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इंटरव्यू में असफलता आगे क्या!

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नई दिल्ली(एजेंसी):नौकरी के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया के बाद वह समय काफी हताश करता है, जब  पता चलता है कि चयन नहीं हुआ। अधिकतर लोग इसकेकारणों पर विचार किये बगैर आधे-अधूरे मन से दोबारा आवेदन की प्रक्रिया में जुट जाते हैं। किसी भी इंटरव्यू में असफलता के बाद आपकी तैयारी कैसी होनी चाहिए, बता रहे हैं करियर एक्सपर्ट अरबिंद मिश्र

आपने हाल में ही एक ऐसे पद के लिए  इंटरव्यू दिया था, जिसे आप सचमुच पाना चाहते थे। आप जानते हैं कि आपने इंटरव्यू के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब आपको पता चलता है कि वह जॉब किसी और को मिल गई तो आप बहुत हतोत्साहित हो जाते हैं। परन्तु एक खराब इंटरव्यू का अर्थ यह नहीं होता कि आप बिल्कुल ही असफल हो गए और आपके लिए नौकरी के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं। यहां आत्ममंथन करते हुए अपनी सोच और कार्य प्रणाली में सुधार लाया जाना बेहद जरूरी है।

बनाएं रखें आत्मविश्वास
आपको कितनी ही बार इंटरव्यू में असफलता क्यों न मिली हो, कोशिश करनी होगी कि इसका असर आपके आत्मविश्वास पर नहीं पड़े, अन्यथा आपको खुद ही अपनी काबिलियत पर शक होने लगेगा। अगर नौकरी की तलाश में निकले हैं और इंटरव्यू दे रहे हैं तो इस सत्य को हमेशा ध्यान में रख कर चलें कि कभी भी असफलता का सामना करना पड़ सकता है। आपका इंटरव्यू चाहे जितना अच्छा रहा हो, लेकिन यह आशंका हमेशा रहती है कि कोई और प्रत्याशी आपसे बाजी मार ले जाये, आवश्यक नहीं है कि वह आपसे बेहतर हो। इंटरव्यू भी एक वनडे क्रिकेट मैच की तरह होता है। आपका प्रदर्शन काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका वह दिन कैसा रहा।

असफलता के कारण
कई बार तो आपके इंटरव्यू में असफल होने के ऐसे कारण भी होते हैं, जिनसे आपका या आपके व्यक्तित्व का कोई संबंध ही नहीं होता। जैसे आप जिस पद के लिए इंटरव्यू देने गए हैं, उसके लिए पहले से ही किसी उम्मीदवार को तय कर लिया गया हो या नियोक्ता को ऐसा महसूस हो जाये कि आप इस नौकरी को एक सीढ़ी की तरह उपयोग करने वाले हैं या आप इस पद में ज्यादा दिनों तक काम नहीं करेंगे। बहरहाल, कारण कोई भी हो इससे पहले कि इंटरव्यू की कोई असफलता आपके आत्मविश्वास को बुरी तरह से हिला कर रख दे, जरूरी है कि भविष्य के लिए आप कुछ ऐसी तैयारी कर लें, जो आगे आपके सफल होने की संभावना बढ़ा दे।

अपनी कमियों को सुधारें
आप एक बार मन ही मन पूरे इंटरव्यू के दौरान की सारी छोटी-बड़ी घटनाओं का स्मरण करने की कोशिश करें और अंदाजा लगाएं कि क्या कुछ गलती हुई या क्या-क्या समस्याएं आईं, जिनका हल नहीं निकल पाया। एक-एक करके सारे प्रश्नों के उत्तर देने के तरीके और इंटरव्यूअर के साथ आपकी बातचीत की समीक्षा करें। अपनी कमियों की पहचान करने के बाद सोचें कि अगले इंटरव्यू में आप इन्हें कैसे सुधार पाएंगे या बातों को बेहतर ढंग से कैसे प्रस्तुत कर पाएंगे। अगर आपका उत्तर बहुत संक्षिप्त था तो आप उसे कैसे कुछ उपयोगी जानकारियों के साथ थोड़ा विस्तार के साथ समझा सकेंगे। अगर आप उत्तर देते वक्त ज्यादा लापरवाह थे तो आपको ज्यादा प्रोफेशनल ढंग से और ज्यादा संजीदगी से उत्तर देने का अभ्यास करना चाहिये।

