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बदली लाइफस्टाइल, अब बीपी सिर्फ बड़ों में नहीं, युवाओं में भी पनप रही  सेहत के प्रति बढ़ती जा रही लापरवाही

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कोरबा@M4S:आज के दौर में जहां युवाओं को सबसे ऊर्जावान, फिट और हेल्दी माना जाता है, वहीं बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों ने उन्हें भी गंभीर बीमारियों के घेरे में ला खड़ा किया है। इसका सबसे बड़ा कारण बदली लाइफस्टाइल ही है।
जिले में चिकित्सकों के मुताबिक एक वक्त था जब शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां उम्र के ढलान के साथ शुरू होती थी, लेकिन अब व्यस्तता के चलते लोगों की जीवनचर्या ही बदल गई है। ऐसे में वृद्ध ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग भी शुगर जैसे गंभीर रोग से ग्रसित हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार ओपीडी में हर रोज बड़ी संख्या में मरीज बीपी के पहुंच रहे हैं। इसमें बुजुर्ग के अलावा युवा वर्ग के लोग शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार बीपी होने के कई कारण है। अनियमित जीवन शैली, तनाव अधिक होना तथा पर्याप्त नींद नहीं लेना भी आमंत्रण है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति साफ दिखाई देगी। रोज 20 से 25 नए मरीज शुगर की जद में आ रहे हैं। जिसमें इस बीमारी की चपेट में युवा से लेकर बुजुर्ग आ रहे है। लोग लाइफ स्टाइल में बदलाव सहित मेडिसिन आदि से वह अपने आपको फिट रख सकते है। चिकित्सकों के अनुसार 18 साल से ऊपर के युवाओं को भी 2 या 5 साल में एक बार बीपी का टेस्ट अवश्य करना चाहिए। साथ ही 40 साल से ऊपर वालों को साल में एक बार चेक कराना ही चाहिए। यह इंटरनेशनल गाइडलाइन है।

हाइपरटेंशन के ये कारण
लाइफ स्टाइल: लोगों की सुविधा भोगी जीवन शैली, खासतौर से शहरी इलाके में इससे ज्यादा लोग चपेट में आ रहे हैं।
अनुवांशिकी: इसके अलावा यह बीमार अनुवांशिकी भी होती है। माता-पिता के अलावा दोनों परिवार में किसी अन्य को होना भी कारण है।
नशा: नशा लेने वालों में हारपरटेंशन के ज्यादा मामले आ रहे हैं। इसमें तंबाकू, शराब सहित सभी तरह के नशा शामिल है।
जागरूकता: लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी है। इसे समझ ले तो आधे से ज्यादा केस में दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तनाव ज्यादा व नींद की कमी: इसे हाइपरटेंशन का बढ़ा कारण माना जा रहा है। पारिवारिक वजह तनाव की एक बड़ी वजह है।

ब्लड प्रेशर की श्रेणियां
श्रेणी सिस्टोलिक डायस्टोलिक
सामान्य 120 से कम 80 से कम
बड़ा हुआ 120-129 तक 80 से कम
हाई स्टेज-1 130-139 तक 80-89 तक
हाई स्टेज-2 140 या ज्यादा 90 या ज्यादा

जिले की सड़कों का कायाकल्प करने 143 करोड़ रू. की दी गई नवीन स्वीकृति – उद्योग मंत्री

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मंत्री श्री देवांगन ने कोरबा के 07 वार्डो को दी साढे़ 68 लाख रूपये के नवीन विकास कार्यो की सौगात, किया भूमिपूजन
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य एवं महापौर संजूदेवी राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ विकास कार्यो का भूमिपूजन

कोरबा@M4S:प्रदेश के उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री  लखनलाल देवांगन ने आज कहा कि कोरबा जिले की सड़कों के निर्माण एवं उनका कायाकल्य करने हेतु जिला खनिज न्यास मद से 143 करोड़ रूपये की नवीन स्वीकृति प्रदान की गई हैं, जिसमें कोरबा विधानसभा क्षेत्र में 35 करोड़ रूपये से बनने वाली सड़कें भी शामिल हैं। उन्होने कहा कि नगर पालिक निगम कोरबा व कोरबा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 14-15 महीनों के दौरान लगभग 400 करोड़ रूपये के विकास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से अनेकों कार्य प्रगति पर हैं, वहीं अनेकों कार्य शीघ्र प्रारंभ होने जा रहे हैं। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि कोरबा का तेजी से विकास हो रहा है, मैंं भरोसा दिलाता हूंॅ कि कोरबा के विकास हेतु धनराशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।


