केदार अग्रवाल का जनता कोंग्रस से मोह भंग,

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 जकांछ से एक हज़ार समर्थको के साथ दिया इस्तीफा
कोरबा@M4S:पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं कोरबा लोकसभा क्षेत्र प्रभारी ज्ञानेन्द्र उपाध्याय ने कल पार्टी सुप्रीमो के निर्देश पर वरिष्ठ नेता केदारनाथ अग्रवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया था। निष्कासन के बाद आज पंचवटी विश्रामगृह में केदारनाथ अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) से उन्होंने अपने 1 हजार समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले कई समर्थक पार्टी के पदाधिकारी भी है। उन्होंने कहा कि पार्टी में पदाधिकारियों की बाढ़ सी आ गई थी। यह पता ही नहीं चल रहा था कि संगठन का पदाधिकारी कौन है, कोई भी रायपुर से पदाधिकारी बनकर आ जाते थे। जोगी कांग्रेस से जुडऩे के साथ मैंने पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया। लेकिन उनकी मेहनत को समझा नहीं गया। मुझे केवल पार्टी के कार्यक्रमों में भीड़ बढ़ाने के लिए उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी छोडऩे का मन बना लिया था। जिसे देखते हुए पार्टी के कुछ लोग मुझे रायपुर ले जाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए। स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी उनसे फोन पर संपर्क किया लेकिन वे नहीं माने। मैंने प्रेसवार्ता के दौरान पार्टी छोडऩे का मन बनाया था। जिसकी सूचना दो दिन पहले ही दे दी गई थी। मेरे नहीं मानने पर मजबूरी में पार्टी ने मुझे निष्कासित किया है। उन्होंने कहा कि कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में उनके 30 से 32 हजार समर्थक है। कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से ही मैं चुनाव लडूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी अगर ईमानदारी से टिकट दें तो वे चुनाव लडऩे को तैयार है। हालांकि उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है।उन्होंने कहा कि स्व. विद्याचरण शुक्ल उन्हें टिकट दिलाना चाहते थे। लेकिन कुछ लोगों ने ऐसे होने नहीं दिया। जब उन्होंने ताला-चॉबी छाप में निर्दलीय चुनाव लड़ा था तो काफी मत प्राप्त किया था। उनके कारण ही कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल हारे थे। जयसिंह अग्रवाल के हार के मत व उनके प्राप्त मत की संख्या लगभग समान थी।
स्थानीय नेताओं से परेशान
वार्ता में केदारनाथ अग्रवाल के पार्टी छोडऩे के पीछे की कुछ बातें भी सामने आई। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय नेताओं से वे परेशान थे। स्थानीय नेताओं का नाम पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे वक्त आने पर उनके नाम बताएंगे।
कटघोरा विधानसभा बन चुका है भ्रष्टाचार का गढ़
श्री अग्रवाल ने कहा कि कटघोरा विधानसभा क्षेत्र भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका हैं। कटघोरा विधायक क्षेत्र का विकास करने की बजाए केवल शिलान्यास ही कर रहे हैं। इसके अलावा कटघोरा में पूरी तरह से शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है। इसके बाद भी ओडीएफ घोषित कर फर्जीवाड़ा किया गया है।
जनसेवा के लिए की राजनीति
केदार  अग्रवाल ने कहा कि राजनीति में जनसेवा के लिए आए हैं। वर्तमान राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि राजनीति गंदी हो चुकी हैं। बिना पैसों के पार्टी में टिकट नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि राजनीति मेरे लिए व्यवसाय नहीं सेवा भावना है। मैंने पार्टी में रहते हुए किसी से एक रुपए चंदा नहीं लिया। अपने बल व सामथ्र्य के आधार पर संगठन को मजबूत बनाने का काम किया। उन्होंने बार-बार पार्टी बदलने के सवाल पर कहा कि वे जनसेवा के लिए राजनीति कर रहे हैं। अगर उनसे जुड़े जनता उन्हें बताते हैं कि पार्टी में उनका दोहन हो रहा है। जनसेवा नहीं की जा रही है तो वे पार्टी का त्याग कर देते हैं।

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