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कोरबा के आशीष ने जीता फ्रांस में आयरनमैन का खिताब

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बढ़ाया भारत और छत्तीसगढ़ का मान 
कोरबा@M4S: कोरबा के आशीष अग्रवाल ने आयरनमेन ट्रायथलॉन का ख़िताब जीत कर  भारत और छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है,५-६ जून२०१६ को फ्रांस में आयोजित विश्वस्तरीय प्रतियोगिता नॉन स्टॉप १४ घंटे ४० मिनट  तीन इवेंट्स  को पूरा  कर भारत  के पांचवे  और छत्तीसगढ़ के पहले खिलाडी बन गये है,क्या है आयरनमेन ट्रायथलॉन और कैसे जीता खिताब आशीष अग्रवाल ने  पढ़िए पूरी ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट IMG-20160609-WA0017
गले में आयरनमेन फ्रांस नइस का मैडल पहने ये है कोरबा बालकोनगर निवासी ३२ वर्षीय आशीष अग्रवाल,पेशे से व्यवसायी है,लेकिन शौक और जुनून ने आयरनमेन का खिताब सात समुंदर पार फ्रांस की धरती में बनकर भारत और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है,आशीष की उपलब्धि से पहले हम आपको आयरनमेन ट्रायथलॉन क्या है बता देते है,ट्रायथलॉन तीन खेल का एक समूह है जो सबसे पहले तैराकी,साइकलिग और मैराथॉन एक साथ बिना रुके किया जाता है,इसमें भाग लेने वाले को ट्रायथालेट्स कहा जाता है,१९२०  फ्रांस में इसकी शुरुआत हुए थी,ये खेल यूरोपियन देशो में शुरू किया गया,भारत में १९९० के बाद आया.वर्ष २००० में ओलिंपिक में भी जगह दी गई.चलिए अब हम आपको बताते है आशीष अग्रवाल ने आयरनमेन ट्रायथलॉन प्रतियोगिता में क्यों और कैसे भाग लिया,दरअसल वर्ष २०१० -२०११ में इंजीनिरिंग की पढ़ाई भिाली से पूरी करने के बाद आशीष ने ई डी एच ई सी बिजनेस स्कूल फ़्रांस से एम बी ए की पढ़ाई करने के दौरान आयरनमेन ट्रायथलॉन को देखा,इस खेल को विदेशी नागरिक भारतीयों के बस से बाहर का खेल मानते है,बस ये ही कारण  है की आशीष ने इसकी तैयारी बालकोनगर में रह कर साल भर प्रैक्टिस की और दुनिया भर के ६० देशो के प्रतिभागियों के साथ मैदान में उतर गए, और ३.८६ किलोमीटर तैराकी,१८०.२५ किलोमीटर साइकिलिंग और ४२.२  किलोमीटर मैराथन दौड़ को बिना रुके १६ घंटे के समय सीमा से पहले १४ घंटे ४० मिनट में पूरा कर  आयरनमैन का ख़िताब जीता है। वर्ल्ड ट्रायथलॉन कारपोरेशन द्वारा आयोजित  प्रतियोगिता  फ्रांस में ५ जून-६ जून २०१६ को संपन्न हुई. finisherpix_1299_103689finisherpix_1299_053057 finisherpix_1299_043851
आशीष की माने तो ये खेल बहुत ही कठिन होता है,घंटो की प्रैक्टिस,साल-दो साल की मेहनत के बाद ही भाग लिया जा सकता है,तैराकी,साइकलिंग और मैराथॉन की कन्टिनुेस प्रैक्टिस के लिए हर दिन ५ से १० घंटे करता था जिसके बाद ही ये खिताब हासिल कर सका.
बहुत महंगे खेलो में शामिल होने के बावजूद सात समुंदर पार विदेश की धरती पर दूसरे देशो के लोगो को पछाड़ना बहुत कठिन कार्य है लेकिन हौसला अगर आपमें है तो जीतने से कोई नहीं रोक सकता है,आशीष के उपलब्धि के गवाह उनकी पत्नी रचना अग्रवाल,बहन तमन्ना छपाडिया  और बहनोई मोहन छपाडिया  खुद फ्रांस में रहकर हौसला बढ़ाया।
बैडमिंटन के नेशनल खिलाडी रह चुके आशीष के उपलब्धि पर  उनके पिता अशोक अग्रवाल माता मंजू अग्रवाल और पूरा परिवार खुश है,जो देश का नाम उनका बेटा फ्रांस की धरती पर  रौशन किया है। भारत में इस खेल का प्रचार-प्रसार बड़े इसके लिए ज्यादा से ज्यादा युवा इस खेल से जुड़े,भारत सरकार इन खेलो को बढ़ावा दे,जिससे अच्छे खिलाडी देश का नाम आगे भी रौशन करते रहे।

