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प्रेमी निकला हत्यारा:घर से भागने से इंकार करने पर की थी हत्या और जलाया था लाश

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कोरबा@M4S:कोरबा के पाली थाना क्षेत्र के ग्राम दमिया के जंगल में किशोरी की जली हुई लाश मिलने के मामले में पुलिस को अहम सफलता हाथ लगी है। लाश  देखने के बाद स्पष्ट हो गया था,कि उसकी हत्या की गई है। किशोरी  को मारने वाला आरोपी कोई और नहीं बल्की उसका प्रेमी निकला और वो भी रिश्तेदार। ddbcb5f3-1d06-446c-8268-329e139c46e1
पांच माह पूर्व पाली थाना क्षेत्र में घटित हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है। किशोरी  के हत्या के मामले में मुंह छिपा रहे आरोपी को पकड़ लिया गया है,जो कोई और नहीं बल्की मृतका का प्रेमी है। 29 जून को पाली थाना क्षेत्र के ग्राम दमिया के खेत में एक किशोरी  का शव जली हुई अवस्था में पुलिस ने बरामद किया था। किशोरी  के बाल में फंसे अंगूठी और कपड़ों के माध्यम से उसकी पहचान ग्राम बखाई निवासी 16 वर्षीय सुनीता (बदला हुआ नाम)  के रुप में की गई। मृतका के पिता ने बताया,कि उसका प्रेम प्रसंग ग्राम तेलाईकुंडी निवासी राजेंद्र कुमार धनवार से था।
मृतका के परिजन उसकी शादी किसी और से करने जा रहे थे और घटना दिनांक से एक दिन पहले उसकी सगई होने वाली थी। लिहाजा दोनों 29 जून को घर से भाग गए और भाग कर ग्राम तुमान आ गए। यहां से वे दुबारा कसनिया सुतर्रा होते हुए पाली बस स्टैंड पहुंच गए। मृतका पाली से कहीं दूर जाना चाहते थी लेकिन साधन न मिलने के कारण वे पैदल-पैदल बिलासपुर रोड में जाने लगे। इसी बीच आरोपी ने मृतका को घर वापस चलने की बात कही। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगा जिसके बाद मृतका आरोपी के साथ झूमाझटकी करते हुए उसका चेहरा नाखून से खरोंच दिया। गुस्से में आए आरोपी ने सड़क किनारे खेत में ले जाकर चुनरी से ही उसका गला घोंट कर मार दिया और साक्ष्य छिपाने के लिए शव को पत्ते से ढंककर जला दिया। इतने से भी उसका मन नहीं भरा तब पेट्रोल डालकर माचिस मार दिया। इसके बाद वह अपने मामा के गांव ग्राम कटहीपारा पहुंच गया और कुछ दिनों तक वहां रहकर अपना उपचार कराने के बाद वापस लौट आया। मृतक के पिता के बयान के आधार पर राजेंद्र धनवार से पूछताछ की गई तब उसने हत्या करने की बात कुबूल ली।
आरोपी जब अपने गांव वापस लौटा तब उससे इंद कुंवर की पूछताछ की गई तब उसने बताया,कि वह धक्का देकर कहीं भाग गई थी। लेकिन आरोपी की चालाकी एक न चली और पुलिस ने देर से सही लेकिन उसे पकड़ ही लिया। मृतका को भी क्या पता था,कि बाली उमर का प्यार उसकी जान ले लेगा।

