हाथियों के विचरण से थर्राए ग्रामीण, कर रहे रतजगा बेबी एलिफेंट की मौत के बाद से आक्रामक हुए हाथी

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कोरबा@M4S: कटघोरा वनमंडल में बच्चे की मौत के बाद हाथी आक्रामक हो गए हैं। घटना के कुछ ही घंटे बाद हाथियों ने ग्रामीण और तीन मवेशियों को मारकर बदला लिया। अब 50 हाथियों का झुंड अलग अलग क्षेत्र में विचरण कर खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आलम यह है कि हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश से रोकने गांव के बाहर अलाव लगाना पड़ रहा है। ग्रामीण हाथियों को जंगल की ओर खदेडऩे मशाल का सहारा ले रहे हैं। हालांकि वन विभाग की टीम अनहोनी रोकने सतत निगरानी कर रही है।


जिले का करीब 60 फीसदी हिस्सा वनों से आच्छादित है। कोरबा व कटघोरा वनमंडल हाथियों को रहवास के रूप में भा गया है। बीते कुछ सालों से कोरबना वनमंडल में हाथियो की आमदरफ्त तो कम हुई है, लेकिन कटघोरा वन मंडल में हाथियों ने डेरा डाल दिया है। प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीण हाथियों के उत्पात से तंग आ चुके हैं। उन्हें खदेडऩे में प्रयास में ग्रामीण की जान जा रही है, वही बीते माह एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे विभाग में हडक़ंप मचा दी। दरअसल पसान वन परिक्षेत्र के ग्राम बनिया में हाथी के बच्चे को महुआ के साथ जहर देकर मार दिया गया। उसके शव को खेत में दफनाकर धान की रोपाई कर दी गई। इस घटना के बाद हाथी आक्रामक हो गए हैं। जहां हाथियों ने घटना के कुछ ही घंटे बाद एक युवक और तीन मवेशियों को मारकर बदला लिया, वहीं कई दिनों तक गांव के आसपास डटे रहे। अब 50 हाथियों का झुंड आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचकर खेतों में लहलहाती फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह झुंड पसान क्षेत्र से बुधवार की रात केंदई वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत आमा टिकरा जा पहुंचा। हाथियों ने आमा टिकरा के अलावा आश्रित ग्राम हडज़ोड़ में जमकर उत्पात मचाया। हाथियों के चिंघाड़ से ग्रामीण खौफ के बीच रात बिताने मजबूर हो गए। हाथी गांव के भीतर प्रवेश कर जाते तो जनहानि भी हो सकती है, जिसे देखते हुए गांव के बाहर अलाव जलाया जा रहा है। खासबात तो यह है कि दहशत के साए में जी रहे ग्रामीण हाथियों को खदेडऩे मशाल का सहारा ले रहे हैं। हालांकि दो दिनों तक उत्पात मचाने के बाद गुरूवार को हाथियों का झुंड एतमानगर रेंज की ओर कूच कर गया है। वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर रही है।3 दर्जन से अधिक की फसल बर्बाद
बताया जा रहा है कि 50 हाथियों का झुंड मंगलवार की शाम केंदई वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत आमाटिकरा जा पहुंचा। हाथियों के झुंड ने आश्रित ग्राम हडज़ोड़ में 20 किसानों की खड़ी फसल को अपना निवाला बनाया। वहीं बुधवार की रात आमाटिकरा में 20 किसानों के खेत में लहलहाती फसलों को अपना निवाला बनाया। इनमें एक किसान ऐसा भी है, जिसके साढ़े तीन एकड़ जमीन में लगी धान की फसल नुकसान हुआ है।

वनकर्मियों पर फूट रहा आक्रोश
कटघोरा वनमंडल में वन कर्मियों पर ग्रामीणों का आक्रोश फुटने लगा है। वन कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर हाथियों की निगरानी और जंगल की ओर खदेडऩे पहुंचते हैं, इस दौरान उन्हें ग्रामीणों की खरी खोंटी सुननी पड़ती है। ऐसा ही कुछ बनिया में भी हुआ था। जिसमें हाथी के बच्चे को मौत के घाट उतारने से पहले आरोपी जनपद सदस्य से वन कर्मी को धमकी दी थी। इस वायरल वीडियों ने ही टीम को आरोपियों तक पहुंचाया था।

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