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कोरबा@M4S: ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों को शुगर फ्री और जैनी भोजन का भी विकल्प मिलेगा। इससे जैन यात्रियों और डायबिटीज के मरीजों को ट्रेनों में शुगर फ्री भोजन की सुविधा मिलेगी। रेलवे बोर्ड ने रिजर्वेशन फॉर्म में दोनों विकल्प शामिल करने के निर्देश दिए हैं। ट्रेनों में सफर करने वाले जैन समुदाय के लोगों को वर्तमान में ट्रेनों में उचित भोजन नहीं मिल पाता।
दरअसल, जैन समुदाय के लोग शाम 6 बजे या रात होने से पहले भोजन करने को प्राथमिकता देते हैं। इसी तरह उनके भोजन में कई सामान जैसे, लहसून-प्याज आदि वर्जित होते हैं। लेकिन ट्रेनों में यह सुविधा नहीं होती। ऐसे में खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में उन्हें खासी परेशानी उठानी पड़ती है।इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब जैन भोजन की सुविधा देने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैंसेजर मार्केटिंग ने इस बारे में सभी जोन को आदेश जारी किया है। वर्तमान में ट्रेनों में वेज और नानवेज भोजन का ही विकल्प मिलता है। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद अब रिजर्वेशन टिकट पर जैन और डायबिटिक भोजन का भी विकल्प मिलेगा।एक सर्वे के अनुसार देश में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीडि़त हैं। हर दिन करोड़ों लोगों को ट्रेनों से सफर करना पड़ता है। लेकिन उचित भोजन की व्यवस्था नीं होने से परेशानी उठानी पड़ती थी। इसी तरह देश में करीब 42 लाख लोग जैन धर्म के अनुयायी हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए रेलवे ने दोनों तरह की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।डायबिटीज होने पर विशेष भोजन जरूरी है। डायबिटीज होने पर सही समय और कुछ खास तरह का भोजन लेना जरूरी होता है। लेकिन ट्रेनों में ऐसा कर पाना संभव नहीं होता। देश में तेजी से बढ़ रहे शुगर के मरीजों को संख्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने डायबिटिक मील शामिल करने को कहा है।
दरअसल, जैन समुदाय के लोग शाम 6 बजे या रात होने से पहले भोजन करने को प्राथमिकता देते हैं। इसी तरह उनके भोजन में कई सामान जैसे, लहसून-प्याज आदि वर्जित होते हैं। लेकिन ट्रेनों में यह सुविधा नहीं होती। ऐसे में खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में उन्हें खासी परेशानी उठानी पड़ती है।इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब जैन भोजन की सुविधा देने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैंसेजर मार्केटिंग ने इस बारे में सभी जोन को आदेश जारी किया है। वर्तमान में ट्रेनों में वेज और नानवेज भोजन का ही विकल्प मिलता है। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद अब रिजर्वेशन टिकट पर जैन और डायबिटिक भोजन का भी विकल्प मिलेगा।एक सर्वे के अनुसार देश में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीडि़त हैं। हर दिन करोड़ों लोगों को ट्रेनों से सफर करना पड़ता है। लेकिन उचित भोजन की व्यवस्था नीं होने से परेशानी उठानी पड़ती थी। इसी तरह देश में करीब 42 लाख लोग जैन धर्म के अनुयायी हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए रेलवे ने दोनों तरह की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।डायबिटीज होने पर विशेष भोजन जरूरी है। डायबिटीज होने पर सही समय और कुछ खास तरह का भोजन लेना जरूरी होता है। लेकिन ट्रेनों में ऐसा कर पाना संभव नहीं होता। देश में तेजी से बढ़ रहे शुगर के मरीजों को संख्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने डायबिटिक मील शामिल करने को कहा है।