Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में फैलाई अफवाह तो जेल, सोशल मीडिया पर FAKE NEWS वायरल करने वालों के लिए चुनाव आयोग की एडवाइजरी

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नई दिल्ली(एजेंसी):मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर बात की। उन्होंने बताया कि इन तैयारियों का उद्देश्य चुनाव को पारदर्शी बनाना है। राजीव कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर बात की। उन्होंने बताया कि इन तैयारियों का उद्देश्य चुनाव को पारदर्शी बनाना है। राजीव कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए हैं।

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि डीएम और एसपी को सख्त चेतावनी दी गई है कि पूरा चुनाव निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, अगर कोई गड़बड़ी होती है तो डीएम-एसपी ही जिम्मेदार होंगे। ईवीएम का मूवमेंट सरकारी वाहनों पर ही होगा। बूथ की निगरानी सेंट्रल फोर्स करेंगे। पोस्टल बैलेट की गिनती पहले कराई जाएगी, जितने कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगाए जाएंगे वह पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकेंगे।

वहीं, फर्जी खबर के खिलाफ भी निगरानी रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफवाह फैलाने वाले पर आईटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी, यह देश का बड़ा चुनाव है। इसको निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ कराना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हम बिना हिंसा और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए संकल्पित हैं। भारी मात्रा में वोटर्स घर से निकलें, यह हमारी मीडिया और वोटर्स से अपील है।

सोशल मीडिया की होगी निगरानी
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम के मूवमेंट के बारे में कहा कि प्रत्येक ईवीएम के नंबर आदि के साथ सारी सूचना राजनीतिक दलों के पास होती है। कौन सी ईवीएम बूथ पर रहेगी और कौन सी रिजर्व पर रहेगी, ऐसी सभी जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के पास होती है। चुनाव और बाद में मतगणना में प्रतिनिधि द्वारा मिलान के बाद ही मतगणना शुरू होती है। यह राजनीतिक दलों को अधिकार है और इसी आधार पर काम होता है। बीएलओ के स्तर पर फील्ड विजिट के बिना नाम हटाए या जोड़े जाने की प्रक्रिया होती है। सोशल मीडिया पर गम्भीरता से निगरानी की जाएगी, अफवाह फैलाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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