फीडबैक करेगा मदद
अगर संभव हो तो इंटरव्यू के बाद किसी और दिन इंटरव्यूअर से मुलाकात करने की कोशिश करें। उनसे सलाह लें कि आप कैसे स्वयं के प्रदर्शन को भविष्य के साक्षात्कारों के लिए पहले से बेहतर कर सकते हैं। हालांकि यह थोड़ा मुश्किल काम है, फिर भी आप पहले इंटरव्यूअर को विश्वास दिलाइए कि उनका फीडबैक आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप इसके लिए ईमेल के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं। इंटरव्यूअर की सलाहें आपके अंदर की ऐसी कमियों की पहचान करने में काफी सहायक होंगी, जो आपको ज्ञात नहीं हैं। आप उनकीसलाह को उदाहरण के साथ पूछ कर समझने की कोशिश करें और प्राप्त जानकारी को अगले इंटरव्यू के लिए अपने दृष्टिकोण में शामिल करने की कोशिश  करें। सलाह लेते वक्त ध्यान रखें कि इंटरव्यूअर को ऐसा बिल्कुल न लगे कि आप अपनी असफलता का दोष उस के ऊपर मढ़ रहे हैं। मान लीजिए वह आपकी कोई ऐसी कमी बता रहा हो जो आपके अंदर हो ही नहीं तो आप सफाई देने के बजाय चुपचाप सुन लें, उसे ये एहसास होना चाहिए कि आप उससे कुछ सीखने आए हैं। योग्यता के साथ-साथ      व्यक्ति का रवैया या उसकी प्रवृत्ति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए स्वयं की कमी जानने और उसे सुधार करने की आपकी इच्छा कभी-कभी नियोक्ता को आपको नौकरी देने के लिए भी प्रेरित कर सकती है।

वर्कशॉप में भाग लें
कई कोचिंग संस्थान और कॉलेज जॉब ट्रेनिंग के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर के बताते हैं कि इंटरव्यू में कैसे सफलता पाई जाए। अपने क्षेत्र में ऐसे संस्थानों का पता लगा कर उनकी वर्कशॉप में भाग लेना चाहिए। किसी अपने से ज्यादा अनुभवी दोस्त या मेंटर के साथ इंटरव्यू के लिए प्रैक्टिस करें इससे आपको अपने जवाबों को मजबूत बनाने, स्वयं को अधिक पेशेवर दिखाने, ज्यादा प्रभावशाली उम्मीदवार के रूप में स्वयं को पेश करने सहायता मिलेगी। आप किसी एचआर प्रोफेशनल की भी सलाह ले सकते हैं।

भविष्य की तैयारी
भविष्य में होने वाले साक्षात्कारों की प्रभावी रूप से तैयारी करें। शायद आपका पहला इंटरव्यू इसलिए अच्छा नहीं हुआ हो कि आपने जिस कंपनी के लिए इंटरव्यू दिया था, उसके बारे में आपने कोई रिसर्च नहीं की थी या उससे संबंधित कोई उत्तर उचित तरीके से नहीं दे पाए थे। यह भी हो सकता है कि इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले कुछ स्टैंडर्ड प्रश्नों के उत्तर के बारे में आपने तैयारी नहीं की होगी। प्रश्नों के उत्तर देते वक्त आपके उत्तर से भी कुछ प्रश्न निकल सकते हैं। आप को उस के लिए भी तैयार रहना होगा। इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले कुछ स्टैंडर्ड प्रश्न होते ही हैं। इनकी तैयारी आपको पहले से कर लेनी चहिये। कुछ ऐसे ही प्रश्न :

‘    अपने बारे में हमें बताएं?
‘    आपकी कमजोरी/ताकत क्या है ?
‘    आप अपनी मौजूदा नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं?
‘    अपनी मौजूदा नौकरी के बारे में बताएं, आपका काम क्या है?
‘    आप ये कंपनी क्यों ज्वॉइन करना चाहते हैं?
‘    हम आपका चयन क्यों करें?
‘    अब तक की आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही है?
‘    क्या आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं?

      असफलता से सीख
‘    नियोक्ता जैसा उम्मीदवार ढूंढ रहा होता है, हम वैसा बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमारी बनावट वे पहचान जाते हैं। हमें स्वयं को हमेशा जैसे हैं उसी रूप में पेश करना चाहिए।
‘    आत्मविश्वास सारे एम्प्लॉयर्स को आकर्षित करता है। कोई भी कंपनी आप पर तभी विश्वास कर सकती है, जब आप स्वयं पर विश्वास करें।
‘    इंटरव्यूअर से प्रश्न पूछने में न हिचकें। इससे आप की कंपनी में कितनी रुचि है यह तो पता चलता ही है, साथ ही आपको इंटरव्यू को मनचाही दिशा में ले जाने का मौका मिलता है।
‘    कभी-कभी असफलता आपकी भलाई के लिए भी होती है। कुछ बेहतर मौके आपके इंतजार में
होते हैं।

शाहरुख की ‘फैन’ का NEW POSTER जारी, देखें तस्वीर

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नई दिल्ली(एजेंसी):बॉलीवुड किंग शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘फैन’ का नया पोस्टर जारी किया गया है। यह पोस्टर फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरम आदर्श ने ट्विटर पर शेयर किया है।फोटो के साथ ही बताया गया है कि 29 फरवरी शाम को ही फिल्म का ट्रेलर जारी किया जाएगा।

