कोरबा @ विशेष संवाददाता – मिशन 2018 इस बार कई नए राजनैतिक समीकरण तैयार कर रहा है, इस बीच ख़बर आ रही है पूर्व IAS आर पी एस त्यागी कोरबा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, कोरबा पहुंची त्यागी ने पत्रकारों से हुई चर्चा के दौरान इस बात का खुलासा करते कहा कि उनकी हमेशा से प्रशानिक अधिकारी रहते हुए भी सेवा करने की इच्छा थी… सेवा के दौरान उन्होंने अलग अलग कई मंचो पर इस बात का जिक्र किया है कि वे समाजसेवा करना चाहते है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समाजसेवा को वृहद रूप में करने का एकमात्र जरिया राजनीति है, लिहाजा उन्होंने कोरबा जिले में विधानसभा चुनाव के जरिये सक्रिय राजनीति में आने का निर्णय लिया है, जब उनसे पूछा गया कि वे आखिर जिले की किस सीट से चुनाव लड़ना चाहते है, इसका जवाब उन्होंने अपने अलग ही अंदाज में देते कहा कि कोरबा और कटघोरा दोनों ही सीटों की राशि एक है इसलिए वो इन्ही दोनों सीटो में से एक से चुनाव लड़ेंगे, यहां उनके द्वारा कही गई राशि का तात्पर्य “सामान्य सीट” से था, उन्होंने कहा की वे किसी राष्ट्रीय पार्टी जुड़कर यहां का चुनाव लड़ेंगे ! देश की दोनों प्रमुख राजनैतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस को बेहतर बताते कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और कांग्रेस का काफी पवित्र मंशा जनहित ही है, इसलिए किसी एक पार्टी विशेष को तवोज्जो देना सही नहीं है, मतलब दोनो पार्टी के इरादे जनता की सेवा व भलाई है ऐसे में A पार्टी को सही बता B को गलत नहीं कहा जा सकता है। यह कहते पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से जुड़ने की संभावना को समाप्त कर दिया कि उस पार्टी ने कोरबा विभानसभा में अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। राज्य में पार्टियों की स्थिति को लेकर पूछे गए उनके दृष्टिकोण में उन्होंने सूबे की रमन सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद विरासत में हमे सरकार मिली उस दौरान राज्य का बजट तकरीबन 6 हजार करोड़ था अब तक का पिछले बजट पर अगर गौर करें तो यह आंकड़ा 80 हजार करोड़ से ऊपर बढ़ गया है… इसका मतलब साफ है मौजूदा सरकार ने अपनी बेहतरी के दम पर न केवल राज्य सरकार का खजाना भरा बल्कि राज्य को विकास के नए आयाम दिए आज छत्तीसगढ़ की पहचान देश में तेजी से विकसित होते राज्य के रूप में होती है जबकि हमारे साथ अस्तित्व में आये अन्य राज्य विकास के मामले में हमारे से काफी पीछे है, चुनावी मुद्दा केवल विकास होगा धारातल पर विकास होगा जो अभी तक नहीं हुआ,उर्जाधानी कोरबा में बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जताते हुए कहा की इसका समाधान होना चाहिए ये अनंतकाल की कथा चल रही है इस पर पूर्ण विराम लगेगा,इसी लिए हम यहां कोई फैक्ट्री लगाने नहीं आ रहे ना खदान लेनी है हमे कोई ठेका नहीं लेना है जो शपथ पत्र दे कर जो चीज़ दिखाई जाएगी वो ही होगी।
भाजपा से हो सकते है त्यागी दावेदार
भाजपा के प्रति उनके सॉफ्ट कॉर्नर को लेकर कयास लग रहे है की वे भाजपा से जल्द ही जुड़ कोरबा विधानसभा के प्रबल दावेदार हो सकते है, विधानसभा गठन के बाद यह सीट भाजपा से दूर है, दोनों ही बार मौजूदा विधायक जयसिंह अग्रवाल इस सीट को जीतने में कामयाब रहे है, ऐसे में भाजपा इस सीट के लिए मजबूत प्रत्याशी ढूंढ रही है, विधायक जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल का नगर पालिक निगम में महापौर होना इस बार उनके लिए घातक माना जा रहा है,