आतंक का अंत: हिस्ट्रीशीटर के हत्या के पांच आरोपी ग्रिफ्तार

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कोरबा@M4S:कोरबा के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीषीटर बनवारी गोंड को मौत के घाट उतारने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वारदात की वजह शराब का नशा  और धार्मिक कार्यक्रम में जूता-चप्पल पहनकर जाने को माना जा रहा है। जिससे मृतक और आरोपियों के बीच विवाद हुआ था। पकड़े गए सभी आरोपी बल्गी के हैं जिनमें से एक के खिलाफ बांकीमोंगरा थाना  में मारपीट और चोरी के 8 मामले दर्ज हैं।
 पुलिस ने उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जिन लोगों ने बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के में रहने वाले लोगों को आतंकित करने वाले बनवारी गोंड को हमेशा  के लिए मौत की नींद सुला दिया। बनवारी गोंड बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के लोगों के लिए एक जाना पहचाना नाम है जिसके आपराधिक प्रकरणों के उनका जीना मुहाल हो गया था यही वजह है,कि पांच लोगों ने उसे मौत के घाट उतारा दिया। यह सनसनीखेज वारदात 25 नवंबर की रात सामनेे आई जब बल्गी निवासी गजपती,मनोज,प्रदीप नवीन व एक अन्य नाबालिग ने बनवारी की सांसे छीन ली। वारदात से पहले आरोपियों ने नदी किनारे छककर शराब पी थी। नशे  में मदहोश  होने के बाद सभी बस्ती में आयोजित नवधा रामायण के कार्यक्रम में जूता-चपल पहनकर घुस गए थे। इसी बात को लेकर बनवारी की पांचो के साथ विवाद हुआ था। तात्कालीन समय में विवाद थम गया था लेकिन शाम को बाजार के पास जब पांचो फिर से शराब पी रहे थे तब बनवारी अपनी बाईक से वहां पहुंचा और पांचो के साथ उसी बात को लेकर विवाद करने लगा। फिर क्या था पांचो के सर पर नशे  का सुरुर तो चढ़ा ही था सभी ने मिलकर बनवारी की निर्ममता से हत्या कर  फरार हो गए.bd44dbb3-f4c2-4871-8daf-19e6e91652a8
 बनवारी के खिलाफ पांचो कितने आक्रोषित थे इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि बनवारी के सीने में उन्होंने चाकू के 25 से 26 वार किए। इतने से उनका मन नहीं भरा तब सर और चेहरे को पत्थर से कुचल दिया। जिससे बनवारी की सांसे मौके पर ही उखड़ गई। हत्या के वारदात में गिरफ्तार नवीन कश्यप  भी आपराधिक प्रवृत्ती का था। बांकीमोंगरा थाने में उसके खिलाफ मारपीट और चोरी के करीब आठ प्रकरण दर्ज है वहीं बनवारी गोंड के बारी में तो सभी के पता है जिसके खिलाफ हाफ मर्डर सहित दूसरे अपराधों के करीब दो दर्जन मामले थाने में दर्ज है। बताया जा रहा है,कि क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम करने की लड़ाई थी दोनों के बीच बलवती थी। एक तरह से वारदात की यह भी वजह पुलिस बता रही है। बांकीमोंगरा क्षेत्र के हिस्ट्री शीटर बनवारी  कटघोरा उपजेल ब्रेक की घटना में बनवाली शामिल रहा। इसके अलावा उसके खिलाफ 15 आपराधिक मामले पंजीबद्ध है,एक बार जिला बदर की भी कार्यवाही हो चुकी थी,मृतक बनवारी गोंड क्षेत्र में किस तरह से आतंक का पर्याय बना हुआ था इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि जब उसकी हत्या की जा रही थी तब उसकी आवाज आसपास के लोगों ने भी सुनी थी लेकिन उसे बचाने कोई नहीं आया। एक तरह से उसके आतंक से मुक्ति मिलने के सुखद अहसास के कारण भी लोग उसकी रक्षा के लिए आगे नहीं आए। पुलिस का मानना है,कि गवाहों के बयान के बाद आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।बहरहाल बनवारी गोंड का अब अंत हो चुका है। और लोगों को उसके आतंक से मुक्ति भी मिल चुकी है। लेकिन उसके खून से अपने हाथ रंगने वाले पांच लोग अब पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गए हैं।  हत्या की सजा तो उन्हें भुगतनी ही पड़ेगी।