फोन में मौजूद फीचर तो नहीं चुरा आपका इंटरनेट डाटा

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नई दिल्ली(एजेंसी):अगर आपने नया स्मार्टफोन खरीदा है और आपका इंटरनेट डाटा तेजी से खत्म हो रहा है तो इसके लिए फोन की सेटिंग में मौजूद कुछ फीचर जिम्मेदार हो सकते हैं, जिन्हें कंपनियां ऑन करके ही ग्राहकों को देती हैं। यूजर अमूमन इन फीचर से अनजान होते हैं और डाटा खपत के लिए टेलिकॉम कंपनियों को कोसते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में ‘फोन सेटिंग्स’ में बदलाव ही इंटरनेट डाटा बचाने का एकमात्र जरिया होता है। आइए ऐसे ही कुछ फीचर और उन्हें ऑफ करने के उपायों के बारे में जानते हैं…

ऑटो सिंक को करें ऑफ

एंड्रॉयड ऑपर्रेंटग सिस्टम पर काम करने वाले स्मार्टफोन में अधिकांश फाइलों का बैकअप बनता चला जाता है, ताकि फोन गुम या खराब होने की स्थिति में जरूरी फाइलों को दोबारा हासिल किया जा सके। ये फाइलें जीमेल अकाउंट के जरिए ‘गूगल ड्राइव’ पर सेव होती जाती हैं, जो इंटरनेट डाटा की खपत करता है। इनमें इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लीकेशन पर आने वाले मैसेज, फोटो, वीडियो और ऑडियो फाइलें भी शामिल होती हैं। यूजर फोन के ‘ऑटो सिंक मोड’ को बंद करके फाइलों को ‘गूगल ड्राइव’ पर सेव होने से रोक सकते हैं। इसके लिए फोन की ‘सेटिंग्स’ में जाएं और वहां मौजूद ‘अकाउंट’ का विकल्प चुनें। आपको ‘गूगल अकाउंट’ का विकल्प दिखेगा। इस पर क्लिक करने पर उन जीमेल अकाउंट की सूची आ जाएगी, जिन पर आपकी फाइलों का बैकअप बन रहा है। अकाउंट पर क्लिक करके ‘सिंक’ के विकल्प को ऑफ कर दें।

डाटा सेवर मोड अपनाएं
इंटरनेट सर्फिंग के लिए ज्यादातर यूजर गूगल के क्रोम ब्राउजर या फिर यूसी ब्राउजर का इस्तेमाल पसंद करते हैं। इन दोनों ही ब्राउजर में इंटरनेट डाटा की खपत कम करने का विकल्प मौजूद है। बस यूजर को ‘सेटिंग्स’ में जाकर ‘डाटा सेवर मोड’ को ऑन करने की जरूरत पड़ती है। क्रोम ब्राउजर में डाटा की खपत करने के लिए फोन की ‘सेटिंग्स’ खोलें। यहां आपको ‘डाटा सेवर’ का विकल्प मिलेगा। उसे चुनने पर एक नया  बार खुलेगा, जिसमें ऊपर दाईं ओर दिए गए बटन पर टैप करने पर ‘डाटा सेवर’ मोड ऑन हो जाएगा। यूजर इसी तरह यूसी ब्राउजर की ‘सेटिंग्स’ में मौजूद ‘टेक्स्ट ऑनली मोड’ को ऑन करके इंटरनेट सर्फिंग के दौरान डाटा  की खपत घटा सकते हैं।

