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प्रो कबड्डी नीलामी 2016: खूब बहा पैसा, मोहित चिल्लर बिके सबसे महंगे

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मुंबई(एजेंसी):भारत में कबड्डी अब गांव का खेल नहीं रह गया है और इसका श्रेय प्रो कबड्डी लीग को भी जाता है। इस खेल को प्रो कबड्डी ने ऐसा बदल डाला कि अब उसके खिलाड़ी भी मालामाल होने लगे हैं। प्रो कबड्डी के चौथे सीजन के लिए शुक्रवार को हुई नीलामी में मोहित छिल्लर 53 लाख रुपये की भारी भरकम कीमत पाकर सबसे मंहगे खिलाड़ी बन गए।

खिलाड़ियों पर खर्च हुए 15.61 करोड़ रुपये
नीलामी में कुल 198 खिलाड़ी उतरे जिनमें 96 बिके खिलाड़ियों पर 15.61 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। छिल्लर को बेंगलुरु बुल्स ने 53 लाख रुपये की कीमत पर खरीदा जबकि उनका बेस प्राइस 12 लाख रुपये है। दूसरे स्थान पर संदीप नरवाल रहे जिन्हें तेलुगू टाइटंस ने 45.50 लाख रुपये की कीमत पर खरीदा। छिल्लर इससे पहले पिछले सीजन में यू मुंबा टीम के और नरवाल पटना पायरेट्स टीम के सदस्य थे।

ईरान के अत्राचली बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी
यू मुंबा ने अपने पिछले सीजन के खिलाड़ी जीवा कुमार को 40 लाख रुपये की कीमत पर खरीदकर बरकरार रखा। नीलामी में 15 देशों के 46 विदेशी खिलाड़ी भी दांव पर थे और ईरान के फजल अत्राचली को पटना पायरेट्स ने 38 लाख रुपये की कीमत पर खरीदकर सबसे मंहगा विदेशी खिलाड़ी बना दिया। फजल पिछले सीजन में यू मुंबा टीम के सदस्य थे।

दक्षिण कोरिया के स्टार खिलाड़ी जांग कुन ली को बंगाल वारियर्स ने 22 लाख की कीमत पर बरकरार रखा। तेलुगू टाइटंस ने जसमेर सिंह गुलिया को 35.50 लाख, जयपुर पिंक पैंथर्स ने शब्बीर बापू को 32.20 लाख, पटना ने कुलदीप सिंह को 30.40 लाख, बेंगलुरु ने सुरेन्दर नाडा को 30 लाख, पटना ने धर्मराज चेरालाथन को 29 लाख और यू मुंबा ने राकेश कुमार को 26 लाख में खरीदा।

प्रो कबड्डी के चौथे सीजन के लिए सभी टीमें अपनी रणनीतियों और संतुलन के साथ खिताब पर दावेदारी के लिए उतरेंगी। सभी फ्रेंचाइजी को दो खिलाड़ियों को टीम में बरकरार रखने का मौका दिया गया था। पुणेरी पल्टन ने मनजीत छिल्लर और दीपक निवास हुडा को बरकरार रखा। यू मुंबा ने करिश्माई कप्तान अनूप कुमार तथा रिशांक देवाडीगा को सुरक्षित रखने का फैसला किया।

दबंग दिल्ली ने काशिलिंग अदाके को लगातार चौथे सीजन में और युवा रेडर सेल्वामनी के को टीम में बरकरार रखा। वहीं राहुल चौधरी और सुकेश हेगडे तेलुगु टाइटंस टीम में बने रहेंगे। जयपुर पिंक पैंथर्स ने राजेश नरवाल और जसवीर सिंह को टीम में बनाए रखा है। बंगाल वारियर्स की तरफ से नीलेश शिंदे और गिरिश मारुति एर्नाक तो वहीं बेंगलुरु बुल्स ने पवन कुमार और आशीष कुमार को टीम में बरकरार रखा है।

पटना ने बरकरार रखा नरवाल को
तीसरे सीजन की विजेता पटना पायरेट्स ने प्रदीप नरवाल और राजेश मंडल को सुरक्षित रखा है। इसके अलावा इस सीजन में सभी फ्रेंचाइजी में 18 से 20 आयु वर्ग के तीन-तीन युवा खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा जो टीम के साथ ही प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा लेंगे।