हॉटल ताज डिलिसयस  में सिलेंडर ब्लास्ट,दो कर्मचारी  घायल

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कोरबा@M4S:कोरबा के रामपुर चौकी क्षेत्र के निहारिका में संचालित एक हॉटल में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। हॉटल में काम कर रहे दो कर्मचारी  गंभीर रूप से घायल हो गए। घने रहवासी क्षेत्र में संचालित इस हॉटल में ब्लॉस्ट से आसपास के लोग में हड़कंप मंच गया, दोनों ही गंभीर रूप से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है,जहा से बिलासपुर के सिम्स रिफर किया गया है.75264bde-130b-4011-b36f-78cc8c7d8d65 6660f43e-71e1-49f0-9888-eaa5afcfbca4 9a547774-ef8c-466b-90f4-4a5570b9cf40 21e63beb-b938-41d2-ae68-62b2ca7fb890घटना रामपुर चौकी क्षेत्र के सुभाष चौक के  हॉटल ताज डिलिसयस का संचालन पिछले डेढ़ साल से किया जा रहा है। हॉटल ऊपर के मंजिले में संचालित है।  उसके ऊपर मेें हॉटल मालिक ने एक कीचन का निर्माण कराया है। मंगलवार की सुबह 10 बजे कीचन में दो युवक सूरज और नसीम सिलेंडर बदलने का काम कर रहे थे। गैस पाइप जोड़ ही रहे थे की इसी बीच सिलेंडर ब्लॉस्ट हो गया। दोनों ही युवक गंभीर रूप से झूलस गए।इसमें नसीम को गंभीर चोंटे आई। उसके सिर, हाथ व पेट बुरी तरह से झूलस गए। जबकि सूरज को हल्की चोंटे आई। ब्लास्ट इतना भयानक था की किचन का अस्बेस्टर उड़ गया,धमाके से  आसपास के मकान दहल उठे। लोग भूंकप के डर से घर से बाहर आ गए। दोनों ही घायलों को  जिला अस्पताल उपचार के लिए भर्ती कराया गया,प्राथमिक उपचार के बाद बिलासपुर सिम्स रिफर किया गया,घटना की सूचना मिलते ही तत्काल कोतवाली टीआई एमएम मिंज, सीएसपी एस एस पैकरा मौके पर पहुंचे,घटना स्थल जायज़ा लिया रामपुर पुलिस ने  हॉटल को सील कर दिया गया है,जांच शुरू कर दी है।

सस्ते, आयातित और हानिकारक हैलोजन बल्बों पर रोक लगाने निर्देश : लोगों से ऐसे बल्बों इस्तेमाल नहीं करने की कलेक्टर ने की अपील

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    कोरबा @M4S:सस्ते और आयातित हैलोजन बल्बों के कारण मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचने की कुछ घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर एवम् जिला दंडाधिकारी ने कोरबा जिले  में ऐसे बल्बों के उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश अधिकारियो को दिए है श्री पी दयानंद ने विभागीय अधिकारियों की मदद से दुकानों पर लगातार निगरानी रखने और आम जनता के बीच जागरूकता   लाने के निर्देश दिए  हैं। इसके साथ ही आम जनता और विशेष रूप से सामाजिक-सांस्कृतिक  आयोजन करने वाली संस्थाओं से कार्यक्रमों में ऐसे बल्बों का इस्तेमाल नहीं करने की भी अपील की गई है। कलेक्टर श्री पी दयानंद  ने जिले के एस डी ऍम तहसीलदारों  एस डी ओ पी एवम् नगरीय निकायों के अधिकारियो को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
जिलाधीश के ध्यान में यह बात लायी गई है कि ऐसे बल्बों का इस्तेमाल में काफी जोखिम है और ये मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी है।  प्रदेश केकुछ स्थानों से इस प्रकार के बल्बों के फटने की भी रिपोर्ट आयी है। इन बल्बों के कारण लोगों की त्वचा और आंखों में एलर्जिक प्रतिक्रिया देखी गई है। तीज त्यौहारों के मौसम को देखते हुए भीड़-भाड़ वालेे स्थानों पर इस प्रकार की घटना होने की आशंका भी बनी रहती है।  जिला प्रशासन का यह मानना है कि इन सब बातों को देखते हुए ऐसे हानिकारक बल्बों के विक्रय और उपयोग पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है।
इस सिलसिले में कलेक्टर ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की मदद से इस पर निगाह रखे और सस्ते तथा आयातित हैलोजन बल्बों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाए। बिजली के सामान बेचने वाले दुकानदारों को भी इस प्रकार के सस्ते और आयातित बल्बों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। जिला कलेक्टर ने यह भी कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस बारे में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाए और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों तथा पर्वों से जुड़ी समितियों से सम्पर्क कर उन्हें इस प्रकार के नुकसानदायक बल्बों का इस्तेमाल नहीं करने की समझाइश दी जाए।

