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प्रताड़ना के साथ-साथ पति-पत्नी और वो का राज खोलेगी डायरी

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कोरबा@M4S:कोरबा के महाराणा प्रताप नगर में एक  नवविवाहिता  की संदिग्ध मौत के मामले की गुत्थी उलझते ही जा रही,मृतिका के परिजनों के बयान के बाद मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. प्रताड़ना के साथ-साथ पति-पत्नी और “वो” का त्रिकोण प्रेम का मामला सामने आया है,इधर लड़की के पिता ने आरोप लगाया है की उसकी बेटी को तलाक देने के लिए दबाव बनाया जाता था,पिता ने ये भी  एक साल पहले बेटी की डोली उठाया था और आज अर्थी उठा रहा हू। ZW1
रोते बिलखते परिजन,पुलिस की तफ्तीश ये बताने के लिए काफी है की यहा कोई संगीन वारदात हुई है,जी हा,अभी उसकी हाथो की बेहंदी के रंग भी ठीक से नही उतरे थे,महज एक साल में ऐसा क्या हुआ जो एक विवाहिता को मौत को गले लगाने को मजबूर कर दिया,दरअसल जबलपुर निवासी अंकिता सिंह का विवाह कोरबा महाराणा प्रताप नगर LIG-43 में रहने वाले अभिषेक सिंह के साथ पिछले वर्ष 30 जनवरी को पूरे रीती रिवाज से हुआ था विवाह के कुछ दिनों तक तो सबकुछ सामान्य रहा पर एकाएक पति के बदलते व्यवहार ने अंकिता को असमंजस में डाल दिया. इसी बीच उसे अपने पति के गैर संबंधो की जानकारी हुई और वह परिवार को समेटने की लालसा लिए चुप रही समय बीतता गया पर आये दिन पति के बदलते रवैये से अंकिता ने अपने परिजनों को अवगत कराया और पति से खुलकर बात की, पर इस बीच पारिवारिक कलह ने अंकिता को झकझोर कर रख दिया, 8a566998-c2d0-40b1-8bea-611693049d8b
और विवाह के 14 महीनो बाद ही १६ मार्च की रात  अंकिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, मामला आत्महत्या-हत्या-प्रताड़ना और पति-पत्नी और “वो” की गुत्थी के बीच आकर ठहर चूका है,वही अपनी बेटी की मौत की खबर सुनकर भागे आये परिजनों की आँखे नम है और उनका कहना है की हमारी बेटी की मौत के जिम्मेदार को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. वही पूरे मामले में पति की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है. आज एस डी एम  के समक्ष अंकिता के परिजनों का बयान दर्ज किया गया है और शव को पोस्टमार्टम के बाद जबलपुर से आये अंकिता के माँ-बाप और चाचा के सुपुर्द कर दिया गया जिन्होंने अपनी लाड़ली को नम आँखों से मुक्तिधाम लेजाकर आखरी विदाई दी,पिता दिनेश सिंह   ने कहा  एक साल पहले बेटी की डोली उठाया था और आज अर्थी उठा रहा हू।e5157809-da66-4e15-adb3-212222099237
 पिता के अनुसार अभिषेक सिंह का डॉ.डी के श्रीवास्तव की बेटी निकिता श्रीवास्तव  के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसे लेकर अभिषेक अंकिता से मारपीट व विवाद करता था। इस मामले को रामपुर पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस को मृतका की एक डायरी मिली है। जिसमें मृतका ने अपने जीवन के बारे में कई राज लिखे हुए है। पुलिस ने इस डायरी को जब्त करते हुए विवेचना प्रारंभ कर दी है। मृतका की डायरी ही उसकी मौत का राज फाश करेगी। रामपुर चौकी पुलिस का कहना है कि बयान दर्ज करने के बाद  पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच के बाद इस मामले में अपराध पंजीबद्घ की कार्रवाई की जाएगी। VVV
जहा एक तरफ अभिषेक सिंह के परिजन पूरे मामले में पर्दा डालने में जुटे थे,लेकिन मृतका के परिजनों के आने के बाद जिला अस्पताल में पी एम के बाद गायब हो गये,और मिडिया के सामने अपना पक्ष रखने से बचते नजर आये,पुलिस को पी एम रिपोर्ट का इंतजार है और मौके से मिली वो डायरी को मिडिया से दूर रखना कई सवालो को जन्म दे रहा है,बहरहाल देखना होगा की जिस पिता को देश के संविधान और कानून पर भरोसा है उन्हें पुलिस न्याय दिलाने में कितनी मदद करती है और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजती है नही।