उक्त बातें उद्योग मंत्री  लखनलाल देवांगन ने आज नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड क्र. 11 संजयनगर में आयोजित विकास कार्यो के भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान कही। नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा कोरबा जोनांतर्गत वार्ड क्र. 01, 05, 07, 09, 11 एवं 13 में 68 लाख 30 हजार रूपये की लागत से विभिन्न विकास कार्य कराए जाने हैं, आज संजयनगर में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने इन विकास कार्यो का भूमिपूजन किया, वहीं भूमिपूजन कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर संजूदेवी राजपूत के द्वारा की गई। इस अवसर पर दिए गए अपने उद्बोधन में मंत्री  लखनलाल देवांगन ने आगे कहा कि कोरबा जोन के 09 वार्डो में 86 लाख रूपये के कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किए जाएंगे, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने कोरबा नगर निगम क्षेत्र में 23 करोड़ रूपये के विकास कार्यो की घोषणा की थी, जिनमें से लगभग 04 करोड़ रूपये के विकास कार्य कोरबा जोन के वार्डो के लिए थे। उन्होने कहा कि कोरबा का तेजी से विकास हो रहा है तथा आश्वस्त करता हूॅं कि कोरबा के विकास में किसी प्रकार का अवरोध उपस्थित नहीं होने दिया जाएगा।


जनहितैषी योजनाओं से लोगों को पहुचांया जा रहा लाभ – इस मौके पर  लखनलाल देवांगन ने  अपने उद्बोधन में आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे डॉ.रमन सिंह जी ने दर्जनों जनहितैषी योजनाओं का क्रियान्वयन किया था किन्तु पूर्ववर्ती सरकार ने इन योजनाओं को बंद कर दिया था, प्रदेश में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की अगुवाई में पुनः हमारी सरकार बनी तथा इन जनहितैषी योजनाओं को पुनः चालू कर आज इन योजनाओं का लाभ लाखों लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होने आगे कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी थी कि प्रदेश की माताओं-बहनों को 1000 रूपये प्रतिमाह उनके खाते में डालें जाएंगे, आज महतारी वंदन योजना का सफल क्रियान्वयन हो रहा है तथा माताओं-बहनों को प्रतिमाह उनके खाते में 1000 रूपये भेजा जा रहा है। इसी प्रकार किसानों के हित में हमारी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं तथा समाज के सभी वर्ग के लिए योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर उन तक लाभ पहुंचाया जा रहा है।
विगत 15 माह में कोरबा के विकास को मिले नए आयाम – इस अवसर पर महापौर  संजूदेवी राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में हमारी सरकार बनते ही कोरबा के विकास को नए आयाम मिले हैं, मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय, नगरीय प्रशासन मंत्री  अरूण साव एवं कोरबा के लोकप्रिय विधायक व उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन का लगातार मार्गदर्शन, सहयोग व आशीर्वाद कोरबा के विकास के लिए मिल रहा है। इसी के परिणाम स्वरूप कोरबा में अब तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, आमजनता की मांगें पूरी हो रही हैं, उनकी समस्याएं दूर हो रही हैं।
इन विकास कार्यो का हुआ भूमिपूजन – आज जिन विकास कार्यो का भूमिपूजन किया गया, उनमें वार्ड क्र. 01 अंतर्गत शास.उ.मा.वि. कोरबा में 06 लाख 30 हजार रूपये की लागत से साईकिल स्टैण्ड निर्माण, वार्ड क्र 05 अंतर्गत इंदिरा नगर में 05 लाख रूपये की लागत से पण्डाल एवं मुक्तिधाम निर्माण, वार्ड क्र. 05 बुधिया पेट्रोल पम्प से गांधी चौक मंदिर तक 25 लाख रूपये की लागत से आर.सी.सी. नाली निर्माण, वार्ड क्र. 07 अंतर्गत नवनीत रजक घर के पास 07 लाख रूपये की लागत से चबुतरा निर्माण, वार्ड क्र. 09 अंतर्गत इमलीडुग्गू में 05 लाख रूपये की लागत से सार्वजनिक शौचालय का मरम्मत व नवीनीकरण कार्य, वार्ड क्र. 11 अंतर्गत संजय नगर उपस्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक भवन के पीछे तक 10 लाख रूपये की लागत से नाली एवं सी.सी. रोड निर्माण तथा वार्ड क्र. 13 अंतर्गत 10 लाख रूपये की लागत से वृद्धजनों हेतु सियान सदन का निर्माण कार्य शामिल हैं।
भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान पार्षद  नरेन्द्र देवांगन, युगल कैवर्त, रूबी देवी सागर, सुषमा साहू, सुलोचना यादव, उपेन्द्र पटेल, राधा महंत, प्रभा टीकम राठौर, ईश्वर पटेल, धनश्री साहू, मुकुंद सिंह कंवर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, कोरबा मण्डल अध्यक्ष योगेश मिश्रा, नरेन्द्र पाटनवार, राकेश नागरमल अग्रवाल, आकाश श्रीवास्तव, सुफल दास महंत, टीकम राठौर, के.डी.वैष्णव, नीमेश्वरी पटेल, धनबाई यादव, रामशंकर साहू, अनिल यादव, प्रकाश राठौर, निगम के जोन कमिश्नर विनोद कुमार शांडिल्य, सहायक अभियंता पीयूष राजपूत, उप अभियंता अश्वनी दास आदि के साथ काफी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