वीडियो क्वालिटी घटाएं
यू-ट्यूब, नेटफ्लिक्स और गूगल प्ले म्यूजिक जैसे एप इंटरनेट डाटा की अहमियत समझते हैं। इसलिए इन पर वीडियो की क्वालिटी चुनने का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। एचडी वीडियो ज्यादा डाटा खाते हैं, जबकि ‘नॉर्मल’ वीडियो देखने पर इंटरनेट पैक की खपत सामान्य और ‘लो’ क्वालिटी के वीडियो चलाने पर यह काफी कम हो जाती है। यू-ट्यूब पर मनचाही वीडियो क्वालिटी चुनने के लिए उसकी ‘सेटिंग्स’ में जाएं। यहां आपको ‘जनरल’ का विकल्प मिलेगा। उसे चुनने पर स्क्रीन पर ‘लिमिट मोबाइल डाटा यूसेज’ का विकल्प खुलकर आ जाएगा। इसे ‘ऑन’ कर दें। आपके फोन में यू-ट्यूब के एचडी वीडियो तभी प्ले होंगे, जब वह वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ा होगा।

ऑटो अपडेट रखें ऑफ
कंपनियां अक्सर अपने स्मार्टफोन एप का अपडेट जारी करती हैं। कई बार वे एप से कुछ नए फीचर जोड़ती हैं तो कई बार उनमें मौजूद ‘बग’ हटाती हैं। जरूरी नहीं है कि सभी अपडेट यूजर के लिए उपयोगी हों। ऐसे अपडेट आपका इंटरनेट डाटा न खाएं, इसके लिए गूगल प्लेस्टोर खोलें और वहां दिए गए ‘सेटिंग्स’ के विकल्प पर क्लिक करें। आपको ऊपर की ओर ‘ऑटो अपडेट एप्स’ लिखा मिलेगा। उसे चुनने पर तीन अन्य विकल्प नजर आएंगे। पहला ‘डू नॉट अपडेट’, दूसरा ‘ऑटो अपडेट एनीटाइम’ और तीसरा ‘ऑटो अपडेट एप्स ओवर वाई-फाई ओनली।’ तीसरे पर क्लिक करने से आपके एप तभी अपडेट होंगे, जब फोन वाई-फाई डाटा का इस्तेमाल कर रहा होगा।

करते हैं सरकारी नौकरी के लिए आवेदन, तो ये खबर जरूर पढ़ें

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नई दिल्ली(एजेंसी):अगर आप सरकारी नौकरी के लिए निकलने वाले आवेदन फॉर्म भरते हैं तो कई बार आपने देखा होगा कि ऑनलाइन फॉर्म भरते समय फोटो व हस्ताक्षर का आकार सही न होने से उन्हें अपलोड करने में समस्या आती है। इससे बचने के लिए आप कुछ ऑनलाइन टूल का प्रयोग कर सकते हैं जो फोटो को सही आकार देते हैं। साथ ही कुछ टूल ऐसे भी हैं जो पीडीएफ फाइल का साइज कम  करते हैं।
रिसाइज इमेज वेबसाइट

इस वेबसाइट का यूजर इंटरफेस बहुत आसान है। इसमें मात्र तीन कमांड पर अमल करके फोटो को नया आकार दिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए www.reduceimages.com/ पर जाएं। इसमें कंप्यूटर डिस्प्ले पर ही ‘अपलोड इमेज’ का विकल्प आ जाएगा। अपलोड के ऊपर ‘ब्राउज’ लिखा मिलेगा, उस पर क्लिक कर फोटो का चयन करें। इसके बाद आवेदन पत्र से देख कर जांच लें कि आपको किस आकार में फोटो चाहिए। तय आकार से जुड़ी संख्या को इसके बॉक्स में टाइप कर दें। इसके बाद आपकी फोटो मनमुताबिक साइज में बनकर तैयार हो जाएगी। प्रक्रिया पूरी होने पर फोटो डाउनलोड करने का विकल्प आ जाएगा।

इस वेबसाइट का भी करें प्रयोग

रिसाइज वेबसाइट के अलावा अन्य वेबसाइट भी हैं जो फोटो का आकार घटाने की सुविधा देती हैं। वेबसाइट www.shrinkpictures.com पर जाएं। यहां फोटो ब्राउज करने का विकल्प मिलेगा। फिर तय पिक्सल में फोटो बनाने के लिए टाइप करने के  बजाय दिए गए पिक्सल के बॉक्स पर क्लिक करें। इस वेबसाइट पर फोटो की क्वालिटी सुधारने और उसमें स्पेशल इफेक्ट डालने का विकल्प भी दिया गया है।