गौण खनिज चोरी मामले में कोरबा छठवें नंबर पर…

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कोरबा@M4S: कोरबा आदिवासी बाहुल्य व वनों से घिरा जिला है। कोरबा में गौण खनिज की भरमार है। यही कारण है कि गौण खनिज चोरी मामले में कोरबा पूरे प्रदेशभर में छठवें पायदान पर है। खनिज अवैध उत्खनन व परिवहन मामले में प्रदेश के रायपुर, जांजगीर, बिलासपुर, दुर्ग व कोरिया के बाद कोरबा का नंबर है।
छत्तीसगढ़ में गौण खनिजों की चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वर्ष 2015 से अब तक अवैध उत्खनन के 352 व अवैध परिवहन के 3272 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। जिसमें कोरबा जिले में 44 अवैध उत्खनन व 183 अवैध परिवहन के मामले दर्ज हुए है। इस तरह से जिले में गौण खनिज चोरी के कुल 227 मामले दर्ज है। इस लिहाज से कोरबा गौण खनिज चोरी मामले में छठवें नंबर पर है।A2
जांजगीर-चांपा जिला पूरे प्रदेश में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन के मामले में पहले नंबर पर है। जांजगीर-चांपा जिले में दिसंबर 2015 तक सबसे अधिक अवैध उत्खनन के 52 व अवैध परिवहन के 466 प्रकरण सामने आए हैं।
खनिज विभाग के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश में खनिज और रायल्टी चोरी की जांच के लिए संचालनालय स्तर पर उडऩदस्ता बनाया गया है। इसके अलावा राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया है। खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन की रोकथाम के लिए प्रदेश के खनिज परिवहन के प्रमुख मार्गों पर खनिज जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। कुछ जिलों में तौल कांटे स्थापित किए गए हैं। गौण खनिजों में मुख्य रूप से रेत, बजरी पत्थर, मिट्टी, मुरम, चूना पत्थर निम्न श्रेणी, ग्रेनाइट व मार्बल आते हैं। ग्रेनाइट व मार्बल को छोड़कर अन्य गौण खनिज प्रदेश के अधिकांश जिलों में पाए जाते हैं। बतााया गया है कि सबसे अधिक रेत व मुरुम के अवैध उत्खनन के मामले में सामने आ रहे हैं। कोरबा में हसदेव नदी तट सहित अन्य नदी-नालों में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन के 473 व अवैध परिवहन के 4173 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2015-16 में दिसंबर तक अवैध उत्खनन के 352 व अवैध परिवहन के तीन हजार 272 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
जिलेवार दर्ज प्रकरण
जिला अवैध उत्खनन    अवैध परिवहन
जांजगीर      52                       466
दुर्ग             09                      290
कोरिया        110                    168
रायपुर         32                      237
बिलासपुर      21                     241
कोरबा          44                     183
बलौदाबाजार   23                     193
गरियाबंद       14                      84
धमतरी          04                      82
महासमुंद       18                       61
राजनांदगांव     06                     194
कबीरधाम       39                      68
बेमेतरा           05                     90
बालोद            12                      130
बस्तर             07                      99
नारायणपुर       01                      01
कांकेर             00                      72
कोंडागांव          03                     27
दंतेवाड़ा           01                     48
सुकमा            00                      01
बीजापुर          00                      00
मुंगेली            08                     51
रायगढ़             05                    90
जशपुर             36                   129
सरगुजा            12                   155
बलरामपुर         00                    26
सूरजपुर           00                     86
कुल                352                 3272
(वर्ष 2015-16 में दिसंबर तक की स्थिति)

  कोरबा में ओले-ओले ….

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कोरबा@M4S:कोरबा में पिछले तीन  दिनों से मौसम में अचानक  परिवर्तन से तेज हवा के साथ रुक रुक कर बेमौसम बारिश हो रही है,वही सोमवार की दोपहर जिले के दर्री सहित कई इलाके में ओले भी गेरे,दर्री इलाके में बर्फ के छोटे-छोटे गोले गिरने से पूरा इलाका  में बर्फ की चादर ओड ली.20160314034837 फोटो:नरेश चौहान (दर्री)20160314034814 (1) 20160314034834
इन तस्वीरों में  आप देख सकते है,करीब २० मिनट हुई बारिश के साथ ओले गिरते रहे.इधर मौसम  विभाग की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए विदर्भ तक एक द्रोणिका बना है,जिसके प्रभाव से मौसम में अचानक बदलाव आया है,और ये कुछ दिनों तक बना रहे गया,बारिश से जहा एक ओर जनजीवन प्रभावित हो रहा है वही जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बेमौसम बारिश से बढ़ रहे है.वही बेमौसम हो रही बारिश की वजह से निचिली बस्तियों में पानी भरने से बड़ी समस्या का सामना करना लोगो को पड रहा है।साथ ही बाजारों में बारिश से कीचड़ और गंदगी फैली हुई है।