SECL में करोड़ों का ठेका, प्रभावित ग्रामीण 600 रुपए में प्रति टैंकर पानी खरीदने को मजबूर बिना आपूर्ति बिल का भुगतान किया जा रहा

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कोरबा@M4S:गर्मी का तापमान का पारा सर चढ़कर बोल रहा है गर्मी से बचने के लिए लोग कैसे दिन काटने पड़ रहे हैं यह तो वही जानते हैं लेकिन इस बीच गर्मी में एसईसीएल से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को प्रभावित ग्रामों में पानी नहीं मिलना लोगों के लिए आफत बन गया है प्रबंधन ने जिनको दिया है ठेका वह ठेकेदार क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में नियमित पानी आपूर्ति के लिए सिर्फ खानापूर्ति कर रही है अपने ठेके का दिन काटने में लगा है और समय मियाद पूरा होने का इंतजार कर रहा है बताया जा रहा है कि लगभग एसईसीएल प्रबंधन करोड़ का ठेका देकर क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में पर्याप्त पानी टैंकर के द्वारा पिलाने व निस्तारी के लिए देना है लेकिन प्रबंधन के ठेकेदार के द्वारा ना पानी दिया जा रहा है ना ही टैंकर आ रहा है और इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से शुद्ध पेयजल और निस्तार के लिए जूझ रहे हैं सभी ग्रामों में भारी आक्रोश व नाराजगी व्याप्त है कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है ।

गौरवतलब है कि एसईसीएल के द्वारा प्रतिवर्ष प्रभावित ग्रामों में हर पारा मोहल्ला गली में शुद्ध पेयजल व निस्तारी के लिए लगभग करोड़ों का टेंडर निकालकर ठेका दिया जाता है लेकिन ठेकेदार के द्वारा ना तो नियमित पानी आपूर्ति की जाती है और ना ही टैंकर से पानी सप्लाई नहीं किया जाता जिस तरह से मेगा प्रोजेक्ट में मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाया गया है और लगातार प्रबंधन के द्वारा खदान विस्तार किया जा रहा है खदान का विस्तार करने के वजह से खदान इतनी गहराई खुदाई किया जा रहा है जिसके कारण प्रभावित ग्रामों में हैंड पंप कुआं बोर जैसे इत्यादि सुख सा गया है इन सब विषयों में गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल व निस्तरी के लिए पानी के लिए किल्लत होना पड़ता है प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों ने गांव के प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार प्रबंधन को पानी की समस्या को लेकर आवेदन और निवेदन करके गुहार लग रहे हैं इसके बावजूद प्रबंधन के द्वारा ठेकेदार के ऊपर निगरानी का काम नहीं कर पा रही है ग्रामीणों में भारी आक्रोश है कभी भी फूट पड़ेगा ।

ग्रामीणों ने बताया कि शुद्ध पेयजल व निस्तारी के लिए नियमित पानी का टैंकर प्रबंधन के द्वारा पहुंचना है लेकिन पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने स्वयं 600 रुपए में पानी का टैंकर किराए में कर अपनी पानी आपूर्ति को पूरा करने में मजबूर हैं उनका कहना है प्रबंधन के द्वारा क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में पानी की आपूर्ति के लिए हर साल टेंडर जारी कर ठेका दिया जाता है लेकिन किसी तरह ठेकेदार के द्वारा समय बिता कर अपना बिल पास करवा लेते हैं ।

वाणिज्य उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन 17 मई को कोरबा में 68.30 लाख रूपए के विकास कार्यों का करेंगे भूमिपूजन

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तिरंगा यात्रा कार्यक्रम में होंगे शामिल

