राशि के प्रॉपर्टी के कागजात या ज्वेलरी आदि बहुमूल्य वस्तुएं बैंक के पास जमा करानी होंगी।

जरूरी दस्तावेज
लोन लेने के वक्त कुछ जरूरी दस्तावेज होने जरूरी है। बैंक द्वारा निर्धारित फॉर्मेट के एजुकेशन लोन फॉर्म को भर कर उसके साथ पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ, एज सर्टिफिकेट, क्वालिफाइंग एग्जाम की मार्क्सशीट, जिस संस्थान में नामांकन लिया है, वहां से जारी एडमिशन लेटर, कॉलेज प्रॉस्पेक्टस, जिसमें एडमिशन फी, कॉलेज फी, एग्जाम फी, हॉस्टल फी जैसे सभी तरह के शुल्कों का स्पष्ट विवरण हो, देने पड़ते हैं। इसके अलावा पेरेंट्स या गार्जियन की संपत्ति व देनदारी का विवरण भी हो।

यदि लोन कोलेटरल सिक्योरिटी पर लिया जा रहा हो तो संबंधित प्रॉपर्टी के कागजात और उसका वैल्यूएशन सर्टिफिकेट भी जरूरी है। विदेशों में नामांकन के लिए लोन की स्थिति में पासपोर्ट और वीजा की फोटोकॉपी की जरूरत पड़ती है।

लोन लेने से पहले ध्यान दें
पूरी जानकारी जुटाएं:
अगर आप एजुकेशन लोन लेने की सोच रहे हैं तो लोन लेने से पहले लोन से संबंधित सभी तरह की अहम जानकारियों के बारे में जरूर पता कर लें, ताकि भविष्य में जब लोन चुकाना हो तो किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

ब्याज दरों की तुलना करें: सभी बैंकों की ब्याज दरों को देख लें और जांच लें, क्योंकि सभी बैंकों में एक समान ब्याज दरें नहीं होतीं। अगर आप ब्याज दरों की तुलना कर लेंगे तो कम ब्याज दर पर आपको लोन मिल सकता है। इसके लिए बैंकों की वेबसाइट पर जाकर उनके इंटरस्ट रेट को पता कर सकते हैं। कुछ वेबसाइट ऐसी भी हैं, जहां पर बैंक लोन की तुलना की जा सकती है।

कितने समय में लोन मिलेगा: बैंकों में यह पता कर लें कि कितने समय में लोन सेंक्शन हो पाएगा, क्योंकि कई बार बैंकों द्वारा लोन सेंक्शन करने में काफी समय लगा दिया जाता है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि जब तक आपको लोन मिले, तब तक काफी देर हो गई हो और कॉलेज में आपका प्रवेश ही मुश्किल हो जाए।

रिपेमेंट टाइम: सभी बैंकों का रिपेमेंट टाइम अर्थात लोन लौटाने का समय अलग-अलग होता है। ऐसे में रिपेमेंट टाइम की पहले से जानकारी होगी तो डिग्री पूरी होने के बाद लोन की राशि लौटना आपके लिए आसान रहेगा।

अन्य शुल्क: बैंकों के बेस रेट और एजुकेशनल लोन इंटरस्ट रेट में फर्क होता है, ऐसे में आप इस फर्क को समझें। साथ ही यह भी पता कर लें कि इंटरस्ट रेट फिक्स्ड है या नहीं और इंटरस्ट रेट के अलावा सर्विस टैक्स या किसी अन्य तरह का कोई और चार्ज तो नहीं है।

छूट भी मिल सकती है
कोर्स के दौरान ब्याज दर का भुगतान कर छूट पा सकते हैं।
यदि कोई छात्र लोन लेने के तुरंत बाद से केवल ब्याज दर की राशि का भुगतान कर दे तो उसे लोन पर एक प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है।

अल्पसंख्यक छात्रों को लोन में सब्सिडी की सुविधा
केन्द्र सरकार की पढ़ों परदेश योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इसका फायदा मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के छात्रों को मिलेगा।

वापसी का विकल्प
सामान्यत: बैंक 7.5 लाख रुपए तक के लोन को चुकाने के लिए दस साल तक का समय देते हैं, वहीं 7.5 से ज्यादा राशि के लोन को चुकाने के लिए 15 वर्ष तक का समय दिया जाता है। इसके साथ ही यह शर्त है कि डिग्री पूरी होने के बाद एक साल के भीतर या जॉब लगने के छह माह के अंदर (दोनों में से जो भी पहले हो) बैंकों को लोन की ईएमआई का भुगतान करना जरूरी है।

