रायपुर@M4S:राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि आज विभिन्न कारणों से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। इसे हम समस्या के रूप में माने या वृहत विज्ञान के रूप में, यह चिंतन का विषय है। इसे वृहत विज्ञान के रूप में मान सकते हैं। इसका सभी को मिलकर समाधान ढूंढ़ना होगा। नीति निर्माता, वैज्ञानिक और युवाओं को एक साथ मिलकर इसका सामना करना होगा। इस महा आंदोलन में समाज विशेषकर युवाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। श्री बोरा आज श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा पर्यावरण विषय पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारी धरती की आयु 3.8 बिलियन है। यह बताया जाता है कि पिछले 500 मिलियन वर्ष में 5 बड़े दुर्घटना हुई, जिससे कभी 30-40 प्रतिशत प्रजाति धरती से विलुप्त हो गई। मनुष्य के असीमिति लोभ के कारण 6वीं महाप्रलय हो सकता है।
श्री बोरा ने गांधी जी द्वारा दिए गए उद्धरण के माध्यम से कहा कि पर्याप्त संसाधन होते हुए भी अत्यधिक पाने की चाह के कारण हमें वातावरण में यह परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इन परिवर्तनों के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हम ही हैं। आज बेमौसम बारिश हो रही है। मौसम चक्र में बदलाव देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुछ समय के अंतराल में ऐसा हुआ है कि कम विजीबिलिटी के कारण राजधानी के एयरपोर्ट में विमान नहीं उतर पा रहे हैं। यहां तक के हमारे द्वारा उगाए जा रहे धान के फसलों की वेरायटी में भी फर्क देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक जगह से दूसरे जगह हो रहे पलायन का संबंध भी किसी न किसी रूप में जलवायु परिवर्तन से है।
श्री बोरा ने कहा कि इस समस्या का सामना करने के लिए हमें जागरूक होना पड़ेगा। हमें ऐसे साधन अपनाने पड़ेंगे कि पर्यावरण सतत रहे। ऐसे सेमिनार के माध्यम से प्रयास करें कि इसका हम सही समाधान ढूंढें और हमारी पृथ्वी को नष्ट होने से बचाएं।
कुलाधिपति स्वामी रावतपुरा सरकार ने कहा कि विश्वविद्यालय में ऐसे सेमिनार होते रहना चाहिए। यह विद्यार्थियों के लिए उपयोगी तो होते ही हैं। ऐसे कार्यक्रमों से ही विश्वविद्यालय की पहचान बनती है। इस अवसर पर नीरी के वैज्ञानिक डॉ. राजेश बी. बिनावाले और पर्यावरण संरक्षण मण्डल भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. पी. मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में कुलपति श्री अंकुर अरूण कुलकर्णी, डॉ. छबिराम मतवाले, डॉ. देवियानी शर्मा, विद्यार्थीगण एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर कार्यक्रम से संबंधित पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
जलवायु परिवर्तन एक वृहत विज्ञान, इसका मिलकर मुकाबला करें, समाधान ढूंढें : सोनमणि बोरा
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