पाठ्यक्रम में संशोधन : मैट्रिक में हटाए गए गणित और विज्ञान सब चैप्टर

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रांची(एजेंसी):स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग अगले सप्ताह संशोधित सिलेबस जारी करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत मैट्रिक में गणित और विज्ञान के विषयों में पूरे चैप्टर नहीं हटाए गए हैं। इनमें सब-चैप्टर में कटौती की गई है। दोनों ही विषयों में वैसे टॉपिक जिसे घर पर खुद से पढ़ कर समझ पाना छात्र-छात्राओं के लिए आसान नहीं है, उन सभी को हटाया गया है। दूसरी तरफ मैट्रिक की परीक्षा में गणित विषय में सिर्फ इलिमिनेशन ( विलोपन) विधि से ही सवाल आएंगे। इसी विधि से छात्र-छात्रा सवाल हल कर सकेंगे।

संशोधित सिलेबस के तहत गणित विषय में छात्र-छात्राओं को ग्राफिकल, सब-ट्यूशन और क्रॉस मल्टीप्लेशन विधि से इस बार प्रश्न नहीं आएंगे। गणित में चार तरीके से सवाल हल किए जाते हैं। मैट्रिक में छात्र-छात्राओं को इन्ही तरीकों को अपनाना होता है। किसी भी गणित को हल करने के लिए छात्रों को एक तरीका आना जरूरी है। विलोपन विधि से गणित के सवाल हल करने से छात्र-छात्राओं को कम समय में ज्यादा पढ़ना नहीं पड़ेगा और वह आसानी से परीक्षा में सवाल का जवाब दे सकेंगे। इसके अलावा ज्योमेट्री, त्रिकोनोमेट्री ओर थ्योरम में भी कटौती की गई है। इन सब चैप्टर में मैट्रिक के छात्र छात्रा जो नौवीं में पढ़ चुके हैं या फिर 11वीं में पढ़ने वाले हैं, उसे भी हटाया गया है। गणित और विज्ञान में छात्र- छात्राओं को बेसिक जो जानकारियां मैट्रिक के लिए आवश्यक है, उसे संशोधित पाठ्यक्रम में रखा गया है।

सीबीएसई की तर्ज पर साइंस में कटौती
सीबीएसई ने साइंस में जिस प्रकार 30 फ़ीसदी पाठ्यक्रम में कटौती की है, उसी को आधार मानते हुए मैट्रिक में साइंस में 40 फीसदी की कटौती की गई है। जो भी कठिन सब चैप्टर-एप्लीकेशन हैं, उन्हें हटाया गया है। फ्लेमिंग लेफ्ट राइट एंड रूल नियम को छोटा किया गया है। मानव नेत्र और उसके रंग-बिरंगे संस्कार में सिर्फ मानव नेत्र ही पढ़ना होगा। खुद से जिस टॉपिक की तैयारी नहीं कर सकेंगे और जिन विषयों को वे आगे पढ़ेंगे, उसे भी हटाया गया है। इसके अलावा समसामयिक बीमारी, प्रदूषण समेत अन्य टॉपिक को रखा गया है।

भाषा में कम किए गए साहित्य
मैट्रिक में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में भी कटौती की गई है। इसमें साहित्य पाठ में अध्याय की संख्या कम की गई है। गणित और विज्ञान विषय के चैप्टर एक दूसरे से लगभग रिलेटेड होते हैं, जबकि भाषा में ऐसी बात नहीं है इस वजह से इसके अध्यायों को कम किया गया है।

सभी चैप्टर से होंगे प्रश्न
मैट्रिक की परीक्षा में इस बार छात्र छात्राओं प्रश्नों का जवाब देने के लिए ज्यादा विकल्प दिए जाएंगे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने संशोधित सिलेबस के बाद मैट्रिक में सभी चैप्टर से सवाल रखने का निर्णय लिया है। इससे छात्र छात्राओं को प्रश्नों के जवाब देने में ज्यादा विकल्प मिलेंगे। जो छात्र छात्रा संशोधित सिलेबस पूरा पढ़ चुके होंगे या फिर उनसे कुछ छूट भी गया होगा तो उन्हें परेशानी नहीं होगी और वे निर्धारित पूरे अंकों के सवाल के जवाब दे सकेंगे।

टेस्ट के जरिए होगी तैयारी
कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद है। मैट्रिक के छात्र-छात्राओं की परीक्षा की तैयारी के लिए टेस्ट लिए जाएंगे। महीने में इस का दो बार आयोजन होगा। संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर हर विषय का मॉडल पेपर तैयार होगा और हर छात्र-छात्रा तक उसे उपलब्ध कराया जाएगा। जिस प्रकार मैट्रिक परीक्षा में ज्यादा विकल्पों के साथ प्रश्न आएंगे मॉडल पेपर में भी उसका प्रावधान किया जाएगा।

परामर्श के लिए 21 से खुल सकेंगे स्कूल
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को किसी विषय में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे। आपदा प्रबंधन विभाग की अनुमति मिलने के बाद शिक्षक स्कूल खोल कर परीक्षार्थियों को परामर्श दे सकेंगे। इसमें ही टेस्ट से संबंधित सवाल छात्र-छात्राओं को दिए जाएंगे जिसे वह घर से बनाकर ला सकेंगे।

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