इन 5 तरीकों से किंग्स इलेवन पंजाब ने बिगाड़ा मुंबई इंडियंस का ‘खेल’

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नई दिल्ली(एजेंसी):इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 9वें सीजन में शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब ने मुंबई इंडियंस को हराकर टूर्नामेंट में एक बड़ा उलटफेर कर डाला। एक समय लग रहा था कि किंग्स इलेवन पंजाब नॉकआउट में पहुंच ही नहीं पाएगी, लेकिन टीम ने इस जीत के साथ जहां अपनी उम्मीद बनाई वहीं मुंबई इंडियंस का खेल बिगाड़ दिया।

मैच के बाद कुछ ऐसे बिगड़ा मुंबई इंडियंस का खेल-
1- डिफेंडिंग चैंपियन मुंबई इंडियंस के 12 मैच में 12 प्वॉइंट हैं, मतलब 6 मैच में जीत 6 में मिली हार। लीग राउंड में उसके अब दो मैच और बचे हैं। अब उसे नॉकआउट में पहुंचने के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स और गुजरात लायंस में से किसी एक को हराना ही होगा।

2- मुंबई इंडियंस अगर यह मैच जीतता तो उसका नॉकआउट में पहुंचना लगभग तय हो जाता। इस हार के चक्कर में मुंबई का नेट रनरेट भी खासा बिगड़ गया है। मुंबई इंडियंस का नेट रनरेट -0.435 का हो गया है। जो आने वाले समय में उसके लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है।

 

3- मुंबई इंडियंस को अब बचे हुए दो मैचों में नेट रनरेट पर भी नजर रखनी होगी। नेट रनरेट के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) और किंग्स इलेवन पंजाब उससे बेहतर स्थिति में हैं। आरसीबी का नेट रनरेट -0.041 का है जबकि पंजाब का -0.384 है।

4- इस जीत के साथ किंग्स इलेवन पंजाब ने नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीदों को जिंदा रखा है, जो मुंबई इंडियंस के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। वहीं उसे आरसीबी से भी कड़ी टक्कर मिल सकती है।

5- राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के अलावा बाकी सभी टीमों के पास नॉकआउट में पहुंचने का मौका है और मौजूदा प्वॉइंट टेबल को देखकर लगता है कि मुंबई की राह इस हार के बाद काफी मुश्किल हो गई है।

IPL-9 GL vs RCB: कोहली के लिए ‘करो या मरो’ मैच की 8 बड़ी बातें

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बंगलुरु(एजेंसी):इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 9वें सीजन में अगर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) को नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीद जिंदा रखनी है तो उसे हर हाल में शनिवार को गुजरात लायंस के खिलाफ जीत दर्ज करनी होगी। वहीं कप्तानसुरेश रैना के बिना गुजरात लायंस को भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए जीत की तलाश होगी।

इस मैच से जुड़ी 8 जरूरी बातें-
1- आरसीबी को प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए अपने बाकी सारे मैच जीतना जरूरी है। आरसीबी को होम ग्राउंड पर गुजरात लायंस को हर हाल में हराना होगा। कप्तान विराट कोहली पिछले दो मैच में कुछ खास नहीं कर सके हैं और फिर से रनों का अंबार लगाने की कोशिश करेंगे।

2- आईपीएल के इतिहास में शनिवार को ऐसा पहली बार होगा जब सुरेशा रैना मैदान पर नहीं होंगे। जब से आईपीएल शुरू हुआ है तब से रैना ने लीग का कोई मैच नहीं छोड़ा। 9 साल में वह पहली बार आईपीएल का मैच नहीं खेल पाएंगे। रैना अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए नीदरलैंड्स गए हुए हैं।

3- रैना की अनुपस्थिति में टीम की कमान ब्रेंडन मैक्कलम या एरन फिंच के हाथों में हो सकती है। गुजरात के लिए हालांकि प्लेऑफ में जगह बनाना चिंता की बात नहीं है उसके अभी तक के प्रदर्शन को देखकर कर यह लग रहा है कि टीम आसानी से अंतिम चार में पहुंच जाएगी।