 शाहरुख की ‘फैन’ का ‘फैन एंथम’ 6 भाषाओं में हुआ रिलीज

फिल्म ‘फैन’ में शाहरुख खान मेन रोल में हैं। फैन के रोल में शाहरुख बहुत कम उम्र के नजर आ रहे हैं। इसमें किंग खान को ‘आर्यन खन्ना’ नाम दिया गया है जिसका फैन ‘गौरव’ है।

यश राज फिल्मस के बैनर तले बन रही ‘फैन’ के डायरेक्टर मनीश शर्मा और प्रोड्यूसर अदित्य चोपड़ा हैं

इन चीजों का इस्तेमाल कर पाएं मुहांसों से छुटकारा

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नई दिल्ली(एजेंसी):अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए नींबू बेहद कारगर है। डॉक्टर ने नींबू के रस के इस्तेमाल से मुहांसों को दूर करने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं।

नींबू का रस-एक कटोरी में नींबू का रस लें। उसमें रूई का फोहा डुबोकर अतिरक्त रस निचोड़ लें और इसे मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगाएं। इसे त्वचा पर 10 मिनट लगा रहने दें। उसके बाद इसे पानी से धो लें और साफ तौलिए से थपथपा कर पोछें। इस प्रक्रिया को हर रोज दिन में दो बार दोहराएं।

नींबू का रस और शहद –एक कटोरी में नींबू का रस और शहद लें और अच्छी तरह मिलाएं। इस मिश्रण को मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगाएं और पांच मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से साफ करके तौलिए से थपथपा कर पोंछें। इस उपचार को दिन में एक बार करें।

नींबू और अंडे का सफेद भाग – एक अंडा लें और उसका सफेद हिस्सा अलग कर लें। इसमें दो चम्मच नींबू का रस मिलाएं और अच्छी तरह फेंटें।

इस मिश्रण को तीन हिस्सों में बांटें। पहले भाग को त्वचा पर लगाएं और पांच से सात मिनट ऐसे ही रहने दें। उसके बाद दूसरा भाग उसके ऊपर लगाएं। पांच से सात मिनट के बाद त्वचा पर तीसरे हिस्से की परत लगाएं। पांच से सात मिनट के बाद इस हिस्से को गर्म पानी से धो लें और त्वचा को थपथपा कर पोंछें। इस उपचार को हर रोज करें।

नींबू और चना- एक कटोरी में चने का पाउडर लें और उसमें नींबू का रस मिलाएं। इन्हें अच्छी तरह मिला कर पेस्ट बना लें। इसे मुहांसों से प्रभावित स्थान पर लगा कर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद इस हिस्से को गुनगुने पानी से धो लें और त्वचा को साफ तौलिए से पोंछ लें। अगर इसके बाद त्वचा में रूखापन महसूस हो तो मॉयश्चराइजर लगाएं। इस उपचार को हर रोज एक बार करें।

नींबू और दही-एक कटोरी में नींबू का रस और दही लें और अच्छी तरह मिला लें। इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। कुछ मिनट ऐसे ही रहने दें और उसके बाद पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को हर रोज दोहराएं।

सियाचिन ग्लेशियर में हमने 4 साल में 41 जांबाज सैनिक खो दिए

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नई दिल्ली(एजेंसी):देश की सबसे ऊंची सीमा सियाचिन ग्लेशियर पर सबसे कठिन नौकरी करते हुए बीते चार सालों में 41 सैनिकों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दिया। इसमें सबसे ज्यादा इस साल 18 फरवरी तक 14 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा को बताया कि इस साल 18 फरवरी तक सियाचिन में 14 सैनिकों की जान गई जबकि वर्ष 2015 में नौ, 2014 में आठ और 2013 में 10 सैनिक इस ग्लेशियर में मारे गए थे। पर्रिकर ने बताया कि सियाचिन में निगरानी के लिए सेना मानव रहित एरियल व्हीकल, विभिन्न प्रकार के रडार सहित अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करती है।उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि युद्ध की आशंका, जमीनी हालात और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सियाचिन में केवल आवश्यक सेनाओं की तैनाती की जाती है। रक्षा मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सियाचिन में तैनात सैनिकों को अत्यधिक ठंडी जलवायु वाले वस्त्र सहित विशेष शीत वस्त्र मुहैया कराए जाते हैं ताकि वे अत्यधिक प्रतिकूल तापमान में रह सकें।रक्षा मंत्री ने बताया कि सियाचिन में कई जगह भूभाग की संरचना और ऊंचाई के कारण एकीकृत आश्रय बनाना संभव नहीं है। ऐसी जगहों को छोड़कर इस ग्लेशियर मेेंं तैनात सैनिकों को प्री फैब्रिकेटेड इन्सुलेटेड आश्रय (फाइबर रीन्फोर्स्ड प्लास्टिक) मुहैया कराए गए हैं।पर्रिकर ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि सियाचिन ग्लेशियर में चौकियां विधिवत मानचित्र बनाने के बाद ही स्थापित की जाती हैं ताकि हिमस्खलनों के खतरे से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसकी नियमित आधार पर समीक्षा की जाती है।रक्षा मंत्री ने बताया कि हिमस्खलन की घटना होने पर घटना की निगरानी करने और घटना स्थल तक बचाव दल तथा उपकरणों को पहुंचाने में समन्वय करने में बेसकैंप सियाचिन पर स्थापित कमान एवं नियंत्रण तंत्र की मुख्य भूमिका होती है। ऐवेलॉन्च विक्टिम डिटेक्टर्स, विशेष पर्वतारोहण उपकरण, बर्फ काटने की मशीन लगाने जैसे बचाव उपकरण लगाने के साथ साथ पीड़ितों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए ऐवेलॉन्च रेस्क्यू डॉग भी लगाए जाते हैं। हताहतों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है।रक्षा मंत्री ने बताया कि सियाचिन के बेस कैंप में एक युद्ध स्मारक है जिसमें राष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों की रक्षा करते हुए सियाचिन में प्राण देने वाले सैनिकों के नाम अंकित किए जाते हैं।