बिलासपुर:बेमौसम बारिश से जनजीवन प्रभावित

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बिलासपुर@M4S:पिछले दो दिनों से मौसम में अचानक बदलाव आया है और प्रदेश के अन्य कई हिस्सों के अलावा बिलासपुर में भी रुक-रुक के बारिश हो रही है..बेमौसम हुई बारिश से एक तरफ जहां तापमान में कमी दर्ज की जा रही है तो वहीं शहर में बारिश के साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं..शहर के सार्वजनिक क्षेत्रों खासकर पुराने बस स्टैंड क्षेत्र,निचली बस्तियांं और सब्जी मंडी का हाल बेहाल हो चुका है..दो दिन के बारिश ने ही जल निकासी के पुरानी समस्या को एक बार फिर से सामने ला दिया है..आलम यह है कि शहर में जगह-जगह कीचड़ और जल भराव जैसी स्थिति बनी हुई है और निगम प्रशासन खामोश बैठा नजर आ रहा है..शहर में अभी तेज हवा के साथ धूल भरी आंधी भी चल रही है जिससे जनजीवन पर खासा असर पड़ रहा है..मौसम विभाग की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए विदर्भ तक एक द्रोणिका बना है,जिसके प्रभाव से मौसम में अचानक बदलाव आया है..आपको जानकारी दें कि मार्च के पहले हफ्ते में ही इस वर्ष गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे और तापमान मार्च महीने में ही 40 डिग्री के आसपास तक पहुंच गया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में आये अजीबोगरीब बदलाव के कारण लोगों को गर्मी के बढ़ते प्रभाव से फिलहाल राहत जरूर मिली है…

स्कूल के पास मिली युवक की लाश, टावर से चोरी करते समय गिरकर मौत की संभावना

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कोरबा@M4S:कोरबा के कटघोरा थाना क्षेत्र में स्कूल के पास एक युवक की लाश मिलने से इलाके में  सनसनी फैल गई। पुलिस ने संभावना जाहिर की है कि मृतक टावर लाइन से एंगल चोरी करते समय गिरा होगा। इस घटना में उसकी मौत होने की बात सामने आ रही है। मृतक के एक हाथ व पैर फैक्चर है। मामले को गंभीरता से लेते हुए विवेचना शुरू कर दी है।
कटघोरा थाना क्षेत्र के ग्राम  रजकम्मा स्कूल के पास  एक युवक की लाश पड़ी हुई ग्रामीणों ने देखी। जिसकी पहचान बभनी गोपालपुर पाली निवासी सुंदर सिंह  के रूप में की गई। युवक के सिर पर चोट के निशान है,  इसके अलावा मृतक के हाथ व पैर फैक्चर है। रजकम्मा हाईस्कूल के पास ही टावर लाइन है। जिससे लग रहा है कि सुंदर टावर में एंगल चोरी करने चढ़ा होगा। जिससे गिरकर उसकी मौत हुई होगी। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू  कर दी है,और शव को पी एम के लिए अस्पताल भेज दिया है।

जिला अस्पताल में एमडीआर टीबी जांच की सुविधा शुरू कलेक्टर पी दयानंद ने किया जेनेक्सपर्ट मशीन का शुभारंभ

