TEMPLE ACCIDENT:कन्यापूजन के दौरान बावड़ी की छत ढहने से आखिरी शव निकलने तक, 24 घंटे में क्या-क्या हुआ?

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इंदौर:मध्यप्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर एक बड़ा हादसा हो गया। शहर के पटेल नगर इलाके में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से वहां मौजूद 50 से अधिक लोग बावड़ी में गिर गए। घटना में 36 लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घायलों का हाल जानने स्थानीय एप्पल अस्पताल पहुंचे। सीएम ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच होगी। इंदौर हादसे में अब तक क्या-क्या हुआ? बचाव कार्य कैसे चला?

कन्या पूजन के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा 
गुरुवार दोपहर 12 बजे रामनवमी पर शहर के पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में सुबह से हवन हो रहा था। इसके बाद मंदिर में कन्या पूजन के दौरान बावड़ी की छत धंस गई, जिससे वहां मौजूद 50 से अधिक लोग उसमें गिर गए। ये सभी बावड़ी की छत पर बैठे हुए थे। बावड़ी में गिरने वालों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष भी शामिल थे।

घटना के करीब एक घंटे बाद पहुंचा प्रशासन
दोपहर करीब एक बजे पुलिस, प्रशासन के अधिकारी पहुंचना शुरू हुए। सांसद, महापौर, अन्य नेता भी इसी समय आए। दोपहर करीब सवा एक बजे बावड़ी में गिरे लोगों को निकालने के लिए जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लोगों को निकालकर पास के एपल अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।
घटना के दो घंटे बाद पहुंचे बड़े अधिकारी
दोपहर करीब दो बजे बड़े अधिकारी मौके पर पर पहुंचे। इनमें संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, कलेक्टर डॉ इलैया टी राजा और निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल शामिल थीं। दोपहर तीन बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। इस समय तक निकले सभी 20 लोग सुरक्षित थे। यह वे लोग थे जो ऊपर थे।
घटना के दस घंटे बाद सेना ने संभाला मोर्चा
चार बजे के बाद बाहर निकाले जाने वाले ज्यादातर लोग मृत थे। बावड़ी में पानी भरा होने से राहत कार्य में मुश्किल आ रही थी। शाम पांच बजे पानी निकालने के लिए बड़ी मोटरें बुलाई गईं। रात दस बजे सेना ने मोर्चा संभाल लिया। अब अंदर बचे लोगों के जीवित रहने की संभावना बहुत कम रह गई थी। रात बारह बजे तक 21 शव बाहर निकाले जा चुके थे।

इस वजह से गईं इतनी जाने
हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है कि जिस वक्त लोग गिरे बावड़ी में पानी भरा था। फर्श के गिरते ही लोग जैसे ही बावड़ी के अंदर गिरे तो दूसरे लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे वहीं साथ ही निर्माण में उपयोग किए गए लोहे के सरिए और मलबा लोगों के ऊपर गिर गया और वे घायल हो गए। पानी भरा होने के चलते राहत एवं बचाव कार्य में लगे जवानों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी हादसे के करीब छह घंटे बीत जाने के बाद बावड़ी का पानी खाली किया जा सका और लोगों को बाहर निकाला गया। वहीं, पानी के स्त्रोतों से लगातार पानी बावड़ी में भर जा रहा था, जिसके चलते राहत एवं बचाव कार्य के दौरान काफी दिक्कतों का सामना आर्मी के जवानों को करना पड़ा। काफी पुरानी बावड़ी होने के चलते इसमें सिल्ट भी जमा थी।

पीएम ने सीएम से ली घटना की जानकारी  
दोपहर दो बजे के करीब घटना पर पहली बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया। उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में हुए हादसे पर सीएम से बात की और स्थिति की जानकारी ली। वहीं शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर गहरा दुख जताया।

घटना की जांच के निर्देश दिए गए
शाम को सीएम शिवराज का दूसरा बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि अनेक प्रयासों के बाद कई नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घटना में दिवंगत लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के निशुल्क उपचार के साथ 50 हजार प्रति घायल को राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही कहा कि घायलों के इलाज का पूरा व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।

शुक्रवार को घायलों से मिलने पहुंचे सीएम शिवराज 
घटना में घायल लोगों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल के बाहर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मैं स्वयं भी रातभर बैठकर रेस्क्यू ऑपरेशन टीम और प्रशासन के संपर्क में था। एक मिसिंग है उनको ढूंढने के प्रयास लगातार जारी हैं।
सुबह करीब 11 बजे मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया। दोपहर सवा 12 बजे आखिरी शव भी मिला। हादसे में मृतकों का आंकड़ा 36 पहुंचा।

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