स्मार्टफोन एप से मैनेज करें घर का बजट

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नई दिल्ली(एजेंसी):आम बजट पेश हो चुका है। कुछ चीजें सस्ती हुई हैं तो कुछ महंगी। ऐसे में कुछ खास स्मार्टफोन एप के जरिए सभी खर्चों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।  ये एप्लीकेशन न सिर्फ बजट तैयार करने में मदद करते हैं, बल्कि तय सीमा से अधिक खर्च होने पर एसएमएस भेजकर चेतावनी भी देते हैं।
Mint : Personal Finance & Money: इस एप के जरिए आप एक साथ अपने सभी बैंक खातों को जोड़ सकते हैं। इसकी मदद से खर्चों का वर्गीकरण, बिल का भुगतान, बैलेंस जांचने और खरीदारी से पहले बैलेंस दोबारा देखने जैसे काम आसानी से किए जा सकते हैं। समय-समय पर की जाने वाली देनदारी को याद रखने के लिए ‘मिंट : पर्सनल फाइनेंस एंड मनी’ में रिमाइंडर भी लगाया जा सकता है। जब भी आपका बैलेंस तय सीमा से कम होगा तो यह नोटिफिकेशन के जरिए आपको अलर्ट करेगा। बजट मैनेज करने वाला यह एप एंड्रॉयड, विंडोज और आईओएस, तीनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। बैंक खाते की जानकारी शामिल होने के बावजूद इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। एप की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गूगल प्ले पर 68,000 लोगों ने इसे पूरी 5 रेटिंग दी है।
Goodbudget : Budget & Finance : इस  एप्लीकेशन का नाम पहले ‘ईजी एनवेलप’ एप हुआ करता था। जिस तरह खर्च नियंत्रित करने के लिए कई बार हम पैसों को अलग-अलग लिफाफों में रख लेते हैं, यह एप भी उसी तरह आधुनिक तरीके के वर्चुअल एनवेलप तैयार करता है। जैसे मनोरंजन पर कितना पैसा खर्च करना है, फोन पर कितना और राशन पर कितना। एप में इस तरह के नियमित और अनियमित खर्चे को 20 खातों में रखा जा सकता है। ‘गुडबजट : बजट एंड फाइनेंस’ से बैंक खातों को जोड़ने की जरूरत भी नहीं है। इसके जरिए कमाई और खर्च की तुलना भी कर सकते हैं। साथ ही परिवार के दूसरे सदस्यों और मोबाइल में मौजूद कॉन्टेक्ट को वर्चुअल एनवेलप में शामिल करके उनका खर्च एक साथ नियंत्रित कर सकते है। यह एप गूगल प्ले और आईओएस पर उपलब्ध है।
Expense Manager : इसकी खासियत इसके स्मार्ट फीचर हैं। यह एप आपके सभी बैंक अकाउंट का सार बताएगा। अगर किसी बिल का समय पर भुगतान नहीं हुआ है तो यह उसकी भी जानकारी देगा। इतना ही नहीं, ‘एक्सपेंस मैनेजर’ पर पैसों के हर लेन-देने का स्क्रीन-शॉट भी सहेजा जा सकता है। इस एप्लीकेशन का डाटा माइक्रोएसडी कार्ड में सेव होता है। इसे 4 अंकों के पासवर्ड से लॉक भी किया जा सकता है। ‘एक्सपेंस मैनेजर’ 30 भाषाओं  में उपलब्ध है। इसे गूगल प्ले स्टोर पर 4.3 रेटिंग मिली है।

चुनाव आयोग के विज्ञापन में दिखेंगे रजनीकांत

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चेन्नई(एजेंसी):निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु के सुपरस्टार रजनीकांत की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं के बड़े वर्ग में जागरूकता पैदा करने के लिए उन्हें अपने एक विज्ञापन में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है।