इस भारतीय ने 60 करोड़ रुपये में खरीदा गाड़ी का नंबर प्लेट

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दुबई(एजेंसी):दुबई में भारतीय मूल के कारोबारी बलविंदर साहनी ने अपनी रॉल्स रॉयस कार के लिए 60 करोड़ रुपये (90 लाख डॉलर) में पंजीकरण प्लेट खरीदा है। इस एक पंजीकरण प्लेट की कीमत में 15 से ज्यादा रॉल्स रॉयस गाडि़यां खरीदी जा सकती हैं।

एक नीलामी के दौरान बलविंदर ने ‘डी 5’ नामक एकल संख्या पंजीकरण प्लेट के लिए 3.3 करोड़ दिरहम यानी 60 करोड़ की बोली लगाई। इसके अलावा उन्होंने 10 लाख दिरहम यानी करीब 18 करोड़ रुपये में एक और नंबर प्लेट खरीदा। इस नीलामी में तीन सौ लोगों ने भाग लिया था। बलविंदर को अपनी गाडि़यों के लिए वीआईपी नंबर प्लेट का शौक है। उनके पास ऐसे 10 विशिष्ट नंबर प्लेट हैं। वे भविष्य में और भी खास नंबर प्लेट खरीदने के लिए तौयार हैं। बलविंदर ने कहा ‘नौ नंबर मेरे लिए भाग्यशाली है। ‘डी 5’ में ‘डी’ अंग्रेजी वर्णमाला का चौथा नंबर है और इसमें 5 जोड़ने पर यह नौ बन जाता है। इस नंबर के लिए मैं कितना भी दौलत खर्च करने को तैयार था।’

उन्होंने पिछले साल 45 करोड़ रुपये (2.5 करोड़ दिरहम) में अपनी गाड़ी के लिए ‘09’ नंबर प्लेट खरीदा था। दुबई में अबू सबा नाम से चर्चित बलविंदर एक संपत्ति प्रबंधन कंपनी आरएसजी इंटरनेशनल के मालिक हैं। उनकी कंपनी यूएई, कुवैत, भारत और अमेरिका मंे काम करती है। उनके पास छह रॉल्स रॉयस कार समेत दर्जनों लग्जरी गाडि़यां है।

इन 6 ट्रिक्स को अपनाएंगे तो बिना दवा के भी ब्लड प्रेशर रहेगा काबू में

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दिल्ली(एजेंसी): ब्लड प्रेशर आजकल शहरी जीवन में एक बेहद आम समस्या बन गई है। हाई ब्लड प्रेशर हो या लो ब्लड प्रेशर दोनों ही स्थितियां आपके सामान्य जीवन को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आप बिना कोई दवा खाए अपने ब्लड प्रेशर की समस्या को काबू में कर सकते हैं…

1. रोज़ 7 घंटे सोना है ज़रूरी:
रिसर्च में ये सामने आया है कि जो लोग 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आमतौर पर पाई जाती है। ये आदत न सिर्फ ब्लड प्रेशर बल्कि हाइपर टेंशन का भी कारण बनती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोग अगर रोज़ 7 घंटे की नींद लेने लगे तो इस समस्या पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।blood31475223110_big

2. नमक कम खाएं:
नमक आपके शरीर में ज्यादा पानी बनाए रखने में मददगार साबित होता है। शरीर में जब पानी की मात्रा ज्यादा होती है तो ये ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करती है। जो लोग ब्लड प्रेशर के पहले से मरीज़ है अगर वो ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं तो उनमें कार्डियोव्स्क्युलर बीमारियों का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को नॉन वेज भी संभल कर खाना चाहिए क्योंकि उसमें सामान्य से ज्यादा नमक पाया जाता है।

3. हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज़ ज़रूरी:
वैसे तो वर्कआउट करना आपको ज्यादातर बीमारियों से दूर रखता है लेकिन ब्लड प्रेशर के मामले में तो ये और भी ज़रूरी हो जाता है। ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रहने के लिए आपको हर हफ्ते करीब 150 मिनट वर्कआउट करने में खर्च करने चाहिए। रेग्युलर एरोबिक आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है और आपको दवाओं से भी दूर कर देता है।

4. रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन:
स्ट्रेस में मानव शरीर में एड्रेलिन नाम का एक हारमोन निकलता है जो कि हार्टबीट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कम करता है। इसलिए स्ट्रेस भी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है ऐसे में स्ट्रेस से दूर रहकर ब्लड प्रेशर से भी छुटकारा मिल जाता है। मेडिटेशन स्ट्रेस से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है। रिसर्च में सामने आया है कि दिन में सिर्फ 10 मिनट मेडिटेशन आपको ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रखता है।

5. सब्जियां और फल खाएं:
रिसर्च में ये सामने आया है कि आपकी थाली में सब्जियां और फल जितने ज्यादा होते हैं ब्लड प्रेशर की समस्या आपसे उतनी ही दूर रहती है। हापरटेंशन के मरीजों के लिए भी फ्रूट्स का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद साबित होता है। ये आपके ब्लड को सामान्य रखने में मदद करता है। ये शरीर में विटामिन और पोटेशियम जैसे तत्वों को कम नहीं होने देते।

6. वज़न को कंट्रोल में रखें:
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए आपको अपने वज़न को भी कंट्रोल में रखना पड़ता है। जैसे-जैसे आपका वज़न बढ़ता है आपके दिल को ब्लड पंप करने में मुश्किल पेश आने लगती है। इसका सीधा नतीजा ब्लड प्रेशर के रूप में सामने आता है। आपकी लंबाई के मुताबिक आपको अपना वज़न मेंटेन करना चाहिये।

लाइफ पार्टनर है खुशमिजाज़ तो दूर रहेंगी बीमारियां, होंगे ये फायदे

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दिल्ली(एजेंसी):आखिर कौन नहीं चाहता कि उसका लाइफ पार्टनर खुशमिजाज़ हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपका साथी ज्यादातर खुश रहता है, मुस्कुराता रहता है तो इसका सीधा असर आपकी भी सेहत पर पड़ता है। ‘हेल्थ साइकोलॉजी’ में पब्लिश एक नई रिसर्च में सामने आया है कि खुश रहने वाला जीवनसाथी अपने पार्टनर को भी कई गंभीर बीमारियों और लगभग सभी तरह के अवसादों से दूर रखता है।

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर विलियम चोपिक के मुताबिक ऐसे कपल्स कि एवरेज उम्र बाकी कपल्स की तुलना में ज्यादा होती है। ऐसे कपल्स कम बीमार रहते हैं और उन्हें डिप्रेशन की समस्या भी उनसे दूर ही रहती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सामान्य रूप से एक खुश जीवन साथी के साथ रहने से स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

क्या कहती है रिसर्च…

प्रोफेसर विलियम चोपिक के मुताबिक यह निष्कर्ष रिश्तों में खुशी और स्वास्थ्य के बीच की परिकल्पना को खास तौर पर विस्तार देते हुए सामाजिक जुड़ाव का सुझाव देते हैं। बता दें कि ये रिसर्च 1981 मध्यम आयु वाले जोड़ों पर किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि खुश जीवनसाथी वालों में समय के साथ स्वास्थ्य की बेहतर रपट देखने को मिली। यह व्यक्ति की अपने खुशी से ज्यादा हो गई।

पहले के शोध में कहा गया था कि अक्सर खुश लोग स्वस्थ होते हैं, लेकिन चोपिक इसे एक कदम आगे ले जाकर पारस्परिक रिश्ते का स्वास्थ्य पर प्रभाव जानना चाहते थे। चोपिक के अनुसार, खुश जीवनसाथी ज्यादा मजबूत सामाजिक सहयोग और देखभाल करते हैं। इसके बजाय नाखुश रहने वाले जीवनसाथी खुद के ही तनाव और समस्याओं में उलझे रहते हैं।