भारत में संस्थानों पर लोन
यूजीसी/ एआईसीटीई /एआईबीएमएस/आईसीएमआर/सरकार आदि से मान्यता प्राप्त और यूनिवर्सिटी/ कॉलेज/ संस्थान में बैचलर डिग्री, मास्टर डिग्री और पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए।
आईसीडब्लूए, सीए, सीएफए जैसे कोर्स
आईआईएम, आईआईटी,आईआईएससी, निफ्ट, एनआईडी, एक्सएलआरआई द्वारा संचालित कोर्स।
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन/शिपिंग आदि से मान्यताप्राप्त एयरोनॉटिकल, पायलट ट्रेनिंग, शिपिंग आदि जैसे रेगुलर डिग्री और डिप्लोमा कोर्स।
प्रतिष्ठित विदेशी यूनिवर्सिटीज द्वारा मान्यताप्राप्त और भारत में संचालित कोर्स
मान्यताप्राप्त पार्ट टाइम जॉब ओरिएंटेड कोर्स (ईवनिंग कोर्स आदि)
मान्यताप्राप्त टीचर्स ट्रेनिंग / बी.एड, नर्सिंग कोर्स के लिए

विदेश में इन कोर्स के लिए
प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के जॉब ओरिएंटेड टेक्निकल और प्रोफेशनल बैचलर डिग्री

कोर्सेज
एमसीए, एमबीए, एमएस जैसे मान्यताप्राप्त पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स।
सीआईएमए-लंदन, सीपीए-यूएसए आदि द्वारा संचालित पाठय़क्रम।
एयरोनॉटिकल, पायलेट ट्रेनिंग, शिपिंग जैसे डिग्री या डिप्लोमा कोर्स, जो भारत और विदेश में मान्यताप्राप्त हों।

एक्सपर्ट व्यू
आर्थिक समस्या पढ़ाई में बाधा नहीं
चार लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के सेंक्शन हो जाता है, वहीं साढ़े सात लाख तक के लोन के लिए किसी थर्ड पार्टी की गारंटी की जरूरत होती है। इससे ज्यादा रकम लेने पर गारंटी के रूप में बैंक के पास प्रॉपर्टी के कागजात या कोई अन्य बहुमूल्य वस्तु रखनी होती है। यदि कोई छात्र एजुकेशन लोन लेकर अपना ख्वाब पूरा करना चाहता है तो किसी मान्यताप्राप्त संस्थान में नामांकन लेने के साथ-साथ बैंक द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हुए आवेदन करें। सभी जरूरी कागजात के साथ लोन लेने में काफी आसानी रहती है।
नीतिश प्रकाश, कस्टमर असिस्टेंट, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अमृतसर

अफरीदी ने कहा, पाक से ज्यादा भारत में मिलता है प्यार

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कोलकत्ता(एजेंसी):हफ्ते भर चले उथलपुथल के बाद आईसीसी ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने कोलकाता पहुंची पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी ने कहा कि हिन्दुस्तान के लोगों से उन्हें जितना प्यार मिला है इतना प्यार तो पाकिस्तान में भी नहीं मिला।

अभ्यास मैच से पहले रविवार को कप्तान अफरीदी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत में हमने हमेशा क्रिकेट का मजा लिया। यहां के लोगों से हमें बहुत प्यार मिला, इतना प्यार तो हमें पाकिस्तान में भी नहीं मिला, जितना यहां मिला। भारत उन चुनिंदा देशों में से एक हैं, जहां मुझे खेलने में हमेशा से मजा आता रहा है। भारतीय टीम बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रही है। यदि आप एशिया कप के आखिरी मैच को देखें तो पता चलेगा कि विराट और युवराज ने बहुत अच्छा खेला।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत की मेजबानी में हो रहे ट्वेंटी-20 विश्वकप में खेलने के लिए शारीरिक और मानसिक रुप से पूरी तरह से तैयार है।

पाकिस्तानी टीम अबुधाबी होते हुए शनिवार रात कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता पहुंची। टीम में 15 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के 12 सदस्य हैं। टीम को अपने ग्रुप-बी मुकाबले में 19 मार्च को ईडन गार्डन में मेजबान भारत से खेलना है। इससे पहले 16 मार्च को इसी मैदान पर पाकिस्तान का मुकाबला क्वालिफायर टीम से होना है।

