संपत्तिकर बढ़ाया तो कांग्रेस करेगी विरोध : जयसिंह

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 कोल वाशरी से जिले में बढ़ेगा प्रदूषण
कोरबा@M4S:पिछले वर्ष छत्तीसगढ़  नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के समस्त नगर पालिक निगम, नगर पालिकाओं को निर्देश जारी किये थे कि संपत्ति कर के लिये वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि कर 50 प्रतिशत संपत्तिकर बढ़ाया जावे। शासन के उक्त निर्देश को आम जनता के सूचनार्थ नोटिस बोर्ड में चस्पा भी किया गया था। नगर पालिक निगम कोरबा ने शासन के आम जनता पर कर बढ़ाने के तानाशाही आदेश का विरोध करते हुये निगम की विशेष सम्मेलन आयोजित कर राज्य शासन के उक्त निर्देशों का पालन करने को अस्वीकृत कर शासन को अवगत कराया गया था। विशेष सम्मेलन के निर्णय अनुसार नगर पालिक निगम कोरबा में समय-समय पर संपत्तिकर में वृद्धि की गई थी। राज्य शासन का निर्देश उन नगरीय निकायों के लिये होना चाहिये जिन्होंने संपत्ति कर में कोई वृद्धि नहीं की है तथा जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है।
उक्त बातें शहर विधायक जयसिंह अग्रवाल ने तिलक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कोरबा नगर निगम क्षेत्र में अनेकों औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थित होने से उन पर करारोपण से निगम को बहुत बड़ी आय होती है। इसके अलावा औद्योगिक प्रतिष्ठानों की गतिविधियों के कारण आम जनता प्रदूषण आदि अनेक समस्याआं से ग्रसित रहती है। इस प्रकार कोरबा नगर पालिक निगम को अन्य नगरीय निकायों के समान नहीं रखना चाहिये। निगम के विशेष सम्मिलन के प्रस्ताव और प्राप्त अनापत्तियों को राज्य शासन को प्रेषित किया गया था। राज्य शासन द्वारा लगभग 1 वर्ष में इस संबंध में कोई निर्देश नगर पालिक निगम कोरबा को जारी नहीं किये हैं।
छत्तीसगढ़  नगर पालिक निगम अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक वर्ष वार्षिक भाड़ा मूल्य एवं संपत्ति कर की दर निर्धारण का अधिकार निर्वाचित महापौर एवं परिषद को है। इसमें शासन का तब तक कोई दखल नहीं हो सकता जब तक कि नगर पालिक निगम की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब न हो। श्री अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस के निर्वाचित महापौर एवं कांग्रेस की बहुमत वाली परिषद ने वर्ष 2016-17 हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम के वार्षिक भाड़ा मूल्य वृद्धि के प्रस्ताव को न्यायोचित एवं आम जनता के हित में वैधानिक प्रावधान के अंतर्गत अस्वीकृत किया गया है। आयुक्त द्वारा पुनर्विचार हेतु दिये गये प्रस्ताव को भी अस्वीकृत किया गया है। आयुक्त नगर पालिक निगम कोरबा ने छग नगर पालिक निगम अधिनियम और उसके अंतर्गत बने नियमों की पूर्णत: अवहेलना करते हुये एक अफलातनी एवं पूर्णत: अवैधानिक आदेश पारित करते हुये स्वयं आयुक्त द्वारा दिये गये वार्षिक भाड़ा मूल्य के प्रस्ताव जिसे परिषद द्वारा अस्वीकृत किया गया है को लागू करने का आदेश पारित किया गया है। कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ता आम जनता के साथ इस लड़ाई को सड़क से लेकर न्यायालय तक ले जाएगी तथा आम जनता के ऊपर कर का बोझ न बढऩे देने के लिये कृतसंकल्प है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आगामी दिनों में निगम क्षेत्र में जोन एवं वार्ड स्तर पर इसका प्रबल विरोध किया जाएगा। आम जनता से बढ़े दर पर संपत्तिकर पटाने के आदेश का विरोध करने के साथ-साथ कर न पटाने की अपील की जावेगी। इस संबंध में न्यायालय से संरक्षण प्राप्त करने हेतु समस्त वैधानिक उपाय किये जावेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने एसईसीएल द्वारा बनाये जा रहे कोल वाशरी को लेकर कहा कि केन्द्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा 25 एमटीपीए कोलवाशरी के लिये दिनांक 26 दिसंबर 2015 को टम्र्स ऑफ रिफ्रेंस जारी किया गया। उपरोक्त टम्र्स ऑफ रिफ्रेंस के निर्धारित शर्तों में स्पष्ट उल्लेखित किया गया है कि ईआईए नोटिफिकेशन 2006 एवं टीओआर के अनुसार उपरोक्त परियोजना के लिये उपलब्ध कराई जाने वाली समस्त जानकारी, आंकड़े जो कि अंग्रेजी में हो उनकी प्रमाणित अनुवाद के साथ स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराया जाएगा। जैसा कि हम जानते हैं कि संपूर्ण कोरबा जिला संविधान के पांचवे अनुसूची के तहत अधिसूचित क्षेत्र है। वहीं प्रस्तावित परियोजना का कोर एवं बफर क्षेत्र में पूर्णत: हिन्दी भाषा का प्रयोग बोलने, लिखने एवं पढऩे में किया जाता है। इसके विपरीत उपरोक्त परियोजना के लिये तैयार किया गया पर्यावरण प्रभाव आंकलन रिपोर्ट पूर्णत: अंग्रेजी में एवं उसकी सार रिपोर्ट की कुछ आंशिक भाग ही हिन्दी में दिये गये हैं। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के द्वारा 05 अक्टूबर को एक परिपत्र जारी किया गया जिसमें सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव को अवगत कराया गया है कि यदि किसी परियोजना प्रबंधन के द्वारा ईआईए रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में किसी अन्य परियोजना के लिये तैयार किये गये ईआईए रिपोर्ट के जानकारी, आंकड़े एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की कॉपी या नकल किया गया हो तो उपरोक्त परियोजना के पर्यावरण स्वीकृति के लिये चल रही प्रक्रिया जो किसी भी स्टेज पर हो उसे तत्काल निरस्त किया जावे।

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