नई दिल्ली(एजेंसी):पिछले कई दशकों तक नील गाय को मारने की इजाजत थी। इसका कारण था कि वह खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। पर नील गाय में ‘गाय’ शब्द जिसका कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ाव है, इसके कारण पिछले 12 सालों में मप्र में सिर्फ एक किसान को नीलगाय को मारने की इजाजत दी गई है। इस दिक्कत से निकलने का मप्र सरकार ने नया तरीका निकाला है। सरकार अब नील गाय का नाम ही बदलने जा रही है।
मध्य प्रदेश सरकार अब नील गाय का नाम बदल कर ‘रोजड़’ करने की तैयारी कर रही है। कल मप्र प्रदेश विधानसभा में जंगली जानवरों की गणना के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सभी विधायकों के बीच इस बात पर सहमति बनती दिखी। इस बात पर सहमति बनी कि जल्द ही सभी आधिकारियों रूलबुक और दस्तावेजों में नील गाय का नाम बदल दिया जाएगा। इसकी जगह पर रोज या रोजड़ शब्द जोड़ा जाएगा।