4- गुजरात लायंस इस समय प्वॉइंट टेबल में 14 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत है।ड्वेन स्मिथ और मैक्कलम की सलामी जोड़ी ने दिखाया है कि वह किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकते हैं।

5- मिडिल ऑर्डर में फिंच ने टीम को हमेशा संकट से उबारा है। मिडिल ऑर्डर में रैना का न होना टीम के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है, लेकिन दिनेश कार्तिक, ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा इसकी भरपाई करने में सक्षम हैं।

6- टीम की गेंदबाजी भी अभी तक सफल रही है। प्रवीण कुमार, धवल कुलकर्णी, जडेजा, प्रवीण ताम्बे, शिविल कौशिकने बड़े नामों के न रहते हुए भी टीम की गेंदबाजी को अच्छी तरह संभाला है।

7- दूसरी तरफ आरसीबी के पास कोहली, क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स, शेन वाटसन जैसे बड़े नाम हैं, लेकिन फिर भी टीम जीत के लिए हमेशा से जूझती रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उसकी गेंदबाजी। कोहली इस बात को अच्छे से जानते हैं और उनकी कोशिश इसमें सुधार करने की होगी।

8- टीम प्वॉइंट टेबल में आठ अंकों के साथ छठवें नंबर पर है और उसे अंतिम चार में पहुंचने के लिए यहां से हर मैच जीतने की जरूरत है।

PHOTOS: कान फिल्म महोत्सव में कुछ ऐसी दिखीं ऐश्वर्या

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मुंबई(एजेंसी):इस साल बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के कान फिल्म महोत्सव में 15 साल पूरे हो गए। ऐश्वर्या राय बच्चन फ्रांस की सौंदर्य प्रसाधन कंपनी ‘लोरियल पेरिस’ की ब्रैंड एंबेसडर हैं और वो कान में इस कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

ऐश्वर्या ने कान के रेड कार्पेट पर उतरते अपना बिखेर दिया। सभी की निगाहें उन्हें मुड़-मुड़ कर देख रही थीं। ऐश्वर्या ने कुवैत के डिजाइनर अली युनेस का गोल्डन गाउन पहना था। उनका मेकअप भी कमाल का दिख रहा था।  उन्होंने स्मोकी ब्लू आईशेडो के साथ फिरोजी रंग का आईलाइनर लगाया था।

एश्वर्या ने परफेक्ट रेड कार्पेट स्टाइल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनके बाल लूस कर्ल्स के साथ अच्छे लग रहे थे।

ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘सरबजीत’ कान फिल्मोत्सव में दिखाई जाएगी। यह फिल्म सरबजीत की असल जिंदगी की कहानी है।

ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित ‘सरबजीत’ भारतीय किसान सरबजीत सिंह की जीवनी पर आधारित है। उन्हें पाकिस्तान में जासूसी और आतंकवाद का आरोपी ठहराया गया था। अप्रैल 2013 में लाहौर की एक जेल में अन्य कैदियों ने उन पर हमला कर मार डाला था।

फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन सरबजीत की बहन दलबीर कौर की भूमिका में हैं, जिन्हें अपने भाई की रिहाई की कोशिश में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं रणदीप हुड्डा प्रमुख भूमिका में हैं।

बयान के मुताबिक, शनिवार को फिल्म दिखाई जाएगी और ऐश्वर्य के साथ संवाददाता सम्मेलन भी रविवार को आयोजित किया जाएगा।