नवजात बच्चों को ये खिलाएंगे तो कभी नहीं होगी एलर्जी

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लंदन(एजेंसी):आमतौर पर डॉक्टर नवजात शिशुओं को जन्म से बाद छह महीनों तक सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। हालांकि एक नई शोध में सामने आया है कि अगर चार महीने की उम्र से ही बच्चों को अंडा और मूंगफली खिलाई जाए तो उन्हें एलर्जी होने का खतरा अन्य बच्चों के मुकाबले कम रहता है। अंडा और मूंगफली शिशुओं को दूध के साथ पेस्ट बनाकर खिलाए जा सकते हैं।073-afshu-18

इम्पीरियल कॉलेज लंदन के इस शोध के अनुसार जिन शिशुओं को चार से छह माह की उम्र के बीच अंडा खिलाया जाता है, उनमें इसे बाद में खिलाए जाने के मुकाबले अंडे से संबंधित एलर्जी या कई अन्य एलर्जी होने का खतरा 46 प्रतिशत कम होता है। ऐसे ही चार से 11 माह के बीच जिन शिशुओं को मूंगफली खिलाई जाती है उनमें मूंगफली से संबंधित एलर्जी होने की आशंका अन्य के मुकाबले 71 प्रतिशत कम होती है।056-afshu-2-psd

कॉलेज में बाल चिकित्सा एलर्जी शोधकर्ता डॉ। रॉबर्ट बॉयले ने कहा कि इस शोध के नतीजे बताते है कि शिशुओं के लिए अंडा और मूंगफली उनका पहला भोजन होना चाहिए। लेकिन ज्यादातर चिकित्सक इसकी सलाह नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि शिशुओं के भोजन की दिशानिर्देश को बदलने की जरुरत है। डॉ। बॉयले और उनके सहकर्मियों ने पिछले 7० वर्षों में प्रकाशित 146 शोध के आंकड़ों का अध्ययन किया ताकि पता लगाया जा सके कि एलर्जी पैदा करने वाले भोजन से शिशुओं में एलर्जी का खतरा कितना रहा।

अध्ययन में सामने आया कि 5।4 प्रतिशत लोगों को अंडे 065-afshu-11 066-afshu-12से एलर्जी है लेकिन बचपन में जल्दी अंडा खिलाने से प्रत्येक एक हजार में से 24 मामलों में कमी लाई जा सकती है। मूंगफली से 2।5 प्रतिशत आबादी को एलर्जी है लेकिन जन्म के बाद जल्द ही इसके सेवन से प्रत्येक एक हजार में से 18 मामले कम हो सकते है। ज्यादातर दिशानिर्देशों में शिशुओं को छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाने के लिए कहा गया है लेकिन जो महिलाएं ऐसा नहीं कर पाती वे चार माह की उम्र से ही बच्चों को भोजन में ठोस पदार्थ दे सकती है।

यहां 75 दिनों तक चलता है दशहरा, नहीं किया जाता रावण का वध

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दिल्ली(एजेंसी):छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।dddff

बस्तर दशहरा में किलेपाल परगना से दो से ढाई हजार ग्रामीण रथ खींचने पहुंचते हैं, इसके लिए पहले घर-घर से चावल नकदी तथा रथ खींचने के लिए सियाड़ी के पेड़ से बनी रस्सी एकत्रित की जाती थी। छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक मनाए जाने वाला दशहरा पूरे विश्व में विख्यात है। इसमें शामिल होने बड़ी संख्या में विदेशों पर्यटक भी पहुंचते हैं।download-1

75 दिनों तक क्यों मनाया जाता है दशहरा?

बस्तर दशहरा की ख्याति सबसे लंबे समय तक चलने वाले दशहरा के लिए तो है ही, साथ ही यह एक अनूठा पर्व है, जिसमें रावण का वध नहीं किया जाता। 13 दिनों तक बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। 75 दिनों तक चलने वाले दशहरा की तैयारियां तीन महीने पहले से ही शुरू हो जाती है।
माना जाता है कि यहां का दशहरा 500 वर्षों से अधिक समय से परंपरानुसार मनाया जा रहा है। 75 दिनों की इस लंबी अवधि में प्रमुख रूप से काछनगादी, पाट जात्रा, जोगी बिठाई, मावली जात्रा, भीतर रैनी, बाहर रैनी तथा मुरिया दरबार मुख्य रस्में होती हैं।

कैसे तैयार होता है रथ?

