

तेज रफ्तार ट्रेक्टर की चपेट में आने से दादा पोते की मौत के मामले में स्थानीय लोगों के द्वारा किया गया चक्काजाम समाप्त हो गया है। करीब दस घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपयों का मुआवजा,मुख्य मार्ग पर ब्रेक बनाने के साथ ही मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन को प्रतिबंधित करने का आश्वासन दिया और चक्काजाम को समाप्त करवाया। इस घटना के बाद निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद,नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोगों ने पदर्शन करते हुए कोरबा-चांपा मार्ग को चक्काजाम कर दिया था जिससे मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। लोगों के विराध को देखते हुए महापौर राजकिशोर प्रसाद भी मौके पर पहुंचे हुए थे। गौरतलब है,कि सुबह सुबह मिट्टी लोड ट्रेलर ने माॅर्निंग वाॅक पर निकले वृद्ध और उसके पोते को अपनी चपेट में ले लिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी।
सड़क दुर्घटना में दादा पोते की मौत का मामला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले लिया था। पक्ष और विपक्ष के नेता मौके पर इकट्ठे होकर लोगों के हितों को लेकर पुलिस प्रशासन से बात करते नजर आए। उन्होंने रेत और मिट्टी के हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने की मांग की जिसे मानते हुए प्रशासन ने खनिज विभाग को पत्र जारी कर अवैध कार्य पर जल्द से जल्द लगाम लगाने की बात कही।
सुबह सुबह हुए सड़क हादसे में जिस तरह से दादा पोते की मौत हुई उस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी। यही वजह है,कि बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शन में भागीदारी निभाई और जायज मांगो को मानने प्रशासन को मजबूर कर दिया। मांग पूरा होने के बाद दोनों की अर्थी घर से निकली और उनका अंतिम संस्कार कराया गया।