एक साथ कई फोटो करें छोटी

यात्रा या समारोह की फोटो किसी को भेजना चाहते हैं लेकिन सभी फाइलों का साइज बड़ा है तो  Image Optimizer और Mass Image Compressor सॉफ्टवेयर की  मदद से आप एक साथ सभी फोटो का आकार छोटा कर सकते हैं। इससे इंटरनेट डाटा की खपत कम होगी। ऑनलाइन टूल से फोटो को एक-एक कर छोटा किया जाता है जिससे समय की बरबादी होती है।

‘मोहनजोदाड़ो’ का पहला पोस्टर लॉन्च, कुछ ऐसे दिखेंगे रितिक

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नई दिल्ली(एजेंसी):आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ का पहला पोस्टर लॉन्च रिलीज कर दिया गया है। फिल्म के पहले पोस्टर में रितिक रौशन नजर आ रहे हैं।

रितिक रोशन ने खुद ट्विटर पर पोस्टर शेयर किया था। इससे पहले मंगलवार को फिल्म का मोशन पोस्टर रिलीज किया गया था।

यह फिल्म सिंघू घाटी सभ्यता पर आधारित है। फिल्म में रितिक रोशन अपने पिता की मौत का बदला लेते हुए नजर आएंगे। इसके पहले भी वह फिल्म ‘अग्निपथ’ में ऐसा ही रोल अदा कर चुके हैं।

फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ में भारतीय संस्कृति के उस दौर की झलक दिखाई जाएगी जब धीरे-धीरे सामाजिक व्यवस्था की शुरुआत हुई थी।

फिल्म में रितिक रौशन के अलावा पूजा हेगड़े और कबीर बेदी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म की शूटिंग भुज से शुरू की गई थी और इसका ज्यादातर हिस्सा दक्षिण अफ्रीका में भी फिल्माया गया है। फिल्म इस साल 12 अगस्त को रिलीज होगी।

फेसबुक की लत छुड़ाने के लिए ‘क्लीनिक’

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नई दिल्ली(एजेंसी):नशे की लत छुड़ाने के लिए बने केंद्रों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। मगर अब एक ऐसी लत छुड़ाने के ‘क्लीनिक’ भी शुरू होने लगे हैं जो अपने आप में अनोखे हैं। ये हैं ‘फेसबुक एडिक्शन क्लीनिक’। अल्जीरिया में इस तरह का पहला क्लीनिक खुला है।

चीन और दक्षिण कोरिया के बाद यह दुनिया का तीसरा ऐसा देश है जहां ऐसा क्लीनिक खुला है। अल्जीरिया के पूर्वी शहर कान्सटेंटाइन में मई में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

मानव विकास से जुड़ वैज्ञानिक राओफ बोक्वाफा इसके निदेशक हैं। मनोवैज्ञानिकों और किसी लत को छुड़ाने के विशेषज्ञों का एक समूह इस क्लीनिक में काम करेगा। राओफ ने इस बारे में बताया कि अल्जीरिया में ‘फेसबुक निर्भरता’ बहुत तेजी से बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि फेसबुक की लत से होने वाले नुकसान को ड्रग की तुलना में कम आंकना खतरनाक हो सकता है। राओफ सोशल नेटवर्क के असर की तुलना ‘काले जादू’ से करते हुए कहते हैं, ‘नीला जादू…यानी फेसबुक और इंटरनेट के बढ़ते जाल का जादू।’

राओफ ने बताया कि फेसबुक के मुख्यत: तीन प्रभावों को रोकने के लिए क्लीनिक का विचार आया। जो काल्पनिक दुनिया में रहते हैं उनकी मानसिक, सामाजिक और सुरक्षा को लेकर होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा। राओफ जोर देते हुए कहते हैं कि फेसबुक के लती लोगों को बरगलाना कट्टरपंथी समूहों के लिए भी बेहद आसान होता है। यह उनके लिए भर्ती का एक बड़ा जरिया बन चुका है। इसके विरुद्ध लड़ाई के लिए हम ‘मरीज’ को काउंसिलिंग में मदद करेंगे। राओफ का मानना है कि वह इसकी लत का वास्तविक कारण भी पता लगा लेंगे और उनका क्लीनिक तमाम युवाओं से फेसबुक पर निर्भरता खत्म करने में मदद कर सकेगा।