अफरीदी ने ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिए देर से पहुंचने के बारे में कहा कि हमारी तैयारी चल रही थी। देश जो भी फैसला लेता है हम उसके साथ रहते हैं। क्रिकेट में दबाव तो हमेशा ही रहता है और हमें दबाव में खेलने में मजा आता है। हम हमेशा क्रिकेट खेलने का पूरा मजा लेते हैं। क्रिकेट ही ऐसी चीज है जो दोनो मुल्कों को पास लाती है। इसको राजनीति से दूर रखना चाहिए।

वहीं पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज शोएब मलिक ने कहा कि भारत आकर मुझे बहुत खुशी होती है। मुझे यहां पर बहुत प्यार मिला है। सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए मैं भारत सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मेरी पत्नी सानिया भारत से हैं। मैं कई बार भारत आ चुका हूं और मैंने कभी सुरक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा। यहां के लोग बहुत अच्छे है और हमारे लिए यह बहुत अच्छा मौका है कि हम यहां अच्छा प्रदर्शन करें।

पाकिस्तान की टीम सोमवार को श्रीलंका के खिलाफ अभ्यास मैच खेलगी। इसके बाद मुख्य मुकाबले शुरू होंगे  जहां पाकिस्तान को ईडन गार्डन में 16 मार्च को क्वालिफायर करने वाली टीम तथा उसके बाद 19 मार्च को फिर ईडन गार्डन में ही चिर प्रतिद्वंद्वी भारत से भिड़ना है। टीम को उसके बाद मोहाली में 22 मार्च को न्यूजीलैंड से और फिर मोहाली में ही 25 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है।

आजाद को पार्टी से बाहर कर देश से माफी मांगें सोनिया: VHP

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नई दिल्ली(एजेंसी): विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का कहना है कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्दका राष्ट्रीय एकता सम्मेलन राष्ट्रीय एकता तोड़ने वालों का जमावड़ा सिद्ध हुआ है।

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने रविवार को एक बयान में ईसाई धर्मगुरु जॉन दयाल, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर तथा राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार उमर खालिद के पिता की सम्मेलन में मौजूदगी पर सवाल उठाया है।

विहिप का कहना है कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद व सोनिया गांधी भी देश तोड़ने वालों की भूमिका में ही दिखाई दे रहे थे। वोट बैंक के लिए इन दोनों ने मयार्दाओं को तार-तार कर दिया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से तुलना इस बात को दर्शाता है कि वे चंद वोटों के लिए देश के हितों को कुर्बान कर सकते हैं।

विहिप नेता ने पूछा है कि क्या कांग्रेस नेता समझते हैं कि भारत का मुस्लिम समाज आईएस के साथ सहानुभूति रखता है? उन्होंने अपने इस बयान से भारतीय मुस्लिम समाज की छवि को बेदर्दी के साथ खराब कर, उसकी देशभक्ति को कटघरे में खड़ा करने का पाप किया हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस बयान के लिए राष्ट्र से अविलम्ब माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। विहिप नेता ने आरोप लगाया कि आजाद ने सफेद झूठ बोल दिया कि सोनिया ने उर्दू में हस्ताक्षर किए हैं। पत्र को देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि हस्ताक्षर हिन्दी में हैं। उस पर भी संदेह है कि भाषा तो उनकी नहीं है, हस्ताक्षर भी उनके नहीं होंगे।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल द्वारा जारी इस बयान में यह भी कहा गया कि सोनिया गांधी यदि गुलाम नबी आजाद पर कार्रवाई नहीं करतीं तो उन्हें कुछ बातों का उत्तर देना पडे़गा। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गणतंत्र दिवस परेड में संघ की टोली को सम्मिलित किया था। सोनिया जी को बताना पड़ेगा कि अब वह नेहरू जी के बारे में क्या सोचती हैं? दूसरा, उनके पति स्वर्गीय राजीव गांधी भारत में रामराज्य चाहते थे, जबकि वह राम मंदिर का विरोध कर रही हैं। क्या कोई भारतीय पत्नी अपने स्वर्गीय पति की इच्छा के विरुद्ध काम कर सकती है?

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