कोरबा@M4S:वन मंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में हाथी समस्या समाप्त होने का नाम ही नही ले रही है। मांड नदी के पार कर धरमजयगढ़ वन मंडल की ओर गए सात हाथियों के दल ने फिर वापस आकर कुदमुरा जंगल में डेरा डाल दिया, जबकि तीन हाथी गीतकुंवारी क्षेत्र में विचरण कर रहे है। एक हाथी पहले से कुदमुरा में मौजूद है।
बड़ी संख्या में हाथियों के फिर पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वे डर के मारे अपने खेतों में नही पहुंच रहे है। हालांकि वन विभाग द्वारा इन हाथियों की निगरानी की जा रही है। फिर भी ग्रामीणों को डर है कि कहीं हाथी वन विभाग के अमले को चकमा देकर उनकी बस्ती में न पहुंच जाए और जानमाल को नुकसान न पहुंचा दे। सात हाथियों के इस दल ने दो दिन पूर्व धरमजयगढ़ का रूख किया था । लगभग 24 घंटे वहां के जंगल में घूमने के बाद कल रात चला और मांड नदी को पार करने के बाद जंगल ही जंगल विचरण करते हुए कुदमुरा बीट के कक्ष क्रमांक 1140 में डेरा डाल दिया। हाथियों ने यहां पहुंचने के तत्काल बाद कोई नुकसान पहुंचाया है। उधर करतला वन परिक्षेत्र के लबेद जंगल में एक दंतैल के डेरा डालने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है। वनविभाग द्वारा इस दंतैल की निगरानी लगातार की जा रही है। वन विभाग का यह प्रयास है कि दंतैल जंगल में ही विचरण करता है। और आबादी वाले क्षेत्रों में न पहुंचने पाए।
कुदमुरा में धरमजयगढ़ से फिर हुई हाथियों की एंट्री तीन हाथी गीतकुंवारी क्षेत्र में कर रहे विचरण
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