सरकार अपनी पूरी ताकत बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने में लगाये न कि “भैया” हेल्पलाइन को रोकने में।
रायपुर@M4S: विधायक अमित जोगी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के माध्यम से “भैया” हेल्पलाइन को दी गयी नोटिस से ये प्रमाणित होता है कि सरकार प्रदेश के छात्रावासों में रह रही छात्राओं की सुरक्षा के प्रति कतई गंभीर नहीं है। छात्राओं की सुरक्षा के लिए शुरी की गयी एक सामाजिक पहल “भैया” हेल्पलाइन को प्रोत्साहित करने की जगह उसे अपने निष्क्रिय आयोगों के माध्यम से रोकने का प्रयास सरकार की संकुचित मानसिकता को दर्शाता है। अमित जोगी ने कहा कि उनके संरक्षण में 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के छात्रावासों में रह रही छात्राओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी सामाजिक पहल “भैया” (7722821000) हेल्पलाइन चालू रहेगी और सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, “भैया” सेवा बंद नहीं होगी। अमित जोगी ने प्रदेश के सभी छात्रावासों में रह रही हर वर्ग की छात्रा को आश्वस्त किया कि वो चिंता न करे, “भैया” हेल्पलाइन उनका सुरक्षा कवच है जिसे वो सरकार को छीनने नहीं देंगे।
पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश के छात्रावासों में रह रही बच्चियों के साथ उत्पीड़न की घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं । झलियामारी काण्ड, कोरिया की घटना, बग़ीचा का मामला, हाल ही में हुई बीजापुर की घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ को देश के सामने शर्मसार होने मजबूर कर दिया है। एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में महिला अत्याचार की घटनाओं में 340% की बढ़ोतरी हुई है। इन घटनाओं को रोकने “भैया” हेल्पलाइन एक सामाजिक प्रयास है।
अमित जोगी ने कहा कि राज्य सरकार अगर अपना दायित्व ठीक से निभाती, झलियामारी कांड से सबक लेती तो प्रदेश में छत्तीसगढ़ में छात्राओं के साथ बार बार बलात्कार और उत्पीड़न की घटनाएं नहीं होती। समाज को “भैया” हेल्पलाइन लाने की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि सरकार अपना दायित्व निभाने में विफल साबित हुई है। अमित जोगी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि सरकार अपनी पूरी ताकत महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने में लगाने बजाय “भैया” हेल्पलाइन को रोकने में लगा रही है। अमित जोगी ने कहा कि न हम रुकेंगे, न हम थकेंगे, न झुकेंगे, बस आगे बढ़ेंगे।