कोरबा@M4S: मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय नेतृत्व में गांव एवं शहरी क्षेत्रों में सुशासन तिहार का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के वाणिज्य उद्योग व श्रम मंत्री मंत्री  लखनलाल देवांगन शनिवार 17 मई को अपरान्ह 3.20 बजे कोरबा के संजय नगर सामुदायिक मंच केनाल रोड वार्ड क्रमांक 11 में 68 लाख 30 हजार रूपए के विभिन्न निर्माण कार्यो का भूमिपूजन करेंगे। तत्पश्चात तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे।

नगर निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 01 अंतर्गत शा.उ.मा.वि कोरबा में सायकल स्टैण्ड का निर्माण कार्य स्वीकृत राशि 6.30 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 05 अंतर्गत इंदिरा नगर में पंडाल एवं मुक्तिधाम निर्माण कार्य 5.00 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 07 अंतर्गत नवनीत रजक घर के पास चबुतरा निर्माण कार्य 7.00 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 09 अंतर्गत ईमलीडूग्गू में सार्वजनिक शौचालय का मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य 5.00 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 11 अंतर्गत संजय नगर में उपस्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक भवन के पीछे तक नाली एवं सी.सी रोड निर्माण कार्य 10.00 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 13 के अंतर्गत वृद्धजनों एवे सियान सदन का निर्माण कार्य 10.00 लाख रूपए, वार्ड क्रमांक 04 अंतर्गत बुधिया पेट्रोल पम्प से गांधी चौक मंदिर तक आर सी.सी नाला निर्माण कार्य स्वीकृत राशि 25.00 लाख रूपए का भूमिपूजन करेंगे। इस दौरान कोरबा नगर निगम की महापौर श्रीमती संजु देवी राजपुत भी उपस्थित रहेंगी। इसके पश्चात मंत्री श्री देवांगन शाम 4.30 बजे घंटाघर-निहारिका रोड में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा कार्यक्रम में शामिल होंगे।

डीएमएफ से शहर सहित जिले के सुदूरवर्ती ग्रामों में बिछेगा सड़को का जाल डीएमएफ से सड़क निर्माण हेतु लगभग 143 करोड़ रुपये के कार्यों का किया गया अनुमोदन

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सुशासन तिहार,जनप्रतिनिधियों और आमनागरिको से आई थी मांग

सड़क बनने से आवागमन होगा आसान

झगरहा-कोरकोमा-चचिया, दर्री ध्यानचंद चौक से बजरंग चौक तक का सड़क निर्माण भी शामिल

कोरबा@M4S: जिला खनिज न्यास संस्थान के माध्यम से कोरबा जिले में शिक्षा,स्वास्थ्य, सहित अन्य विकास कार्यों को लगातार गति दी जा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर  अजीत वसंत ने सुशासन तिहार में आई सड़को की मांग, जनप्रतिनिधियों और आमनागरिको के द्वारा लम्बे समय से की जा रही मांगों को ध्यान रखकर जिले के अनेक महत्वपूर्ण सड़कों का चयन किया है। डीएमएफ से लगभग 22 सड़को की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए लगभग 143 करोड़ रुपए का अनुमोदन किया गया है। जल्द ही इन सड़कों के निर्माण सम्बंधित प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सड़को के बनने से कोरबा जिले के दूरस्थ और आवागमन को लेकर परेशानी झेलने वाले क्षेत्रों के ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा। आवागमन भी आसान हो जाएगी।

