एजुकेशन लोन: सच होंगे सपने..

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नई दिल्ली(एजेंसी):अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण होने के बाद कभी-कभी उच्च शिक्षा का सपना देखने वाले छात्रों के सामने पढ़ाई का खर्च सबसे बड़ी रुकावट बन जाता है। ऐसे में एजुकेशन लोन एक बड़ा सहारा होता है। एजुकेशन लोन पर विस्तार से बता रहे हैं प्रसन्न

अब कुछ ही दिन बाद कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पर संस्थानों की महंगी फीस को लेकर कई छात्र चिंतित होंगे। अगर आप भी कॉलेज की फीस को लेकर परेशान हैं तो चिंता छोड़िए, क्योंकि बैंकों द्वारा दिए जाने वाला एजुकेशन लोन आपकी इस चिंता का बेहतर समाधान है।

कोर्स और लोन
सामान्य बैचलर व मास्टर डिग्री कोर्सेज से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, लॉ, फैशन टेक्नोलॉजी समेत तमाम तरह के टेक्निकल, प्रोफेशनल व ट्रेडिशनल मान्य कोर्सेज के लिए आसानी से बैंक लोन मिल जाता है। दरअसल बैंकों ने देश में और विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन देने के लिए कुछ मापदंड तय हैं, जिनके अंतर्गत आने वाले कोर्सेज में ही लोन मिल पाता है।

लोन लेने की योग्यता
अधिकांश बैंकों द्वारा बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन दिया जाता है। एजुकेशन लोन के लिए देश में भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ यह जरूरी है कि छात्र का एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, मेरिट या फिर कट ऑफ मार्क्स के आधार पर देश या विदेश के किसी मान्यताप्राप्त संस्थान के टेक्निकल, प्रोफेशनल या किसी अन्य मान्यताप्राप्त कोर्स में हुआ हो। कट ऑफ मार्क्स के आधार पर एडमिशन होने की स्थिति में क्वालिफाइंग एग्जाम में सामान्य छात्रों के न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक और एससी, एसटी छात्रों के न्यूनतम 50 फीसदी अंक होने जरूरी हैं।

लोन की राशि
अधिकांश बैंकों द्वारा देश में पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। कुछ बैंकों द्वारा आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में नामांकन होने की स्थिति में इससे ज्यादा का लोन भी मिल सकता है। देश में बिना किसी मार्जिन के चार लाख रुपए तक का लोन आसानी से मिल जाता है, जबकि चार लाख से ज्यादा लोन 5 प्रतिशत मार्जिन पर दिया जाता है। विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन लेने पर चार लाख से ज्यादा की राशि होने पर 15 प्रतिशत मार्जिन पर लोन दिया जाता है। मतलब कि लोन के लिए सेंक्शन हुई राशि में से 5 प्रतिशत या 15 प्रतिशत जो भी मार्जिन हो, उसे बैंक अपने पास बतौर सिक्योरिटी रख कर बची हुई राशि छात्रों को देते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 30 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन देता है।

ब्याज दरें
सामान्य तौर पर अधिकांश बैंक 11 से 15 प्रतिशत सालाना दर से बैंक लोन देते हैं। प्राइवेट बैंकों में यह दर कुछ अधिक हो सकती है। अधिकांश बैंक लड़कियों को एजुकेशनल लोन में 0.5 प्रतिशत की छूट भी देते हैं।

इनके लिए भी लोन
एजुकेशन लोन के तहत कॉलेज फीस के साथ-साथ हॉस्टल फीस, एग्जाम फीस, लाइब्रेरी फीस, लेबोरेट्री फीस, बुक, इक्विपमेंट्स, इंस्ट्रूमेंट्स, यूनिफॉर्म, कॉशन डिपॉजिट, बिल्डिंग फंड, रिफंडेबल डिपॉजिट, ट्रेवल एक्सपेंस, पैसेज मनी आदि के लिए भी लोन मिल जाता है। यदि कोर्स के लिए अनिवार्य व अति आवश्यक हो तो कम कीमत पर मिलने वाले कंप्यूटर खरीदने के लिए भी राशि मिल सकती है। इसके अलावा स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस जैसे अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी राशि मिल सकती है।