राजनीतिक पण्डित बताते है कि नगर पालिक निगम सीधे जनता के हित-अहित से जुड़ाहोता है, यहां जनता की अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतरना हर किसी के बस की बात नहीं है, यकीनन यही वजह रही थी कि कोरबा विधानसभा का पिछला चुनाव मौजूदा महापौर जोगेश लांबा हार गए थे, कुछ ऐसी ही परिस्थितियां रायपुर महापौर किरणमयी नायर के सामने भी आई थी, अब यही स्थिति विधायक जयसिंह अग्रवाल के सामने भी आ सकती है, कोई अधिक आश्चर्य नहीं होगा अगर जयसिंह अग्रवाल कोरबा विधानसभा की सीट छोड़ कटघोरा विधानसभा सीट से किस्मत की आजमाईश करें, पिछले कुछ समय से कटघोरा विधानसभा में उनकी सक्रियता कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। हालांकि अगर जयसिंह अग्रवाल और आर पी एस त्यागी में सीधी टक्कर भी होती है तो मुकाबला बराबरी का होगा, क्योंकि लोकप्रियता के मामले में बतौर कोरबा कलेक्टर रहे त्यागी का कोरबा में कोई दूसरा तोड़ नहीं है। हालांकि राजनीतिक पारी के दौरान यह लोकप्रियता कितना साथ देगी यह वक़्त तय करेगा।
फरवरी में भाजपा प्रवेश की तैयारी
पूर्व IAS आर पी एस त्यागी से जुड़े लोग बताते है कि वे फरवरी माह में भाजपा प्रवेश कर सकते है, भाजपा प्रवेश के तत्काल बाद वे वर्तमान में सचिव राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग का पद त्याग कर देंगे, फिलहाल वे भाजपा प्रवेश के लिए किसी बड़े कार्यक्रम का इंतजार कर रहे है, उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के छत्तीसगढ़ दौरे के बीच उनके सामने वे भाजपा प्रवेश करें, हालांकि भाजपा प्रवेश के बाद ही त्यागी को पुरानी भाजपाइयों को साधने काफी जुगत करनी होगी, बतौर कोरबा कलेक्टर रहे आर पी एस त्यागी का वैसे तो सभी पार्टी के लोग व आम जन काफी सम्मान करते है, लेकिन विधानसभा सीट के लिए पहले से तैयारी कर रहे लोगो को अपने पक्ष में मनाना त्यागी के लिए बड़ी चुनोती साबित होगी, क्योंकि इस सीट के लिए भाजपा के पूर्व महामंत्री नवीन पटेल प्रबल दावेदारी कर रहे है, पिछले दिनों 18 दिसंबर को अपने जन्मदिन के बहाने उन्होंने काफी शक्ति प्रदर्शन कर कोरबा विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी सुनिश्चित कर चुके है। इसके अवाला नवीन पटेल को प्रोजेक्ट करने वाले भाजपा कोषाध्यक्ष विकास महतो भी इस सीट के दावेदार है, कोरबा सांसद के पुत्र होने व संगठन में अच्छी दखल होने की वजह से उनको यहां का दावेदार माना जा रहा है, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक चावलानी, देवेंद्र पाण्डेय समेत करीब आधे दर्जन नेता इस सीट के दावेदार है। जिनको साधना त्यागी के लिए काफी जरूरी होगा।
शिक्षा व स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता
आर पी एस त्यागी अपनी महती इच्छा बताते कहते है कि हर किसी को शिक्षित होना चाहिए चाहे वो गरीब के घर का बच्चा हो हो या फिर अमीर में घर का बच्चा ! शिक्षित समाज ही देश को नई दिशा देकर तरक्की की राह पर ले जा सकता है। साथ ही सबका स्वास्थ्य सही होना चाहिए इसलिए वे चाहते है कि कोरबा में एक ऐसा संस्थान खुले जहां सबको समान शिक्षा मिल सके, साथ ही सबको स्वास्थ्य की सुविधा मिल सके इस लिहाज से एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो सके। जहां सभी बीमारियों का ईलाज संभव हो सके। बतौर कलेक्टर रहे आरपीएस सिंह त्यागी ने CSR मद से कोरबा में ट्रामा सेंटर व इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना कार्रवाई थी, उस दौरान कोरबा में एक भी बड़ा चिकित्सालय उपलब्ध नहीं न सरकार से कोई फण्ड उपलब्ध हो रहा था ऐसे में कोरबा में स्थापित उद्योगों पर दबाव बनाकर उनके द्वारा CSR के तहत होने वाली राशि का उपयोग इन दोनों भवनों के निर्माण में त्यागी ने करवाया जिसके बाद अब दुर्घटना आदि कि समस्या पर तत्काल राहत मिल जाती है, साथ ही कोरबा में बच्चों को इन्ही के प्रयास के बाद अब इंजीनियर बनने बाहर नहीं जाना पड़ता है, 15-02-2010 से 28-07-2012 तक कोरबा कलेक्टर रहे त्यागी ने कार्यकाल के अंतिम पड़ाव में सरकारी जमीन से न केवल रसूखदारों का कब्जा खाली करा दिया था बल्कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की थी, उन रसूखदारों में कई सत्ता तो कई विपक्ष से जुड़े राजनेता भी शामिल थे बावजूद बिना किसी दबाव की गई कार्रवाई ने भी त्यागी को आम लोगो के बीच काफी लोक प्रिय बना दिया है।