VIDEO : साई ट्रस्ट के नाम से कुछ लोग कर रहे फर्जी सर्वे रहे सावधान, अनिल श्रीवास को ही एकमात्र छत्तीसगढ़ में प्रोजेक्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी, सीएमडी ने आमजनों को किया सावधान होगी वैधाानिक कार्रवाई

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 बलोदा बाजार – छत्तीसगढ़ में कुपोषण के आंकड़ों में कमी लाने को समर्पित संस्था के नाम का कुछ लोग बेजा फायदा उठाने की कोशिश में लगे हुए है। संस्था ने आम लोगो को ऐसे लोगो से सावधान रहने कहा है साई ट्रस्ट उड़िसा से सीएमडी दीपक कुमार बराड़ ने साफ किया है कि छत्तीसगढ़ में प्रोजेक्ट अथॉरिटी के तौर पर अनिल कुमार श्रीवास को जिम्मेदारी दी गई है। अनिल श्रीवास के नेतृत्व में जो लोग भी बेबी फूड के लिए सर्वे कर रहे है उनको साई टस्ट की ओर से बकायदा आईडी कार्ड जारी किए है। बिना आईडी कार्ड देखे किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें न ही किसी प्रकार की राशि का लेन-देन करें। साथ ही अनाधिकृत व्यक्तियों से संबंधित जानकारी संस्था के साथ ही नजदीकी थानें में दें ताकि संस्था को बदनाम करने वाले लोगो पर वैधानिक कार्यवाही की जा सके।

बता दें कि उड़ीसा के अलग-अलग इलाकों में समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही साई ट्रस्ट अब छत्तीसगढ़ राज्य में काम करने जा रही है। साई ट्रस्ट उड़ीसा के सीएमडी दीपक कुमार के 10 वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद अब उनकी सहयोगी संस्था ने कुपोषण की जंग को केवल जागरूकता से आगे बढ़ आहार वितरण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कड़ी मेहनत के बाद उड़ीसा के 30 जिलों में सफलतम बेबी फूड प्रदाय करने के बाद अब साई ट्रस्ट छत्तीसगढ़ के 11 लाख शिशुओं को निःशुल्क बेबी फूड प्रदाय करने जा रही है। इससे गर्भवती माताओं व बच्चों को डब्लूएचओ से प्रमाणित ब्रांडेड पैकेट फूड प्रदाय किया जाएगा। संस्था के सीएमडी दीपक कुमार बराड़ ने छत्तीसगढ़ के लिए अनिल श्रीवास को प्रोजेक्ट अथॉरिटी का जिम्मा सौंपा है। सीएमडी दीपक कुमार बराड़ ने बताया कि हमारे मार्गदर्शन व अनिल श्रीवास के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सात जिलों से इस योजना की शुरूवात की जा रही है जिसमें 6 माह से तीन साल के बच्चों को सेरेलेक, लैक्टोजेन, जुनियर हॉरलिक्स, डेक्सोलेक सहित अन्य ब्रांडेड उत्पाद निःशुल्क प्रदाय किए जायेंगे।

उड़ीसा के 30 जिलों में काम कर रहा साईं ट्रस्ट
छत्तीसगढ़ से पहले साईं ट्रस्ट संस्था ने उड़िसा से तीस जिलों में इसका वितरण जारी रखा हुआ है जिसके काफी बेहतर परिणाम सामने आ रहे है। संस्था का उद्ेश्य ग्रामीण क्षेत्र में उच्च गुणवक्ता के उत्पाद का निःशुल्क वितरण कर कुपोषण के खिलाफ सरकार की जारी जंग में अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया जाना है। क्योंकि साई ट्रस्ट के सीएमडी दीपक कुमार का मानना है कि सुपोषित रहेंगे शिशु तो मजबूत होगा देश का भविष्य।

तैयार हो रहा है डेटाबेस, बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा
साईं ट्रस्ट उड़ीसा के छत्तीसगढ़ प्रोजेक्ट ऑथोरिटी अनिल श्रीवास ने बताया कि सीएमडी दीपक कुमार के मार्गदर्शन में योजना क्रियान्वयन के लिए डेटाबेस तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है और जल्द ही आंकड़े हमारे पास होंगे। इसके आधार पर सामग्री वितरण का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। संस्था प्रत्येक माह 10 तारीख तक मांग, 15 तक सप्लाई व 25 तारीख तक वितरण सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित कर रही है। सीएमडी दीपक कुमार ने बताया कि इस कार्य में किसी भी तरह की अड़चन ना आए और वितरण की श्रृंखला टूटने ना पाए इसके लिए कोऑर्डिनेटर और वितरक की भी नियुक्ति की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में जीपी कॉर्डिनेटर रहेंगे, ब्लॉक कॉर्डिनेटर के अलावा डिस्ट्रिक लेवल पर भी टीम होगी। इससे पहले हमने बेहतर समन्वय हेतु रायपुर में ही राज्य कार्यालय स्थापना कर रखी है ताकि ग्राउंड लेवल में किसी तरह की दिक्कत न हो सके। हमारी संस्था के अलावा इस योजना में अन्य कोई एनजीओ व ग्रुप शामिल नहीं है। हमने एक तय कार्यक्रम के तहत तय कर रखा है कि सामग्री वितरण कार्य में सहयोग करने वाले युवाओं को बेहतर मानदेय भी प्राप्त होगा। इस तरह सबको प्रत्येक वितरण पर निश्चित मानदेय देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। ऐसे में केवल इस योजना से करीब 10 हजार बेरोजगारों को रोजगार भी हासिल हो सकेगा। हमारा यकीन है कि साई ट्रस्ट कुपोषण से लड़ने के साथ बेरोजगारी दूर करने में भी सहायक होगी।

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