बस्तरा दशहरा का आकर्षण होता है यहां लकड़ी से निर्मित होना वाला विशाल दुमंजिला रथ। बताया जाता है कि बिना किसी आधुनिक तकनीक या औजारों की सहायता से एक समयावधि में आदिवासी उक्त रथ का निर्माण करते हैं। फिर रथ को आकर्षण ढंग से सजाया जाता है। रथ पर मां दंतेश्वरी का छत्र सवार होता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब तक राजशाही जिंदा थी, राजा स्वयं सवार होते थे।

बस्तर दशहरे के लिए निर्माण किया गया फूल रथ, चार चक्कों का तथा विजय रथ आठ चक्कों का बनाया जाता है। स्थानीय सिरहासार भवन में ग्राम बिरिंगपाल से लाई गई साल की टहनियों को गड्ढे में पूजा विधान के साथ गाड़ने की प्रक्रिया को डेरी गड़ाई कहा जाता है।

यहां सालों से एक साथ हो रही है राम और रहीम की पूजा

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दिल्ली(एजेंसी):दुनिया के मानस पटल पर भले ही हिन्दू और मुसलमान संप्रदाय के लोगों के बीच मतभेद का चित्र उभरता हो लेकिन झारखंड के लातेहार में प्रत्येक वर्ष राम एवं रहीम की पूजा एक साथ होती है। इस पूजा में चौंकाने वाली बात यह है कि पूजा के दौरान दोनों संप्रदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति कभी नहीं आई बल्कि दो संप्रदाय के लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर दस कदम की दूरी पर राम व रहीम को याद करते है।

शुक्रवार को अम्बाकोठी स्थित श्रीराम चरित मानस नवाहन परायण महायज्ञ परिसर राम के भक्ति में रमा हुआ था। वहीं, महज पांच कदम की दूरी पर अल्लाह के बंदे अल्लाह से अपने एवं अपने वतन की सलामती के लिए नमाज अदा कर रहे थे। ऐसा विहंगम संयोग प्रत्येक वर्ष लातेहार में देखने को मिलता है। जो आपसी सौहाद्र्र की मिसाल कायम करता है।

पूजा पंडाल और मस्जिद आमने-सामने

शहर के मध्य स्थित अंबाकोठी मोहल्ले में शुक्रवार को राम और रहीम की पूजा एक साथ होने से जिला मुख्यालय में आपसी एकता और प्रगाढ़ हो गई। दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को सहयोग देकर अनूठी एकता की मिसाल पेश कर यह बता दिया कि जाति और धर्म के नाम पर उन्हें कोई नहीं बांट सकता। इसकी चर्चा पूरे दिन जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में होती रही। दूर दराज से पूजन और जुमे की नमाज अदा करने आए ग्रामीणों ने इस वाकये को प्रेरणादायी मानते हुए आत्मसात करने की बात कही। श्रीराम चरित मानस महायज्ञ का पूजा पंडाल और अंबाकोठी मस्जिद आमने-सामने है। पूजा पंडाल में जहां वैदिक मंत्रोच्चार गूंजते रहते हैं वहीं मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज मुकर्रर वक्त पर अदा की जाती रही। लेकिन, ऐसा करने में किसी को कोई परेशानी नहीं होती।

जानिए क्यों नहीं होता मतभेद?

पूजा पंडाल में आने वाले श्रद्धालु मस्जिद में नमाज अदा करने आए अपने मित्रों से मिलना नहीं भूलते। कई बार तो ऐसा भी होता है कि एक ही बाइक पर एक मित्र पूजन के लिए पंडाल आता है तो दूसरा नमाज अदा करने के लिए मस्जिद। जुमे की नमाज के दौरान पूजा पंडाल में मस्जिद की और पश्चिमी दिशा का लाउडस्पीकर नमाजियों को परेशानी न हो इसलिए बंद कर दिया जाता है जबकि मस्जिद में भी कम साउंड में लाउडस्पीकर से नमाज अदा की जाती है।

लातेहार जिले के पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने लातेहार में सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में एक साथ नवाह परायण पाठ और जुमे की नमाज अदा करने पर लोगों को बधाई दी और कहा कि बस यह एकता कभी टूटने न पाए इसका सभी लोग ध्यान रखें।

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