नई दिल्ली(एजेंसी): वित्त मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की नॉमिनल जीडीपी 19 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। नॉमिनल जीडीपी एक आकलन है जिसमें एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों की गणना बाजार मूल्यों पर की जाती है तो जो वैल्यू निकलती है उसे नॉमिनल जीडीपी कहते हैं।
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने मिंट को बताया कि इसको लेकर कई अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अपने प्रजेंटेशन में कहा है कि यह 19 फीसदी जा सकती है, जबकि कुछ ने यह भी कहा है कि यह बढ़कर 21 फीसदी भी पहुंच सकती है।
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी 22.6 प्रतिशत गिरकर 38.08 लाख करोड़ रुपए हो गई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 49.18 लाख करोड़ रुपए थी। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सब्रमण्यन ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण हुई गिरावट के बावजूद कई सेक्टर पहली तुलना में रिकवरी के रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा कि जब जब आप कुछ सुधारों को ध्यान में रखते हुए, जो कृषि की तरफ, श्रम पर, निजीकरण पर किए जाते हैं, तो वे सभी मिलकर अर्थव्यवस्था में उत्पादकता बढ़ाएंगे और विकास में मदद करेंगे।
वहीं, मूडीज ने कहा, ”अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है। मूडीज ने कहा कि उसका अनुमान है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसद की गिरावट आएगी।
मूडीज ने कहा है कि हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी। इससे पहले एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है। घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 फीसदी और 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है।