फर्जीवाड़ा रोकने आरटीई के नियम में बदलाव
कोरबा@M4S: स्कूल शिक्षा विभाग ने 2023-24 से शुरू होने वाले नए सत्र में आरटीई से प्रवेश देने के नियमों में बदलाव किए हैं। निजी स्कूलों को दर्ज संख्या के हिसाब से 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश देने होंगे। इससे पहले स्कूल की क्षमता के हिसाब से प्रवेश दिया जाता था। इस नियम के लागू करने से निजी स्कूल संचालकों में हडक़ंप मच गया है। आईटीई के तहत होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए यह नियम बनाया गया है।
शिक्षा का अधिकार के तहत गरीब बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देने के नाम पर निजी स्कूलों की गड़बड़ी सामने आने के बाद इस बार आरटीई के तहत छूट देने के नियम में बदलाव किया गया है।पहले प्रबंधक द्वारा बताई गई क्षमता के हिसाब से आईटीई के तहत निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश देने की छूट दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब प्रबंधक को स्कूल में दर्ज संख्या के हिसाब से आरटीई में 25 प्रतिशत प्रवेश की छूट मिलेगी। आदेश से छोटे स्कूलों के प्रबंधकों को परेशानी होगी तो वहीं बड़े स्कूलों को फायदा होगा, क्योंकि आरटीई के तहत बड़े स्कूलों में काफी कम प्रवेश दिया जाता है। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को स्कूलों में दाखिला देने के लिए दोबारा पोर्टल खोला गया है। उप संचालक लोक शिक्षण ने सभी जेडी और डीईओ को निर्देश जारी कर कहा है कि वे अपने-अपने जिलों के निजी स्कूलों को निर्देश दें कि निर्धारित अवधि तक पोर्टल में जानकारी अपलोड करने की कार्रवाई पूरी करें, ऐसा नहीं करने पर संबंधित स्कूलों को छात्र पंजीयन की प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा। भविष्य में ऐसे स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होगा।अफसरों का कहना है कि शासन के फैसले से आईटीई से प्रवेश देने में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर लगाम लगेगा।
अब स्कूलों की क्षमता नहीं, दर्ज संख्या के मुताबिक 25 फीसदी सीटों पर प्रवेश
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