कलेक्टर श्री वसंत ने जिला कोरबा के गिधौरी चारपारा मार्ग लंबाई 5.625 किमी पुल पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 7 करोड़ 73 लाख 53 हजार 700 रूपये, जिला कोरबा के पक्की सड़क का निर्माण हिर्रीआमा से बदरागढ मार्ग लंबाई 7.00 कि.मी. वास्तविक लंबाई 06 किलोमीटर पुल पुलिया सहित निर्माण हेतु 7 करोड़ 12 लाख 08 हजार रूपये, विकासखंड पोड़ी उपरोडा के ग्राम पाथा से खरबहरा धनुहारपारा लंबाई 4.00 किमी वास्तविक लंबाई 1.80 किमी का निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 14 लाख 32 हजार रूपये, जिला कोरबा के डोगरी से मुढाली मार्ग लंबाई 3.00 किमी; वास्तविक लंबाई 2.175 कि.मी. का निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 20 लाख 42 हजार, विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पनगवा से जल्के पहुँच मार्ग लंबाई 05 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 4.10 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 04 करोड़ 75 लाख 70 हजार, विकासखण्ड कटघोरा के पण्डरीपानी से छुरी बकराबाजार व्हाया बिरवट मार्ग लंबाई 04 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 02 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 95 लाख 75 हजार, विकासखण्ड पोंडीउपरांड़ा के ग्राम पाथा से छिन्दमेंर गाढाघाट तक लंबाई 04 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 3.27 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 03 करोड़ 10 लाख 94 हजार, विकासखण्ड पोडीउपरोड़ा के मुड़ाभाठा से भदरापारा मुख्य मार्ग तक लंबाई 04 किलोमीटर पुल-पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 04 करोड़ 36 लाख, 57 हजार, जिला कोरबा के ओझायाईन से रामपुर पहुंच मार्ग लंबाई 08 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 37 लाख 14 हजार रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी तरह जिला कोरबा विकासखण्ड पाली के ग्राम पोलमी से तिलहा मार्ग लंबाई 1.40 किलोमीटर का सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 24 लाख 41 हजार रूपये, जमनीपाली से गजरा मार्ग लंबाई 06 किलोमीटर वास्तवकि लंबाई 05 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 12 लाख, 75 हजार, रामपुर से सिरली पहुंच मार्ग निर्माण कार्य लंबाई 08 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 4.60 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 08 करोड़ 08 लाख 55 हजार, झगरहा कोरकोमा पसरखत चचिया मार्ग मुख्य जिला मार्ग लंबाई 29 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 24.20 किलोमीटर का निर्माण कार्य हेतु 29 करोड़ 80 लाख 75 हजार, ध्यानचंद चौक से बजरंग चौक लंबाई 2.84 किलोमीटर 2 लेन सी.सी. मार्ग निर्माण कार्य हेतु 29 करोड़ 42 लाख 96 हजार, मुड़ापारा दादर से भालूसटका होते हुए रिस्दा बायपास मार्ग निर्माण कार्य लंबाई 1.80 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 0.72 किलोमीटर हेतु एक करोड़ 58 लाख 11 हजार, दुल्लापुर से बोरिमुड़ा मार्ग लंबाई 4.10 किलोमीटर पुल पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 03 करोड़ 89 लाख, 55 हजार, ओढालीडीह से तिलैहापारा घटोई मंदिर मार्ग लंबाई 5.70 किलोमीटर पुल पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 06 करोड़ 18 लाख, 04 हजार,
सक्ती कोरबा मार्ग रा.मा.क्र.4 के किलोमीटर 42/8 से 45/10 कुल 3.40 किलोमीटर का उन्नयन कार्य हेतु 07 करोड़ 22 लाख 21 हजार, रिंग रोड मुख्य मार्ग से डिगापुर पहुंच मार्ग लंबाई 1.30 किलोमीटर पुल पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 87 लाख 98 हजार,
सीलीभुडु कुदरीचिंगार मार्ग लंबाई 5.80 किलोमीटर का मजबूतीकरण एवं उन्नतीकरण कार्य हेतु 04 करोड़ 38 लाख 83 हजार, जिला कोरबा के पर्यटन स्थल चैतुरगढ़ में जेमरा चैतुरगढ सडक के सी.सी. शोल्डर चौडीकरण लंबाई 6.60 किलोमीटर कार्य हेतु 05 करोड़ 33 लाख 50 हजार और घिनारा से खुंटाकुड़ा मार्ग का लंबाई 10 किलोमीटर वास्तविक लंबाई 4.525 किलोमीटर पुल पुलिया सहित निर्माण कार्य हेतु 05 करोड़ 80 लाख 75 हजार रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

VAT SAVITRI PUJA: वट सावित्री व्रत पर नहीं मिल रहा है बरगद का पेड़ तो कैसे करें पूजा?

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नई दिल्ली(एजेंसी): वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है और इसकी पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस पाए थे, इसलिए इस दिन इस वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। 

हालांकि, आजकल हर जगह बरगद का पेड़ नहीं होता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस दिन (Vat Savitri 2025) अगर आपको बरगद का पेड़ (Vat Savitri Puja without Banyan) न मिल पाए है, तो पूजा कैसे पूर्ण करें?
बरगद की डाली या टहनी – अगर आपके आसपास कहीं बरगद का पेड़ है, लेकिन वहां जाना संभव नहीं है, तो आप पहले से ही किसी से बरगद की एक छोटी डाली या टहनी मंगवा लें। इस टहनी को साफ कपड़े में लपेटकर अपने पूजा स्थान पर स्थापित करें और इसे ही बरगद का प्रतीक मानकर पूजा करें। आप इस डाली पर कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा भी कर सकते हैं। 

तुलसी का पौधा – हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को भी बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। अगर आपको बरगद की डाली भी न मिल पाए, तो आप तुलसी के पौधे के पास वट सावित्री व्रत की पूजा कर सकते हैं। तुलसी को वट वृक्ष का प्रतीक मानकर आप सभी रीतियों का पालन करें और माता सावित्री से अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें।

