मेरठ(एजेंसी):हाथों में हस्तरेखाओं की बनावट जीवन के बारे में बहुत सी घटनाओं को इंगित करती है। रेखा का उद्गम कहां से हो रहा है और वह किस पर्वत पर पहुंच रही है, इसका असर बहुत पड़ता है। इसी में प्रमुख है यात्रा। यात्रा चाहे देश में हो या फिर विदेश की, हस्तरेखा में इसके बारे में बहुत कुछ बताना संभव है। पं.अभि भारद्वाज से जानिए हाथों में रेखाओं का विभिन्न पर्वतों से उदगम और उनका जीवन पर पर पड़ने वाले असर और यात्रा के बारे में।
चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा बुध क्षेत्र अथवा बुध पर्वत तक पहुंचे तो ऐसे व्यक्ति को अपनी यात्रा के दौर अचानक धन मिलता है।
चंद्र पर्वत से निकली रेखा हथेली के बीच से ही या मुड़कर वापस चंद्र पर्वत पर आ जाए तो ऐसा व्यक्ति विदेश में व्यापक या नौकरी के लिए जाता है। व्यक्ति लंबे समय तक विदेश में रहता है। हालांकि किसी मजबूरी के चलते व्यक्ति को विदेश छोड़कर अपने देश लौटना पड़ता है।
चंद्र पर्वत से निकलकर यात्रा रेखा पूरी हथेली को पार करते हुए गुरु पर्वत तक पहुंचे तो व्यक्ति दूर स्थान पर यात्रा को जाता है। ऐसे व्यक्ति को विदेश में लंबी यात्रा का मौका मिलता है।
यदि चंद्र पर्वत से यात्रा रेखा निकलकर स्पष्टत: हृदय रेखा से आकर मिले तो ऐसे व्यक्ति के यात्रा में प्रेम संबंध बन जाते हैं। इन स्थितियों में प्रेम विवाह होने की संभावना भी प्रबल होती है।
यात्रा रेखा पर चतुष्कोण का विशेष महत्व है। यदि यात्रा रेखा पर कोई चतुष्कोण या क्रॉस बनता है तो तय कार्यक्रम के बावजूद यात्रा को अचानक रदद करना पड़ता है।
यदि यात्रा रेखा चंद्र पर्वत से निकलकर मस्तिष्क रेखा से मिले तो व्यक्ति को अपनी यात्रा में कोई बड़ी बिजनेस डील हासिल करने में सफलता मिलती है।
जीवन रेखा शुक्र पर्वत को पूरी तरह से घेरते हुए शुक्र पर्वत के मूल तक जाए और हथेली में चंद्र एवं शुक्र पर्वत उन्नत हो, साथ ही चंद्र पर्वत पर यात्रा रेखा भी पूरी तरह से साफ हो तो ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक बार देश-विदेश की यात्रा करने का मौका मिलता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)