कान्स फिल्म महोत्सव गुरुवार से शुरू हुआ, जो 22 मई तक जारी रहेगा।

स्तन कैंसर से बचना है तो खूब खाएं फल और सब्जियां

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न्यूयॉर्क (एजेंसी):जो महिलाएं अपनी किशोरावस्था में उच्च मात्रा में सेब, केला और हरी सब्जियों का सेवन करती हैं, उनमें वयस्क होने पर स्तन कैंसर का जोखिम काफी कम होता है।एक नए शोध के अनुसार, फल और सब्जियां फाइबर तथा विटामिन के महत्वपूर्ण स्त्रोत होते हैं। यह कई जैविक तंत्रों के माध्यम से स्तन कैंसर के रोगजनन को प्रभावित करते हैं।शोध से पता चला है कि किशोरावस्था के दौरान उच्च फलों का उपभोग वयस्क होने पर स्तन कैंसर के लगभग 25 प्रतिशत जोखिम कम कर देता है।इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने 90,000 नर्सों पर बीस सालों तक अध्ययन किया था। इस दौरान हालांकि किशोरावस्था में फलों के जूस का स्तन कैंसर के जोखिम से कोई संबंध नहीं पाया गया।शोध दल ने इस दौरान सभी प्रतिभागियों के ट्यूमर हार्मोन रिसेप्टर, निदान के दौरान रजोवृत्ति की स्थिति और विशिष्ट फल और सब्जियों से जोखिम के संबंधों का भी आकलन किया था।यह शोध ‘बीएमजे’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

पेंटागन का दावाः चीन ने भारतीय सीमा के निकट तैनात की है अधिक सेना 

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वाशिंगटन(एजेंसी):अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, खासकर पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि उसने भारतीय सीमा पर अपनी रक्षा क्षमताओं में इजाफा किया है और ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं।

पूर्वी एशिया के उप रक्षामंत्री अब्राहम एम डेनमार्क ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया, हमने भारत की सीमा के निकट के इलाकों में चीनी सेना की ओर से क्षमता और बल मुद्रा में इजाफा पाया है।

यह संवाददाता सम्मेलन चीनी जनवादी गणराज्य की सेना और सुरक्षा घटनाक्रम पर अमेरिकी कांग्रेस में पेंटागन की ओर से वार्षिक 2016 रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद आयोजित किया गया था।

बहरहाल, डेनमार्क ने कहा कि यह तय करना मुश्किल है कि इसके पीछे वास्तविक मंशा क्या है।

उन्होंने तिब्बत में सैन्य कमान का स्तर उन्नत करने के चीन के कदम पर एक सवाल के जवाब में कहा, यह कहना मुश्किल है कि इसमें से कितना आंतरिक स्थिरता बरकरार रखने की आंतरिक मंशा से और कितना बाहरी मंशा से प्रेरित है।

डेनमार्क ने अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर की हाल की भारत यात्रा को बहुत सकारात्मक एवं उत्पादक बताते हुए कहा, हम भारत के साथ अपना द्विपक्षीय रिश्ता प्रगाढ़ करना जारी रखेंगे, चीन के संदर्भ में नहीं, बल्कि इसलिए कि भारत खुद ही अधिकाधिक एक अहम देश है। और हम उसके महत्व के चलते भारत के साथ संवाद करने जा रहे हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, खास तौर पर पाकिस्तान में अड्डा स्थापित करने समेत चीन की बढ़ती मौजूदगी के प्रति आगाह किया। पाकिस्तान के साथ चीन के लंबे समय से दोस्ताना रिश्ते और समान सामरिक हित हैं।

इसने कहा कि चीन के फैलते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हित के चलते चीनी नागरिकों, चीनी निवेश और संचार की अहम समुद्री लाइन की सुरक्षा के लिए जनमुक्ति सेना की नौसेना पर दूर-दराज के समुद्रों में संचालन की मांग बढ़ रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है, बहुत संभव है कि चीन उन देशों में अतिरिक्त नौसैनिक साजो-सामान केन्द्र स्थापित करना चाहेगा जिसके साथ उसके दीर्घकालीन दोस्ताना रिश्ते और समान सामरिक हित हैं जैसे पाकिस्तान।

पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय सीमा के निकट चीनी सैन्य निर्माण पर चिंता जताई। उसने कहा, चीन-भारत सीमा के विवादित हिस्सों पर तनाव बना रहा, जहां दोनों पक्ष सैन्य बलों के साथ गश्त लगाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, उत्तरी लद्दाख के बुत्र्से में सितंबर 2015 में पांच दिनों की सैन्य तनातनी के बाद भारत और चीन ने वरिष्ठ स्तर की फ्लैग-आफिसर बैठक आयोजित की और शांति बनाए रखने पर सहमति जताई और दोनों पक्षों के लिए परस्पर रूप के स्वीकार्य बिंदुओं पर लौट गए।