क्या लोन के लिए गारंटर चाहिए?
सामान्य तौर पर चार लाख रुपए तक का लोन लेने पर किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती, सिर्फ पेरेंट्स या गार्जियन के सिग्नेचर और उनकी आर्थिक स्थिति को देख कर ही लोन सेंक्शन हो जाता है। चार लाख से साढ़े सात लाख का लोन लेने पर किसी सक्षम रिश्तेदार या जानकार व्यक्ति का गारंटर बनना जरूरी है, वहीं साढ़े सात लाख से ज्यादा का एजुकेशन लोन होने पर कोलेटरल सिक्योरिटी अर्थात जितनी राशि लोन ली जा रही है, उतनी राशि के प्रॉपर्टी के कागजात या ज्वेलरी आदि बहुमूल्य वस्तुएं बैंक के पास जमा करानी होंगी।

जरूरी दस्तावेज
लोन लेने के वक्त कुछ जरूरी दस्तावेज होने जरूरी है। बैंक द्वारा निर्धारित फॉर्मेट के एजुकेशन लोन फॉर्म को भर कर उसके साथ पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ, एज सर्टिफिकेट, क्वालिफाइंग एग्जाम की मार्क्सशीट, जिस संस्थान में नामांकन लिया है, वहां से जारी एडमिशन लेटर, कॉलेज प्रॉस्पेक्टस, जिसमें एडमिशन फी, कॉलेज फी, एग्जाम फी, हॉस्टल फी जैसे सभी तरह के शुल्कों का स्पष्ट विवरण हो, देने पड़ते हैं। इसके अलावा पेरेंट्स या गार्जियन की संपत्ति व देनदारी का विवरण भी हो।

यदि लोन कोलेटरल सिक्योरिटी पर लिया जा रहा हो तो संबंधित प्रॉपर्टी के कागजात और उसका वैल्यूएशन सर्टिफिकेट भी जरूरी है। विदेशों में नामांकन के लिए लोन की स्थिति में पासपोर्ट और वीजा की फोटोकॉपी की जरूरत पड़ती है।

लोन लेने से पहले ध्यान दें
पूरी जानकारी जुटाएं:
अगर आप एजुकेशन लोन लेने की सोच रहे हैं तो लोन लेने से पहले लोन से संबंधित सभी तरह की अहम जानकारियों के बारे में जरूर पता कर लें, ताकि भविष्य में जब लोन चुकाना हो तो किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

ब्याज दरों की तुलना करें: सभी बैंकों की ब्याज दरों को देख लें और जांच लें, क्योंकि सभी बैंकों में एक समान ब्याज दरें नहीं होतीं। अगर आप ब्याज दरों की तुलना कर लेंगे तो कम ब्याज दर पर आपको लोन मिल सकता है। इसके लिए बैंकों की वेबसाइट पर जाकर उनके इंटरस्ट रेट को पता कर सकते हैं। कुछ वेबसाइट ऐसी भी हैं, जहां पर बैंक लोन की तुलना की जा सकती है।

कितने समय में लोन मिलेगा: बैंकों में यह पता कर लें कि कितने समय में लोन सेंक्शन हो पाएगा, क्योंकि कई बार बैंकों द्वारा लोन सेंक्शन करने में काफी समय लगा दिया जाता है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि जब तक आपको लोन मिले, तब तक काफी देर हो गई हो और कॉलेज में आपका प्रवेश ही मुश्किल हो जाए।

रिपेमेंट टाइम: सभी बैंकों का रिपेमेंट टाइम अर्थात लोन लौटाने का समय अलग-अलग होता है। ऐसे में रिपेमेंट टाइम की पहले से जानकारी होगी तो डिग्री पूरी होने के बाद लोन की राशि लौटना आपके लिए आसान रहेगा।