कोकीन के नशे जैसी लत
– शोधकर्ताओं ने पाया कि फेसबुक की लत दिमाग का वह हिस्सा सक्रिय करती है जो कोकीन से होता है
– यह भी पाया गया कि फेसबुक ‘एमिगडाला’ को भी तेजी से सक्रिय कर देता है
– ‘एमिगडाला’ मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो सीधा इंसान की भावनाओं से जुड़ा होता है
– शोध के लिए ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों से प्रश्नावली के जरिए कुछ सवाल भी पूछे गए
– उन्हें कुछ तस्वीरें भी दिखाई गईं, इनमें फेसबुक से जड़ी तस्वीरें दिखते ही एक बटन दबाने को कहा गया
– जिन्होंने बटन दबाने में बहुत तेजी दिखाई उन्हें परीक्षण में काफी उच्च स्कोर दिया गया
(कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ओफिर तुरिल का शोध)

भारत में 14 करोड़ यूजर्स
– 14.2 करोड़ के पार पहुंच चुकी है भारत में फेसबुक यूजर्स की संख्या
– 6.9 करोड़ लोग रोज कम से कम एक बार फेसबुक पर आते हैं
– 10 करोड़ लोग फेसबुक लाइट वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं
– 1.3 अरब के करीब आबादी है भारत की
यानी 10 फीसदी के करीब भारतीय फेसबुक इस्तेमाल कर रहे

कॉल ड्रॉप में जेल भेजने का अधिकार चाहता है ट्राई

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नई दिल्ली(एजेंसी):कॉल ड्रॉप पर लगाम के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सरकार से उसे अधिक अधिकार दिए जाने की मांग की है। नियामक ने सरकार से कानून में संशोधन कर उसे नियामकीय व्यवस्थाओं के उल्लंघन के मामले में मोबाइल ऑपरेटरों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने तथा कंपनी के कार्यकारियों को दो साल तक की जेल की सजा दिलाने का अधिकार दिए जाने की अपील की है।

उच्चतम न्यायालय ने ट्राई के उस आदेश को रदद कर दिया था जिसमें कॉल ड्रॉप के लिए ग्राहकों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया था। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को ट्राई कानून, 1997 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन का सुझाव दिया है जिससे क्षेत्र को एक प्रभावी नियामक मिल सके।

दूरसंचार विभाग को भेजे पत्र में ट्राई ने कहा है कि यदि सेवाप्रदाता कानून या लाइसेंस के नियम और शर्तों के तहत किसी निर्देश, आदेश या नियमनों का उल्लंघन करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

ट्राई ने प्रत्येक कॉल ड्रॉप पर उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति कॉल और एक दिन में अधिकतम तीन रुपये तक जुर्माना दिए जाने का आदेश दिया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उसके इस आदेश को रद्द कर दिया था।

नियामक ने कहा कि आदेश की व्यापक समीक्षा के बाद उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए अधिक स्पष्टता की जरूरत महसूस हुई है। नियामक ने ट्राई कानून, 1997 की धारा 29 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। यह धारा उसके निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने के बारे में है।

फिलहाल, ट्राई के पास किसी उल्लंघन पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है। यदि यह उल्लंघन जारी रहता है तो वह आगे और दो लाख रुपये का जुर्माना लगा सकता है। फिलहाल उपभोक्ता और दूरसंचार आपरेटर के बीच विवाद उपभोक्ता अदालत में नहीं जाता, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के 2009 के फैसले में उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ऐसी किसी राहत पर रोक लगाई गई है।

सालों पहले अली ने तय कर दिया था कैसे निकलेगा उनका जनाजा

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नई दिल्ली(एजेंसी):सदी के महान मुक्केबाज मोहम्मद अली ने सालों पहले ही अपनी अंतिम विदाई की योजना बना ली थी। उस योजना के मुताबिक ही उनकी अंतिम विदाई का कार्यक्रम तय किया गया है।

मोहम्मद अली को शुक्रवार को सुपुर्दे खाक किया जाएगा। अंतिम विदाई के कार्यक्रम से जुड़े बॉब गननेल ने खुलासा किया है कि अली ने सालों पहले अपने जनाजे की योजना पेश करने के लिए एक बैठक बुलाई थी। जो लोग इस बैठक में शामिल हुए थे उनसे अली ने वादा लिया था कि वो उनके मरने से पहले इस योजना का खुलासा नहीं करेंगे। इसके लिए इन लोगों से बकायदा एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी करवाए गए थे।