तमिलनाडु में इस साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश लखोनी ने बताया कि इस बारे में सुपरस्टार रजनीकांत को आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अगले वीडियो विज्ञापन में लोकप्रिय अभिनेत्री नयनतारा मतदाताओं सेअपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील करते हुए दिखेंगी।

उन्होंने कहा कि क्रिकेटर अश्विन ने चुनाव आयोग के लिए मुफ्त विज्ञापन किया है। निर्वाचन आयोग के विज्ञापनों को एफएम रेडियो और सोशल मीडिया में प्रसारित किया जायेगा।

एशिया कप टी-20: श्रीलंका पर धमाकेदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचा भारत

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मीरपुर(एजेंसी):पहले गेंदबाजों ने कमाल दिखाया तो बाद में विराट कोहली और युवराज सिंह ने विपरीत अंदाज में खूबसूरत पारियां खेलीं। इससे भारत ने मंगलवार को श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर लगातार तीसरी जीत दर्ज करके एशिया कप टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की।

गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन : श्रीलंका टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। युवा हार्दिक पांड्या (दो विकेट) और जसप्रीत बुमराह (दो विकेट) ने उसका शीर्ष क्रम झकझोर दिया। चमारा कापुगेदारा ने सर्वाधिक 30 रन बनाए लेकिन यदि श्रीलंका नौ विकेट पर 138 रन तक पहुंच पाया तो उसका श्रेय निचले क्रम के बल्लेबाजों मिलिंडा श्रीवर्धना (22 रन), तिसारा परेरा (17 रन) और नुवान कुलशेखरा (13 रन) को जाता है।

भारत की खराब शुरुआत : भारत का स्कोर भी एक समय दो विकेट पर 16 रन था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के नायक कोहली (47 गेंद पर नाबाद 56 रन) ने अपनी सूझबूझ भरी बल्लेबाजी का फिर से अच्छा नजारा पेश किया। युवराज (18 गेंदों पर 35 रन) ने भी सिक्सर किंग की अपनी पुरानी छवि की जीवंत झलक दिखाई। भारत ने आखिर में 19.2 ओवर में पांच विकेट पर 142 रन बनाकर शान से फाइनल में कदम रखा।

आठवीं जीत :भारत की यह इस साल नौ टी-20 मैचों में आठवीं जीत है। दूसरी तरफ श्रीलंका को तीन मैच में दूसरी हार का सामना करना पड़ा जिससे उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना धूमिल पड़ गई है।

भारत की भी शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने शिखर धवन का विकेट जल्दी गंवा दिया। उन्होंने कुलशेखरा की गेंद पर पुश करने के प्रयास में विकेटकीपर को कैच दिया। रोहित शर्मा भी अगले ओवर में पवेलियन लौट गए। कापुगेदारा ने दूसरी स्लिप में उनका कैच लिया।

कोहली-रैना ने संभाला : कोहली और सुरेश रैना (25) ने हालांकि किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और सहजता से पारी आगे बढ़ाई। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 7.5 ओवर में 54 रन की साझेदारी की। रैना ने दासुन शनाका की गेंद हवा में लहराकर मिड ऑफ पर कैच थमाया जिससे यह साझेदारी टूटी।

श्रीलंका को हालांकि इससे राहत नहीं मिली। युवराज ने आते ही गेंदबाजों को निशाना बनाया। उन्होंने शनाका पर चौका जड़कर खाता खोला और फिर हेराथ के अगले ओवर में लांग ऑन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जमाए। उन्होंने परेरा की गेंद भी कवर प्वाइंट की उपर से छह रन के लिए भेजी।

अहम अर्धशतकीय साझेदारी :कोहली और युवराज ने भी अर्धशतकीय साझेदारी (51 रन) निभाई। युवराज ने परेरा की गेंद पर हुक करके मिड ऑन पर कैच दिया। पांड्या को हेराथ ने बोल्ड किया लेकिन भारत लक्ष्य के करीब पहुंच गया था।

भारत को जब आखिरी दो ओवर में 14 रन चाहिए थे तब एंजेलो मैथ्यूज को श्रीवर्धना को गेंद थमाने का फैसला अजीबोगरीब रहा। धौनी ने उनकी गेंद पर छक्का जमाया जबकि कोहली ने अपनी पारी का छठा चौका लगाकर टी-20 में अपना 13वां अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने हेराथ के अगले ओवर में विजयी चौका भी जड़ा।

शेर ए बांग्ला स्टेडियम की पिच पर घास थी और महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायी। श्रीलंका के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को फिर से परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हुई और उसने स्पिन आक्रमण शुरू होने से पहले अपने चार विकेट 31 रन पर गंवा दिये थे।

