देश में चल रही तानाशाही और अहिष्णु सरकार  ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप घटिया चाल

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कोरबा@M4S:भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है। सबसे पहले राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी क्यों है। उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि सारे मोदी चोर है। उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की है। भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है। कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है।
उक्त बातें प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कही। श्री अग्रवाल ने कहा कि आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सडक़ों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था, लेकिन उन्हें केवल एक साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेजों ने सजा दी। अंतत: कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी फिर जीतेगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर है। यह देश की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता है। जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते हैं उनकी आवाज दबा सकते हैं तब आम आदमी की क्या बिसात। यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरूआत है कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं। हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चौक-चौराहे को संसद बनायेंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है । यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर श्रच्छ संयुक्त संसदीय समिति चाहता है । राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को राहुल गांधी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो। हम न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाही और असहिष्णु सरकार चल रही है।

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