बालको के पोषण माह ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल को बनाया उत्कृष्ट

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कोरबा@M4S: वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने आरोग्य परियोजना के तहत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पहल पर दो महीने तक चले उत्सव का समापन समारोह संपन्न हुआ। उत्सव में संयंत्र के आसपास समुदायों में पोषण माह और स्तनपान सप्ताह समारोह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया। जिला स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न सामुदायिक भागीदारों के सहयोग से स्तनपान, पोषण और महिला कल्याण से संबंधित स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने वाले इस उत्सव ने समुदाय के 32 आंगनवाड़ी केंद्रों की 1000 से अधिक महिलाओं तक अपनी पहुंच बनायी।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक  राजेश कुमार ने कहा कि बालको का दृष्टिकोण एल्यूमिनियम उत्पादन से आगे सामुदायिक भलाई तक फैला हुआ है, कंपनी सभी के लिए उज्जवल एवं स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि हर बच्चा आगे बढ़े और हर मां को वह देखभाल मिले जिसकी वह हकदार है। स्तनपान सप्ताह और पोषण माह के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य का जश्न मनाना, स्वस्थ समुदायों के पोषण के प्रति हमारी प्रयासों को दर्शाता है। बालको प्रचालन के आसपास रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोरबा जिले के बेला गांव की सरपंच  जया राठी ने कहा कि एनीमिया और कैंसर पर जागरूकता सत्र वास्तव में ज्ञानवर्धक थे। बालको के स्तनपान सहायता सत्र इसे सामान्य बनाने में सहायक रहे हैं। ऐसे कार्यक्रम हमारे समुदाय में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए तैयार हैं। बालको के स्वास्थ्य पहल के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।


भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पोषण माह पहल के अनुरूप बालको ने आरोग्य परियोजना के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल को संबोधित करने, पोषण महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ पोषण कोशिशों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ कुपोषित बच्चों की माताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। इस महीने में कई गतिविधियाँ शामिल थीं जैसे:
महीने भर चलने वाले उत्सव में पोषण विशेषज्ञों और स्त्री रोग विशेषज्ञों के नेतृत्व में पोषण और एनीमिया से संबंधित विषय पर जागरूकता शिविरों और सत्रों सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। पीडी हर्थ सत्र और टीएचआर प्रशिक्षण कार्यक्रम सत्रों में चिकित्सीय जटिलताओं के बिना कुपोषित बच्चों के पुनर्वास और रखरखाव के लिए एक प्रभावी परिवर्तन कार्यक्रम है। माताओं एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु टेक-होम राशन (महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदान किया जाने वाला पूरक खाद्य उत्पाद) पर प्रशिक्षण भी शामिल किया गया।


रेसिपी प्रतियोगिताओं में परिचर्चा, प्रश्नोत्तर सत्र और टीएचआर का उपयोग करके एक विशेष रेसिपी बनाने की ‘व्यंजन प्रतियोगिता’ में महिलाओं की भागीदारी ने सभी को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। गोदभराई रस्म बालको ने समुदाय की 30 गर्भवती महिलाओं की पारंपरिक भारतीय गोद भराई का जश्न मनाया, उन्हें पोषण सेवन बढ़ाने के लिए मूल्यवान टिप्स और तकनीकें प्रदान कीं। साथ ही बालको ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के सहयोग से कुपोषित परिवारों को सब्जियों के बीज और फलों के पौधे वितरण कर पोषण बाड़ी के विकास को प्रोत्साहित किया।

इस महीने में एक विशेष कार्यक्रम किया गया जिसमें पुरुषों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला गया और समुदायों में पुरुषों के बीच जागरूकता पैदा की गई। बालको ने अगस्त माह में “आओ स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें” थीम के साथ प्रोजेक्ट आरोग्य के तहत ‘स्तनपान सप्ताह’ मनाया। इस कार्यक्रम ने विशेष रूप से कृषि और घरेलू गतिविधियों में लगी महिलाओं के लिए स्तनपान के महत्व को रेखांकित करते हुए जागरूकता सत्रों की पर जोर दिया।
सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए कैंसर विशेषज्ञों, स्त्री रोग विशेषज्ञों, बालको मेडिकल सेंटर एवं बालको अस्पताल और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों सहित प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पेशेवर शामिल हुए। समुदायों में महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के साथ सूचनात्मक स्वास्थ्य वार्ता जिसमें स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता तथा जोखिम कारक, स्व-परीक्षा तकनीक और सक्रिय स्तन स्वास्थ्य को शीघ्र पता लगाने पर चर्चा की गई। बालको ने जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया। शिविर में नियमित चिकित्सा जांच के महत्व पर जोर देते हुए मधुमेह, रक्तचाप और हीमोग्लोबिन के लिए नैदानिक परीक्षण की पेशकश की गई।
प्रोजेक्ट आरोग्य बालको की व्यापक स्वास्थ्य पहल है जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करती है। यह परियोजना उपचारात्मक और निवारक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से 30,000 से अधिक लोगों तक सफलतापूर्वक पहुंच गई है। वित्तवर्ष 2023 में 3000 से अधिक माताओं और 430 कुपोषित बच्चों को लाभ हुआ है। परियोजना ने 600 से अधिक माताओं को टेक होम राशन (टीएचआर) के व्यंजनों पर प्रशिक्षित किया तथा आंगनवाड़ी केंद्रों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषित बच्चों के घरों में 150 पोषण बाड़ी विकसित किए हैं।

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