कोरबा@M4S: छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार, पुनर्वास गांव में बसे भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने आदि मांगों को लेकर
किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापितों ने एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है।
भूख हड़ताल में किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव,सचिव दामोदर श्याम,दीनानाथ,रघु यादव,सुमेंद्र सिंह ठकराल 6 लोग बैठे है हड़ताल के समर्थन में सैकड़ों भू विस्थापित आंदोलन में शामिल हैं।
जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भूविस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर जिला प्रशासन के सहयोग से इस क्षेत्र में एसईसीएल अपने मुनाफे के महल खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने, जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली और आज भी वे रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी। देश हित के नाम पर भू विस्थापित किसानों से आजीविका के साधन जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भू विस्थापितों के जीवन को अंधकार बनाने वाले नीतियों एवं एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से समस्याओं का निराकरण नहीं करने के खिलाफ अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल में बैठने के लिए मजबूर हुए हैं।
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है और जिला प्रशासन के कार्यालयों में सत्यापन और अन्य दस्तावेज तैयार कराने के लिए भू विस्थापित महीनों चक्कर काट रहे है। अब भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक पीछे हटने वाले नहीं है संघर्ष और तेज करने कि रणनीति तैयार की जा रही है।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर कटघोरा ब्लॉक के अध्यक्ष जय कौशिक ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। भू विस्थापितों ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण जिस समय किया गया उस समय जो पॉलिसी थी उस पॉलिसी के तहत ही किसान जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं। किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे नहीं तो आंदोलन और उग्र होगा।
आंदोलन में सनत,हरिशंकर केवर्त, मुनिराम कौशिक,कलीराम,हरिहर पटेल,होरी,डुमन,मिलन, जितेंद्र, राधेश्याम, नारायण यादव,मंगल, कृष्णा,नारायण कश्यप,आनंद,विनोद,गणेश,बृजमोहन, नारायण,राधा बाई, सूरज बाई,प्यारे दिवाकर, अनिल,पंकज,गिरधारी के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे