रांची। झारखंड में जातीय गणना जल्द आरंभ होगी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस आशय का निर्देश दिया है। कार्मिक विभाग के अधिकारियों को उन्होंने कहा है कि इस संबंध में प्रक्रिया तेज की जाए।उल्लेखनीय है कि हाल में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है ताकि ट्रिपल टेस्ट कराई जा सके। इसके कारण नगर निकायों का चुनाव अधर में लटका है। आरक्षण निर्धारित करने की प्रक्रिया के तहत यह आवश्यक है।
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने बताया कि जातीय गणना को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश उनके ज्ञापन के आलोक में दिया। उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से मुलाकात कर राज्य में जातीय जनगणना कराने और पिछड़ों का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री नेअधिकारियों को निर्देश दिया
मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया। प्रदीप यादव ने बताया कि वर्तमान गठबंधन की सरकार ने पूर्व में भी इस इस पर गंभीरता से विचार किया था। इसके फलस्वरूप पिछड़ी जाति को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर देने संबंधी विधेयक विधानसभा से पारित कराया गया था। अब तक यह लंबित है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्होंने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से उपरोक्त दोनों विषयों को रखा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री ने उत्तर देते हुए कहा था कि पिछड़ा आरक्षण विधेयक राज्यपाल के पास लंबित है। मंत्रिमंडल की एक टीम जाकर राज्यपाल से इसके निष्पादन का आग्रह करेगी और जातीय जनगणना पर सरकार त्वरित निर्णय लेगी।
उन्होंने गोड्डा जिले के देवडांड़ को नया प्रखंड बनाने की मांग उठाते हुए कहा कि इस संबंध में उनकी मांग पर सरकार ने पूर्व में विधानसभा में आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री रवाना हुए दिल्ली
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शनिवार को दिल्ली रवाना हुए। इस दौरान वे आइएनडीआइए के घटक दलों के नेता संग बातचीत करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। इस दौरान राज्य में कांग्रेस के नाराज विधायकों के संदर्भ में वे उनके साथ विचार-विमर्श करेंगे।