बाल्को@M4S: शिवरात्रि महोत्सव की श्रृंखला में आध्यात्मिक समारोह, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सानिध्य में, सभागृह बाल्को में शिव ध्वजारोहण, केक काटकर एवं दीप प्रज्जवलित करके बड़े ही उमंग उत्साह के साथ, गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित भ्राता राजकिशोर प्रसाद महापौर नगर पालिक निगम कोरबा ने कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में दिया जा रहा, आत्मिक ज्ञान सभी आयु वर्ग के लिये उपयोगी है। सभी के लिये समान और एक ही शिक्षा है। जोकि मानव को देव तुल्य बना देती है। कोरबा जिले में इसकी 10 शाखायें का विस्तार है। इस ज्ञान का लाभ और उपयोगिता संस्था में जुड़ने के बाद ही महसूस होती है। फिजिकल इम्युनिटी के साथ साथ मानसिक बल और स्प्रीचुअल इम्युनिटी भी आवश्यक है। जो सहज राजयोग से जुड़कर प्राप्त की जा सकती है। भ्राता कैलास पवार प्राचार्य डी.पी.एस. बाल्को ने कहा कि करोना काल में भी संस्था के कार्यक्रम से ऑन लाईन जुड़कर मैंने मन की शांति का लाभ लिया हूॅं। संस्था के द्वारा आयोजित हर कार्यक्रम में आने का मेरा प्रयास रहता है। भ्राता गंगाराम भारद्वाज पार्षद वार्ड क्र.37 ने कहा कि शिव कृपा सदा हम सब पर बरसती रहती है। शिव शब्द का अर्थ ही कल्याणकारी है। आपने सभी को शिव जयंति की मुबारक दीं। भ्राता नर्मदा प्रसाद लहरे पार्षद वार्ड क्र. 36 ने कहा कि मेरे वार्ड में शिवरात्रि महोत्सव का कार्यक्रम रखा गया है और मुझे खुशी हो रही है कि मुझे भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। मैं अपने को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूॅं। आपने बहुत सुन्दर भजन की प्रस्तुति “मेरे सिर पर रख दे बाबा,….. ” लय के साथ कर सभी को भाव विभोर कर दिया। भ्राता एस. मूर्ति एल्डरमेन ने कहा आज हम सभी काल के गाल में समा गये हैं, चारों ओर अज्ञान का अंधेरा है। ज्ञान का प्रकाश आने से अतिन्द्रिय सुख की प्राप्ति होती है। ब्रह्माकुमारी विद्या बहन ने कहा कि शिव की हम पूजा अर्चना तो करते हैं लेकिन इसका यदि रहस्य को जानें तो अधिक लाभकारी होगा। शिव पर पूजा में कम से कम कख धतूरा के साथ अपनी एक बुराई व कमजोरी को भी अर्पित करें। भ्राता हितानन्द अग्रवाल पार्षद ने कहा कि समुद्र मंथन में विष को धारण करने की सिर्फ भोलेनाथ में ही थी। हमें भी चाहिए कि अपनी बुराईयों को अंदर में ही समा लें और समाज को हमारी अच्छाईंयां ही मिलें। यहां पर जो मेडिटेशन सिखया जाता है उसका स्तर बहुत ही उत्तम है, जिसका सभी को लाभ लेना चाहिए। मन की शांति ही सबसे बड़ी शांति और सुख है और मन की शांति से ही हम शारीरिक सुख की प्राप्ति कर सकते हैं। हमको स्वयं से मिलाने का और मानव बनाने का कार्य यह संस्था करती है। दिनचर्या बाहरी स्वच्छता का ध्यान तो हम सभी रखते हैं, लेकिन यहां आकर हमारा अर्न्तमन स्वच्छ हो जाता है। ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन ने कहा कि शिव अनंत और अनादि हैं। वे सर्व आत्माओं के मात-पिता हैं। वे पतित पतित पावन हैं। पाप कटेश्वर हैं। वे गीता ज्ञान के अनुसार कल्प के संगम युग में इस धरा पर ब्रह्मा तन में अवतरित होकर एक आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना का दिव्य कर्तव्य करते हैं। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने कहा कि आदिकाल सतयुग में हमरा स्वभाव, संस्कार बिल्कुल निर्मल, स्वच्छ और था। आपसी मेल-मिलाप, भाईचारे और पारिवारिक भावना के साथ सभी रहते था। प्रकृति भी बड़ी सुखदायी थी। शेर गाय एक घाट पर पानी पीते थे। धन-सम्पदा से सम्पन्न हीरे जवाहरातों के महल थे। भारत सोने की चिडि़या कहलाता था। शिव परमात्मा ऐसे स्वर्ग की स्थापना करने इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं। मैं ये खुश खबरी आप सबको सुनाती हूॅं। कार्यक्रम में संतोष राठौर, पार्षद, भ्राता कृपाराम साहू पार्षद, भ्राता दुश्यन्त शर्मा अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी बाल्को, बहन सुधा शर्मा ने भी कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाई। बहन स्मृति ने राजयोग का अभ्यास कराया। बहन अंजना सिंह ने कविता पाठ किया। कु. अतुल्या ने नृत्य एवं भ्राता राजू भाई ने भजन की प्रस्तुति की। भ्राता कमल कर्माकर ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा भ्राता शेखर राम ने मंच का संचालन किया। तत्पश्चात ब्रह्मा भोजन का आयोजन किया गया।