पटना(एजेंसी):बैंड, बाजा और बारात का शोर शुक्रवार की रात से थम जाएगा। शादी -ब्याह के शुभ मुहूर्त शुक्रवार तक ही हैं। खरमास 14 मार्च से शुरू होने से शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। ज्योतिषाचार्य डां. राजनाथ झा ने ह्रषिकेश और विश्वविद्यालय पंचांगों के हवाले से बताया कि दोनों पंचांगों में 11 मार्च के बाद एक महीने तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं। अप्रैल में 16 से 29 तारीख तक शुभ विवाह के लग्न हैं। मई व जून माह में मात्र दो-दो दिन ही शुभ मुहूर्त हैं। बनारसी और मिथिला पंचांगों के अनुसार इस वर्ष शादी-विवाह के 64 शुभ मुहूर्त हैं।
खरमास में शादी नहीं होती:
आचार्य प्रियेन्दु प्रियदर्शी के अनुसार इस वर्ष की कुंडली के आधार पर 13 मार्च की रात 1.17 बजे से खरमास शुरू है। खरमास में शुक्र अस्त रहने और मीन राशि में सूर्य के रहने से लग्नाभाव है। फिर 13 अप्रैल की रात्रि 9.37 बजे में मेष राशि में सूर्य के जाने और मेष संक्रांति होने से शुक्र का उदय होगा। शुक्र ग्रह संपन्नता और विलासिता का कारक है जबकि बृहस्पति लग्न योग देने वाला। इन दोनों ग्रहों के प्रादुर्भाव और ज्योतिषीय योग के आधार पर लग्न और शुभ योग देखे जाते हैं। इन ग्रहों के अभाव और सूर्य केअपने भाव से हट जाने से शुभ लग्न की कमी पायी जाती है। वैदिक मंत्रों में सूर्य मंत्र की प्रधानता होती है।
शुक्र अस्त रहने से दो माह शुभ मुहूर्त नहीं
मार्कण्डेय शारदेय के अनुसार शुक्र के अस्त रहने और बालक दोष के कारण विवाह के शुभ मुहूर्त कम हैं। बनारसी पंचांगों के मुताबिक 4 मई से 30 जून और मिथिला पंचांग में 6 मई से 22 जून तक शुक्र के अस्त रहने की बात है। बनारसी पंचांगों में 30 जून से 6 जुलाई तक तो मिथिला पंचांगों में 22 जून से 25 जून तक बालक दोष की बात है। बनारस पंचांग में 7 जुलाई से और मिथिला पंचांग में 27 जून से शादी के शुभ मुहूर्त हैं।
विवाह के शुभ दिन
अप्रैल: 16,17,18,19, 20, 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29
जुलाई:1,4,8,9,10,11,13,14
नवंबर:21,23,24,30
दिसंबर:1,3, 8, 9,12,13
मई: 1,4
जून: 27,29