अन्य शुल्क: बैंकों के बेस रेट और एजुकेशनल लोन इंटरस्ट रेट में फर्क होता है, ऐसे में आप इस फर्क को समझें। साथ ही यह भी पता कर लें कि इंटरस्ट रेट फिक्स्ड है या नहीं और इंटरस्ट रेट के अलावा सर्विस टैक्स या किसी अन्य तरह का कोई और चार्ज तो नहीं है।

छूट भी मिल सकती है
कोर्स के दौरान ब्याज दर का भुगतान कर छूट पा सकते हैं।
यदि कोई छात्र लोन लेने के तुरंत बाद से केवल ब्याज दर की राशि का भुगतान कर दे तो उसे लोन पर एक प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है।

अल्पसंख्यक छात्रों को लोन में सब्सिडी की सुविधा
केन्द्र सरकार की पढ़ों परदेश योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इसका फायदा मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के छात्रों को मिलेगा।

वापसी का विकल्प
सामान्यत: बैंक 7.5 लाख रुपए तक के लोन को चुकाने के लिए दस साल तक का समय देते हैं, वहीं 7.5 से ज्यादा राशि के लोन को चुकाने के लिए 15 वर्ष तक का समय दिया जाता है। इसके साथ ही यह शर्त है कि डिग्री पूरी होने के बाद एक साल के भीतर या जॉब लगने के छह माह के अंदर (दोनों में से जो भी पहले हो) बैंकों को लोन की ईएमआई का भुगतान करना जरूरी है।

भारत में संस्थानों पर लोन
यूजीसी/ एआईसीटीई /एआईबीएमएस/आईसीएमआर/सरकार आदि से मान्यता प्राप्त और यूनिवर्सिटी/ कॉलेज/ संस्थान में बैचलर डिग्री, मास्टर डिग्री और पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए।
आईसीडब्लूए, सीए, सीएफए जैसे कोर्स
आईआईएम, आईआईटी,आईआईएससी, निफ्ट, एनआईडी, एक्सएलआरआई द्वारा संचालित कोर्स।
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन/शिपिंग आदि से मान्यताप्राप्त एयरोनॉटिकल, पायलट ट्रेनिंग, शिपिंग आदि जैसे रेगुलर डिग्री और डिप्लोमा कोर्स।
प्रतिष्ठित विदेशी यूनिवर्सिटीज द्वारा मान्यताप्राप्त और भारत में संचालित कोर्स
मान्यताप्राप्त पार्ट टाइम जॉब ओरिएंटेड कोर्स (ईवनिंग कोर्स आदि)
मान्यताप्राप्त टीचर्स ट्रेनिंग / बी.एड, नर्सिंग कोर्स के लिए

विदेश में इन कोर्स के लिए
प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के जॉब ओरिएंटेड टेक्निकल और प्रोफेशनल बैचलर डिग्री

कोर्सेज
एमसीए, एमबीए, एमएस जैसे मान्यताप्राप्त पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स।
सीआईएमए-लंदन, सीपीए-यूएसए आदि द्वारा संचालित पाठय़क्रम।
एयरोनॉटिकल, पायलेट ट्रेनिंग, शिपिंग जैसे डिग्री या डिप्लोमा कोर्स, जो भारत और विदेश में मान्यताप्राप्त हों।

एक्सपर्ट व्यू
आर्थिक समस्या पढ़ाई में बाधा नहीं
चार लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के सेंक्शन हो जाता है, वहीं साढ़े सात लाख तक के लोन के लिए किसी थर्ड पार्टी की गारंटी की जरूरत होती है। इससे ज्यादा रकम लेने पर गारंटी के रूप में बैंक के पास प्रॉपर्टी के कागजात या कोई अन्य बहुमूल्य वस्तु रखनी होती है। यदि कोई छात्र एजुकेशन लोन लेकर अपना ख्वाब पूरा करना चाहता है तो किसी मान्यताप्राप्त संस्थान में नामांकन लेने के साथ-साथ बैंक द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हुए आवेदन करें। सभी जरूरी कागजात के साथ लोन लेने में काफी आसानी रहती है।
नीतिश प्रकाश, कस्टमर असिस्टेंट, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अमृतसर

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