आशीष नेहरा फिर से शुरू में भारत को सफलता दिलाने में सफल रहे। बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज की अपने दूसरे ओवर में की गयी गुडलेंथ गेंद दिनेश चांदीमल (चार) के बल्ले को चूमती हुई धोनी के दस्तानों में समा गयी। बुमराह ने अगले ओवर में नये बल्लेबाज शेहान जयसूर्या (तीन) को खूबसूरत गेंद पर विकेट के पीछे कैच कराया।

कापुगेदारा भाग्यशाली रहे क्योंकि नेहरा की उनके खिलाफ की गयी पगबाधा की विश्वसनीय अपील अंपायर ने ठुकरा दी थी जबकि रीप्ले से लग रहा था कि वह आउट थे।

तिलकरत्ने दिलशान (18) पावरप्ले समाप्त होने के तुरंत बाद पहले बदलाव के रूप में आये पांड्या की पहली गेंद पर ही पवेलियन लौट गये। पांडया ने बाउंसर किया जिसे दिलशान ने पुल कर दिया लेकिन वह सीधे फाइन लेग पर खड़े अश्विन के पास चला गया।

पांड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच की अपनी आखिर दो गेंद पर विकेट लिये थे। इस तरह से वह तीन गेंदों पर तीन विकेट लेने में सफल रहे लेकिन इसे हैट्रिक नहीं माना जाएगा क्योंकि उन्होंने दो मैचों में तीन विकेट लिये। पांडया ने इसके बाद भी अपनी अच्छी गेंदबाजी जारी रखी और दिलशान के बाद कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (19 गेंद पर 18 रन) का कीमती विकेट हासिल किया जिन्होंने गेंद अपने ही विकेट पर खेल दी थी।

जब भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से हावी थे तब श्रीवर्धना ने रविंद्र जडेजा पर गेंदबाज के सिर के उपर से लंबा छक्का और फिर फाइन लेग पर चौका जड़कर दबाव कम करने की कोशिश की। अश्विन ने श्रीवर्धना के तेवरों पर विराम लगाया और इस तरह से कापुगेदारा के साथ उनकी 43 रन की साझेदारी का अंत भी किया।

बुमराह ने इसके तुरंत बाद कापुगेदारा को पवेलियन भेजा जिन्होंने 32 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके लगाये। पांडया ने कवर पर उनका खूबसूरत कैच लपका। तिसारा परेरा ने बुमराह पर दो चौके और अश्विन पर छक्का जड़ा लेकिन धोनी ने वाइड गेंद पर उन्हें स्टंप आउट कर दिया। नुवान कुलशेखरा ने नेहरा के आखिरी ओवर में दो चौके लगाये।

RS विपक्ष का हंगामा, विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सभापति करेंगे फैसला

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नई दिल्ली(एजेंसी):केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मानव संसाधन राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया राज्य सभा में विपक्ष के निशाने पर हैं। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी है। विपक्षी सदस्य कठेरिया को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले राज्यसभा में मंगलवार को अन्नाद्रमुक सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण राज्यसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक शारू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्यों ने चिदंबरम के पुत्र का मुद्दा उठाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। इन सदस्यों ने पर्चे और एक अंग्रेजी अखबार की प्रतियां भी लहराई। उप सभापति पी जे कुरियन ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से सदन में पर्चे और अखबार न दिखाने और अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती और जदयू नेता के सी त्यागी ने कुछ कहना चाहा लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनाई नहीं दी। कुरियन ने कहा कि सदस्य इस बारे में अपनी मांग सरकार के समक्ष रखें। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने को कहा। हंगामा थमते न देख कुरियन ने 11 बज कर दस मिनट पर बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद बैठक जब 11 बज कर बीस मिनट पर दोबारा शुरू हुई, तो अन्नाद्रमुक सदस्य चिदंबरम के पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए फिर आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी करने लगे। कुरियन ने शून्यकाल के तहत सदस्यों से अपने अपने मुद्दे उठाने को कहा। कुछ सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे भी उठाए। इसी दौरान अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समक्ष धरने पर बैठ गए। कुरियन ने उनसे कहा कि इस मुद्दे पर आसन कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सदस्य अपनी मांग सरकार के सामने रखें। उप सभापति कुरियन ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक सदस्यों से कहा आप मेरे लिए परेशानी नहीं खड़ी करें। मैं सरकार नहीं हूं। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने को कहा। अपनी बात का असर नहीं होते देख उन्होंने करीब साढ़े ग्यारह बजे बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नहीं थमा हंगामा दोपहर बारह बजे प्रश्नकाल शुरू होने पर भी अन्नाद्रमुक सदस्यों का हंगामा नहीं थमा और बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी। बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समक्ष आकर चिदंबरम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे वहीं कांग्रेस के कुछ सदस्य विशेषाधिकार हनन संबंधी अपने नोटिस का मुद्दा उठाने लगे। सदन में शोरगुल जारी रहने के बीच ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने दो पूरक सवालों के जवाब दिए। सभापति हामिद अंसारी ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने और समाचार पत्र की प्रति नहीं लहराने की अपील की। सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति अंसारी ने 12 बजकर 17 मिनट पर पहले 15 मिनट के लिए और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

