मुलायम सिंह यादव के निधन से देश भर में उनके समर्थकों और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़कर काम करने वाले राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। पिछले कई दिनों से मुलायम सिंह की सेहत को लेकर देश भर में चिंता जताई जा रही थी।
समाजवादी पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुलायम सिंह यादव के पुत्र और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से नेताजी के निधन की पुष्टि की गई। ट्वीट में लिखा है- ‘मेरे आदरणीय पिताजी नहीं रहे-अखिलेश यादव।’ मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिलते ही मेदांता अस्पताल पर उनके समर्थकों, परिवार के नजदीकी लोगों और राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है। बड़ी संख्या में आ रहे लोगों को देखते हुए अस्पताल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे – श्री अखिलेश यादव
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 10, 2022
पिछले कई दिनों से मुलायम सिंह की सेहत को लेकर देश भर में चिंता जताई जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ सहित देश की तमाम राजनीतिक हस्तियां लगातार उनकी सेहत का हाल ले रही थीं। मुलायम सिंह यादव की शख्सयित पार्टी की सीमाओं से पार हर दल और विचारधारा के लोगों को आकर्षित करती थीं। यही वजह है कि सोमवार को उनके निधन के बाद सिर्फ समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि हर दल और संगठन में शोक की लहर है। मुलायम जब से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे तबसे उन्हें देखने के लिए देश भर से लोग पहुुंच रहे थे।
संघर्षों से तय किया था सैफई से शिखर तक का सफर
मुलायम 1967 में पहली बार विधायक बने थे। वह आठ बार विधायक और 7 बार सांसद रहे। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और दो बार केंद्र में मंत्री रहे। देश के रक्षा मंत्री रहते मुलायम सिंह यादव ने सीमा पर जाकर सेना का दिल जीत लिया था। मुलायम सिंह सैफई से सत्ता के शिखर तक का सफर बड़े ही संघर्षों के साथ तय किया था।