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कोरबा@M4S:गंभीर क्षय रोग टीबी की जांच के लिए अब लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। जिला अस्पताल में ही टीबी जांच की सुविधा मिलेगी। जिला अस्पताल में टीबी जांच के लिए हाईटेक मशीन सीबी नेट लग चुकी है। 19 लाख की लागत से स्थापित जेनेस्पर्ट मशीन का आज कलेक्टर पी दयानंद ने शुभारंभ किया।
जिला अस्पताल में इस मशीन के लग जाने से अब टीबी मरीजों को इसका विशेष फायदा मिलेगा। जिले के किसी भी निजी पैथालाजी लैब में यह मशीन नहीं है। जिससे कि टीबी की सटिक रिपोर्ट मिल सके। इससे मरीजों को न केवल सरल व सुविधाजनक उपचार मिलेगा बल्कि समय भी बचेगा। एमडीआर श्रेणी की गंभीर टीबी की बीमारी की जांच के लिए पूरे संभाग में केवल एक मशीन बिलासपुर में मौजूद थी। अब संभाग की दूसरी मशीन आईएसओ प्रमाणित जिला अस्पताल में भी स्थापित कर दी गई है। जिसका विधिवत शुभारंभ होने के बाद अब एमडीआर जांच की सुविधा टीबी मरीजों को मिलेगी। इस मशीन से दो घंटे के भीतर टीबी की जांच रिपोर्ट मिलेगी। जिससे मरीज को तुरंत सही इलाज मिल सकेगा। इससे टीबी मरीजों को अब अन्य जिलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर पी दयानंद के अलावा सीएमएचओ डॉ. पीआर कुंभकार, सिविल सर्जन डॉ. पीएस सिसोदिया सहित नोडल अधिकारी टीबी बीआर रात्रे तथा अन्य चिकित्सक तथा स्टाप उपस्थित थे।

कायाकल्प के विजेताओं का होगा सम्मान  सिविल सर्जन डॉ.सिसोदिया जायेंगे दिल्ली 

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कोरबा@M4S: प्रदेश में कायाकल्प योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवॉर्ड प्राप्त करने वाले जिलों को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। पूरे प्रदेश में अव्वल स्थान पर रहने वाले जिला अस्पताल कोरबा के सिाविल सर्जन डॉ पी एस सिसोदिया को खास तौर पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने हेतु नामांकित किया गया है।
डॉ.सिसोदिया के अलावा जिला अस्पताल जशपुर के सिविल सर्जन डॉ एनसी नंदे भी समारोह में हिस्सा लेेंगे जो कायाकल्प प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे। यह कार्यक्रम 16 मार्च को एनडीएमसी, कनवेंशन सेंटर संसद मार्ग, कनौट प्लेस नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। जहां केन्द्रय स्वास्थ्य मंत्री विजेताओं का सम्मान करेंगे। 20160314041644इस कार्यक्रम में कायाकल्प योजना में बेहतरीन कार्य करने करने वाले जिला अस्पतालों का सम्मान किया जाएगा।गौरतलब है की आई एस ओ प्रमाणित प्रिया दर्शनीय इंदिरा गांधी जिला अस्पताल को पिछले दिनों प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए ५० लाख रूपये का प्रथम पुरस्कार कायाकल्प योजना के तहत मिला था।

पोलावरम परियोजना के दुष्प्रभावों से छत्तीसगढ़ को बचाने अजीत जोगी ने  राहुल गांधी को सौंपा ज्ञापन

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 रायपुर@M4S: छत्तीसगढ़ के संक्षिप्त दौरे पर आज गिरौदपुरी धाम आये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अजीत जोगी जी ने भेंट कर आँध्रप्रदेश में प्रस्तावित इंदिरा सागर (पोलावरम) परियोजना के दुष्प्रभावों से छत्तीसगढ़ को होने वाले नुक्सान से अवगत कराया। श्री जोगी ने परियोजना से सम्बंधित पूर्व में हुए अंतरराज्यीय अनुबंधों का केंद्र की भाजपा सरकार के कार्यकाल में पालन न होने के विषयपर राहुल जी का ध्यानाकर्षित किया।

 

श्री जोगी ने छत्तीसगढ़ के लगभग 40 गाँव और 40 हज़ार परिवारों के हितों की रक्षा के लिए राहुल जी को एक ज्ञापन सौंपकर पोलावरम परियोजना को रोकने में उनके हस्तक्षेप और सहयोग की मांग की।

 

श्री अजीत जोगी जी द्वारा श्री राहुल गांधी को सौंपा गया ज्ञापन:

 

श्री राहुल गांधी जी

उपाध्यक्ष

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी

  

माननीय राहुल जी,

 

