कोरबा@M4S:एसईसीएल गेवरा की कोयला खदान में हुये हादसे में दो नौजवानों की मौत और एक की घायल हो जाने की खबर के बाद एसईसीएल प्रबधन द्वारा पल्ला झाड़ लेने से उसकी जिम्मेदारी खत्म नही हो जाती है जबकि पूर्व में ऐसी ही घटना हो चुकी है और सुरक्षा व्यवस्था के सार्थक उपाय नही किये जाने तथा कोयला उत्पादन की हवस के कारण यह घटना दोबारा हुआ है यह कहा जाना गलत नही होगा कि एसईसीएल की लापरवाही से ही ऐसी घटना हुई है ।
इस बात की जिम्मेदारी खान सुरक्षा महानिदेशालय की भी है कि खदान परिक्षेत्र और खासकर खनन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की अनदेखी के खिलाफ बार बार शिकायतों के बावजूद कार्यवाही नही की गयी देश मे अगर कोयला संकट है तो उसके लिए ग्रामीणों की बलि नही दिया जा सकता रिहायशी इलाकों तक कोयला उत्खनन किया जा रहा है ब्लास्टिंग किये जा रहे हैं ।
इस घटना के लिए प्रशासन भी उतनी ही जिम्मेदार है क्योंकि कानून व्यवस्था की लचर स्थिति को सुधारने के लिए वह गंभीर नही है ।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि इस घटना से पूर्व 2017 और 2024 में हुए हादसे में 5 लोंगो ने अपनी जान गंवा दिया है जिससे सबक नही लिया गया केवल कोयला खदानों की बात नही है सड़क दुर्घटना में भारी वाहनों में हर दिन मौते हो रही है जिसको देखा नही जा रहा संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा ,कोयला खदानों में किये जा रहे उत्खनन कार्य से उत्तपन्न भयावह स्थिति को अवगत कराते हुये दर्जनों शिकायत एसईसीएल मुख्यालय, शासन, प्रशासन ,खान सुरक्षा महानिदेशालय को किया जा चुका है किंतु देश मे कोयला संकट का हवाला देकर नियम विरुद्ध कोयला उत्पादन और परिवहन पर ही जोर दिया जा रहा है रिहायशी इलाकों ,गांव के मकानों तक जमीन को खोद डाला गया है सैकड़ो मीटर नीचे खाई बना दी गयी है और हैवी ब्लास्टिंग से जन जीवन दहल रहा है डेंजर जोन क्षेत्र का फेंसिंग तक नही किया जा रहा है जिससे दुर्घटना होना लाजिमी है स्थानीय ग्रामीण जहां अपनी रोजी रोटी और दैनिक उपयोग के लिए जान जोखिम में डालकर कोयला चुन रहे उनको रोकने के लिए कोई उपाय नही हो रहा है अधिकारी और बड़े सफेदपोश चोरों की मिलीभगत से करोड़ो की कोयला और डीजल चोरी किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर पीढ़ियों से अपने गांव के निजी व शासकीय भूमि पर अपना जीवन यापन करने वाले किसानो के रोजगार, पुनर्वास ,मुआवजा की मांग पर होने वाले विरोध कार्यवाहियों के लिए शासन प्रशासन , एसईसीएल प्रबन्धन आपसी षड्यंत्र के साथ दमनात्मक कार्यवाही कर रहे हैं ।
डबल इंजन की सरकार में जनता पीस रही है और जनप्रतिनिधियों के हाथ बांध दिए गए हैं ऐसी हालत निर्मित हो चुका है जिससे जनता घुट घुट कर मर रही है किंतु उनकी आवाज को सुनने के लिए कोई नही है ।