त्रिपक्षीय वार्ता में पुरैना,बांकी बस्ती,मड़वाढोढा में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान का आश्वाशन दिया एसईसीएल ने

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बांकी बस्ती में पाईप लाईन के माध्यम से पुनः पानी सप्लाई का सर्वे शुरू

कोरबा@M4S: बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित गांव बांकी बस्ती,मड़वाढोढा,पुरैना में एसईसीएल द्वारा जल आपूर्ति बंद किए जाने से परेशान सैकड़ों ग्रामीणों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बांकी बस्ती के पास चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ जो रात 9 बजे तक चला। दो दौर के वार्ता विफल होने के बाद कटघोरा तहसीलदार और एसईसीएल कोरबा के अधिकारियों द्वारा एस डी एम कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता कर पानी के सभी समस्याओं का स्थाई समाधान करने के आश्वाशन के बाद चक्काजाम समाप्त हुआ था।

कटघोरा एसडीएम कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई जिसमे कटघोरा एसडीएम सरोज कुमार महिलांगे,कोरबा सिविल एसओ भानु सिंह , सुराकछार सबएरिया मैनेजर पी मावावाला, माकपा प्रतिनिधिमंडल से प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर,अजीत सिंह कंवर, दामोदर,दीपक साहू,के साथ बजरंग दास,जीर्बोधन,शिव पाल,उपस्थित थे। बैठक में माकपा ने खदान प्रभावित बांकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा गांव में पेयजल और निस्तरी के लिए पानी पूर्व की तरह देने की मांग की जिसपर कटघोरा एसडीएम ने भी प्रबंधन से प्रभावित गांव में जल्द पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा एसईसीएल कोरबा के अधिकारियों ने कहा की बांकी बस्ती में पुनः पाईप लाईन से पानी देने का सर्वे किया गया है जल्द जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूर्व की तरह पाईप लाईन के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जायेगी,मड़वाढोढा और पुरैना गांव में नया बोर होल जल्द कराने का आश्वाशन सिविल विभाग ने बैठक में दिया। बैठक में माकपा नेता प्रशांत झा ने कहा की पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ तो अभी 11 घंटे चक्काजाम हुआ है आगे अनिश्चितकालीन चक्काजाम होगा।
उल्लेखनीय है कि कोयला खनन के कारण खनन प्रभावित गांवों में जल स्तर काफी गिर चुका है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एसईसीएल ही पीने, निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद से एसईसीएल द्वारा इन बांकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा गांवों में जल आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे यहां के ग्रामीणों का न केवल दैनिक दिनचर्या गड़बड़ा गई है, बल्कि खेती-किसानी पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। माकपा द्वारा 11 घंटे चक्काजाम के बाद एसईसीएल प्रबंधन के होश उड़ गए और ग्रामीणों के पानी के समस्या के समाधान के लिए सभी समस्याओं का जल्द निराकरण करने का आश्वाशन दिया। ग्रामीणों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है।

माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही अब एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से आना कानी कर रही है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि तीनों गांव को पानी नहीं मिलेगा तो फिर ग्रामीण अनिश्चित कालीन कोल परिवहन बंद करेंगे।

प्रमुख मांगे
1) बांकी बस्ती और पुरैना गांव में पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल सप्लाई पुनः चालू किया जाये।
2) ग्राम बांकी बस्ती, मडवाढोंढा,पुरैना में तालाबों को खदान से पाईप लाईन के माध्यम से साल भर भरने की व्यवस्था की जाये।
3) ग्राम बांकी बस्ती, मडवाढोंढा,पुरैना में जहां अंडर ग्राउंड में पानी का भराव जायदे है वहां बोरहोल कर मोटर पंप लगाकर तालाबों को भरने के साथ किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाये।
4) प्रभावित ग्रामों में बोर होल में सबमर्शिबल पंप लगाकर पेयजल आपूर्ति की जाए।

माकपा ने कहा की एसईसीएल ने अगर पेयजल जैसी समस्या को गंभीरता से अगर पूरा नहीं किया तो आगे और उग्र आंदोलन होगा।

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