EPF से मिलने वाले ब्याज के 60% पर ही लगेगा टैक्स, ऐसे बचाएं

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नई दिल्ली(एजेंसी):वित्त मंत्री अरुण जेटली की बजट 2016 घोषणाओं में भविष्य निधि निकासी पर टैक्स की बात सबसे ज्यादा चर्चा में आ गई है। तमाम विरोधों और विवाद के बाद राजस्व सचिव को खुद स्पष्टीकरण देना पड़ा। उन्होंने घोषणा की कि पीपीएफ निकासी पर किसी तरह का कर नहीं लगेगा। पर ईपीएफ से अगर आप पैसे निकालते हैं तो टैक्स लगेगा लेकिन वो भी मूलधन पर मिलने वाले ब्याज की राशि के 60% पर।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि ईपीएफ निकासी के समय उसके 60 प्रतिशत हिस्से को कर के दायरे में लाने के प्रस्ताव से केवल 20 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी ही कर के दबाव में आएंगे जो उच्च वेतन पाते हैं। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 के बाद भविष्य निधि में किए गए योगदान पर जो ब्याज जमा होगा, उस पर ही कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

अधिया ने कहा मूल राशि पर कर नहीं लगेगा और इसकी निकासी पर कर छूट बकरार रहेगी। हमने यह कहा है कि एक अप्रैल के बाद योजना पर जो ब्याज अर्जित होगा उसके 40 प्रतिशत पर कर नहीं लगेगा, शेष 60 प्रतिशत पर ही कर लगेगा। यदि इस 60 प्रतिशत का निवेश भी पेंशन एन्विटी योजनाओं में कर दिया गया तो इस पर कर छूट होगी। सचिव ने कहा, यह कोई राजस्व संग्रह का उपाय नहीं है।

अधिया ने कहा, कि पीपीएफ के किसी हिस्से पर कर नहीं लगाया गया है और 1.5 लाख रुपए तक की मौजूदा निवेश योजना पर कर छूट बरकरार रहेगी। पीपीएफ की निकासी कर दायरे से बाहर होगी।

क्या सिर्फ 70 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
अधिया के अनुसार ईपीएफ में पैसा जमा करने वाले कुल 3.7 करोड़ कर्मचारियों में से सिर्फ 70 लाख ही कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी हैं जिन पर इस नए टैक्स की मार पड़ेगी। सरकार के मुताबिक ये उच्च सैलरी पर काम करते हैं। उनके मुताबिक 3 करोड़ ऐसे कर्मचारी हैं जिनका वेतन 15000 हजार प्रतिमाह या उससे भी कम है।

बचा भी सकते हैं इस टैक्स को
अधिया ने बताया कि जबभी कोई कर्मचारी ईपीएफ खाते से अपने पैसे निकालेगा तो अगर वह अपने टैक्स योग्य राशि को दोबारा किसी वार्षिकी पेंशन स्कीम में निवेश कर देते हैं तो वह कर को बचा सकते हैं। इसके पीछे सरकार तर्क दे रही है कि वह इस माध्यम से पेंशन स्कीम या योजनाओं को बढ़ावा देना चाहती है।

फॉरेंसिक अकाउंटिंग: आर्थिक अपराधों की जड़ें तलाशने का पेशा

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देश में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सत्यम (अब महिंद्रा सत्यम) में हुए बड़े वित्तीय घोटाले का मामला हो या फिर आए दिन सामने आने वाले आर्थिक साइबर अपराधों, मनी लॉन्डरिंग, बीमा, बैंकिंग और निवेश से संबंधित घोटालों आदि के खुलासे की बात, इनकी प्रभावी जांच के लिए फॉरेंसिक अकाउंटिंग की जरूरत होती है। बढ़ते आर्थिक अपराधों के इस दौर में फॉरेंसिक अकाउंटिंग के पेशेवरों का महत्व और उनकी मांग काफी बढ़ गई है। इस कारण इसे भविष्य के लिहाज से रोजगार का एक बेहतरीन विकल्प माना जा सकता है।

क्या है फॉरेंसिक अकाउंटिंग
यह अकाउंटिंग की ही एक शाखा है, जिसमें कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए अकाउंटिंग के सिद्धांतों के साथ ऑडिटिंग और जांच-पड़ताल के हुनर का इस्तेमाल किया जाता है। यह काम करने वाले पेशेवरों को फॉरेंसिक अकाउंटेंट कहा जाता है। वह अनुभवी ऑडिटर होते हैं और वित्तीय घपलों का पता लगाने के लिए किसी व्यावसायिक संस्थान (कंपनी, फर्म) के खातों (अकाउंट्स) पर निगरानी रखने का कार्य करते हैं। फॉरेंसिक अकाउंटिंग के लिए सबसे जरूरी होती है अकाउंटिंग की अच्छी जानकारी। इसके बाद ऑडिटिंग, रिस्क असेसमेंट और फ्रॉड डिटेक्शन (घपलों को पहचानना) आदि की व्यावहारिक समझ को इस पेशे में आवश्यक माना जाता है।