पेंटागन ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों के बावजूद अरूणाचल प्रदेश (जिसके बारे में चीन तिब्बत का, और इस तरह अपना हिस्सा होने का दावा करता है) और तिब्बती पठार के पश्चिमी छोर पर अक्साइ चिन इलाके के मुद्दे पर 4,057 किलोमीटर लंबी साझी सीमा पर भारत के साथ चीन का तनाव है।

शानदार प्रबंधन का एक अद्भुत उदाहरण है कुंभः पीएम नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली(एजेंसी):पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार कुंभ के समापन मौके पर शनिवार को तमाम संत महात्माओं से धरती की समस्याओं पर प्रतिवर्ष सात दिन का विचार कुंभ करने का आग्रह किया है।

मोदी ने सार्वभौम अमृत संदेश जारी करते हुए कहा कि आदिकाल से चली आ रहे कुंभ के समय और कालखंड को लेकर अलग-अलग मत है, लेकिन इतना तय है कि यह मानव की सांस्कृतिक यात्रा की पुरातन व्यवस्था में से एक है। इस विशाल भारत को अपने में समेटने का प्रयास कुंभ मेले के द्वारा होता है।

उन्होंने कहा कि तर्क और अनुमान के आधार पर कहा जा सकता है कि समाज की चिंता करने वाले ऋषि-मुनी 12 वर्ष में एक बार प्रयाग में कुंभ में इकट्ठा होते थे, जिसमें वे विचार विमर्श करते हुए बीते वर्ष की सामाजिक स्थिति का अध्ययन करते थे। इसके साथ ही समाज के लिए अगले 12 वर्षों की दिशा तय करते थे।

उन्होंने आगे कहा कि प्रयाग से अपने-अपने स्थान पर जाकर संत महात्मा तय एजेंडे पर काम करने लगते थे। इतना ही नहीं तीन वर्ष में उज्जैन, नासिक, इलाहाबाद में होने वाले कुंभ में जब इकट्ठा होते थे तब उसमें इस बात पर विमर्श होता था कि प्रयाग में जो तय हुआ था, उस दिशा में क्या हुआ। फिर उसके बाद आगामी तीन वर्ष का एजेंडा तय होता था। यह एक अद्भुत सामाजिक संरचना थी, मगर धीरे-धीरे इसका रूप बदला। अनुभव यह है कि परंपरा तो रह जाती है मगर प्राण खो जाता है। कुंभ के साथ भी यही हुआ, अब कुंभ सिर्फ डुबकी लगाने, पाप धोने और पुण्य कमाने तक रह गया।

उन्होंने आगे कहा कि संतो के आशीर्वाद से उज्जैन में एक नया प्रयास प्रारंभ हुआ। यह प्रयास सदियों पुरानी परंपरा का आधुनिक संस्करण है। इस आयोजन में वैश्विक चुनौतियों और मानव कल्याण के क्या प्रयास हो सकते हैं, इस पर विचार हुआ है। इस मंथन से जो 51 अमृत बिंदु निकले है, समाज के लिए प्रस्तुत किए गए हैं।

उन्होंने समापन मौके पर मौजूद साधु संतो और अखाड़ों के प्रमुख से आह्वान किया कि वे जो 51 अमृत बिंदू निकले है, उनकी सभी परंपराओं के अंदर रहकर साधु संतों को प्रतिवर्ष एक सप्ताह का विचार कुंभ अपने भक्तों के बीच करने पर विचार जरूर करें। मोक्ष की बातें तो करें मगर एक सप्ताह ऐसा हो जिसमें धरती की सच्चाई पर चर्चा हो, उसमें यह बताया जाए कि पौधे क्यों लगाने चाहिए, बेटी को क्यों पढ़ाना चाहिए, धरती को स्वच्छ क्यों रखना चाहिए, नारी का गौरव क्यों करना चाहिए।

शताब्दी-राजधानी एक्सप्रेस के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें, करें वोट