आपको ज्ञात होगा कि आंध्राप्रदेश में प्रस्तावित इंदिरा सागर (पोलवरम) परियोजना को तत्कालीन यूपीए सरकार ने मंजूरी दी थी। 17 मार्च 2015 को लोकसभा में अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष माननीय सोनिया गांधी जी ने कहा था कि “पोलवरम परियोजना में पर्यावरण संरक्षण पर पूरा ध्यान देते हुए एवं इससे प्रभावित होने वाले सभी परिवारों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन पर पूरी संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाना चाहिए”। ठीक इसके तीन महीने बाद 23 जुलाई 2015 को केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जी ने बिना छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जन सुनवाई हुए, बिना ग्रामसभाओं को विश्वास में लिए पोलावरम बाँध के निर्माण की अनुमति एक वर्ष के लिए आँध्रप्रदेश सरकार को दे दी।  ये अनुमति भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार को बिना बताये दी गयी। यही नहीं जिन शर्तों और अंतरराज्यीय अनुबंधों के साथ अविभाजित आँध्रप्रदेश को पोलवरम परियोजना की मंजूरी दी गयी थी उसका खुले आम उल्लंघन हो रहा है।

 

उल्लेखनीय है कि केंद्र की एनडीए सरकार ने पोलवरम परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के साथ साथ इस परियोजना को पूरा करने 90% वित्तीय भार उठाने का भी जिम्मा लिया है। लेकिन मोदी सरकार अपनी राजनितिक मजबूरियों के चलते इस परियोजना से छत्तीसगढ़ को होने वाले नुक्सान की अनदेखी कर रही है।छत्तीसगढ़ में बिना कोई जन सुनवाई हुए , बिना ग्राम सभा की अनुमति लिए, पर्यावरण नियमों को अनदेखा करते हुए , बिना रिकॉर्ड, बिना डुबान क्षेत्र का सर्वे किये  खुले आम नियमों को तोड़ कर, छत्तीसगढ़ के हितों और गरीब आदिवासियों के भविष्य को दरकिनार कर केंद्र सरकार, आँध्रप्रदेश सरकार के साथ मिलकर पोलवरम परियोजना को जोरशोर से पूरा करने में लगी है। ऐसा करके केंद्र सरकार न सिर्फ परियोजना से प्रभावित होने वाले गरीब आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है बल्कि 7-8-1978 को आँध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश शासन (वर्तमान छत्तीसगढ़) और महाराष्ट्र सरकार तथा दिनांक  2-4-1980 को ओडिशा, आँध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश शासन (वर्तमान छत्तीसगढ़) के बीच हुए अनुबंध का भी उल्लंघन कर रही है ।

 

  • आंध्राप्रदेश में प्रस्तावित इंदिरा सागर (पोलवरम) परियोजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 40 गाँवों और 40 हजार आदिवासी व गैर-आदिवासी परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा।
  • अकेले सुकमा जिले के पोलावरम बांध से प्रत्यक्ष रुप से 17 गांव के 85 पारा-टोला डूबान में आएंगे। इसके अलावा कई तरह के ख़नीज व वन सम्‍पदा की भी जल-समाधि बन जाएगी।
  • पूरे विश्व में केवल दक्षिण बस्तर में पाये जाने वाली दोरला व कोया जाति की बसाहट वाले इलाके डूबान में आने से संरक्षित दोरला जाति के लोगों को भी पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसे में दोरला जाति की संस्कृति व सभ्‍यता भी ख़तरे में पड़ जाएगी। शबरी नदी के बैक वाटर की चपेट में पूरा सुकमा जिला होगा। शबरी का बैक वाटर जिले के तीनों विकासखण्‍ड सुकमा, कोंटा व छिंदगढ़ में तबाही लाएगा।
  • एर्राबोर व कोंटा के बीच पड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का 13 किमी हिस्सा भी बारिश में डूबने का अन्देशा है। इससे बरसात में बस्तर को सीमान्ध्र से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क सम्पर्क भी टूट जाएगा। यही नहीं परियोजना से बैक स्ट्रोक का पानी बढ़ने की सम्भावना है। इससे कोंटा तहसील के करीब डेढ़ दर्जन गाँव डूबने की संकट में पड़ जाएँगे। साथ ही सात हजार हेक्टेयर खेतीहर ज़मीन को भी नुकसान होगा।
  • इसी इलाके के भूगर्भ में बहुमूल्य खनिज जैसे ग्रेनाइट, क्वार्टज, कोंडरम और लौह अयस्क भी सदा के लिये बाँध के नीचे दब जाएँगे।इतने नुकसान के एवज में छत्तीसगढ़ को न बिजली मिलेगी न पानी।

 

