नई दिल्ली(एजेंसी):बीते दिनों 19 मई को RBI ने घोषणा करते हुए कहा था कि 2000 के नोटों को चलन से बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में शुरुआत के कुछ दिनों में इसको लेकर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था। हालांकि, इस घोषणा के दो-तीन दिन बाद ही स्थिति लगभग सामान्य हे गई थी। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नई जानकारी दी है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
76 प्रतिशत करेंसी वापस पहुंची
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों में से 76 प्रतिशत से ज्यादा करेंस देश की बैंकों में पहुच गई है। आरबीआई ने कहा कि इसमें से ज्यादातर राशि जमा के माध्यम से बैंकों में वापस आई है। जैसा कि आपको बताया कि 19 मई को RBI ने प्रचलन में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की और जनता को 30 सितंबर तक इन नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करने या उन्हें बदलवाने का समय दिया था। RBI की इस घोषणा के बाद ऐसा लग रहा है कि नोट वापसी का काम लगभग पूरा होने वाला है।
बदलने की जगह लोगों ने खाते में किए जमा
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 19 मई को घोषणा के बाद प्रचलन से वापस प्राप्त 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 30 जून, 2023 तक 2.72 लाख करोड़ रुपये है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, “परिणामस्वरूप, 30 जून को कारोबार की समाप्ति पर 2,000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन में 0.84 लाख करोड़ रुपये थे।” इस तरह से अब 19 मई, 2023 तक प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के 76 प्रतिशत बैंकनोट वापस आ गए हैं।
RBI ने आगे कहा कि प्रमुख बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि प्रचलन से वापस प्राप्त 2000 रुपये मूल्यवर्ग के कुल बैंक नोटों में से लगभग 87 प्रतिशत जमा के रूप में आए हैं और शेष लगभग 13 प्रतिशत को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल दिया गया है।