बरगद के पेड़ की तस्वीर – इसके अलावा आप बाजार से बरगद के पेड़ की तस्वीर ला सकते हैं या इंटरनेट से डाउनलोड करके उसका प्रिंटआउट निकालकर उस तस्वीर की पूजा कर सकते हैं। 

मन में ध्यान करें – अगर ये भी संभव न हो, तो आप अपने पूजा स्थान पर ही मन में बरगद के पेड़ का ध्यान करते हुए प्रतीकात्मक रूप से पूजा कर सकते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आपका भाव शुद्ध हो और सच्चा होना चाहिए, क्योंकि भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं। 

अन्य उपाय – कुछ मान्यताओं के अनुसार, आटे से बरगद का पेड़ बनाकर भी पूजा की जा सकती है। पूजा के बाद इस आटे को गाय या अन्य जानवरों को खिला दें या फिर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।

नक्सली मुठभेड़ में घायल जवानों से मिलने AIIMS पहुंचे अमित शाह, ट्रॉमा सेंटर में घायलों से मुलाकात कर जाना हालचाल

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नई दिल्ली(एजेंसी): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बृहस्पतिवार को राजधानी दिल्ली स्थित एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और यहां नक्सली मुठभेड़ में घायल जवानों मिलकर उनका हालचाल जाना। इस दौरान पीड़ित परिवारों से भी बातचीत की और जवानों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
बता दें कि एम्स के ट्रॉमा सेंटर में नक्सली हमले में घायल सीआरपीएफ के 204 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे भर्ती हैं। इसके अलावा वह पहलगाम हमले में घायल हुए डॉ. ए परमेश्वरन से भी मिले। डॉ. ए परमेश्वरन के स्वास्थ्य में अब सुधार है और वह अब चल पा रहे हैं।

https://x.com/AmitShah/status/1922626392581173348?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1922626392581173348%7Ctwgr%5E05793c281f55b20b8f4cf95f444a7761405e4603%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.jagran.com%2Fdelhi%2Fnew-delhi-city-ncr-amit-shah-reached-aiims-trauma-center-to-meet-soldiers-injured-in-naxal-encounter-23938310.html

उल्लेखनीय है कि सुरक्षा बलों ने बीते दिन छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ पर 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी। वहीं, 22 अप्रैल दिन मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे और कई घायल हुए थे।

DRON WAR:ड्रोन ने बदला युद्ध का तरीका: भारत ने कब पहली बार जंग में इस्‍तेमाल किया था DRONE ?

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नई दिल्‍ली(एजेंसी): ड्रोन ने दुनिया भर में युद्ध का तरीका बदल दिया है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने तबाह किए तो पाकिस्‍तानी सेना ने सैकड़ों की संख्या में ड्रोन भेजकर हमले किए। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्‍टम ने हवा में खत्म कर दिया। 

अब सवाल यह है कि ड्रोन शब्द कैसे चलन में आया, ड्रोन किस तरह युद्ध लड़ने के तौर-तरीके बदल रहे हैं, दुनिया में पहली बार ड्रोन का कब इस्तेमाल हुआ और किस काम के लिए हुआ था? आइए हम आपको ड्रोन के बारे में सबकुछ बताते हैं… 

  • अभी हाल में भारत-पाकिस्तान तनातनी में दोनों देशों ने अपनी-अपनी ताकत दिखाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। इससे पहले इजरायल-गाजा और रूस-यूक्रेन वॉर में भी ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया गया। इससे एक बात साफ हो गई है कि ड्रोन अब सिर्फ तकनीक नहीं हैं, अब ये युद्ध की दिशा बदलने वाला हथियार हैं।
  • जिस भी देश की रक्षा प्रणाली में उन्नत तकनीक के ड्रोन भी शामिल हैं, उस देश की सेना कई गुना ताकतवर हो जाती है।  जैसे पहले विश्व युद्ध में खाइयों की लड़ाई युद्ध रणनीति का हिस्सा थी, वैसे ही 21वीं सदी में ड्रोन युद्ध में प्रमुख हथियार बन चुके हैं। भविष्य के युद्ध की दिशा एआई, स्वार्म टेक्नोलॉजी और ड्रोन से तय होगी।

भारत ने स्वदेशी ड्रोन कब बनाया?

