मुंबई(एजेंसी):सोनू सूद का कहना है कि प्रवासी मजूदरों की मदद करना उनके जीवन का मैजिक मोमेंट रहा है। दरअसल, सोनू सूद से एक कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि उनके जीवन का मैजिक मोमेंट कौन सा रहा है। सोनू ने बताया, ‘कोविड-19 लॉकडाउन के समय मैंने जो भी काम प्रवासी मजदूरों के लिए किया वो मेरा मैजिक मोमेंट रहा है। जब भी मेरी फिल्म रिलीज होती थी तो मेरे माता-पिता कहते थे कि उन्होंने तुम्हारी फोटो पोस्टर में क्यों नहीं लगाई है, या फिर तुम्हारी फोटो इतनी छोटी क्यों है?’
सोनू ने कहा, ‘तब मैं उनसे कहा करता था कि वो सब बड़े एक्टर हैं और उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है। मैं उन्हें वादा किया करता था कि एक दिन मेरी भी बड़ी फोटो लगेगी। जब मैंने इन गरीबों की मदद करना शुरू किया तो मेरे बारे में आर्टिकल छपने शुरू हो गए। मुझे बहुत खुशी हुई और शायद इसीलिए मेरे माता पिता ने मेरे लिए कुछ जादू करना शुरू कर दिया है।’
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में सोनू सूद लगातार प्रवासी मजूदूरों को उनके घर भेजने में मदद की है। सोनू ने मुंबई से देश के कई हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को बसों के जरिए घर भेजा है।
सोनू ने इंटरव्यू में अपने इंडस्ट्री के शुरुआती करियर पर बात की। बताया कि उन्हें किस तरह साउथ फिल्म में पहला ब्रेक मिला था। सोनू कहते हैं कि मेरा पहला ब्रेक तमिल फिल्म में रहा। मुझे याद है कि कारगो पैंट और टीशर्ट पहनकर मैं प्रोड्यूसर से मिलने पहुंचा था। उसने कहा कि मैं मेकअप रूम में जाकर इंतजार करूं। बाद में वह डायरेक्टर के साथ वापस आया। मुझसे टीशर्ट उतारने को कहा। मैंने जब टीशर्ट उतारी तो उसने कहा, ‘फिजीक अच्छी है। तुम्हें फिल्म में काम मिल रहा है।’, तो इस तरह मुझे मेरा पहला रोल मिला था।