बिना वेतन दीपावाली मनेगी शिक्षकों की दीपावली नहीं जारी हो सका एलबी संवर्ग के लिए आदेश

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कोरबा@M4S: शासकीय स्कूलों में बच्चों को दीपोत्सव का निबंध पढ़ाने और सिखाने वाले शिक्षकों और उनके परिवार की दीपावली ही फीकी रह जाएगी। शासन स्तर पर त्योहार पूर्व वेतन भुगतान के लिए आदेश जारी नहीं किए जाने से शिक्षक एलबी संवर्ग को शनिवार तक वेतन भुगतान नहीं हो सका। इससे शिक्षकों में मायूसी के साथ रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि प्रदेश बनने के बाद से यह पहली बार है, जो त्योहार के पूर्व कर्मियों को वेतन जारी नहीं किया गया।

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से लेकर आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ, कि दीपावली जैसे अपार खुशियों से परिपूर्ण महत्वपूर्ण त्योहार पर शिक्षक निराश हुए हों और शासन स्तर पर त्योहार पूर्व वेतन भुगतान के लिए आदेश जारी न किया गया हो। शासकीय कर्मचारियों के लिए यह त्योहार ऐतिहासिक है क्योंकि अब तक ऐसे कोई परिपाटी नहीं रही। वेतनभोगी शासकीय कर्मचारी जो, शासन के कर्म एवं ज्ञान इंद्रीय दोनों हैं। बघेल ने कहा कि सरकार की इस नई परंपरा से प्रदेश के कर्मचारी बेहद दुखी, मायूस तो हैं ही, आक्रोशित भी हैं। खासकर शिक्षक एलबी समुदाय मे गहरा असंतोष और नाराजगी देखी जा रही है। शासन की बेरूखी से इस वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत शासकीय एलबी शिक्षक कर्मचारियों के घर, पगार के अभाव मे दीपावली सूनी रह जाएगी।
अपेक्षा, त्योहार के पूर्व मिले वेतन का कुछ अंश
शिक्षकों के परिवारजनों में सरकार द्वारा अक्टूबर माह का दिवाली पूर्व वेतन प्रदान करने का आदेश जारी नहीं होने से खासा आक्रोश है। दिवाली पूर्व वेतन भुगतान आदेश नहीं होने से शिक्षक एलबी संवर्ग एवं उन सभी कर्मचारियों के परिवार की खुशियां बिना वेतन अधूरी रह जाएंगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संघ की अपेक्षा है कि भविष्य मे दीपावली जैसे आपार खुशियों से परिपूर्ण महत्वपूर्ण त्योहार के पूर्व कर्मचारियों को उनके वेतन का कुछ अंश, भुगतान करने की व्यवस्था की जाए।
8 से 10 हजार प्रभावित
जिले की बात करें तो शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत एल बी संवर्ग अंतर्गत करीब आठ से दस हजार शिक्षक हैं, जो वेतन आदेश नहीं होने से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें वह लोकल बाडी शामिल है, जो पंचायत से स्कूल शिक्षा विभाग मे 18 जुलाई 2018 को संविलियन से मर्ज किए गए हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो एल बी संवर्ग के शिक्षकों की संख्या करीब दो लाख है।

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