भारत का पहला स्वदेशी डिजाइन और डिवेलप्ट ड्रोन ‘निशांत’ था। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ड्रोन ‘निशांत’ का 1995 में इसका परीक्षण किया था। भारतीय सेना की रिमोटली पायलेटेड व्‍हीकल (RPV) की जरूरत को पूरा करने के लिए ‘निशांत’ को बनाया गया था।
साल 1999 में कारगिल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया था। तब पहली बार भारत ने इस ड्रोन का इस्तेमाल किया था। यह ड्रोन दुश्मन के इलाके के जानकारी एकत्रित करने और तोपखाने की आग को ठीक करने के लिए किया गया था।
इसके बाद भारत ने पंछी, लक्ष्य, रुस्तम, आर्चर, घातक और नेत्र समेत कई और ड्रोन बनाए। हालांकि, अभी भारत मुख्य रूप से इजरायली मूल के हिरोन मार्क-2, हैरोप और स्काई-स्ट्राइकर जैसे ड्रोन का इस्तेमाल करता है। 

अभी हाल ही में भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी स्थलों और पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणालियों पर हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि कौन-सा ड्रोन इस्तेमाल किया।

अब युद्ध में क्यों अहम हैं ड्रोन?
  • ड्रोन की किसी भी सीमा पर त्वरित तैनाती की जा सकती है।
  • UAV ड्रोन सटीक हमला करने में सक्षम हैं।
  • मानव जीवन के लिए कम जोखिम तुलनात्मक रूप से कम लागत।
  • रडार और निगरानी प्रणाली से छिपने में सक्षम।
सबसे अधिक मिलिट्री ड्रोन रखने वाले 10 देश कौन-से हैं?

द पावर एटलस और द ड्रोन डेटाबुक के अनुसार-  

अमेरिका 13000
तुर्किए 1421
पोलैंड 1209
रूस 1050
जर्मनी 670
भारत 625
फ्रांस 591
ऑस्ट्रेलिया 557
दक्षिण कोरिया 518
फिनलैंड 412
ड्रोन शब्द व कंसेप्ट कब और कैसे आया?

यह बात उस वक्त की है, जब भारत में अंग्रेजों के खिलाफ जंग शुरू भी नहीं थी। 19वीं सदी में इटली छोटे-छोटे राज्‍यों में बंटा था। इन राज्‍यों पर अलग-अलग शक्तियों का नियंत्रण था, जिनमें ऑस्ट्रियन साम्राज्य एक प्रमुख शक्ति थी।

1848-49 के बीच पूरे यूरोप में क्रांति की लहर उठी, जिसे स्प्रिंगटाइम ऑफ नेशंस (Springtime of Nations) कहा जाता है। लोगों ने अपनी आजादी के लिए लड़ना शुरू कर दिया। इटली आजादी और एकीकरण (Unification) के लिए आंदोलन चल रहा था।

1849 में वेनिस ने भी ऑस्ट्रिया के खिलाफ विद्रोह कर दिया। वेनिस के लोगों ने ऑस्ट्रिया से आजाद होने का प्रयास किया और एक अस्थाई सरकार बना ली। ऑस्ट्रिया ने सैन्‍य कार्रवाई कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया। जब वेनिस के आंदोलनकारियों ने हार नहीं मानी तो ऑस्ट्रियाई सेना ने वेनिस पर बैलून बम गिराए थे, जिसे दुनिया का पहला हवाई हमला माना जाता है।

20वीं सदी में ड्रोन तकनीक विकसित हो गई। आज से करीब 108 साल पहले, प्रथम विश्व युद्ध (साल 1917) के दौरान ब्रिटेन ने रेडियो कंट्रोल्‍ड एरियल टारगेट (Aerial Target) का टेस्ट किया। ब्रिटेन के टेस्ट के एक साल बाद 1918 में अमेरिका रेडियो कंट्रोल व्हीकल का परीक्षण किया। उसे केटरिंग बग (Kettering ‘Bug’) करार दिया गया। उस वक्त यह मानव रहित अनमैन्ड व्हीकल (UAV) का पहला उदाहरण था।

ड्रोन का पहली बार प्रयोग किस युद्ध में हुआ था?

दूसरे विश्व युद्ध से पहले ब्रिटेन ने रिमोट से चलने वाली डीएच82बी क्‍वीन बी (Queen Bee) ड्रोन बनाया गया। ‘ड्रोन’ शब्द की उत्पत्ति इसी नाम से हुई है। यह किसी भी लक्ष्‍य की जानकारी लेने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा था।

‘क्वीन बी’ को दुनिया का सबसे पहला आधुनिक ड्रोन माना गया था। ‘क्‍वीन बी’ का उपयोग ब्रिटेन के रॉयल एयर फोर्सेस में किया गया था। इस ड्रोन की सफलता के बाद ही अमेरिका ने अपना ड्रोन प्रोग्राम शुरू किया था।

अमेरिकी ड्रोन पहली बार युद्ध में कब उड़ाए गए? 

अमेरिका ने ब्रिटेन में ड्रोन के सफल होने के बाद अपने यहां ड्रोन बनाने शुरू कर दिए। अमेरिका ने वियतनाम वॉर के दौरान पहली बार छोटे रिमोट कंट्रोल ड्रोन  ‘रयान एक्यूएम 91’  (Ryan AQM-91) का इस्तेमाल किया था। अमेरिकी आर्मी ने इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर उत्तरी वियतनाम में दुश्मन की जासूसी करने के लिए किया था। ‘रयान एक्यूएम 91’ दो कैमरों से लैस था।

क्‍या प्रीडेटर ड्रोन गेम चेंजर साबित हुआ?

कोल्‍ड वॉर के दौरान जासूसी के लिए ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि 90 के दशक में पहुंचने तक अमेरिका ने प्रीडेटर ड्रोन यानी एक तरह से मानव रहित हवाई विमान  (UAV) विकसित कर लिया, जोकि मिसाइल लैस था। उसके बाद इस ड्रोन का इस्तेमाल बाल्कन युद्ध में किया गया था।

इस दिशा में सबसे बड़ा बदलाव साल 2000 में आया, जब अमेरिका ने प्रीडेटर ड्रोन को हेलफायर मिसाइल (Hellfire Missile) से लैस कर दिया। इसके बाद से यह ड्रोन दुश्मन के इलाके में सटीक हमला करने में सक्षम हो गया।

9/11 के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान में हेलफायर मिसाइल  प्रीडेटर ड्रोन का बड़े लेवल पर इस्तेमाल किया। यह ड्रोन 24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम था। एक समय तक ड्रोन तकनीक और ड्रोन इंडस्ट्री  (Drone industry) पर अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल का कब्जा था। साल 2015 के बाद ड्रोन तकनीक वैश्विक हो गई।

Source:

  • ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट – www.orfonline.org
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन – www.drdo.gov.in

आउटब्रेक तथा डिसीज ट्रेन्ड का पता लगाने स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया समुदाय आधारित निगरानी वेबसाइट

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कोरबा@M4S:भारत सरकार आईडीएसपी, आईएचआई के द्वारा स्थानीय निवासियों के माध्यम से क्षेत्र में आउट ब्रेक तथा डिसीज ट्रेन्ड का पता लगाने समुदाय आधारित निगरानी वेबसाइट https//ihip.mohfw.gov.in/idsp/#/home  लांच किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन.केसरी ने बताया कि स्थानीय निवासी क्षेत्र में होने वाली आउटब्रेक, असामान्य स्वास्थ्य घटना तथा समय के साथ किसी रोग या रोगों के समूह की व्यापकता का पता चलते ही समुदाय आधारित निगरानी वेबसाइट पर जाकर जानकारी दिया जा सकता है। इस वेबसाइट में जानकारी देने वाले को अपना मोबाईल नंबर देना होगा तथा जानकारी सबमिट करने हेतु प्रमाणिकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन टाईम ओटीपी इंटर करना होगा। इसके साथ ही कोई भी सहायक साक्ष्य, दस्तावेज या चित्र भी अपलोड करना होगा। इस संबंध में सभी विकासखंड के खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिले के नागरिकों से अपील कर कहा है कि क्षेत्र में आउट ब्रेक तथा डिसीज ट्रेन्ड का पता चलते ही समुदाय आधारित वेबसाइट में जानकारी अपलोड कर सकते हैं जिससे समय पर रोड नियंत्रण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

श्रीमार तिलाईडबरा में बनेगा स्टॉप डेम  रामपुर विधायक ने किया भूमिपूजन

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कोरबा@M4S:श्रीमार तिलाईडबरा के किसानों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने जा रही है। गांव में जल्द ही स्टॉप डेम का निर्माण होगा। स्टॉप डेम बन जाने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। विकास कार्य का भूमिपूजन रामपुर विधायक ने अपने कर कमलों से किया।
ग्राम पंचायत डोगाआमा के आश्रित ग्राम श्रीमार तिलाईडबरा में स्टॉप डेम का रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने विधिवत पूजा पाठ कर भूमिपूजन किया। इस दौरान श्री राठिया ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों में विकास कार्य संपादित किए जा रहे हैं। ग्रामीणों की मांग और जरूरत के अनुसार आगे भी विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस अवसर पर सरपंच गूलापी रामसाय राठिया, विधायक प्रतिनिधि अहमद हुसैन, छोटे खान, अस्थिर दास, बाबू सिंह, पूरन दास, रामायण सिंह, उपसरपंच गंगा राम मंझवार, टिकैत राम, जय लाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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