जशपुर@M4S:जशपुर जिले में संरक्षित जाति पहाड़ी कोरवा परिवार ने फांसी लगाकर सामूहिक खुदखुशी कर ली है। पति-पत्नी और दो बच्चों सहित चार लोगों की लाश फांसी पर लटकी हुई मिली है। ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी है। बगीचा थाना क्षेत्र के सम्हार बहार बस्ती की घटना बताई जा रही है,फिलहाल खुदखुशी की वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है, बता दें कि पहाड़ी कोरवा एक संरक्षित जनजाति है,जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते है,
फिलहाल खुदखुशी के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ की संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा प्रदेश के उत्तर-पूर्व और उत्तर में स्थित जिलों में पाई जाती है। यह जनजाति घने जंगलों में निवास करती है। छत्तीसगढ़ में कुल ४२ जनजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से ७ को राज्य सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है। इन्हीं जनजातियों में से एक पहाड़ी कोरवा जनजाति भी है।पति-पत्नी और २ बच्चों की लाशें पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकी हुई।
पहाड़ी कोरवा जनजाति सरगुजा, बलरामपुर और जशपुर जिलों में निवास करती है। इनकी आबादी बेहद कम है। इनकी खास संस्कृति है। यह जनजाति जीवनयापन के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है। इस जनजाति के संरक्षण के लिए सरकार कई सरकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन आज भी इनकी बड़ी आबादी इन योजनाओं से वंचित है और इन्हें उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। साल २०१५-१६ में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पहाड़ी कोरवाओं का सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद इनकी सूची प्रकाशित की गई, जिसमें कई पहाड़ी कोरवाओं का नाम छूटा हुआ मिला और कई गैर पहाड़ी कोरवाओं को इस सूची में शामिल कर लिया गया, जिसके कारण इस जनजाति के अधिकतर लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
SUCIDE CASE:पहाड़ी कोरवा परिवार ने की सामूहिक खुदखुशी,बच्चों को फांसी लगाकर पति-पत्नी फंदे पर झूले
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