सबका साथ सबका विकास की बातें करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार, केवल एक राज्य और उसके लोगों के विकास के लिए दूसरे राज्यों और उनके लाखों लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही है। ये विकास का ऐसा मॉडल है जिसमे लाखों गरीब और दुर्लभ आदिवासियों का अस्तित्व मिट जाएगा और छत्तीसगढ़ डूब जाएगा। दोरला जनजाति और छत्तीसगढ़ के कई गाँवों में पोलवरम परियोजना को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। पिछले लगभग तीन वर्षों से हम निरंतर इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के वर्तमान बजट सत्र में भी विधायक अमित जोगी ने इस मुद्दे पर “स्थगन प्रस्ताव” और “ध्यानाकर्षण प्रस्ताव” के माध्यम से राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा है। जिसका उल्लेख आपको राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सभी प्रमुख समाचार पत्रों में मिलेगा।

 

इंदिरा सागर (पोलावरम) परियोजना से छत्तीसगढ़ राज्य को होने वाले नुकसान और तबाही को देखते हुए, हमारी आप से विनती है कि आप इस मुद्दे पर हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर पोलवरम परियोजना से सम्बंधित सारे अनुबंधों और नियमों का पालन करने का आग्रह करें एवं 40 हज़ार आदिवासी परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने उनके हितों की रक्षा करें।

 

सधन्यवाद !

 

शुभकामनायों सहित,

 

भवदीय

अजीत जोगी

बिलासपुर रेल मंडल में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता शपथ-समारोह का आयोजन

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बिलासपुर@M4S:भारत सरकार द्वारा गांधी जी के स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के उद्देश्य से पूरे भारत वर्ष में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता जागरूकता हेतु राष्ट्रीय साफ-सफाई अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री द्वारा गांधी जी की 150वीं जयंती 02 अक्टूबर 2019 तक गंदगी को पूरे देश से हटाने का संकल्प लिया गया है। देश की जीवन रेखा कहलाने वाली भारतीय रेलवे भी राष्ट्रीय साफ-सफाई अभियान से जुडकर विशेष स्वच्छता अभियान चला रही है।

इसी संदर्भ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के सभी कार्यालयों, स्टेशनों, कालोनियों, वर्कशाॅप एवं फील्ड यूनिटों में विशेष स्वच्छता अभियान दिनांक 28 फरवरी से 15 मार्च 2016 तक चलाया जा रहा है।DSC02612

स्वच्छ भारत मिशन के तहत आज दिनांक 14 मार्च 2016 को मंडल रेल प्रबंधक परिसर में आयोजित समारोह में अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री एस.के.सोलंकी द्वारा दोपहर 01.35 बजे स्वच्छता-शपथ दिलाई गयी। इस अवसर पर वरि.मंडल वाणिज्य प्रबंधक, श्रीमती रश्मि गौतम, वरि.मंडल यांत्रिक अभियंता, श्री एस.के.सेनापती, वरि.मंडल परिचालन प्रबंधक, श्री आशुतोष श्रीवास्तव, वरि.मंडल सुरक्षा आयुक्त श्री बी.रामाकृृष्णा, वरि.मंडल विद्युत अभियंता श्री आर.के.साहू सहित अधिकाधिक संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी-गण उपस्थित थे।

स्वच्छता-शपथ के दौरान उपस्थित सभी रेल परिवार के सदस्यों द्वारा स्वच्छता के प्रति सजग रहने, श्रमदान के तहत स्वच्छता हेतु समय देने, गंदगी नही करने एवं नही करने देने तथा गंदगी को देश से दूर भगाकर भारत माता की सेवा करने की शपथ ली गई।

रेल प्रशासन आमजनों से आग्रह करता है कि वे भी स्वच्छता के प्रति अपने कदम बढाएं क्योंकि स्वच्छता की तरफ बढाया गया हर एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।

दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस का 17 मार्च से बरगढ में ठहराव

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बिलासपुर@M4S:रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा एवं मांग को ध्यान में रखते हुए दुर्ग-छपरा के मध्य चलने वाली 15160/15159 दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस का उतर मध्य रेलवे के झांसी रेल मंडल के बरगढ रेलवे स्टेशन में ठहराव दिया जा रहा है। यह ठहराव प्रायोगिक तौर पर अस्थायी रूप से 6 महीने के लिए दिया जा रहा हैं। यह ठहराव 17 मार्च, 2016 से लागू होगा।
झांसी रेल मंडल में 15160/15159 दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस का प्रयाग में ठहराव का विवरण इस प्रकार।
15160 दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस स्टेशन 15159 छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस
पहुॅंच छुट पहॅंच छुट
10.19 10.20 डभौरा
16.53 16.55
10.37 10.38 बरगढ
(नया ठहराव) 16.45 16.46
10.47 10.49. शंकरगढ
16.26 16.28

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