ऐसे होगी अंतिम विदाई

बुधवार: बच्चों का संदेश
अली की अंतिम यात्रा की शुरुआत बुधवार से हो गई।  बुधवार को अमेरिका के सिटी ऑफ लुइसियाना में ‘आईएम अली फैस्टिवल’ मनाया गया। इस दौरान बच्चों ने एक दीवार पर अली के लिए अपने संदेश लिखे।

गुरुवार : अदा की जाएगी नमाज
अली चाहते थे कि उन्हें इस्लामिक तरीके से अंतिम विदाई दी जाए। गुरुवार को लुइसियाना के फ्रीडम हॉल में जनाजे की नमाज अदा की जाएगी।

शुक्रवार: बचपन की गलियों से गुजरेगा पार्थिव शरीर
अली का जनाजा उस सड़क से गुजरेगा जिसका नाम ‘मोहम्मद अली बोलीवार्ड’ रखा गया था। इसके बाद उनके बचपन वाले घर के सामने से शव यात्रा निकलेगी। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ उनके चाहने वाले उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद जनाजा कब्रिस्तान पहुंचेगा।

हजारों लोग होंगे शामिल
शुक्रवार की दोपहर लुइसियाना के एक हॉल  में 22 हजार लोग अली की याद में एकजुट होंगे। वहां कुरान पढ़ने के बाद अली की जिंदगी के कुछ अहम पलों को याद किया जाएगा। हालांकि इस आयोजन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा शामिल नहीं हो पाएंगे। ओबामा की जगह उनके सलाहकार वेलेरी जैरेट अली को याद करते हुए लोगों को संबोधित करेंगे।

अंतिम इच्छा
‘मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद मेरे सभी चाहने वाले मुझे देख सकें। किसी को न रोका जाए। हर कोई मेरे जनाजे में आए और मुझे देखकर दुआएं दे।’: मोहम्मद अली, मुक्केबाज (अपनी मौत के कई साल पहले मोहम्मद अली ने एक बैठक की थी। उस बैठक में अली ने ये शब्द कहे थे।)

छह साल की वैशाली यादव ने PM मोदी को लिखा पत्र, दिल के ऑपरेशन के लिए तुरंत मिली मदद

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पुणे(एजेंसी):वो दिल की बीमारी से जूझ रही थी और इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मदद के लिए एक पत्र लिखा। यह कहानी है पुणे की छह वर्षीय वैशाली यादव की। वैशाली यादव ने सोचा भी नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे उसके पत्र पर इतनी तेजी से कार्रवाई होगी। वैशाली के लिखे पत्र पर उसे तुंरत दिल के ऑपरेशन के लिए मदद मिली। यह मदद मिलने पर उसकी सर्जरी हुई और अब उसके स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है।

एक गरीब परिवार से आने वाली वैशाली यादव के दिल में छेद था। मकानों की पुताई कर घर का खर्च चलाने वाले उनके पिता के लिए दिल के ऑपरेशन का खर्च उठाना संभव नहीं था और उन्होंने दवाइयां खरीदने के लिए खिलौने और साइकिल तक बेच दी थी।

कक्षा दो की विद्यार्थी वैशाली ने एक दिन प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर उन्हें अपने स्वास्थ्य की स्थिति और अपने परिवार की वित्तीय असमर्थता की जानकारी देते हुए इलाज का खर्च उठाने की मदद मांगी। एक सप्ताह के भीतर, प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुणे जिला प्रशासन को अलर्ट किया।

जिले के अधिकारियों ने उसके परिवार का पता लगाया और लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया जहां दो जून को उसका नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया। वैशाली के चाचा प्रताप यादव ने कहा, वैशाली के दिल में छेद था और विभिन्न अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद हमें पता चला कि इस सर्जरी का खर्च तीन लाख रुपये से अधिक है। माली हालत के चलते यह ऑपरेशन कराने में हम असमर्थ थे।

पत्र लिखने के एक सप्ताह के भीतर जिला प्रशासन के कुछ कर्मचारियों के साथ स्कूल से कुछ लोग हमें ढूंढते आए और बाद में कलेक्टर के साथ हमारी एक बैठक कराई गई। रूबी हॉल क्लिनिक के चिकित्सा निदेशक डाक्टर संजय पथारे ने कहा कि लड़की को 2 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया और 4 जून को उसका ऑपरेशन किया गया। अब वह ठीक है और कल ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राव ने कहा कि वैशाली के ऑपरेशन की रिपोर्ट उनके कार्यालय द्वारा पीएमओ को भेज दी गई है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के पड़ोस में पल रहा आतंकवाद

