राजस्थान: जैसलमेर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक, क्या पायलट को वापस मिलेंगे पद?

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जैसलमेर(एजेंसी):राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में सुलह के बाद पार्टी विधायक दल की बैठक चल रही है। जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में दिल्ली से भेजे गए नेताओं की मौजूदगी में सभी विधायक जुटे हुए हैं। बैठक का एजेंडा साफ नहीं है, लेकिन अटकलें हैं कि पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद लौटाया जा सकता है।

इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है लेकिन वह चाहते हैं कि उनके साथ आवाज उठाने वाले विधायकों के खिलाफ कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं हो। अपने बगावती व्यवहार से राज्य की राजनीति में घमासान मचाने के बीच लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे पायलट ने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी।

पायलट ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ”मैंने पार्टी से किसी पद की कोई मांग नहीं की… मैंने पार्टी को इतना कहा कि हमारे विधायकों ने जो बात उठाई है उनके खिलाफ द्वेष की भावना से कार्रवाई ना की जाये। उनके प्रति द्वेषपूर्ण राजनीति नहीं होनी चाहिए। और यह सुनिश्चित किया गया है। कल प्रियंका गांधी ने कहा कि हम सब परिवार के सदस्य हैं।”

पायलट ने कहा, ”हमारी निष्ठा पर जो शक करने वाले लोग हैं, उनको आज हकीकत का सामना करना पड़ेगा। राजस्थान की जनता के लिए हमारी प्रतिबद्धता 100 प्रतिशत है।” उन्होंने कहा, ”मतभेद वैचारिक हो सकता है, कार्यशैली का हो सकता है, सोच का हो सकता है लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष, व्यक्तिगत दुर्भावना, व्यक्तिगत टकराव.. इसकी कोई जगह नहीं होती। मेरा सब नेताओं के साथ अच्छे संबंध थे..हैं और रहेंगे।”

पायलट ने कहा, ”प्रदेश सरकार के हित में जो बातें मैंने पहले बोली हैं, उस पर संज्ञान लिया गया और जब जब मुझे लगेगा, मैं अपनी बात रखूंगा।” इसके साथ ही पायलट ने कहा कि उनका किसी से व्यक्तिगत द्वेष नहीं है। उन्होंने कहा, ”नेता हो, कार्यकर्ता हो, राजस्थान की जनता हो…हमारी जवाबदेही है और अगर कमी किसी बात की लगती है तो उसको रेखांकित करना… उसमें संशोधन करना… कहां से पार्टी के खिलाफ की बात है… कहां वो गैरकानूनी… कहां वो देशद्रोह की श्रेणी में आता है? इसलिये मेरा व्यक्तिगत कोई मुद्दा किसी से नहीं है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में पायलट को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया था। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने पायलट पर तीखा हमले करते हुए उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के रूप में ‘निकम्मा व नकारा’ बताते हुए कहा था कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने को तैयार हो गया।

पायलट व कांग्रेस के 18 अन्य विधायक कथित तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व से नाराज थे। वे सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद लौटे हैं। पायलट ने अपने संवाददाता सम्मेलन में राज्य पुलिस के विशेष कार्यबल एसओजी द्वारा उन्हें ‘राजद्रोह’ के लिए नोटिस दिए जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस आपत्ति व पिछले डेढ़ साल के अन्य घटनाक्रम को लेकर वे लोग दिल्ली जाकर अपनी बात रखना चाहते थे।

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