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कोरबा@M4S:मिनीमाता बांगो बांध इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। 33 साल में पहली बार बांध का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर नीचे चला गया है, जिससे सिंचाई व्यवस्था पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बांध में वर्तमान में केवल 26 फीसदी जलभराव है। जिसके चलते यदि मानसून कमजोर रहा तो खरीफ फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाएगा। हसदेव बांगो बांध का निर्माण 1992 में कोरबा जिले में हुआ था। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध है और अपनी स्थापना के बाद से बांध में जलभराव कभी भी 40 फीसदी से नीचे नहीं गया था। वर्तमान में बांध का जलस्तर 343.48 मीटर है और जलभराव लगभग 757.17 मिलियन घन मीटर है, जो कुल भराव का केवल 26.16 फीसदी है। बांध के निर्माण के बाद से यह पहली बार है कि जब जलस्तर में इतनी गिरावट आई है। स्थानीय जानकारों के अनुसार हसदेव बांगो परियोजना कोरबा, जांजगीर, शक्ति और रायगढ़ जिलों के लिए जीवनदायिनी है। बांगो के पानी से लगभग 2 लाख 47 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है और यह उद्योगों के लिए भी महत्वपूर्ण स्रोत है। हालांकि इस साल बांध का जलस्तर 11 गेटों से 2 मीटर नीचे चला गया है, जिसके कारण जरूरत पडऩे पर भी गेट खोलकर पानी नहीं छोड़ा जा सकता है। जानकारों का मानना है कि बांध से जरूरत से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।