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नई दिल्ली(एजेंसी):शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में भी वो सुविधाएं नहीं मिलती जो वीवीआईपी ट्रेनों को मिलना चाहिए। इसके अलावा रेल मंत्रालय इसके किराये में भी 30 फीसदी से अधिक की वृद्धि कर चुका है। ऐसे में सफर करने वालों को अक्सर ठगा सा महसूस होता है। यही वजह है कि रेलवे को मिलने वाले शिकायतों में 90 फीसदी शिकायतें इन्हीं ट्रेनों की आ रही हैं।

 

पानी के लिए ‘वीरू’ बन पानी टंकी पर चढ़ी दो महिलायें

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नई दिल्ली(एजेंसी):अधिकारी खुद तो बिसलरी का ठंडा पानी पी रहे हैं। गांव के गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। इन्हीं शब्दों में अपना गुस्सा बयां करती अकोला ब्लॉक के नगला कारे गांव की दो महिलाएं सावित्री पत्नी जय सिंह व मिथलेश पत्नी गुड्डू पुलिस लाइन की टंकी पर चढ़ी थीं। वे दोनों गांव के लिए मीठे पानी का इंतजाम न होने तक टंकी से नीचे उतरने को राजी नहीं थीं।

मंगलवार को तहसील दिवस के दौरान अकोला ब्लॉक के नगला कारे निवासी दो महिलाएं गांव में खारे पानी की समस्या बताने को आयी थीं। यहां पर सुनवाई न होने पर दोनों महिलाएं पुलिस लाइन में बनी पानी की टंकी पर दोपहर एक बजे चढ़ गईं। इसके बाद सावित्री और मिथलेश टंकी पर ही चढ़ कर बैठ गईं। इस मामले की जानकारी पर पुलिस कर्मी व अन्य लोग टंकी के नीचे पहुंच गए।

इन लोगों ने जब महिलाओं को नीचे उतरने को कहा तो उन्होंने गांव में खारे पानी की समस्या होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद तो एसी में बैठ कर बिसलरी की पानी पी रहे हैं। गांव के लोगों को मीठा पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। यह महिलाएं गांव के लिए मीठे पानी का इंतजाम हुए बिना टंकी पर से उतरने को तैयार नहीं हो रही थीं। दोपहर लगभग ढाई बजे तक इन्हें नीचे उतारने की कोशिश की जा रही थी।

सावित्री पूर्व में भी टंकी पर चढ़ी थी
पुलिस लाइन की टंकी पर मिथलेश भले ही पहली बार चढ़ी हो, मगर सावित्री एक साल पूर्व में भी इसी टंकी पर चढ़ी थी। उस समय वो गांव में लगभग 900 मीटर खड़ंजा बनवाने की मांग करते हुए टंकी पर चढ़ी तो बाद में गांव का खड़ंजा बन गया था। अब दोबारा से सावित्री पानी की समस्या को लेकर पुलिस लाइन की टंकी पर चढ़ गयी।

गांव में मिला मीठे पानी का स्रोत, नहीं लगी मोटर
सावित्री की मानें तो उनके गांव में मीठे पानी की बेहद समस्या है। मीठा पानी न होने के कारण उन लोगों को पानी लाने को तीन से चार किमी तक जाना पड़ता है। एक साल पूर्व गांव में मीठे पानी का स्रोत मिला तो वहां पर मोटर लगा कर उसी से पूरे गांव को पानी देने की योजना भी बनी। मगर बाद में योजना कागजों में ही दब कर रह गयी।

अगस्ता घोटालाः निशाना बनाये जाने से मैं खुश हूं: राहुल गांधी

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दिल्ली(एजेंसी):राष्ट्रमंडल खेल और अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भाजपा द्वारा निशाना बनाये जाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा मंगलवार को कहा कि वह निशाना बनाये जाने से खुश हैं।

राहुल ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, मुझे हमेशा निशाना बनाया जाता है।

उनसे भाजपा सांसद किरीट सौमैया के उस पत्र के बारे में पूछा गया था, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से राहुल गांधी और रियल इस्टेट डेवलपर के बीच कथित संबंध की जांच करने का आग्रह किया है।

किरीट सौमैया ने आरोप लगाया है कि ग्वीडो हास्चेक नाम कथित बिचौलिया इन दोनों मामलों में जुड़ा है और उसका संबंध क्रिश्चिन मिशेल से है।

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