कोरबा@M4S: एसईसीएल की सुराकछार-बलगी के कोयला खदानों में डि-पिल्लरिंग के कारण सुराकछार गांव में हुए भू-धसान से प्रभावित किसान को उनकी खेती-किसानी को हो रहे नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री जयसिंह अग्रवाल से भेंट की, उन्हें ज्ञापन सौंपा तथा उन्हें भू-धसान से हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुए प्रभावित किसानों को हुए हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति दिलाने, प्रभावित भूमि का समतलीकरण करने और सुधार नहीं होने पर इस भूमि का एसईसीएल द्वारा अधिग्रहण कर मुआवजा और नौकरी देने की मांग की।
माकपा प्रतिनिधिमंडल में किसान नेता नंदलाल कंवर, जवाहर सिंह कंवर, गणेशराम चौहान तथा महिपाल सिंह कंवर भी शामिल थे। उन्होंने राजस्व मंत्री को जानकारी दी कि सैकड़ों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि भू-धसान के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई है। भूमि में दरारें इतनी गहरी है कि वह पूरी तरह तालाब, झील और खाई में तब्दील हो चुकी है। अब इस जमीन में किसानों के लिए किसी भी प्रकार का कृषि कार्य करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि खेतों से निकलकर अब ये दरारें गांव तक पहुंच चुकी है और घरों की दीवारों पर भी दरारें पड़ रही हैं, जिसके कारण गांव में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस आशंका से ग्रामीणों के बीच भय का माहौल व्याप्त हैं।
किसानों की समस्या सुनकर मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तुरंत एसईसीएल के कोरबा महाप्रबंधक एन. के. सिंह को बुलाया तथा किसानों की समस्या का तत्काल निराकरण करने को कहा। सिंह ने माकपा प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन मिलकर तत्काल इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और प्रभावित किसानों को मुआवजा एवं अन्य समस्याओं का उचित निराकरण करेंगे।
माकपा ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट रुप से मांग की है कि प्रभावित किसानों को ब्याज सहित लंबित मुआवजा राशि का तत्काल भुगतान किया जाए, भू-धसान को रोकने के लिए और प्रभावित किसानों की भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए भूमि का समतलीकरण किया जाए और जमीन कृषि योग्य नहीं बनने की स्थिति में पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित किसानों की भूमि अधिग्रहण कर उन्हें नौकरी और मुआवजा दिया जाए। माकपा नेता झा ने कहा है कि किसानों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण यदि एसईसीएल प्रबंधन ने नहीं किया, तो पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा के के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।