इस पेशे से जुड़े लोगों को अपने अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और खोजबीन के हुनर से आर्थिक घोटालों से संबंधित साक्ष्यों का विश्लेषण करके उनका अर्थ निकालना होता है। किसी मामले की अदालती कार्यवाही में वह बतौर विशेषज्ञ गवाह के रूप में भी योगदान दे सकते हैं। किसी कानूनी विवाद में लिप्त लोगों या फर्मों के मामले में फॉरेंसिक अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका संबंधित वित्तीय रिकार्डों (दस्तावेज) की जांच और उनका विश्लेषण करना होता है। इस कार्य के दौरान वह उन सबूतों को भी जुटाते हैं, जो जांच एजेंसियों को कानूनी प्रक्रिया में मदद देते हैं। अपने पेशेवर जीवन में फॉरेंसिक अकाउंटेंट को अकाउंटेंट, डिटेक्टिव और लीगल एक्सपर्ट जैसी कई भूमिकाएं निभानी होती हैं। वह संदिग्ध लगने वाले वित्तीय दस्तावेजों की तलाश में रहते हैं, ताकि वह उन अपराधों का पर्दाफाश कर सकें, जिसमें कोई एक व्यक्ति या छोटे-बड़े व्यापारिक समूह संलिप्त हैं।

प्रमुख कार्य
– वित्तीय साक्ष्यों की जांच और उनका विश्लेषण करना।
– साक्ष्यों (वित्तीय) की प्रस्तुति और उनके विश्लेषण में मदद के लिए कंप्यूटर आधारित एप्लिकेशन तैयार करना।
– जांच में मिलने वाले तथ्यों को रिपोर्ट और दस्तावेजों के संग्रह के रूप में प्रस्तुत करना।
– अदालत की कार्यवाही में मदद करना यानी न्यायालय में विशेषज्ञ के रूप में गवाही देना और सबूतों को मजबूत करने के लिए दृश्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराना।

जरूरी हैं फॉरेंसिक अकाउंटेंट
आमतौर पर सभी बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में फॉरेंसिक अकाउंटेंट की जरूरत होती है। इन फर्मों में उनका कार्य कंपनियों के बीच होने वाले गठजोड़ों और अधिग्रहण समझौतों की जांच करना, विशेष ऑडिट करना, आर्थिक अपराधों तथा टैक्स की गड़बड़ी से संबंधित मामलों की जांच करना होता है। तलाक, व्यापार और दुर्घटनाओं से संबंधित क्लेम के मामलों की जांच में भी फॉरेंसिक अकाउंटेंट की जरूरत होती है। वह अपनी इच्छा के अनुसार नौकरी के लिए सरकारी या निजी क्षेत्र की कंपनियों का रुख कर सकते हैं।

प्रमुख रोजगारदाता क्षेत्र
– पब्लिक अकाउंटिंग फर्म
– प्राइवेट कॉर्पोरेशंस
– बैंक
– पुलिस एजेंसियां
– सरकारी एजेंसियां
– इंश्योरेंस कंपनियां
– लॉ फर्म

जरूरी गुण
– गहन विश्लेषणात्मक कौशल
– जांच-पड़ताल का हुनर
– तथ्यों को बारीकी से जानने की इच्छा
– किसी दबाव में न आते हुए काम को पूरा करने की दृढ़ता
– अपने काम के प्रति पूर्ण निष्ठा
– जिज्ञासा
– रचनात्मक सोच

उपलब्ध पाठ्यक्रम
– पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक अकाउंटिंग
– सर्टिफिकेट कोर्स इन फॉरेंसिक अकाउंटिंग प्रोफेशनल
– सर्टिफाइड एंटी-मनी लॉन्डरिंग एक्सपर्ट
– सर्टिफाइड बैंक फॉरेंसिक अकाउंटिंग
– सर्टिफाइड विजिलेंस एंड इंवेस्टिगेशन एक्सपर्ट

योग्यता
– किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री प्राप्त हो
– दो से चार साल का पेशेवर अनुभव हो
– इंडिया फॉरेंसिक द्वारा आयोजित सीएफएपी परीक्षा न्यूनतम 75 फीसदी अंकों के साथ पास हो (सीपीए एक प्रोफेशनल डिग्री है, जो भारत में सीए की तरह है, इसे अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स जारी करता है।)

संबंधित संस्थान
– द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली
– द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा
– इंडिया फॉरेंसिक, पुणे

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