हसदेव और मांड नदी के एरिया में कोल ब्लाकों की नीलामी का 28 ग्रामपंचायतों ने किया विरोध

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61 गाँव की 28 ग्रामपंचायतों के सरपंचो ने कोयला मंत्री को लिखा पत्र
नीलामी सूची से कोल ब्लॉक हटाने की मांग
कोरबा@M4S: हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक के लिए दी गई वन स्वीकृति और भूमि अधिग्रहण निरस्त करने की मांग पर पिछले 500 दिनों से आदिवासी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं द्य इसी परसा कोल ब्लॉक की सीमा से लगे तारा कोल ब्लॉक सहित हसदेव और मांड नदियों के केचमेंट में कोयला मंत्रालय नए कोल ब्लाको की नीलामी कर रहा है। वह भी निजी कंपनियों के मुनाफे के लिए व्यावसायिक खनन खनन हेतु, इस नीलामी के खिलाफ 61 गाँव की 28 ग्रामपंचायतों के सरपंचो ने कोयला मंत्री को पत्र लिखकर न सिर्फ विरोध जताया बल्कि नीलामी से उनके गाँव के कोल ब्लॉक को हटाने की मांग कीद्य
जानकारी अनुसार भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा 14 जून, 2023 को कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 के 17 वें ट्रेंच और खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के 7 वें ट्रेंच में कमर्शियल माइनिंग (सेल ऑफ़ कोल) के तहत नीलामी के लिए कुल 98 कोल ब्लॉको की सूची जारी की गई है 7 इन 98 कोल ब्लॉक में छत्तीसगढ़ राज्य के 23 कोल ब्लॉक शामिल है 7 छत्तीसगढ़ के इन 23 में से 9 कोल ब्लॉक मांड रायगढ़ एवं हसदेव अरण्य जैसे सघन, जैव विविधता से समृद्ध एवं पर्यावरण एवं पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील वन क्षेत्र में स्थित है 7 यह क्षेत्र श्रेणी -1 के कई महत्वपूर्ण वन्यजीवों खास तौर पर हाथियों का रहवास है 7 इनमे से अधिकतर कोल ब्लॉक राज्य में हाल ही में अधिसूचित लेमरू हाथी रिज़र्व की सीमा से या तो लगे हुए है या उसके अन्दर है द्य  सभी कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ की जीवनदायनी नदियाँ हसदेव और मांड नदी के कैचमेंट में स्थित है द्य हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध से जांजगीर, कोरबा एवं बिलासपुर जिलों की लगभग 4 लाख 50 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है द्य तारा कोल ब्लॉक का तो 15.96 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र अति सघन वन (वी डी एफ) की श्रेणी में आता है 7 हसदेव की जैवविविधता अध्ययन रिपोर्ट में भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि हसदेव में खनन के अपरिवर्तनीय प्रभाव होंगे द्य यदि खनन को आगे अनुमति दी गई तो हसदेव नदी का विनाश होगा एवं मानव -हाथी द्वन्द की स्थिति इतनी विकराल हो जाएगी कि राज्य इसे नियंत्रित नहीं कर पाएगा  नीलामी में शामिल सभी कोल ब्लॉक संविधान की पांचवी अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आते है7 पांचवी अनुसूची के तहत भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा से सहमती अनिवार्य है7 वन भूमि के व्यपवर्तन में भी ग्रामसभा की अनिवार्य सहमती आवश्यक है द्य हमारी ग्राम सभाएं कभी भी पर्यावरण, जैवविविधता और सामुदायिक हितों के विपरीत जाकर भूमि अधिग्रहण और वन स्वीकृति की सहमति प्रदान नहीं करेगी
छत्तीसगढ़ विधान सभा ने भी गत 26 जुलाई 2022 को सर्वसम्मति से हसदेव क्षेत्र में आबंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द किये जाने का अशासकीय संकल्प पारित किया है द्य कोयला मंत्रालय को इस प्रस्ताव का सम्मान करना चाहिए और तत्काल नीलामी में शामिल कोल ब्लॉक को सूची से बाहर करना चाहिए।

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