जल संकट : बाँकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा में जल आपूर्ति की मांग को लेकर माकपा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

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माकपा ने कहा ग्रामीणों को जल नहीं तो कोल परिवहन पुनः ठप करेंगे
एसईसीएल ने 10 दिवस में प्रभावित ग्राम में समस्याओं का समाधान का दिया आश्वाशन

कोरबा@M4S:बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित गांवो बांकी बस्ती,मड़वाढोढा,पुरैना में एसईसीएल द्वारा पूर्व की तरह किए जा रहे जल आपूर्ति को बंद किए जाने से परेशान सैकड़ों ग्रामीणों ने आज पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पार्षद राजकुमारी कंवर के नेतृत्व में बांकी बस्ती के पास चक्काजाम कर दिया।

चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे 10 दिवस में समस्याओं का समाधान करने के लिखित आश्वाशन के बाद समाप्त हुआ। चक्काजाम से सड़क के दोनो तरफ ट्रकों की लंबी लाईन लग गई, जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन को मजबूर होकर आंदोलनकारी माकपा नेताओं और ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए मजबूर होकर सड़क पर आना पड़ा मौके पर कटघोरा के नायब तहसीलदार, दर्री तहसीलदार और बांकी थाना प्रभारी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल उपस्थित था।

उल्लेखनीय है कि कोयला खनन के कारण खनन प्रभावित गांवों में जल स्तर काफी गिर चुका है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एसईसीएल ही पीने, निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद अब अचानक एसईसीएल द्वारा इन बांकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा गांवों में जल आपूर्ति को बंद कर दिया गया है , जिससे यहां के ग्रामीणों का न केवल दैनिक दिनचर्या गड़बड़ा गई है, बल्कि खेती-किसानी पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। माकपा द्वारा चक्काजाम की चेतावनी के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन ने ग्रामीणों के पानी के समस्या के समाधान के प्रति गंभीर नहीं होने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश था।

माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही अब एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से मुकर रहा है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है। पानी की समस्या समाधान का लिखित आश्वाशन देने के बाद भी कई बार एसईसीएल प्रबंधन अपने वायदे को पूरा नहीं करता है। 10 दिवस में समस्याओं का समाधान नहीं होने पर पुनः सड़क जाम किया जाएगा।

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि तीनों गांव को पानी दो नहीं तो कोल परिवहन आगे भी रोकेंगे।

‘जल नहीं, तो परिवहन नहीं’ : माकपा पार्षद राजकुमारी

माकपा की मोंगरा वार्ड पार्षद राजकुमारी कंवर ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल ग्रामीणों को नगर निगम का पानी खरीदने को मजबूर कर रहा है, जिसका माकपा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित गांवों में एसईसीएल को पूर्व की तरह जल आपूर्ति घर घर करना होगा।

मांगो पर बनी सहमति
1) ग्राम बांकी बस्ती में 10 दिवस में पाईप लाईन के माध्यम से साल भर पानी भरने की व्यवस्था की जाएगी।
2) ग्राम मडवाढोंढा,पुरैना में जहां अंडर ग्राउंड में पानी का भराव जायदे है वहां बोरहोल कर मोटर पंप लगाने के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है।
3) गांव के सभी तालाबों का सफाई कार्य कराया जायेगा।
4) पूर्व की तरह घर घर पानी सप्लाई पुनः चालू कराने के लिए कलेक्टर के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।
इन मांगो पर एसईसीएल ने लिखित आश्वाशन दिया है।
इस आंदोलन को वार्ड 65 की पार्षद शैल राठौर और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भी अपना समर्थन दिया और बड़ी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल हुए।
चक्काजाम में प्रमुख रूप से किसान सभा के जय कौशिक,दामोदर, सुमेंद्र सिंह, सुराज सिंह कंवर के साथ शिवरतन,मोहपाल,आनंद,जीर्बोधन कंवर,श्रवण दास,महेंद्र,इंद्र कुंवर,लक्ष्मीन बाई,जोतसना,सुक्रिता,सुजाता,राधा, रानू,अमरजीत,समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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