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वाशिंगटन(एजेंसी):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वाशिंगटन यात्रा के आखिरी दिन अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र के संबोधन में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में ही आतंकवाद को पाला-पोसा जा रहा है और भारत अमेरिका मिलकर इस प्रहार करें।

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के साथ पूरे विश्व में आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। इनके नाम लश्कर ए तैयबा, तालिबान आईएस हो सकते हैं, लेकिन घृणा, हत्या और हिंसा उनकी समान सोच है। आतंकवाद को न केवल भारत के पड़ोस में संरक्षण और समर्थन मिल रहा है बल्कि यह पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है। लिहाजा आतंकवाद का पाठ पढ़ाने वालों को सबक सिखाना पड़ेगा।

उन्होंने आगाह किया कि आतंकवाद से सिर्फ सैन्य खुफिया-कूटनीति के पारंपरिक तरीकों से नहीं निपटा जा सकता। इसलिए आतंकियों को पनाह और समर्थन देने वालों को अलग-थलग करना जरूरी है। अच्छे और बुरे आतंकवाद में भेद की बजाय धर्म को आतंकवाद से दूर करने की जरूरत है, इसके लिए मानवता पर विश्वास करने वालों को एक आवाज में बात करनी होगी।

गांधी, अंबेडकर और विवेकानंद का उल्लेख
मोदी ने भारत और अमेरिका के महापुरुषों और उनके विचारों के एक-दूसरे पर प्रभावों का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि थोरोस के सविनय अवज्ञा आंदोलन ने भारत के राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया। इसी तरह स्वामी विवेकानंद के शिकागो में मानवता के संदेश का अमेरिका पर गहरा असर डाला। महात्मा गांधी के अहिंसा के विचार ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन में मार्टिन लूथर किंग और गांधी की निकट में बनी प्रतिमाएं हमारे अहिंसा, समानता, स्वतंत्रता के हमारे साझा मूल्यों को प्रतिबिंबित करती हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई ने डा. भीम राव अंबेडकर के मूल्यों को मजबूत किया। अमेरिका संविधान की समझ का इस्तेमाल अंबेडकर ने भारत के संविधान के निर्माण में किया।

वाजपेयी को याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 साल पहले अमेरिकी संसद के संबोधन में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं। हमने अतीत की यादों से आगे बढ़कर इसे हकीकत में तब्दील किया है।

अमेरिकी संसद को समर्थन पर धन्यवाद दिया
मोदी ने कहा कि 2008 में जब संसद ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी दी थी, तब हमारे रिश्ते को नई बुनियाद मिली थी। अमेरिकी संसद ने नवंबर 2008 में सीमापार से भारत पर हुए हमले के दौरान जो एकजुटता दिखाई थी, हम उसके लिए भी आभारी हैं।

मोदी का पुतला फूंकने में जले कांग्रेस कार्यकर्ता के हाथ

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गाजियाबाद(एजेंसी):जिले के कांग्रेसियों ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। पुतला फूंकते समय एक महिला कार्यकर्ता के हाथ जल गए। इसको लेकर काफी देर तक अफरातफरी रही। बाद में कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। बढ़ती महंगाई और केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में कांग्रेसियों ने बुधवार को प्रदर्शन किया।

अतिव्यस्त पुराना बस अड्डा चौराहे पर सैकड़ों कांग्रेसियों दोपहर 12 बजे मोदी का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया। पुतला जलाने के दौरान एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता के हाथ जल गए। इसको लेकर अफरातफरी मच गई। इस दौरान यहां पर जाम की स्थिति बन गई। हालात सामान्य होने पर कांग्रेसी जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरेंद्र कसाना ने बताया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। पेट्रोलियम व खाद्य पदार्थों के अलावा अन्य चीजों पर भी महंगाई की मार है। किसानों की समस्याएं भी मुंहबाए है। पुतला फूं कने के दौरान पुलिस वहां मूकदर्शक बनी रही। ज्ञापन में 11 सूत्रीय मांग शामिल हैं।

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